Halloween Costume ideas 2015
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० योगेश भट्ट ० 

नयी दिल्ली : दिव्यांगों के लिए काम करने वाले प्रमुख गैर-लाभकारी संस्थान,नेशनल सेंटर फॉर प्रमोशन ऑफ एम्प्लॉयमेंट फॉर डिसेबल्ड पीपुल (एनसीपीईडीपी) ने नई दिल्ली में यूनेस्को के सहयोग से वैश्विक दिव्यांगता शिखरसम्मेलन (ग्‍लोबल डिसैबिलिटी समिट/जीडीएस) की मुख्य थीम में से एक समावेशी शिक्षापर वर्चुअल साइड-इवेंट का आयोजन किया। वर्चुअल रूप सेऑनलाइन आयोजित इस कार्यक्रम का लक्ष्य दक्षिण एशियाई परिपेक्ष्य में दिव्यांगबच्चों को समग्र रूप से शिक्षा प्रदान करने पर कोरोना के प्रभाव को समझना था। 

इसकाउद्देश्य दिव्यांगों समेत सभी को समावेशी शिक्षा देने के क्षेत्र में आने वाली तमामपरेशानियों और चुनौतियों की पहचानना था। इस संक्षिप्त सम्मेलन में दिव्यांगों कोऑनलाइन शिक्षा देने के लिए तकनीक तक पहुंच के समान अवसर सुनिश्चित करने पर मुख्यरूप से ध्यान केंद्रित किया गया। इस कार्यक्रम में दिव्यांगों को शिक्षा देने केमामले में क्षेत्रीय तंत्र बनाने और दक्षिण एशिया में एसडीजी 4 के लक्ष्यों कोप्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ने के सुझाव और सिफारिश की गई। यूनेस्को, नई दिल्ली में शिक्षा विभाग के प्रमुख जॉयस पोआन ने बताया, “स्कूलों के लगातार बंद रहने से पढ़ाई के नुकसान को देखते हुए दिव्यांग बच्चों की शिक्षा पर काफी बुरा असर पड़ा है। 

अगर हमें एसडीजी 4 केलक्ष्यों की ओर से बढ़ना है और शिक्षा को वास्तविक अर्थों में सभी के लिए सुलभबनाना है तो हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि यह समावेशी हो और शिक्षा तक पहुंच केलिए सभी को समान अवसर उपलब्ध कराए जाएं।” आज के मौजूदा समयमें समावेशी शिक्षा प्रणाली की अहमियत काफी बढ़ जाती है, जिसमें सभी शामिल हों और जिससे सभी आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए समान भागीदारी के अवसर सुनिश्चित किए जाएं। हमें उम्मीद है कि जीडीएस 2022 के लिए होने वाले साइड इवेंट में अनगिनत दिव्यांग छात्रों को उनकी पढ़ाई पूरी करने के लिए आवाज उठाई जाएगी। अब जब हममहामारी के प्रकोप से उबर रहे हैं, हमें सुनिश्चित करना चाहिए कि दुनिया भर मेंशिक्षा का विजन फिर से तय करने और शिक्षा प्रणाली का नया ढांचा तैयार करने मेंसमावेशी और सभी के लिए सुलभ शिक्षा ही मुख्य पैमाना हो।

एनसीपीईडीपी के कार्यकारी निदेशक अरमान अली के स्वागत भाषण से इस कार्यक्रम की शुरुआत हुई।उन्होंने कहा, “महामारी ने हमेंदशकों पीछे धकेल दिया है। इस नाजुक मौके पर हमें समावेशी या समग्र शिक्षा प्रणालीके बारे में फिर सोचना होगा, जिसमें सभी को शिक्षा प्राप्त करने के समान अवसर मिलेऔर सभी की समान रूप से भागीदारी हो। जीडीएस 2022 ने हमें साथ आने और एसडीजी 4 के लक्ष्योंकी ओर बढ़ने के लिए दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय तंत्र बनाने का अवसर दिया है।” नेशनल प्रोग्रामिंग ऑफीसर सुश्री हुमा मसूद ने इस चर्चा को संक्षिप्त रूप मेंपेश करते हुए कहा, “समावेशी शिक्षा के लिए बनाए गए रोडमैप के लक्ष्यों को हासिलकरने के लिए प्रतिबद्धताओं को ठोस कार्यों के रूप में बदलने की जरूरत है। यूनेस्कोदुनिया भर में सस्टेनेबल डिवेलपमेंट गोल (एसडीजी) की अगुवाई कर रहा है और इसलक्ष्य को हासिल करने में अंतरराष्ट्रीय समुदाय के बीच समन्वय बनाने के लिए भीजिम्मेदार है।

 यूनेस्को साझेदारी, नीति निर्माण के क्षेत्र में मार्गदर्शन, क्षमतानिर्माण, निगरानी और पैरवी से यह जिम्मेदारी पूरी करता है। शिक्षा के क्षेत्र मेंआने वाली चुनौतियों का मुकाबला करने और समावेशी शिक्षा के लिए एक ऐसा तंत्र बनाने,जिसमें सभी छात्रों को समान अवसर मिले और जो सभी के लिए प्रासंगिक हो, के लिएक्षेत्रीय साझेदारी की जरूरत है। इस संदर्भ में हमारी सिफारिशों में से एक यह होगी कि ऐसी संस्था की स्थापना की जाए या इस दिशा में काम करने वाले संगठनों और संस्थाओंके विशेषज्ञों के मौजूदा संघ में शामिल होना चाहिए।”

 इस कार्यक्रम के वक्ताओं में बांग्लादेश के प्रतिबोंधी नागोरिक शांगथानेर परिषद के संस्थापक और महासचिव मिस सलमा महबूब, भूटान में शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा विभाग में समावेशी और विशेष शिक्षा विभागमें उपमुख्य कार्यक्रम अधिकारी पेमा छोग्येल, भारत में स्वाभिमान संस्था कीमुख्य कार्यकारी अधिकारी मिस श्रुति महापात्रा, मालदीव में मालदीव असोससिएशन ऑफपर्संस विद डिसएबिलिटीज के अध्यक्ष अहमद मोहम्मद और आईडीईए के लिए नेपाल मेंग्लोबल नेटवर्क कॉर्डिनेटर अमर बहादुर तिमलसिना शामिल थे।


० संवाददाता द्वारा ० 

मुंबई -भारतीय नौसेना के वरिष्ठ नौसैनिक अधिकारी एवं आईएनएस कुंजली पर एमसी-एटी-एआरएमएस-II मदन राय की बेटी और नेवी चिल्ड्रन स्कूल, मुंबई की छात्रा मिस जिया राय ने पलक जलडमरूमध्य में तलाईमन्नार से (श्रीलंका) से धनुषकोडी (भारत) तक 29 किलोमीटर की दूरी 13 घंटे 10 मिनट में तैरकर देश का नाम रौशन किया। ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर से पीड़ित इस बच्ची ने 13 साल और 10 महीने की उम्र में यह उपलब्धि हासिल की है, इसके साथ ही वह पलक जलडमरूमध्य में तैरने वाली दुनिया की सबसे कम उम्र की और सबसे तेज महिला तैराक बन गई है। इससे पहले यह रिकॉर्ड बुला चौधरी के नाम था, जिन्होंने 2004 में 13 घंटे 52 मिनट में दूरी तय की थी।

यह आयोजन पैरा स्विमिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (पीएसएफआई) द्वारा स्विमिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया, तमिलनाडु की स्पोर्ट्स डेवलपमेंट अथॉरिटी और ऑटिज्म सोसाइटी ऑफ इंडिया सहित कई एजेंसियों के सहयोग से किया गया था। गोवा शिपयार्ड लिमिटेड ने इस आयोजन के लिए बच्ची को वित्तीय पारितोषिक प्रदान किया। इस आयोजन के दौरान, श्रीलंकाई नौसेना ने श्रीलंकाई जल क्षेत्र में तलाश और बचाव कवर प्रदान किया, जबकि भारतीय नौसेना तथा तटरक्षक बल ने भारतीय जल धारा में इसी तरह की सहायता प्रदान की।

पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल अजेंद्र बहादुर सिंह, पीवीएसएम, एवीएसएम, वीएसएम, एडीसी ने सुश्री जिया राय और उनके माता-पिता को इस शानदार उपलब्धि पर बधाई दी।प्रतिष्ठित प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार - 2022 सहित कई पुरस्कारों की प्राप्तकर्ता मिस जिया राय दुनिया के सभी महासागरों में तैरने के मिशन पर हैं। वास्तव में वह एक सच्ची चैंपियन हैं।


० श्रीप्रकाश सिंह निमराजे ० 

ग्वालियर - इसका सरंचना हमारे देश की संसद भवन के आकार की होना यह क्षेत्र मितावली है जो कि ग्रामीण क्षेत्र में है जो कि मुरैना जिले में आता है। जो कि इसके लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर इंडस्ट्रीज एरिया मालनपुर है। यहां महादेव जी का मंदिर है। जो कि पुरातत्व विभाग के अधीन है । इसको देखने के लिए बहुत दूर - दूर तक लोग आते हैं। लेकिन यहां न तो कोई गाइड है, न लोगों को मूलभूत सुविधाओं जिसमे पीने के लिए स्वच्छ पानी, साफ शौचालय , ओर यहां तक नियमित कोई वाहन। एक पहाड़ी पर स्थित है।
चौसठ योगिनी मंदिर ग्वालियर से 40 किलोमीटर (25 मील) में मुरैना जिले के पडावली के पास, मितावली गाँव में है। 1323 ईस्वी पूर्व के एक शिलालेख के अनुसार, (विक्रम संवत 1383), मंदिर कच्छप राजा देवपाल द्वारा बनाया गया था (आरसी 1055 – 1075)। कहा जाता है कि मंदिर सूर्य के गोचर के आधार पर ज्योतिष और गणित में शिक्षा प्रदान करने का स्थान था। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने मंदिर को 1951 के अधिनियम संख्या LXXI, dt.28 / 11/1951 के तहत एक प्राचीन और ऐतिहासिक स्मारक घोषित किया है। चौसठ योगिनी मंदिर, मुरैना, जिसे एकट्टसो महादेव मंदिर भी कहा जाता है, लगभग सौ फीट ऊँची एक अलग पहाड़ी के ऊपर खड़ा है, यह गोलाकार मंदिर नीचे खेती किए गए खेतों का शानदार दृश्य प्रस्तुत करता है। इस मंदिर का नामकरण इसके हर कक्ष में शिवलिंग की उपस्थिति के कारण किया गया है।

यह गोलाकार मंदिर है भारत में गोलाकार मंदिरों की संख्या बहुत कम है यह उन मंदिरों में से एक है। यह एक योगिनी मंदिर है जो चौंसठ योगिनियों को समर्पित है। यह बाहरी रूप से 170 फीट की त्रिज्या के साथ आकार में गोलाकार है और इसके आंतरिक भाग के भीतर 64 छोटे कक्ष हैं। मुख्य केंद्रीय मंदिर में स्लैब के आवरण हैं जो एक बड़े भूमिगत भंडारण के लिए वर्षा जल को संचित करने के लिए उनमें छिद्र हैं। छत से पाइप लाइन बारिश के पानी को स्टोरेज तक ले जाती है। मंदिर की संरचना इस प्रकार है कि इस पर कई भूकम्प के झटके झेलने के बाद भी यह मंदिर सुरक्षित है । यह भूकंपीय क्षेत्र तीन में है। कई जिज्ञासु आगंतुकों ने इस मंदिर की तुलना भारतीय संसद भवन (संसद भवन) से की है क्योंकि दोनों ही शैली में गोलाकार हैं। कई लोगों ने निष्कर्ष निकाला है कि यह मंदिर संसद भवन के पीछे का प्रेरणा स्त्रोत था।

कैसे पहुंचें: बाय एयर मितावली से निकटतम हवाई अड्डा ग्वालियर हवाई अड्डा है जो लगभग 30 KM दूर स्थित है हवाई अड्डों से दूरी ग्वालियर एयरपोर्ट 30 कि.मी. झांसी हवाई अड्डा 123.9 KMs ट्रेन द्वारा मितावली से निकटतम रेलवे स्टेशन गोहद रोड रेलवे स्टेशन है। मितावली से गोहद रोड रेलवे स्टेशन की दूरी लगभग 18 किलोमीटर है। निकटतम रेलवे स्टेशन और मितावली से इसकी दूरी इस प्रकार है। गोहद रोड रेलवे स्टेशन 18 KM। मालनपुर रेलवे स्टेशन 20.0 KM। सड़क के द्वारा मिताली मुरैना और ग्वालियर से बस सेवा द्वारा जुड़ी हुई है। यह मुरैना से लगभग 25 किलोमीटर और ग्वालियर से 55 किलोमीटर दूर है


० योगेश भट्ट ० 

नयी दिल्ली - तिब्बत जनक्रांति दिवस के अवसर पर दिल्ली प्रदेश भारत तिब्बत मैत्री संघ के द्वारा एक आनलाइन मीटिंग " तिब्बत की आजादी और भारत की सुरक्षा " विषय पर आयोजित किया गया ‌। जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में भारत - तिब्बत मैत्री संघ के मनोज कुमार , दिल्ली प्रदेश के संयोजक एवं एल एन जेपी आई एस डी सी के राष्ट्रीय महासचिव अभय सिन्हा , गोरखपुर से लोकनायक जयप्रकाश नारायण मंच के अध्यक्ष हरिओम बख्शी , दिल्ली से सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता आशीष प्रकाश , एल एन जेपी आई एस डी सी से संतोष कुमार , भब्य खबर दैनिक के संपादक रमण कुमार श्रीवास्तव इत्यादि उपस्थित रहे और सभी ने तिब्बत जनक्रांति के अवसर पर उक्त विषय पर अपनी बात रखी । 

सभी वक्ताओं ने एकमत से यह स्वीकार किया कि आज तिब्बत के आजादी के प्रश्न पर संघर्ष करने हेतु अभियान को गति देने हेतु समय आ गया है । आज़ जरूरत इस बात की है कि देश की नई पीढ़ी को भारत - तिब्बत के संबंध में सांस्कृतिक समन्वय की आवश्यकता को एक आकार देना चाहिए । इस अवसर पर भारत - तिब्बत मैत्री संघ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आगे की रणनीति बनाने हेतु शीघ्र ही बैठक बुलाने हेतु विमर्श किया गया । इस संबंध में शीघ्र ही भारत - तिब्बत मैत्री संघ का एक सम्मेलन आयोजित करने हेतु अभियान चलाया जाएगा ।

• डॉ. सुनीता द्विवेदी, क्लीवलैंड (अमेरिका)

अमेरिका-हिंदी साहित्य के छायावादी युग के सुप्रसिद्ध महाकवि और अमेरिका के वरिष्ठ साहित्यकार स्वर्गीय महाकवि गुलाब खंडेलवाल साहित्यवाचस्पति का 98 वाँ जन्मदिन मनाया गया। इसका आयोजन उनके परिवारजन ने क्लीवलैंड, अमेरिका में किया। इसका सीधा प्रसारण यूट्यूब पर किया गया, जिसमें अमेरिका और भारत के अनेक साहित्यकार जुड़े रहे।
महाकवि गुलाब खंडेलवाल ने अनेक महाकाव्य,खंडकाव्य, गीत, दोहा और ग़ज़ल संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। उनके साहित्य पर सात पीएच. डी हो चुकी हैं। वे अमेरिका के सुविख्यात साहित्यकार थे। इस अवसर पर उनके गीतों, ग़ज़लों और भक्ति-गीतों को संगीतबद्ध किया गया और अनेक गायक - गायिकाओं ने मधुर स्वर में प्रस्तुत किया। उनके परिवार के सदस्यों ने भी उनकी रचनाओं का सस्वर पाठ किया। श्री विश्वनाथ नारायण और सुश्री विभा के गीतों ने सबका मन मोह लिया।

महाकवि गुलाब खंडेलवाल की पुत्रवधू डॉ. शोभा खंडेलवाल ने समारोह का कुशल संचालन किया। अंतर्राष्ट्रीय हिंदी समिति की पूर्व अध्यक्षा और उत्तरपूर्वी शाखा की संस्थापक सुशीला मोहनका ने कार्यक्रम में भाग लेने वाले कलाकारों और अमेरिका तथा भारत के हिंदी प्रेमियों और साहित्यकारों का कार्यक्रम के साथ जुड़ने के लिए धन्यवाद किया।


० नूरुद्दीन अंसारी ० 

नई दिल्ली-वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया ने यूक्रेन पर रूस के तेज सैनिक हमले की कड़ी निंदा की है और रूसी सैनिकों की तत्काल वापसी की मांग की है। वेलफेयर पार्टी ने यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को जल्द से जल्द निकालने की मांग भी की है। वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ एसक्यूआर इलयास ने यूक्रेन पर रूस के हमले की कड़ी निंदा की और कहा कि भारत को इस युद्ध को समाप्त करने के लिए रूस के साथ अपने रणनीतिक संबंधों को देखते हुए सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से सबसे बड़ा सैन्य बल, 150,000 से अधिक रूसी सैनिकों ने कल यूक्रेन में प्रवेश किया है जो भारी मानवीय त्रासदी का कारण बन सकता है”।डॉ इलयास ने भारत सरकार से यूक्रेन में कीव हवाई अड्डे को बंद किए जाने के बाद भारतीय नागरिकों को एयरलिफ्ट करने का आग्रह किया है और कहा कि छात्रों और राजनयिकों सहित 20,000 से अधिक भारतीय नागरिक यूक्रेन के विभिन्न हिस्सों में फंसे हुए हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘जल्दी ही वैकल्पिक हवाई क्षेत्र स्थापित किया जाना चाहिए, ताकि नागरिक विमानों को निशाना बनने के जोखिम को रोकते हुए विदेशी नागरिकों को युद्ध क्षेत्र से सुरक्षित निकाला जा सके”।उन्होंने अपनी बात ख़त्म करते हुए कहा, ‘‘रूस-यूक्रेन युद्ध के नतीजे में 3 पहलुओं से भारी क्षति पहुंच सकती है - बड़ी संख्या में इन्सानी जान का नुक़सान, अपूर्ण  विनाश और विस्थापन”। उन्होंने विश्व शांति और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए संयुक्तराष्ट्र और विश्व समुदाय से तत्काल संघर्ष विराम और डी-एस्केलेशन लाने की दिशा में काम करने की अपील की है।

० संवाददाता द्वारा ० 

मुंबई, रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड (जियो) अगली पीढ़ी का मल्टी-टेराबिट इंडिया-एशिया-एक्सप्रेस (आईएएक्स) अंडरसी केबल सिस्टम मालदीव के हुलहुमले को कनेक्ट करेगा। उच्च क्षमता और हाई स्पीड वाला आईएक्स सिस्टम हुलहुमाले को सीधे भारत और सिंगापुर से जोड़ देगा।

मालदीव के पहले अंतरराष्ट्रीय केबल के लॉन्च के मौके पर बोलते हुए मालदीव के आर्थिक विकास मंत्री, उज़ फ़य्याज़ इस्माइल ने कहा: "यह हमारे कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने और सुरक्षित, सस्ती और उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं प्रदान करने की दिशा में पहला कदम है यह हमारे लोगों के लिए विशाल अवसर प्रदान करेगा। हमारा लक्ष्य अपनी अर्थव्यवस्था में विविधता लाना और खुद को दक्षिण एशिया में एक प्रमुख संचार केंद्र के रूप में स्थापित करना है। आर्थिक विकास के अलावा, यह पूरे मालदीव में हाई-स्पीड इंटरनेट एक्सेस के माध्यम से सामाजिक विकास को गति देगा, जिससे हमें वह समान विकास प्राप्त करने में मदद मिलेगी जो हम चाहते हैं। ”

रिलायंस जियो के अध्यक्ष मैथ्यू ओमन ने मालदीव सरकार और जियो के साथ काम करने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा "आज की वैश्विक अर्थव्यवस्था बेहतर ब्रॉडबैंड के दम पर चलती है, जो लोगों, व्यवसायों, सामग्री और सेवाओं को जोड़ती है। IAX न केवल मालदीव को दुनिया के कंटेंट हब से जोड़ेगा, बल्कि यह मालदीव सरकार द्वारा शुरू की जा रही कई नई पहलों से उपजी डेटा उच्च मांग को भी सपोर्ट करेगा।”

IAX सिस्टम पश्चिम में मुंबई से निकल कर भारत को सीधे सिंगापुर से जोड़ेगा साथ ही मलेशिया और थाईलैंड को भी कनेक्ट करेगा। भारत-यूरोप-एक्सप्रेस (आईईएक्स) सिस्टम मुंबई को मिलान, ईटली से जोड़ेगी और मध्य पूर्व, उत्तरी अफ्रीका और भूमध्य सागर को भी कनेक्ट करेगी। IAX के 2023 के अंत में सेवा के लिए तैयार होने की उम्मीद है, जबकि IEX 2024 के मध्य में सेवा के लिए तैयार हो जाएगा।
ये हाई कैपेसिटी और हाई स्पीड वाले सिस्टम 16,000 किलोमीटर से अधिक, 100Gb/s की गति पर 200Tb/s से अधिक क्षमता प्रदान करेंगे। IEX और IAX मिलकर दूरसंचार इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहद मजबूत बना देंगे, दूरसंचार क्षेत्र में यह दशक का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण बदलाव होगा।

० संवाददाता द्वारा ०

• मुंबई के ‘जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर’ में होगी 2023 की बैठक
• ओलंपिक आयोजन की राह पर भारत का पहला कदम
• भारत में चार दशकों बाद हो रहा है इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी का सत्र

मुंबई : इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी की अगली बैठक मुंबई के ‘जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर’ में होगी। 2023 में होने वाली इस वार्षिक बैठक की मेजबानी को लेकर हुए मतदान में भारत को वैद्य 76 मतों में से 75 वोट मिले। भारी बहुमत से मेजबानी का अधिकार जीतने के बाद आईओसी की सदस्या और रिलायंस फाउंडेशन की चेयरपर्सन नीता अंबानी ने इसे भारत के लिए गर्व का क्षण बताया।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए नीता अंबानी ने आईओसी की आगामी बैठक भारत में करने की दमदार पैरवी की। उन्होंने आईओसी सदस्यों को बताया कि “भविष्य में युवा ओलंपिक और ओलंपिक खेलों को भारत लाना हमारा सपना है। हम चाहते हैं कि दुनिया के सबसे युवा देश, भारत के नौजवान ओलंपिक की भव्यता और विशालता को महसूस करें। हम इस साझेदारी को और मजबूत करना चाहते हैं“
आईओसी की वार्षिक बैठक की मेजबानी मिलने पर खुशी जाहिर करते हुए नीता अंबानी ने कहा कि "ओलंपिक मूवमेंट 40 साल के इंतजार के बाद भारत वापस आ रहा है! मैं 2023 में मुंबई में आईओसी सत्र की मेजबानी करने का सम्मान भारत को सौंपने के लिए इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी की आभारी हूं। यह भारतीय खेलों के लिए एक नए युग की शुरुआत करेगा।" नीता अंबानी ने ओलंपिक सत्र 2023 के अवसर पर वंचित समुदायों के युवाओं के लिए विशिष्ट खेल विकास कार्यक्रमों की एक श्रृंखला शुरू करने का प्रस्ताव भी रखा।

भारतीय प्रतिनिधिमंडल में नीता अंबानी, भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के अध्यक्ष डॉ नरिंदर बत्रा, युवा मामले और खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर और निशानेबाजी में ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता अभिनव बिंद्रा शामिल थे। बीजिंग में चल रही आईओसी की वार्षिक सत्र में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने वर्चुअली जुड़कर आगामी बैठक की मेजबानी के लिए भारत का पक्ष रखा।भारत में चार दशकों बाद इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी के सत्र का आयोजन होगा। पिछला आयोजन 1983 में हुआ था। सत्र में आईओसी के सदस्य ओलंपिक चार्टर और ओलंपिक के मेजबान शहर के चुनाव जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करते हैं।

भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष डॉ नरिंदर बत्रा ने एक बयान में कहा "मैं श्रीमती नीता अंबानी को उनके दृष्टिकोण और नेतृत्व के लिए और अपने सभी आईओसी सहयोगियों को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद देता हूं। अगले साल मुंबई में आपका इंतजार रहेगा। यह भारत के खेल के लिए एक नए युग की शुरुआत है। हम चाहते हैं कि ओलंपिक मूवमेंट हमारी अगली पीढ़ी के उज्जवल भविष्य के निर्माण में केंद्रीय भूमिका निभाए। 2023 में मुंबई को यादगार आईओसी सत्र की मेजबानी देना, भारत की नई खेल क्षमता को प्रदर्शित करने की दिशा में पहला कदम होगा।“


० योगेश भट्ट ० 

नयी दिल्ली : यूनेस्को के संग एफआईएमटी कॉलेज के-पत्रकारिता एवं जन संचार विभाग ने मिलकर “विध्यार्थी जीवन में रेडियो की भूमिका” विषय पर वेबिनार का आयोजन किया | इस वर्ष यूनेस्को द्वारा “यस टू रेडियो-यस टू ट्रस्ट थीम” थीम पर विश्व रेडियो दिवस मनाने का आहवान किया है|  उक्त वेबिनार में आकाशवाणी की वरिष्ठ प्रसारणकर्मी डॉ ऋतु राजपूत ने बतौर मुख्यवक्ता रेडियो की विश्वसनीयता, पारदर्शिता, शुद्धता, समय बद्द्ता, सहित बहुजन-हिताय-बहुजन सुखाय का उल्लेख करते हुए रेडियो को शिक्षा-सूचना एवं मनोरंजन का सबसे उम्दा माध्यम बताया |

 उन्होंने राष्ट्रीय प्रसारण के तहत किस तरह  राष्ट्रपति के साथ समुद्री यात्रा करते हुए कमेंट्री का वाकया भी शेयर किया | वेबिनार के संयोजक-असिस्टेंट प्रोफ़ेसर एस.एस.डोगरा ने यूनेस्को द्वारा एफआईएमटी कॉलेज को इस आयोजन के लिए अधिकृत किए जाने को ऐतिहासिक एवं गौरवशाली क्षण बताया | साथ ही खुशी, इशू,साध्वी, डॉ.मनमोहन के जिज्ञासापूर्ण प्रश्नों के संतुष्टि भरे जवाब देने तथा रेडियो से जुड़ने जैसे अहम् विषयों की जानकारी प्रदान करने के लिए मुख्य वक्ता का आभार भी व्यक्त किया | वेबिनार का समापन विभागाध्यक्ष-असिस्टेंट प्रोफ़ेसर गरिमा बोरा ने अपने धन्यवाद ज्ञापन से किया | वेबिनार का मंच संचालन ऋतिक राज सिंह ने किया उक्त वेबिनर में दौ सौ से अधिक विधार्थी उपस्थित रहे |

० नूरुद्दीन अंसारी ० 

नई दिल्ली, द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (टीईआरआई या टेरी) 16 से 18 फरवरी तक अपने प्रमुख वार्षिक कार्यक्रम, 21वें वर्ल्ड ससटेनेबिलिटी डेवलपमेंट समिट (डब्ल्यूएसडीएस) 2022 का आयोजन कर रहा है। शिखर सम्मेलन का उद्देश्य एक लचीला ग्रह बनाना और एक स्थायी तथा न्यायसंगत भविष्य सुनिश्चित करना है। तीन दिवसीय वर्चुअल समिट में दुनिया भर से अंतरराष्ट्रीय गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति शामिल है।

वर्ल्ड ससटेनेबल डेवलपमेंट समिट 2022 में कई देशों के प्रमुख, अंतरराष्ट्रीय संगठनों, सरकार, व्यापार और उद्योग, अनुसंधान और शिक्षाविद, नागरिक समाज और युवाओं के प्रतिनिधि एक साथ आएंगे ताकि ग्रहों का लचीलापन बेहतर करने के लिए समान प्रतिक्रियाओं के लिए आवश्यक तौर-तरीकों पर विचार-विमर्श किया जा सके। शिखर सम्मेलन का इरादा जलवायु परिवर्तन, सतत खपत और उत्पादन, ऊर्जा और संसाधन सुरक्षा, लचीलापन और वैश्विक साझा पर महत्वपूर्ण चर्चा करना है। इस शिखर सम्मेलन में मंत्रीस्तरीय सत्र, यूथ प्लीनरी, महिला नेतृत्व प्लीनरी, कॉरपोरेट प्लीनरी पूर्ण और अन्य थीमैटिक ट्रैक शामिल होंगे। शिखर सम्मेलन ऐक्ट4अर्थ (Act4Earth) घोषणापत्र और ऐक्ट4अर्थ (Act4Earth) रणनीति पत्र भी जारी करेगा ताकि सभी स्तर पर प्रतिबद्धता को सुदृढ़ करने के लिए महत्वाकांक्षा और कार्रवाई को बढ़ाया जा सके। इसका मकसद वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक टिकाऊ और न्यायसंगत दुनिया बनाना है।

द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट की डायरेक्टर जनरल महानिदेशक डॉ. विभा धवन ने कहा, "टेरी का वर्ल्ड ससटेनेबिलिटी डेवलपमेंट समिट एक विकासशील देश द्वारा आयोजित अपनी तरह का अकेला आयोजन है। यह दुनिया भर से राजनीतिज्ञों, विज्ञान विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों और नागरिक समाज के प्रचारकों को आमंत्रित करता है। यह सम्मेलन 20 से अधिक वर्षों से विचार-विमर्श के जरिए सतत विकास और जलवायु कार्रवाई पर विभिन्न विचारों को सफलतापूर्वक सामने लाता रहा है ताकि राजनीतिक प्रतिष्ठानों और नागरिक समाज को कार्रवाई के लिए संवेदनशील बनाया जा सके। शिखर सम्मेलन की इस श्रृंखला में अब तक हमने 25000 से अधिक प्रतिनिधियों की मेजबानी की है। हम इस साल 21वें शिखर सम्मेलन के सभी हितधारकों की सक्रिय भागीदारी की प्रतीक्षा कर रहे हैं।”

तीन दिवसीय आभासी शिखर सम्मेलन में प्रमुख वक्ता हैं:

· गुयाना गणराज्य के राष्ट्रपति डॉ इरफ़ान अली · सुश्री अमीना जे. मोहम्मद , यूनाइटड नेशंस की डिप्टी सेक्रेट्री जनरल · स्टीवन गुइलबॉल्ट , मंत्री, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, कनाडा· जॉन फोर्ब्स केरी, जलवायु के लिए राष्ट्रपति के विशेष दूत, संयुक्त राज्य अमेरिका· डॉ यास्मीन फौद, मंत्री, पर्यावरण मंत्रालय, मिस्र· एस्पेन बार्थ ईद , मंत्री, जलवायु और पर्यावरण मंत्रालय, नॉर्वे · सुश्री एम्मा कारी , पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री, फिनलैंड · एमएस अमीनाथ शौना, मंत्री, पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, मालदीव · सुश्री बारबरा पॉम्पिली ,  मंत्री, पारिस्थितिक पारगमन (इकोलॉजी ट्रांजिशन) मंत्रालय, फ्रांस सरकार · नितिन देसाई , अध्यक्ष, ऊर्जा और संसाधन संस्थान · सुश्री स्टेफी लेमके , मंत्री, पर्यावरण, प्रकृति संरक्षण, परमाणु सुरक्षा और उपभोक्ता संरक्षण, जर्मनी के लिए संघीय मंत्रालय अब्दुल्ला शाहिद, विदेश मंत्री, 

मालदीव और संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र के अध्यक्ष· सुश्री पेट्रीसिया एस्पिनोसा, कार्यकारी सचिव, जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन· फ्रैंस टिमरमैन, आयुक्त और कार्यकारी उपाध्यक्ष- यूरोपीय ग्रीन डील, यूरोपीय आयोग · प्रो पेटेरी तालास , महासचिव, विश्व मौसम विज्ञान संगठन, जिनेवा, स्विटजरलैंड· रोटेरियन आलोक शर्मा , सीओपी26 के प्रेसिडेंट और कैबिनेट कार्यालय, यूनाइटेड किंगडम में राज्य मंत्री· मनीष चौरसिया, प्रबंध निदेशक और सीईओ, टाटा क्लीनटेक कैपिटल लिमिटेड। · एरिक सोलहेम , संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण के पूर्व कार्यकारी निदेशक और ग्रीन बेल्ट एंड रोड इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष · डॉ पलनीवेल थियागा राजन, मंत्री, वित्त और मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय, मदुरै, तमिलनाडु


० योगेश भट्ट ० 

नयी दिल्ली : व्हाट्सएप ने युवा के साथ साझेदारी में एक सप्ताह तक चलने वाले #ऑनलाइनसेफ्टी अभियान की शुरुआत की घोषणा की। #टेकचार्ज अभियान 8 फरवरी को 'सेफ इंटरनेट डे' पर शुरू हुआ, जिसमें युवा के इंस्टाग्राम पेज पर इन्फोटेनमेंट कंटेंट उपलब्ध होगा जिसका उद्देश्य लोगों में ऑनलाइन सुरक्षा के बारे में जागरूकता को बढ़ाना है तथा उन्हें सेफ्टी टूल्स एवं सुरक्षित संसाधनों का इस्तेमाल कर स्वयं को सुरक्षित करने के लिए प्रोत्साहन देना है।

इस अभियान के तहत विभिन्न क्रिएटर्स लोगों को ऑनलाइन सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं पर जानकारी देंगे तथा इंटरनेट के सही इस्तेमाल के बारे में समझाएंगे। कई युवा क्रिएटर्स जैसे कि तनीषा मीरवानी, आंचल अग्रवाल, अनमोल सच्चर और श्रेया कपूर आदि लोगों से इंटरनेट सुरक्षा के बारे में महत्वपूर्ण सामग्री साझा करेंगे जिनमें उचित तरीके से इंटरनेट का इस्तेमाल, डिजिटल भुगतान, ग्रुप कंट्रोल आदि के बारे में समझाया जाएगा ताकि लोग सुरक्षित रहते हुए इंटरनेट का बेहतर इस्तेमाल कर सकें।

अपने बिल्कुल नए #टेकचार्ज अभियान के बारे में बात करते हुए अभिजीत बोस, हेड ऑफ इंडिया, व्हाट्सएप ने बताया, "व्हाट्सएप ऑनलाइन सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए निजी एंड-टू-एंड एनक्रिप्टेड मैसेजिंग सेवाओं में इंडस्ट्री लीडर है। सेफ्टी फीचर्स बनाने के लिए लगातार इनोवेशन के अलावा व्हाट्सएप विशेष डाटा साइंटिस्ट की टीम के साथ-साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की सहायता से उपयोगकर्ताओं को ऑनलाइन सुरक्षित रखने के लिए 24x7x365 काम करता है। इसके अतिरिक्त, उपयोगकर्ता को ऑनलाइन सुरक्षा के अपने बिल्कुल नए #टेकचार्ज अभियान के बारे में बात करते हुए अभिजीत बोस, हेड ऑफ इंडिया, व्हाट्सएप ने बताया, "व्हाट्सएप ऑनलाइन सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए निजी एंड-टू-एंड एनक्रिप्टेड मैसेजिंग सेवाओं में इंडस्ट्री लीडर है। 

सेफ्टी फीचर्स बनाने के लिए लगातार इनोवेशन के अलावा व्हाट्सएप विशेष डाटा साइंटिस्ट की टीम के साथ-साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की सहायता से उपयोगकर्ताओं को ऑनलाइन सुरक्षित रखने के लिए 24x7x365 काम करता है। इसके अतिरिक्त, उपयोगकर्ता को ऑनलाइन सुरक्षा के बारे में लगातार शिक्षित करने का हमारा निरंतर प्रयास रहा है। हमारा सुरक्षित इंटरनेट सप्ताह अभियान इसी कड़ी में एक और प्रयास है जिससे उपयोगकर्ता #टेकचार्ज अभियान का इस्तेमाल अपनी इंटरनेट सुरक्षा के लिए कर सकते हैं।"

इस सेफ इंटरनेट डे पर #टेकचार्जआफयोरसेफ्टी के पांच सरल नियमों का अभ्यास करें:कहीं भी क्लिक करने के पहले सावधानी बरते: इंटरनेट स्पैम मैसेज, साइबर खतरों तथा धोखाधड़ी के लिए बेहद उपयुक्त स्थान है फिर चाहे वह नकद पुरस्कार जीतना हो या किसी अज्ञात नंबर से आपके लिए पूरी तरह से प्रायोजित यात्रा हो। इन संदेशों में अक्सर किसी वेबसाइट का लिंक शामिल होता है या फिर कोई छुपा हुआ मैलवेयर होता है। कहीं भी क्लिक करने से पहले आपको उचित विचार विमर्श कर लेना चाहिए। यदि इस तरह का मैसेज आप व्हाट्सएप पर प्राप्त करते हैं तो फिर इस संदेश को फ्लैग करके एकाउंट्स में रिपोर्ट कर सकते हैं।

मैसेज को फॉरवर्ड करने से पहले दो बार सोचें: व्हाट्सएप ने अपने सभी फॉरवर्ड मैसेज के लिए एक लेबल बनाया है और उपयोगकर्ता द्वारा साझा करने से पहले पुनर्विचार हेतु इन संदेशों को फॉरवर्ड करने की संख्या को सीमित किया है। साझा की गई जानकारी सही या गलत हो सकती है,  ऑनलाइन भुगतान करने के लिए सुरक्षित वेबसाइट का ही इस्तेमाल करें: भारतीय रिज़र्व बैंक किसी भी डिजिटल (ऑनलाइन/मोबाइल) बैंकिंग/भुगतान लेनदेन करते समय सभी उचित सावधानी बरतते हुए सुरक्षित डिजिटल बैंकिंग की प्रैक्टिस के लिए कहता है। कैशबैक जैसी धोखाधड़ी से सावधान रहें, किसी से पैसे प्राप्त करने के लिए क्यूआर कोड को स्कैन ना करें, ई-मेल अथवा एसएमएस में प्राप्त यूआरएल या डोमेन नेम की जांच करें।

जानकारी साझा करने को नियंत्रित करें: इंटरनेट का उपयोग करते समय अपनी व्यक्तिगत जानकारी को गोपनीय रखना आवश्यक है। पता, फोन नंबर, पासवर्ड, क्रेडिट/डेबिट कार्ड नंबर और बैंक खाते की जानकारी जैसी संवेदनशील जानकारी साझा करने से बचना चाहिए। व्हाट्सएप पर उपयोगकर्ता अपने व्यक्तिगत विवरण को कंट्रोल कर सकते हैं जिसमें प्रोफाइल फोटो, लास्ट सीन, अबाउट, स्टेटस, किसके द्वारा देखा गया - एवरीवन, कांटेक्ट-ओनली, नो-वन आदि शामिल है।

टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन सक्षम करें: टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन उपयोगकर्ता को अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करता है। व्हाट्सएप उपयोगकर्ताओं को दो-चरणीय सत्यापन सुविधा को सक्षम करके अपने खाते में सुरक्षा की एक अतिरिक्त परत जोड़ने की अनुमति देता है। सिम कार्ड चोरी होने की स्थिति में या उपयोगकर्ता के फोन से छेड़छाड़ की स्थिति में, व्हाट्सएप अकाउंट को रीसेट और सत्यापित करते समय इसे छह अंकों के पिन की आवश्यकता होती है। अतः इसे आगे भेजने से पहले आपको सुनिश्चित होना चाहिए कि यह मैसेज सही है या गलत, यदि आप सुनिश्चित नहीं है तो इसे आगे ना भेजें क्योंकि यह गलत जानकारी हो सकती है।

 योगेश भट्ट ० 

हैदराबाद -इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी हैदराबाद (आईआईटीएच) एवं भारत में सबसे बड़े कार निर्माता की पैरेंट कंपनी, सुज़ुकी मोटर कॉर्पोरेशन (एसएमसी), जापान ने सुज़ुकी इनोवेशन केंद्र (एसआईसी) शुरू करने के लिए एक 3 वर्षीय समझौता किया है। इसका उद्देश्य ‘‘भारत एवं जापान के लिए इनोवेशन का निर्माण’’ करना है। इस समझौते के तहत इन दोनों संगठनों को ज्ञान के आदान-प्रदान के लिए एक मंच मिलेगा।

एसआईसी का संचालन उद्योग, शिक्षा जगत एवं स्टार्टअप्स के बीच इनोवेशन के एक खुले मंच के रूप में होगा। यह केंद्र कौशल विकास एवं भारत व जापान के बीच मानव संसाधन के आदान-प्रदान में भी सहयोग करेगा।एसआईसी आईआईटी-हैदराबाद की एक बड़ी उपलब्धि है, जो भारत-जापान के बीच संबंध को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस अभियान के तहत, आईआईटीएच ने टेक्नॉलॉजी रिसर्च पार्क में स्थित इस केंद्र को आवश्यक सहायता प्रदान की है।  इस अभियान के बारे में प्रो. बी एस मूर्ति, डायरेक्टर, आईआईटीएच ने कहा, ‘‘यह पिछले कई सालों में सुज़ुकी मोटर कॉर्पोरेशन और आईआईटीएच के बीच सफल संबंधों का परिणाम है। 

इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत व जापान के समाज के समावेशी मूल्य का निर्माण करना है। आईआईटीएच सुज़ुकी मोटर कॉर्पोरेशन एवं अन्य अंशधारकों के साथ मिलकर काम करेगा और टेक्नॉलॉजी एवं डिज़ाईन के सामंजस्यपूर्ण संगम को सर्वोपरि रखते हुए भारत एवं जापान में मोबिलिटी के दायरे से बढ़कर व्यापक चुनौतियों को भी संबोधित करेगा। यह केंद्र हमारे कैंपस में बनकर निकलने वाले नेतृत्वकर्ताओं का प्रमाण है। इस अभियान का नेतृत्व आईआईटीएच के युवा एवं डाइनैमिक एलुमनी, विपुल नाथ जिंदल एवं प्रत्यूषा थम्मीनेनी ने किया है।’’ सुज़ुकी इनोवेशन सेंटर की विस्तृत गतिविधियां इस साल की दूसरी तिमाही में सार्वजनिक रूप से लॉन्च की जाएंगी।

० योगेश भट्ट ० 

देहरादून -जहां हम हिन्दू अपने शास्त्रीय विधि विधानों को त्याग कर पश्चिमी देशों की संस्कृति अपनाते जा रहे हैं।वहीं हमारे धर्मगुरुओं की कृपा से लाखों विदेशी अपना कुल, धर्म व देश छोडकर हिन्दू धर्म के अनुसार, विभिन्न गुरुओं से दीक्षित होकर भारत में ही रहकर आत्मकल्याण कर रहे हैं। आप जो ये तस्वीर देख रहे हैं ये उत्तराखंड के #कालीशिला धाम में रहने वाली जर्मनी मूल की सरस्वती माई की है।

औद्योगिक क्रान्ति वाले विकसित देश जर्मनी की मूल निवासिनी ने अपना सन्यासी नाम सरस्वती माई रखा है।
सरस्वती माई कम से कम तीस सालों से #रुद्रप्रयाग जिले की #ऊखीमठ तहसील के अन्तर्गत #कालीमठ से 6 किमी पैदल खडी चढाई चढने के बाद पर्वत चोटी पर स्थित कालीशिला नामक शक्ति पीठ में रोजाना साधना करती हैंं। बताते हैं कि माई जी जर्मनी के सम्पन्न घर में पैदा हुईं थीं लेकिन अब इनको सन्यास के चलते सांसारिक वस्तुओं के संग्रह से कोई लेना देना नहीं है।

ये एक साधारण सी झोपडी में रहती हैं।सरस्वती माई अपने खाने के लिए साग सब्जियां खुद उगाती हैं। ये पूरी गढ़वाली और हिन्दी भाषा को समझती और बोलती हैं।विख्यात पत्रकार क्रान्ति भट्ट की टिप्पणी में लिखा गया है कि सरस्वती माई सन 2000 की नन्दा राज यात्रा भी कर चुकी ह़ैं।देवभूमि के कालीमठ क्षेत्र में सरस्वती माई जी के प्रति लोगों की अपार श्रद्धा है।इसी कालीशिला धाम में जर्मनी की सरस्वती माई साधना करती हैं।कहा जाता है कि एक बार सरस्वती माई जब जर्मनी में थी, तो उन्हें कालीशिला का सपना आया था।

इस स्वप्न में क्या हुआ ये भी जानिए।सपने में खुद उन्हें रास्ता भी बताया गया था कि यहां उन्हें इस सांसारिक जीवन से मुक्ति मिलेगी। इसके बाद ही वो जर्मनी से यहां आई।सरस्वती माई कहती हैं कि उन्हें इस जगह पर असीम शांति मिलती है।फिलहाल घर क्या है, वो भूल चुकी हैं और उत्तराखंड की धरा को ही अपना घर बना चुकी हैं।ऐसी महान तपस्विनी को हमारा हृदय से नमन है।अब आप ये भी जानिए कि आखिर कालीशिला देवभूमि की कैसी अद्भुत जगह है।विश्वास है कि मां दुर्गा शुंभ-निशुंभ और रक्तबीज का संहार करने के लिए कालीशिला में 12 वर्ष की कन्या के रूप में प्रकट हुई थीं।कालीशिला में देवी-देवताओं के 64 यंत्र हैं।मान्यता है कि इस स्थान पर शुंभ-निशुंभ दैत्यों से परेशान देवी-देवताओं ने मां भगवती की तपस्या की थी।तब मां प्रकट हुई। मां ने युद्ध में दोनों दैत्यों का संहार कर दिया।

० नूरुद्दीन अंसारी ० 

नई दिल्ली: आकाश हेल्थकेयर सुपर सुपरस्पेशलटी हॉस्पिटल, द्वारका में डॉक्टरों की एक टीम ने एक 3 साल के बच्चे में क्रिकेट बॉल के दुगुने आकार के ब्रेन ट्यूमर का सफलतापूर्वक इलाज करके बच्चे की जान बचायी। ट्यूमर को निकालने के लिए नौ घंटे तक क्रिटिकल माइक्रोस्कोपिक सर्जरी चली। ट्यूमर निकालने की यह प्रक्रिया काफी चुनौतीपूर्ण थी क्योंकि डॉक्टरों को पतली मस्तिष्क की धमनियों को इस सर्जरी के दौरान नुकसान नहीं पहुंचाना था, ये धमनिया 7 सेंटीमीटर लंबे ट्यूमर के नीचे आ गई थीं।

मरीज का नाम मास्टर असाडबेक था, जो उज्बेकिस्तान से आकाश हेल्थकेयर में इलाज कराने आया था। यहाँ पर आकाश हेल्थकेयर न्यूरोसर्जरी डिपार्टमेंट हेड और सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर नागेश चंद्रा ओपीडी विजिट के दौरान मरीज के पिता को परामर्श देने के बाद उज्बेकिस्तान से द्वारका के आकाश हॉस्पिटल में लाया गया। मरीज के मस्तिष्क में बड़े पैमाने पर ट्यूमर होने से उसे कई बार मिर्गी के दौरे पड़ते थे और उसे चलने में कठिनाई होती थी। बच्चे के माता-पिता डरे हुए थे क्योंकि उन्होंने कई जगहों पर कंसल्ट किया था और उन्हें बताया गया था कि अगर बच्चे की सर्जरी हुई तो उसकी मौत या उसमे  स्थायी तौर पर विकलांगता होने की बहुत ज्यादा संभावना है। माइक्रोस्कोपिक तकनीक मरीजों को जल्दी ठीक होने, सर्जरी के बाद कम दर्द और अस्पताल में रहने के समय को कम करने और घाव में संक्रमण होने की संभावना को लगभग नगण्य करने में मदद करता है।

इस केस के बारे में विस्तार से बताते हुए डॉ नागेश चंद्रा ने कहा, "हमने ट्यूमर को निकालने के लिए माइक्रोस्कोपिक सर्जरी की। यह एक कठिन और मुश्किल केस था क्योंकि मस्तिष्क की प्रमुख धमनियां ट्यूमर के नीचे दब गयी थी। ये धमनियां खून को मस्तिष्क के शेष भाग में पहुंचाती हैं। हमें सर्जरी के दौरान उन धमनियों को सुरक्षित रखना था ताकि मस्तिष्क का बचा हुआ हिस्सा काम करता रहे। सर्जरी न्यूरोनेविगेशन सिस्टम के तहत की गई। इस सिस्टम के जरिये हमें इन धमनियों पर नज़र रखने में सहूलियत मिलती है। बच्चा अब दौरे से छुटकारा पा चुका है। वह हर जगह दौड़ता है, बात करता है, और सामान्य रूप से खाता है। वह हँसता मुस्कुराता है, उनकी मुस्कान सबसे प्यारी है। उनका ट्यूमर एक वैस्कुलर ट्यूमर था, जिसमें ज्यादा खून बहता है। हालांकि इस तरह की मुश्किल सर्जरी का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा ऐसे छोटे बच्चे के लिए न्यूरोएनेस्थीसिया होता है।"

आकाश हेल्थकेयर के न्यूरो सर्जरी डिपार्टमेंट के कंसल्टेंट डॉ जितेन्द्र कुमार ने इस केस पर अपनी राय रखते हुए कहा,"माइक्रोस्कोपिक सर्जरी तकनीकी रूप से ज्यादा सुरक्षित रहती है कि इसके लिए विशेष उपकरण, महत्वपूर्ण सर्जिकलस्पेशिलिटी की जरुरत होती है। हालांकि यह सभी प्रकार के ट्यूमर के लिए उपयुक्त नहीं होती है। इस केस में हमारा लक्ष्य ट्यूमर को ज्यादा से ज्यादा हटाना और ब्रेन के महत्वपूर्ण संरचनाओं में कम  हेरफेर करना था, जिससे कॉम्प्लिकेशन और मरीज में विकलांगता से बचा जा सके, जबकि ज्यादा तेजी से, पूर्ण और रिकवरी रेट बढ़ावा दिया जा सके।"

डॉ जितेन्हुद्एर कुमार ने आगे कहा,"ट्यूमर के वैस्कुलर प्रकृति के कारण बहुत ज्यादा खून बह गया था। बच्चे को ब्लड ट्रांसफ्यूजन की कई यूनिट दी गयी और एक छोटे बच्चे में खून और अन्य चीजों को ट्रांसफ्यूज करना अपने आप में एक चुनौती है और इससे विभिन्न विनाशकारी समस्याएं हो सकती हैं। भगवान की कृपा से सर्जरी के 6 घंटे बाद बिना किसी ट्रांसफ्यूजन की बड़ी कॉम्प्लिकेशन से न्यूरोलॉजिकल रूप से बरकरार रहने के बाद वह होश में वापस आ गया। चूंकि हमारे पास इस तरह के केसेस के लिए जरूरी हाई एंड उपकरण और हाई स्पेसिल्टी वाली डॉक्टरों की टीम है, इसलिए हमने इस सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। हम ऐसी कई जटिल न्यूरो प्रक्रियाओं को नियमित रूप से करते रहे हैं। जब दिल्ली में न्यूरो केयर की बात आती है तो हम सबसे अच्छे हॉस्पिटल में से एक गिने  जाते हैं। मुझे इस बात की ख़ुशी है।"

डॉ नागेश और उनकी टीम के पास पिछले एक दशक में इस तरह की प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए एंडोस्कोपिक और माइक्रोस्कोपिक दोनों का व्यापक अनुभव और स्पेशिलिटी है। इस प्रक्रिया में मदद हेतु  सर्वश्रेष्ठ न्यूरो एनेस्थीसिया टीम की उपलब्ध होना बहुत जरूरी होता है। इस तरह के केसेस में तकनीकी रूप से एडवांस मेडिकल फैसिलिटी की आवश्यकता होती है।

अशोक चतुर्वेदी ० 

टेलीप्रॉम्प्टर को प्रॉम्प्टर या ऑटोक्यू के नाम से भी जानते हैं. यह एक तरह कि डिवाइस होती है, जिसके जरिए कुछ पढ़ा जा सकता है. जिस तरह आप कुछ लिखा हुआ किसी पेज या किताब में पढ़ते हैं, वैसे ही टेलीप्रॉम्प्टर में आप वो डिटेल एक स्क्रीन के जरिए बढ़ते हैं. जैसे मान लीजिए कोई टीवी, लैपटॉप की स्क्रीन है और उसपर कुछ लिखा हुआ होता है, जिसे पढ़ना होता है. एक तरीके से यह एक स्क्रीन होती है, जिसे पर कुछ लिखा हुआ दिखता है, जिसे यूजर बढ़ता है.

सीधे भाषा में समझें तो किसी भी व्यक्ति को कोई चीज पढ़नी होती है तो वो पेपर, फोन, लैपटॉप में ना देखते हुए एक अलग सी स्क्रीन पर देखकर पढ़ता है और इसे ही टेलीप्रॉम्प्टर कहते हैं. अगर इसे उदाहरण से समझें तो जब आप टीवी देखते हैं तो आपने देखा होगा कि न्यूज रीडर सामने नजर करके लगातार न्यूज पढ़ते हैं और वो किसी पेपर या लैपटॉप का सहारा नहीं लेते हैं. अक्सर लोग समझते हैं कि उन्हें सबकुछ याद होता है, लेकिन ऐसा नहीं है. दरअसल वो कैमरे के नीचे लगे टेलीप्रॉम्प्टर के जरिए न्यूज पढ़ते हैं और उसमें किताब के पन्नों की तरह न्यूज लिखी हुई दिखती है और वो उसे पढ़ते रहते हैं.

जैसे कई बार न्यूज रीडर के हाथ में एक रिमोट भी आपने देखा होगा, जिसके जरिए वो उसे टेलीप्रॉम्प्टर की स्क्रीन को ही एडजस्ट करते हैं कि टेक्स्ट कितनी स्पीड से ऊपर नीचे होना चाहिए. बाजार में कई तरह के टेलीप्रॉम्प्टर मिलते हैं, जिसमें हाथ के रिमोट से लेकर पांव से ऑपरेट होने के ऑप्शन होते हैं. इसलिए टेलीप्रॉम्प्टर एक स्क्रीन पर टेक्स्ट को पढ़ने के काम आता है, जिसका इस्तेमाल न्यूज चैनल, भाषण, डॉयलॉग आदि पढ़ने में होता है. कई नेता भी भाषण के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं और लोगों को लगता है कि वो नेताजी बिना देखे पढ़ रहे हैं, लेकिन ऐसा नहीं होता है.

टेलीप्रॉम्पटर एलसीडी की तरह होता है और उसमें एक रिफ्लेक्शन के जरिए टेक्स्ट दिखाया जाता है. कुछ टेलीप्रॉम्पटर में टेक्नोलॉजी के जरिए सीधे स्क्रीन पर टेक्स्ट दिखने लगता है, जैसे फोन में दिखता है और उसे पढ़ा जाता है. अगर प्रधानमंत्री या फिर अन्य हस्तियों के टेलीप्रॉम्पटर की बात करें तो यह अलग तरह के होते हैं. कई बार आपने पीएम को भाषण देते हुए देखा होगा और सामने दो कांच लगे होते हैं, जो टेलीप्रॉम्पटर ही होते हैं. पीएम इन टेलीप्रॉम्पटर के जरिए अपनी स्पीच पढ़ते हैं और अपनी बात जनता के सामने रखने के लिए इनकी मदद लेते हैं. आप नीचे दी गई तस्वीर से अच्छे से समझ सकते हैं.

होता क्या है कि इन स्क्रीन में जो पीएम को बोलना होता है, उसका टेक्स्ट चलता रहता है यानी भाषण चलता रहता है और वो इसे देखकर अपनी बात रखते हैं. इससे वो जनता या कैमरे से आई कॉन्टेक्ट भी बनाए रखते हैं और अपनी बात भी बोल सकते हैं. अगर वो कागज में देखकर पढ़ेंगे तो वो श्रोता से कनेक्ट नहीं कर पाएंगे, इसलिए टेलीप्रॉम्पटर के जरिए भाषण दिए जाते हैं.

यह खास टेक्नॉलॉजी से बना होता है, जो कांच जैसा होता है. दूसरी तरफ से देखने वाले लोगों को यह कांच ही दिखता है, लेकिन जिस तरफ से पीएम मोदी पढ़ते हैं, उन्हें टेक्स्ट दिखता है. इस तरह के टेलीप्रॉम्पटर को Conference Teleprompter कहा जाता है. इसमें LCD मॉनिटर नीचे होता है, जिसका फोकस ऊपर की तरफ रहता है. प्रजेंटर के आस-पास ग्लास लगे होते हैं, जिन्हें इस तरह से अलाइन किया जाता है कि LCD मॉनिटर पर चल रहा टेस्क्ट उन पर रिफ्लेक्ट हो 

० आशा पटेल ० 

नयी दिल्ली,  द अक्षय पात्र फाउंडेशन (टीएपीएफ) और भारत में संयुक्त राष्ट्रों के वर्ल्ड फ़ूड प्रोग्राम (डब्ल्यूएफपी) ने साझेदारी करते हुए प्रधान मंत्री पोषण शक्ति निर्माण (पीएम पोषण) योजना (पूर्व मध्यान्ह भोजन योजना) के प्रभाव को और अधिक बढ़ाने के लिए साथ मिलकर काम करने का निर्णय लिया है। इसके लिए किए गए एक समझौते पर वर्ल्ड फ़ूड प्रोग्राम के भारत के प्रतिनिधि और कंट्री डायरेक्टर बिशॉ पराजुली और द अक्षय पात्र फाउंडेशन के वाईस चेयरमैन चंचलापति दास ने नयी दिल्ली में हस्ताक्षर किए।  
पराजुली ने इस अवसर पर कहा, "इस नीतिक साझेदारी में गहरे और लंबे समय से किए जा रहे कार्य और अनुभवों का मिलाप हो रहा है जिससे कई गुना अधिक प्रभाव पैदा होगा। 1961 में अपनी शुरूआत से ही वर्ल्ड फ़ूड प्रोग्राम ने विद्यालयों में बच्चों को भोजन दिलाना अपना लक्ष्य माना है। विद्यालय में भोजन देने की पहल को समर्थन का पिछले छह दशकों का अनुभव डब्ल्यूएफपी के पास है, राष्ट्रीय स्तर पर स्कूल भोजन की शाश्वत पहल चलाने के लिए डब्ल्यूएफपी 100 से ज़्यादा देशों के साथ काम कर रहा है।"

उन्होंने आगे कहा, "स्कूल मील्स कोएलिशन्स के लिए भारत नीतिक दृष्टी महत्वपूर्ण है, इसकी शुरूआत पिछले साल में की गयी थी और डब्ल्यूएफपी इस पहल की एक कोऑर्डिनेटिंग बॉडी है, स्कूली बच्चों को पोषण सुरक्षा प्रदान करने वाला यह दुनिया की सबसे बड़ी स्कूल भोजन पहल है। स्कूल भोजन योजना और इससे जुड़े कई दूसरे कार्यक्रम सफलतापूर्वक चलाने में भारत का प्रदर्शन बहुत ही अच्छा रहा है, जो अन्य देशों के लिए प्रेरणादायी हो सकता है।"

द अक्षय पात्र फाउंडेशन के वाईस चेयरमैन श्री चंचलापति दास ने बताया, "खाद्य सुरक्षा हासिल करने की दिशा में हमारा देश आगे कदम बढ़ा रहा है। भारत में स्कूल भोजन योजना की वजह से बच्चों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित हो चुकी है। समाज के सबसे नीचले स्तर में भी कोई भी भूखा न रहें इसलिए काम करने की हमारी निपुणताओं के साथ दुनिया भर में बड़े पैमाने पर भोजन योजना चलाने वाले डब्ल्यूएफपी के ग्लोबल नेटवर्क को इस साझेदारी के जरिए पूरक बनाना हमारा उद्देश्य है।"  दास ने कहा, "स्कूल भोजन पहल के विषय में दुनिया भर के देशों के साथ जानकारी और अनुभवों का आदानप्रदान हम करना चाहते हैं ताकि एक ऐसा विश्व बनें जहां बच्चों को उनका भोजन पाने के लिए काम नहीं करना होगा, शिक्षा पाने के लिए कमाना नहीं पड़ेगा।"

भूख और कुपोषण के उन्मूलन के लिए काम के लंबे समय के, सफल अनुभवों और निपुणताओं का बल जिनके पास है ऐसी दो संस्थाएं इस दीर्घकालिक साझेदारी में हाथ मिला रही हैं। खाद्य सुरक्षा और सफाई की परियोजनाओं में परिसंचालन और कार्यान्वयन से जुड़ी कमियों को दूर करने, कुक और हेल्पर्स की क्षमतओं और भोजन की पोषण गुणवत्ता में सुधार लाने का लक्ष्य लेकर यह साझेदारी आगे बढ़ेगी।

 भारत में पीएम-पोषण योजना के कार्यान्वयन के बारे में जानकारी देने वाले वर्कशॉप्स का आयोजन करने तक के कई काम इस साझेदारी के ज़रिए करने का निर्णय लिया गया है। स्कूल भोजन योजना की गुणवत्ता में लगातार सुधार ला सकें ऐसे नीतिक कारकों को योजना में शामिल करने के लिए सरकार के साथ बातचीत को भी इस साझेदारी के कार्यों में लाया जाएगा।
डब्ल्यूएफपी और अक्षय पात्र फाउंडेशन मिलकर एक स्टीयरिंग कमिटी बनाएंगे जिसमें दोनों संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल होंगे। इस साझेदारी के ज़रिए जो काम करने हैं उनकी योजना, उसके बारे में चर्चा और समीक्षा करने के लिए हर तीन महीनों में एक बार इस कमिटी की मीटिंग होगी। इन सभी कामों के ज़रूरी वित्तीय संसाधन यह दो संस्थाएं जुटाएंगी

 
० आशा पटेल ० 

जयपुर । दुबई में ‘‘भारत गौरव अवार्ड’’ आयोजित हुआ। जिसमें देश विदेश की नामी हस्तियों को ‘‘भारत गौरव अवार्ड’’ से सम्मानित किया गया। ‘‘संस्कृति युवा संस्था’’ द्वारा यह अवार्ड समारोह वर्ष 2012 से अनवरत जारी है। इस अवार्ड समारोह में भारत, ब्रिटेन, अमेरिका, न्यूजीलैंड, पेरिस, मलेशिया, दुबई सहित कई देशों के प्रतिनिधि सम्मिलित हुए।
इस अवसर पर समारोह को संबोधित करते हुए डायरेक्टर जनरल ऑफ यूएई, एडमिनिस्टर ऑफिसर ऑफ डिपार्टमेंट ऑफ फॉरेन ट्रेड एट इकोनॉमिक डेवलपमेंट इन दुबई के शेख अवाद मोहम्मद मुजरीन ने कहा कि भारतीयों ने पुरे विश्व में भारत का नाम रौशन किया है। जब भारत को आजादी मिली थी तो किसी ने सोचा भी नहीं था कि एक दिन विश्व पटल पर भारतीय इस प्रकार अपनी पहचान बनायेगें। आज सभी क्षेत्रों में भारतीय लोग अग्रणी भूमिका निभा रहे है और पूरे विश्व में भारतीयों की धाक बढ रही है। यह विचार संस्कृति युवा संस्था की ओर से दुबई की होटल अटलांटिस में भव्य समारोह में कहे।

इस अवसर पर समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में दुबई के एचएच शेख जूमा बीन मक्तूम अल मक्तूम के सीईओ एंव सीनियर एडवाइजर श्री मोहम्मद अल बन्ना, इटली के राॅयल फैमली मेम्बर व फैशन आइकन टू द वर्ल्ड कंट्री ऐलेना फेलिक डे बक्सी, अबू धाबी बैंक के हेड ऑफ कैश फर्स्ट के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री मोहमेद अल अली, गिविंग बैक फाउण्डेशन की सीईओ एवं फाउण्डर श्रीमती मीरा गांधी ने भी संबोधित किया।

इस अवसर पर समारोह की अध्यक्षता करते हुए संस्कृति युवा संस्था के अध्यक्ष पं सुरेश मिश्रा ने कहा है कि हमें तय करना है कि हम अपने देश की माटी से इस प्रकार जुड़े रहें की हमारा अपनापन और भारतीयता लगातार आगे बढे। इस अवसर पर संस्कृति युवा संस्था के प्रधान संरक्षक लोकेन्द्र सिंह कालवी ने कहा है कि संस्कृति का ये 8वां आयोजन है और संस्कृति ने जयपुर मैराथन और सामाजिक जन आंदोलन और सामाजिक संचेतना का जो कार्य हाथ में ले रखा है वो अनवृत इसी प्रकार आगे बढ़ता रहेगा। मिश्रा ने कहा कि दुबई में आकर यह सम्मान समारोह आयोजित करना हम सबके लिये गौरव की बात है। जिन विभूतियों को आज भारत गौरव अवार्ड मिला है मै उनसे यही विनती करता हूं कि वह देश के विकास के लिए युवाओं को आगे लायें।

इस अवसर पर मिश्रा ने बताया कि अब तक पूर्व के वर्षों में आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर, फिल्म स्टार मनोज कुमार, नोबेल प्राइज विजेता कैलाश सत्यार्थी, विश्व की सबसे प्रभावशाली महिला इन्दिरा नूई, जैन संत पुलक सागर, लोकेश मुनि, प्रसन्न सागर, मेजर ध्यानचंद, जी-मेल के आविष्कार षिवा अय्यादुराई, निरजा भेनोत सहित लगभग 200 अप्रवासी भारतीयों को पिछले 8 वर्षों में सम्मानित किया जा चुका है।समारोह के मुख्य व्यक्ता प्रधान संरक्षक लोकेन्द्र सिंह कालवी कहा कि अब भारतीय पूरे विश्व में अपनी धाक जमा रहे है। अब जब हम दुबई में अपने तिरंगे के नीचे खड़े होकर के सम्मानित होते है तो निश्चित रूप अपने आपको गौरवान्वित महसूस करते है।
इस अवसर पर कार्यक्रम का संचालन करते हुए डीपीआर राजस्थान में असिस्टेंट डायरेक्टर गोविन्द पारीक ने सम्बोधित करते हुये कहा की इस भारत गौरव अवार्ड समारोह के माध्यम से ऐसी प्रतिभाओं को सामने लाया गया है जिन्होंने की पूरे विश्व भर में अपनी एक अलग पहचान बनाकर देश का नाम रौशन किया है। उन्होंने संस्कृति युवा संस्था की गतिविधियों की भूरी-भूरी प्रशंसा की साथ ही भारत गौरव अवार्डीज को बधाई भी दी।

इस अवसर पर प्रमुख जैन संत परमपूज्य 108 श्री विराग सागर महाराज (भारत), प्रसिद्ध संगीतकार पद्म भूषण पं. विश्वमोहन भट्ट, पद्मश्री श्री रामकिशोर छीपा, अक्षय पात्र फाउण्डेशन के चेयरमैन पद्मश्री मधु पंडित दास (भारत), दुबई से रिजवान साजन, नवीन शर्मा,  विजय समयानी,  राजेश भीमसरिया, दुबई में स्वामीनारायण संस्था के डायरेक्टर  ब्रहमविहारी स्वामी, जैन साध्वी गणनी आर्यिका 105 स्वस्ति भूषण माताजी, डच बैंक के सीईओ साकेत मिश्रा, प्रसिद्ध व्यवसायी सुब्रात्रो शाह, पर्यावरण के क्षेत्र में विशेष कार्य कर रहे ग्रीन मैन ऑफ इण्डिया  विरल देसाई, वर्ल्ड ट्रेड पार्क के चैयरमेन अनूप बरतरिया, राज योगा सेंटर दुबई की डायरेक्टर सिस्टर ज्योति, निर्भया की मां श्रीमती आशा देवी, 

मलेशिया से डॉ. अमेया अशोक हसमानीस, इण्डो न्यूजीलैंड सोसायटी के चेयरमैन सुनील कौशल (न्यूजीलैंड), सारंगी वादक उस्ताद इकराम खान कलावंत, वुमेन एंटरप्रेन्योर एण्ड ग्लोबल आईकन मासूम मीनावाला (पेरिस), यूएई में अकेले बने गुरूद्वारा के संस्थापक डाॅ. सुरेंद्र सिंह कंधारी, शारजाह में फंसे 168 भारतीयों को देश वापसी करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले एवं सोशल वर्कर जितेन्द्र मतलानी (दुबई), इंडियन एक्ट्रेस, नेट फ्लेक्स फैन श्रीमती सिमा तापरिया, एंटरप्रेन्योर एवं पोलो प्लेयर अश्विनी कुमार शर्मा, मोटिवेशनल स्पीकर पद्मश्री गौर गोपालदास को ‘‘भारत गौरव’’ के अवार्ड से सम्मानित किया गया है।

इस अवसर पर यूएई में हाईएस्ट सिटीजन अवार्ड विजेता पेपर बैग बाॅय के नाम से प्रसिद्ध श्री अब्दुल मुकीत को युवा रत्न अवार्ड से सम्मानित किया जायेगा। साथ ही इंटरनेशनल बैडमिंटन खिलाडी श्री शुभम टेलर को स्पोर्ट्स अवार्ड, से सम्मानित किया जायेगा ।इस अवसर पर सम्मान समारोह में प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह, गोल्ड मेडल व शाल देकर प्रतिभाओं को ‘‘भारत गौरव’’ के अलंकरण से सम्मानित किया गया।इस अवसर पर अतिथियों का स्वागत संस्कृति युवा संस्था के सचिव सुनील कुमार जैन, श्री बी.के. पारीक, श्री सुरेन्द्र वर्मा, श्रीमती नम्रता जैन, श्री अजय बंसल, अनिल जैन, राकेश जैन ने किया।

० आशा पटेल ० 

जयपुर ! संस्कृति युवा संस्था की ओर से दुबई की होटल अटलांटिस में 8वां ‘‘भारत गौरव अवार्ड’’ समारोह 23 दिसम्बर को आयोजित होगा। जिसमें देश -विदेश की नामचीन हस्तियों को ‘‘भारत गौरव’’ के अलंकरण से विभूषित किया जायेगा। संस्कृति युवा संस्था के सचिव सुनील कुमार जैन ने बताया है कि यह भव्य आयोजन दुबई मेंआयोजित किया जायेगा। समारोह के मुख्य अतिथि यूएई के प्रमुख शेख आबाद बिन मोहम्मद बिन शेख मुजरेन दुबई, समारोह की अध्यक्षता संस्कृति युवा संस्था के इंटरनेशनल अध्यक्ष पं. सुरेश मिश्रा होंगे एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रधान संरक्षक लोकेन्द्र सिंह कालवी एवं अमेरिका की सिनेटर एवं दा ग्रीन बेग फाउंडेशन की चेयरमैन श्रीमती मीरा गांधी होगी। 

इस समारोह में भारत, ब्रिटेन, अमेरिका, न्यूजीलैंड, पेरिस, मलेशिया, दुबई सहित कई देशों के प्रतिनिधि सम्मिलित होगें।इस अवसर पर प्रमुख जैन संत परमपूज्य 108 श्री विराग सागर जी महाराज , संगीतकार पद्मभूषण पं. विश्वमोहन भट्ट, पद्मश्री रामकिशोर छीपा, अक्षय पात्र फाउंडेशन के चेयरमैन पद्मश्री मधु पण्डित दास , दुबई से रिजवान साजन, नवीन शर्मा, विजय समयानी, राजेश भीमसरिया, दुबई में स्वामीनारायण संस्था के डायरेक्टर ब्रहमविहारी स्वामी, जैन साध्वी गणनी आर्यिका 105 स्वस्ति भूषण माताजी, डच बैंक के सीईओ साकेत मिश्रा, प्रसिद्व व्यवसायी सुबात्रो शाह, ग्रीन मैन ऑफ इण्डिया विरल देसाई, वर्ल्ड ट्रेड पार्क के चेयरमैन अनूप बरतरिया, राज योगा सेंटर दुबई की डायरेक्टर सिस्टर ज्योति, निर्भया की मां श्रीमती आशा देवी, मलेशिया से डॉ. अमेया अशोक हसमानीस, इण्डो न्यूजीलैंड सोसायटी के चेयरमैन सुनील कौशल (न्यूजीलैंड), सारंगी वादक उस्ताद इकराम खान कलावंत, वुमेन एंटरप्रेन्योर एण्ड ग्लोबल आईकन मासूम मीनावाला (पेरिस),

 यूएई में बने गुरुद्वारा के संस्थापक डाॅ. सुरेंद्र सिंह कंधारी, मोटिवेशन स्पीकर पद्मश्री गौर गोपाल दास, शारजाह में फंसे 168 भारतीयों को देश वापसी करवाने वाले सोशल वर्कर जितेन्द्र मतलानी (दुबई), इंडियन एक्ट्रेस, नेट फ्लेक्स फैन श्रीमती सीमा तापरिया, एंटरप्रेन्योर एवं पोलो प्लेयर अश्विनी कुमार शर्मा को भारत गौरव के अवार्ड से सम्मानित किया जायेगा। कार्यक्रम का संचालन गोविन्द पारीक करेंगे ! इस अवसर पर यूएई में हाईएस्ट सिटीजन अवार्ड विजेता पेपर बैग बाॅय के नाम से प्रसिद्ध अब्दुल मुकीत को युवा रत्न अवार्ड से सम्मानित किया जायेगा ! साथ ही इंटरनेशनल बैडमिंटन खिलाड़ी शुभम टेलर को स्पोर्ट्स अवार्ड से सम्मानित किया जायेगा। सुनील जैन ने बताया कि इस अवसर पर भारत देश के उत्थान में इन प्रवासी भारतीयों का किस प्रकार से योगदान हो सकता है। इस पर भी विस्तृत चर्चा होगी।

० आशा पटेल ० 

जयपुर । राज्य में 24- 25 जनवरी को होने वाले ‘इन्वेस्ट राजस्थान’ के क्रम में अमेरिका के निवेशकों के साथ वर्चुअल रोड़ शो आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री शकुंतला रावत ने अमेरिका की 80 से अधिक कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की और राजस्थान में निवेश करने के लिए आंमत्रित किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की मंशा अनुरूप औद्योगिक क्षेत्र में विकास किया जा रहा है।

श्रीमती रावत कहा कि भारत और अमेरिका के बीच आपसी संबंधो का आधार निरन्तर विस्तृत होता जा रहा है एवं वर्तमान मे इसमें आर्थिक और व्यापारिक मुद्दों, रक्षा तथा सुरक्षा, शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, परमाणु उर्जा, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी एवं अनुप्रयोग, पर्यावरण एवं स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में सहयोग सम्मिलित है। दोनों देशों का आपसी मेल जोल व संवाद इन द्विपक्षीय संबंधो को और अधिक उर्जावान और मजबूत बना रहा है।

निवेशकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि राजस्थान प्राकृतिक रुप से भी निवेश के अनुकूल है। साथ ही, माननीय मुख्यमंत्री द्वारा उद्योगों को ध्यान रखकर बनाई गई नीतियां और योजनाओं के द्वारा भी राज्य में लगातार निवेश आकर्षित हो रहा है। एचपीसीएल के साथ राज्य सरकार द्वारा जोइन्ट वेन्चर में रिफाईनरी का निर्माण किया जा रहा है। रिफाईनरी से निकलने वाले सह उत्पादों के लिए डाउन स्ट्रीम इण्डस्ट्रीज की स्थापना हेतु करीब 250 वर्ग किलोमीटर में पेट्रोलियम, कैमिकल एवं पेट्रोकैमिकल निवेश क्षेत्र (पीसीपीआईआर) की स्थापना की जा रही है। जिसमें अनेक बड़े उद्योग स्थापित होंगे और लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा।

उन्होंने कहा कि राजस्थान में देश का सबसे बड़ा औद्योगिक भूमि बैंक है। रीको द्वारा सभी सुविधाओं से युक्त 360 से अधिक औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जा चुके हैं। जल्द ही करीब 100 से अधिक नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाएंगें। उन्होंने कहा कि लीडर श्रेणी के देश के सर्वश्रेष्ठ 68 औद्योगिक पार्कों में 25 राजस्थान के हैं। इसके अलावा सेक्टर विशेष को ध्यान में रखते हुए औद्योगिक क्षेत्र, पार्क और जोन विकसित किए जा रहें हैं। 

वर्चुअल रुप से जुड़े अमेरिका के निवेशकों को 24-25 जनवरी को आयोजित होने वाले इन्वेस्ट राजस्थान समिट में आंमत्रित करते हुए उन्होंने कहा कि इस समिट में आपको राज्य की औद्योगिक विकास की झलक देखने को मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस समिट के क्रम में देश और विदेश के निवेशकों के संपर्क कार्यक्रम आयोजित किए जा रहें हैं। राज्य में निवेश की मंशा रखने वाले निवेशकों के साथ एमओयू और एलओआई किए जा रहें हैं। उन्होंने कहा कि इन्वेस्टर्स कनेक्ट कार्यक्रमों में अब तक करीब 5 लाख करोड़ रुपये के प्रस्तावित निवेश के प्रस्तावों पर हस्ताक्षर किए जा चुके हैं। जिसमें दुबई से करीब 46 हजार करोड़, दिल्ली से 78 हजार 700 करोड़, मुम्बई से 1 लाख 94 हजार 950 करोड़, अहमदाबाद से 1 लाख 5 हजार करोड़ और बैंगलोर से 74 हजार 312 करोड़ रुपये के प्रस्तावित निवेश प्रस्ताव शामिल हैं।

इस वर्चुअल कार्यक्रम में उद्योग एवं वाणिज्य शासन सचिव तथा एमडी रीको श्री आशुतोष ए. टी. पेडणेकर, उद्योग एवं वाणिज्य आयुक्त श्रीमती अर्चना सिंह, राजस्थान फाउंडेशन के आयुक्त धीरज श्रीवास्तव, वाशिंगटन डीसी में स्थित इंडियन एम्बैसी के मिशन उप प्रमुख सुधाकर दलेला, सीआईआई के इंडिया बिजनेस फोरम और नॉर्थ अमेरिकाक रेजीडेंट डायरेक्टर माइकल मैककेबे, राजस्थान सीआईआई के चेयरमैन  संजय साबू, प्रॉक्टर एंड गैंबल के मेजर सचान सैनी के साथ ही उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी वर्चुअल रुप से जुड़े।

० संवाददाता द्वारा ० 

ग्वालियर - बालिका ग्रुप द्वारा फ़ोर्ट ग्वालियर इंटरनेशनल स्कूल में जिला बाल अधिकार फोरम द्वारा तैयार  गोपाल किरन समाजसेवी संस्था अध्यक्ष श्रीप्रकाश सिंह निमराजे के नेतृत्व में मुख्यतार हुसैन संचालक फोर्ट ग्वालियर इन्टरनेशनल स्कूल के मार्गदर्शन में जहाँआरा के संचालन में संगीता शाक्य मख्य संरक्षक ,Er.आर. एस. वर्मा (IRES) के संरक्षकत्व में स्लोगन,संकल्प, शपथ, व बच्चों के ग्रुप को मजबूत बनाने की प्रकिया अपनाई गई। श्रीप्रकाश सिंह निमराजे ने कहा है कि बच्चों में प्रतिभा की कमी नहीं है, जरूरत सिर्फ उनकी प्रतिभा को तराशने और उन्हें अच्छे अवसर प्रदान करने की है।

 इस वर्ष सफल हुए सभी विद्यार्थियों बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ये विद्यार्थी जिन क्षेत्र से आए हैं, वहां के बच्चों को भी पढ़ाई के लिए प्रेरित करें और जिस संस्थान में वे अध्ययनरत हैं, उसमें अच्छा स्थान प्राप्त कर प्रदेश और विद्यालय का नाम रौशन करें। विश्वास व्यक्त किया कि इस विद्यालय से सफल होकर निकले विद्यार्थी आने वाले विद्यार्थियों के लिए सफलता का पथ प्रशस्त करने का कार्य करेंगे। अपने कार्यों व बच्चों के अधिकार के प्रति जागरूक करेंगे।  विद्यालयों के विद्यार्थियों ने अपनी प्रतिभा को निखारने के लिए राष्ट्रीय प्रतिभा खोज, विज्ञान पहेली, गणित एवं विज्ञान ओलम्पियाड जैसी राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा में भाग लेकर सफलता प्राप्त कर सकते है।

इस अवसर पर बच्चों ने सुंदर स्लोगन लिखकर अपने विचारों की अभिव्यक्ति दी। उसके बाद बाल ग्रुप को मजबूती का प्रयास करते हुऐ बदलाव किया गया जिसमे निम्न पदाधिकारी बने। अध्यक्ष- ईफराज,उपाध्यक्ष- राजवीर, सचिन- सोनम प्रजापति ,उपसचिव- मिस्टी,कोषाध्यक्ष-आयुष ,संगठन सचिव-तमन्ना धनावत बने उन  बच्चों को शपथ व संकल्प दिलाया गया। 

साथ ही  रंगोली कार्यक्रम में नई दिल्ली से विशेष रूप से आशा सागर व एलिन सागर भी उपस्थित हुई।  साथ ही गोपाल किरन समाजसेवी संस्था के अध्यक्ष श्रीप्रकाश सिंह निमराजे, श्रीमती सुनीता गौतम, विद्यालय के संचालक मुख्तयार हुसैन  , हेमंत कुमार, शारिक हुसैन ,अनुष्का गौतम, अवनि गौतम  ने बच्चों बनाई गई विभिन्न रगों बनाई गई रंगोली का अवलोकन किया। रंगोली को भाग लेने वाले प्रतिभागियों को पांच ग्रुप में विभाजित किया ।प्रत्येक ग्रुप को अलग -अलग  लोगों ने फेसीलेटर किया जिसमे अंजली राजपूत, शिवानी राजावत, प्रिया चौहान, मुस्कान खान  ओर नेतृत्व 

बालिका ग्रुप ने की अध्यक्ष- ईफराज,उपाध्यक्ष- राजवीर ,सचिन- सोनम प्रजापति, उपसचिव- मिस्टी ,कोषाध्यक्ष-आयुष संगठन सचिव-तमन्ना धनावत ,ने किया।  जिसमेंबच्चों ने रंगोली में माता पिता के साथ बच्चा,स्कूल जाता बच्चा, खेलता हुआ बच्चा ,सकूल में पढता हुआ.माँ की गोद में बच्चा,मां के हाथ से खाना खाता बच्चा ,साइकिल चलाता बच्चा ,पानी बचाओ,कोविड आदि पर संदेश देते हुए विभिन्न रंगो के माध्यम से अपने सुन्दर भावों की अभिव्यक्ति को प्रदर्शित किया। धन्यवाद यूनिसेफ 75,यूनिसेफ 75,प्रदर्शित किया।

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