नई दिल्ली, द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (टीईआरआई या टेरी) 16 से 18 फरवरी तक अपने प्रमुख वार्षिक कार्यक्रम, 21वें वर्ल्ड ससटेनेबिलिटी डेवलपमेंट समिट (डब्ल्यूएसडीएस) 2022 का आयोजन कर रहा है। शिखर सम्मेलन का उद्देश्य एक लचीला ग्रह बनाना और एक स्थायी तथा न्यायसंगत भविष्य सुनिश्चित करना है। तीन दिवसीय वर्चुअल समिट में दुनिया भर से अंतरराष्ट्रीय गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति शामिल है।
वर्ल्ड ससटेनेबल डेवलपमेंट समिट 2022 में कई देशों के प्रमुख, अंतरराष्ट्रीय संगठनों, सरकार, व्यापार और उद्योग, अनुसंधान और शिक्षाविद, नागरिक समाज और युवाओं के प्रतिनिधि एक साथ आएंगे ताकि ग्रहों का लचीलापन बेहतर करने के लिए समान प्रतिक्रियाओं के लिए आवश्यक तौर-तरीकों पर विचार-विमर्श किया जा सके। शिखर सम्मेलन का इरादा जलवायु परिवर्तन, सतत खपत और उत्पादन, ऊर्जा और संसाधन सुरक्षा, लचीलापन और वैश्विक साझा पर महत्वपूर्ण चर्चा करना है। इस शिखर सम्मेलन में मंत्रीस्तरीय सत्र, यूथ प्लीनरी, महिला नेतृत्व प्लीनरी, कॉरपोरेट प्लीनरी पूर्ण और अन्य थीमैटिक ट्रैक शामिल होंगे। शिखर सम्मेलन ऐक्ट4अर्थ (Act4Earth) घोषणापत्र और ऐक्ट4अर्थ (Act4Earth) रणनीति पत्र भी जारी करेगा ताकि सभी स्तर पर प्रतिबद्धता को सुदृढ़ करने के लिए महत्वाकांक्षा और कार्रवाई को बढ़ाया जा सके। इसका मकसद वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक टिकाऊ और न्यायसंगत दुनिया बनाना है।
द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट की डायरेक्टर जनरल महानिदेशक डॉ. विभा धवन ने कहा, "टेरी का वर्ल्ड ससटेनेबिलिटी डेवलपमेंट समिट एक विकासशील देश द्वारा आयोजित अपनी तरह का अकेला आयोजन है। यह दुनिया भर से राजनीतिज्ञों, विज्ञान विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों और नागरिक समाज के प्रचारकों को आमंत्रित करता है। यह सम्मेलन 20 से अधिक वर्षों से विचार-विमर्श के जरिए सतत विकास और जलवायु कार्रवाई पर विभिन्न विचारों को सफलतापूर्वक सामने लाता रहा है ताकि राजनीतिक प्रतिष्ठानों और नागरिक समाज को कार्रवाई के लिए संवेदनशील बनाया जा सके। शिखर सम्मेलन की इस श्रृंखला में अब तक हमने 25000 से अधिक प्रतिनिधियों की मेजबानी की है। हम इस साल 21वें शिखर सम्मेलन के सभी हितधारकों की सक्रिय भागीदारी की प्रतीक्षा कर रहे हैं।”
तीन दिवसीय आभासी शिखर सम्मेलन में प्रमुख वक्ता हैं:
· गुयाना गणराज्य के राष्ट्रपति डॉ इरफ़ान अली · सुश्री अमीना जे. मोहम्मद , यूनाइटड नेशंस की डिप्टी सेक्रेट्री जनरल · स्टीवन गुइलबॉल्ट , मंत्री, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, कनाडा· जॉन फोर्ब्स केरी, जलवायु के लिए राष्ट्रपति के विशेष दूत, संयुक्त राज्य अमेरिका· डॉ यास्मीन फौद, मंत्री, पर्यावरण मंत्रालय, मिस्र· एस्पेन बार्थ ईद , मंत्री, जलवायु और पर्यावरण मंत्रालय, नॉर्वे · सुश्री एम्मा कारी , पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री, फिनलैंड · एमएस अमीनाथ शौना, मंत्री, पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, मालदीव · सुश्री बारबरा पॉम्पिली , मंत्री, पारिस्थितिक पारगमन (इकोलॉजी ट्रांजिशन) मंत्रालय, फ्रांस सरकार · नितिन देसाई , अध्यक्ष, ऊर्जा और संसाधन संस्थान · सुश्री स्टेफी लेमके , मंत्री, पर्यावरण, प्रकृति संरक्षण, परमाणु सुरक्षा और उपभोक्ता संरक्षण, जर्मनी के लिए संघीय मंत्रालय अब्दुल्ला शाहिद, विदेश मंत्री,
मालदीव और संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र के अध्यक्ष· सुश्री पेट्रीसिया एस्पिनोसा, कार्यकारी सचिव, जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन· फ्रैंस टिमरमैन, आयुक्त और कार्यकारी उपाध्यक्ष- यूरोपीय ग्रीन डील, यूरोपीय आयोग · प्रो पेटेरी तालास , महासचिव, विश्व मौसम विज्ञान संगठन, जिनेवा, स्विटजरलैंड· रोटेरियन आलोक शर्मा , सीओपी26 के प्रेसिडेंट और कैबिनेट कार्यालय, यूनाइटेड किंगडम में राज्य मंत्री· मनीष चौरसिया, प्रबंध निदेशक और सीईओ, टाटा क्लीनटेक कैपिटल लिमिटेड। · एरिक सोलहेम , संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण के पूर्व कार्यकारी निदेशक और ग्रीन बेल्ट एंड रोड इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष · डॉ पलनीवेल थियागा राजन, मंत्री, वित्त और मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय, मदुरै, तमिलनाडु
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