पराजुली ने इस अवसर पर कहा, "इस नीतिक साझेदारी में गहरे और लंबे समय से किए जा रहे कार्य और अनुभवों का मिलाप हो रहा है जिससे कई गुना अधिक प्रभाव पैदा होगा। 1961 में अपनी शुरूआत से ही वर्ल्ड फ़ूड प्रोग्राम ने विद्यालयों में बच्चों को भोजन दिलाना अपना लक्ष्य माना है। विद्यालय में भोजन देने की पहल को समर्थन का पिछले छह दशकों का अनुभव डब्ल्यूएफपी के पास है, राष्ट्रीय स्तर पर स्कूल भोजन की शाश्वत पहल चलाने के लिए डब्ल्यूएफपी 100 से ज़्यादा देशों के साथ काम कर रहा है।"
उन्होंने आगे कहा, "स्कूल मील्स कोएलिशन्स के लिए भारत नीतिक दृष्टी महत्वपूर्ण है, इसकी शुरूआत पिछले साल में की गयी थी और डब्ल्यूएफपी इस पहल की एक कोऑर्डिनेटिंग बॉडी है, स्कूली बच्चों को पोषण सुरक्षा प्रदान करने वाला यह दुनिया की सबसे बड़ी स्कूल भोजन पहल है। स्कूल भोजन योजना और इससे जुड़े कई दूसरे कार्यक्रम सफलतापूर्वक चलाने में भारत का प्रदर्शन बहुत ही अच्छा रहा है, जो अन्य देशों के लिए प्रेरणादायी हो सकता है।"
द अक्षय पात्र फाउंडेशन के वाईस चेयरमैन श्री चंचलापति दास ने बताया, "खाद्य सुरक्षा हासिल करने की दिशा में हमारा देश आगे कदम बढ़ा रहा है। भारत में स्कूल भोजन योजना की वजह से बच्चों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित हो चुकी है। समाज के सबसे नीचले स्तर में भी कोई भी भूखा न रहें इसलिए काम करने की हमारी निपुणताओं के साथ दुनिया भर में बड़े पैमाने पर भोजन योजना चलाने वाले डब्ल्यूएफपी के ग्लोबल नेटवर्क को इस साझेदारी के जरिए पूरक बनाना हमारा उद्देश्य है।" दास ने कहा, "स्कूल भोजन पहल के विषय में दुनिया भर के देशों के साथ जानकारी और अनुभवों का आदानप्रदान हम करना चाहते हैं ताकि एक ऐसा विश्व बनें जहां बच्चों को उनका भोजन पाने के लिए काम नहीं करना होगा, शिक्षा पाने के लिए कमाना नहीं पड़ेगा।"
भूख और कुपोषण के उन्मूलन के लिए काम के लंबे समय के, सफल अनुभवों और निपुणताओं का बल जिनके पास है ऐसी दो संस्थाएं इस दीर्घकालिक साझेदारी में हाथ मिला रही हैं। खाद्य सुरक्षा और सफाई की परियोजनाओं में परिसंचालन और कार्यान्वयन से जुड़ी कमियों को दूर करने, कुक और हेल्पर्स की क्षमतओं और भोजन की पोषण गुणवत्ता में सुधार लाने का लक्ष्य लेकर यह साझेदारी आगे बढ़ेगी।
भारत में पीएम-पोषण योजना के कार्यान्वयन के बारे में जानकारी देने वाले वर्कशॉप्स का आयोजन करने तक के कई काम इस साझेदारी के ज़रिए करने का निर्णय लिया गया है। स्कूल भोजन योजना की गुणवत्ता में लगातार सुधार ला सकें ऐसे नीतिक कारकों को योजना में शामिल करने के लिए सरकार के साथ बातचीत को भी इस साझेदारी के कार्यों में लाया जाएगा।
डब्ल्यूएफपी और अक्षय पात्र फाउंडेशन मिलकर एक स्टीयरिंग कमिटी बनाएंगे जिसमें दोनों संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल होंगे। इस साझेदारी के ज़रिए जो काम करने हैं उनकी योजना, उसके बारे में चर्चा और समीक्षा करने के लिए हर तीन महीनों में एक बार इस कमिटी की मीटिंग होगी। इन सभी कामों के ज़रूरी वित्तीय संसाधन यह दो संस्थाएं जुटाएंगी
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