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० संवाददाता द्वारा ० 

छिन्दवाड़ा - कपड़ा बैंक सेवा सहयोग संगठन अपने सेवा कार्यों के लिए जिला ही नहीं वल्कि प्रदेश के अन्य जिलों में भी जाना जाने लगा है l सेवा के इस कार्यों में बहुत से समाज सेवक एवं कार्यकर्ताओं ने अपनी निःस्वार्थ सेवा एवं मदद प्रदान करते चले आ रहे है l जिला की समाज सेविका ममता बारसिया जिले में अपने सेवाभाव एवं मदद के लिए पहचानी जाती है व कपड़ा बैंक में काफी दिनों से सक्रीय स्वयं सेविका के रूप में कार्य से जुडी हुई है l जिला मीडिया प्रभारी श्याम कोलारे ने बताया कि गत दिवस कपड़ा बैंक संरक्षक श्री फिरोज शमीम थोबानी, 

अखिलेश प्रताप सिंह, निर्मला घई,अध्यक्ष हेमलता महेश भावरकर, उपाध्यक्ष गुंजन जैन,मनीष विश्वकर्मा सचिव हरीश नागले, कोषाध्यक्ष मनीष कुषवाहा, विशेष सदस्य आराधना शुक्ला, महेश शर्मा, नवीन साहू, संजय सतीजा, कलेक्शन प्रभारी ओम वारासिया, सोनू पाटिल, शशि मस्तकार के अनुमोदन से ममता बारसिया को प्रबंध अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया lपद का प्रभार लेते हुए ममता बारसिया में कहा कि पद की गरिमा एवं मनोनयन का परम उद्देश कपड़ा बैंक सेवा सहयोग संगठन के कार्यों का सभी पदाधिकारियों, सदस्य, कार्यकर्त्ता, दानदाता से समन्यवय बनाकर संस्था के कार्यों का प्रचार प्रसार एवं जनकल्याण को ध्यान में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेगी l

० संवाददाता द्वारा ० 

मुंबई, क्या आपने कभी सोचा है कि आप वर्चुअल तरीके से (अपने घर से निकले बिना) अपनी बैंक शाखा में जा सकते हैं या किसी सलाहकार के साथ आसानी से निवेश योजनाओं पर चर्चा कर सकते हैं? खैर, वह दिन दूर नहीं है जब आप आराम से अपने घर बैठे बैंकिंग जानकारी का उपयोग कर सकते हैं और विभिन्न बैंकिंग उत्पादों का लाभ उठा सकते हैं। वैश्विक स्तर पर वित्तीय संस्थानों और सरकारों को सेवा उपलब्ध कराने वाले सबसे नवीन डिजिटल समाधान प्रदाताओं में से एक, Kiya.ai ने आज भारत के पहले बैंकिंग मेटावर्स (Metaverse) - Kiyaverse के शुभारंभ की घोषणा की।

Kiyaverse के प्रवर्तक अवतार (वर्चुअल ह्युमैनॉयड) आधारित इंटरेक्शंस के माध्यम से Metaverse बैंकिंग के साथ वास्तविक दुनिया की बैंकिंग को समेकित करने वाले मामलों का उपयोग करते हैं। पहले चरण में, Kiyaverse के जरिए बैंक अपने ग्राहकों, भागीदारों और कर्मचारियों के लिए अपने स्वयं के Metaverse उपलब्ध करा सकेंगे। ये Metaverse सेवाओं के जरिए उपलब्ध कराए जाएंगे जिनमें रिलेशनशिप मैनेजर और पीयर अवतार एवं रोबो-एडवाइजर शामिल होंगे। Kiyaverse ने एनएफटी (NFT) के रूप में टोकन रखने और वेब 3.0 वातावरण में खुले वित्त को सक्षम करने के लिए सीबीडीसी (CBDC) का समर्थन करने की योजना बनाई है। Kiyaverse अपने ओपन एपीआई कनेक्टरों को एग्रीगेटर्स और गेटवे के साथ इंटरफेस करेगा ताकि Metaverse पर सुपर-ऐप और मार्केटप्लेस को सक्षम किया जा सके। हैप्टिक्स एनेबल्ड हेडसेट लॉन्च किए जाने के साथ, Kiyaverse इंटरनेट ऑफ सेंसेज का उपयोग करके वास्तविक दुनिया का इंटरेक्शन प्रदान करेगा।

Kiya.ai के एमडी और सीईओ, राजेश मिर्जांकर ने कहा, “जबकि डिजिटल बैंकिंग कार्यात्मक रूप से अन्योन्याश्रित और समावेशी है, लेकिन इसे अक्सर भावनात्मक रूप से अलग रूप में देखा जाता है। Metaverse के जरिए बैंक मानव स्पर्श के साथ अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग कर सकेंगे जिससे ग्राहक के साथ संबंध काफी गहरा और वैयक्तिकृत हो सकेगा। Kiyaverse, Metaverse में सार्थक एप्लिकेशंस प्रदान करता है जो वास्तविक दुनिया से जुड़े प्रासंगिक व्यावसायिक उपयोग के मामलों पर लागू होते हैं। इसके जरिए बैंक डेटा विज़ुअलाइज़ेशन और प्रक्रियाओं व प्रविधियों के गैमिफिकेशन के लिए सर्वोत्तम परिणाम लाने हेतु एन्हांस्ड UX की क्षमता का उपयोग करने में सक्षम होंगे। Kiyaverse रियल वर्ल्ड, मिक्स्ड रियलिटी और वर्चुअल रियलिटी एनवायरमेंट्स में व्यक्तिगत अवतारों का उपयोग करके क्रॉस - फंक्शनल मल्टी - एक्सपीरियंस प्रदान करता है। हमारे प्रोडक्ट के रोडमैप में सीबीडीसी (CBDC) के साथ एकीकरण और अन्य Metaverse के साथ इंटरऑपरेबिलिटी शामिल है ताकि Metaverse में ओपन फाइनेंस को सक्षम बनाया जा सके।"

Kiyaverse ग्राहकों को डिजिटल बैंकिंग इकाइयों, मोबाइल, लैपटॉप, वीआर हेडसेट और मिक्स्ड रियलिटी एनवायरमेंट्स पर अपने व्यक्तिगत अवतारों का उपयोग करने में सक्षम करेगा। यह मंच वास्तविक दुनिया से आभासी दुनिया में और आभासी दुनिया से वास्तविक दुनिया में बैंकिंग सेवाओं को लाएगा; और रिलेशनशिप मैनेजर के अवतार निर्माण और अनुकूलन, एआई - आधारित डिजिटल ग्राहक इंटरैक्शन, पोर्टफोलियो विश्लेषण, धन प्रबंधन, सह - उधार और कॉर्पोरेट बैंकिंग के साथ इंटरेक्शन करेगा। Kiyaverse सीएमओ इनसाइट्स, उत्पाद प्रदर्शन, जोखिम विश्लेषण और चैनल एनालिटिक्स सहित बैंकों के लिए डेटा का 3-आयामी विश्लेषण प्रदान करता है।

० योगेश भट्ट ० 

पटना :जदयू के राष्ट्रीय सचिव राजीव रंजन प्रसाद ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को देश का सर्वकालीन सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री बताया है.  प्रसाद ने कहा कि नीतीश कुमार को खाली खजाना, बदहाल कानून एवं व्यवस्था ,जर्जर सड़कें, बिजली के अभाव में अंधकार ,फटेहाल स्वास्थ्य व्यवस्था ,चरम पर उग्रवाद एवं औधोगिक मानचित्र पर शून्य बिहार मिला था. प्रसाद ने कहा कि अपने कार्यशैली से एक बीमार राज्य को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाने का अविश्वसनीय करिश्मा उन्होंने कर दिखाया.

जहां राज्य का योजनाकार 2005 से 2022 तक आठ गुना बढ़ गया वहीं अंधकार से रोशनी का सफर श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में संपन्न हुआ।22 से 24 घंटे गांव एवं शहरों में उपलब्ध है. गड्ढे में सड़क या सड़क में गड्ढे के बदनाम मुहावरे को बदल कर उन्होंने राज्य में गुणवत्तापूर्ण सेतु, महासेतुओं,राज्य उच्च पथ, शहरों एवं ग्रामीण इलाकों में सड़कों काजाल बिछा दिया। प्रसाद ने कहा कि लाखों शिक्षकों की नियुक्ति,नए भवनों का निर्माण, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों का निर्माण एवं शानदार कोविड प्रबंधन इसकी बानगी है।

कानून एवं व्यवस्था के एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार प्रति लाख आबादी के आधार पर अनुसूचित जाति जाति ,अल्पसंख्यक, महिला ,बच्चों, एवं अन्य कमजोर तबकों के खिलाफ अपराध की तालिका में बिहार 18वें से 29 वें पायदान पर है।जबकि बिहार आबादी की दृष्टि से दूसरे नंबर पर है। प्रसाद ने कहा कि पंचायती व्यवस्था में आरक्षण, अतिपिछड़ा एवं महादलित समूहों के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से सामाजिक गैरबराबरी के विरुद्ध उन्होंने बड़ा बदलाव लाने का कार्य किया। औधोगिक मानचित्र पर बिहार उभर रहा है।एथनॉल उत्पादन के लिए अनेक उद्योग लगाए जा रहे है।

एसआइपीबी के समक्ष लगभग 40हज़ार करोड़ रुपए के प्रस्ताव आ गए हैं।वहीं बिहार को टेक्स्टायल हब बनाने की तैयारी है। प्रसाद ने ने कहा कि एक विजनरी लीडर के रूप में शराबबंदी जैसा कालजयी निर्णय लिया साथ ही अब सभी दलों को सहमत करा कर जाति आधारित गणना पर फैसला लेकर अपने दृढ़ निश्चयी व्यक्तित्व का पुनः परिचय पूरे राष्ट्र को करा दिया।


० योगेश भट्ट ०                                           

कोलकाता । राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने हिंदी पत्रकारिता पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि मीडिया के सामने आज विश्वसनीयता का संकट बना हुआ है। पहले विचारों का दौर था, जबकि आज सोशल मीडिया से चुनौती है। उन्होंने कहा कि उम्र लंबी नहीं, बल्कि सार्थक होनी चाहिए, जैसी हिंदी के पहले अखबार 'उदन्त मार्तण्ड' की थी। मौजूदा समय में खबरों पर यकीन कम होना मीडिया के लिए चिंता का विषय है।
कोलकाता के दैनिक समाचार पत्र 'छपते-छपते', 'ताजा खबर' और प्रेस क्लब, कोलकाता के द्वारा नेताजी इंडोर स्टेडियम में आयोजित इस सम्मेलन में भारतीय जन संचार संस्थान के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी, राज्यसभा सांसद श्री नदीमुल हक, वरिष्ठ पत्रकार श्री विनोद अग्रिहोत्री, भारतीय भाषा परिषद के निदेशक प्रो. शंभूनाथ, भारतीय प्रेस परिषद् की सदस्य डॉ. सुमन गुप्ता, प्रेस क्लब, कोलकाता के अध्यक्ष श्री स्नेहाशीष सुर यूको बैंक के जीएम श्री नरेश कुमार बतौर विशिष्ट अतिथि मौजूद रहे।

 हरिवंश ने कहा कि कोलकाता से ही हिंदी का पहला समाचार पत्र 'उदन्त मार्तण्ड' 30 मई 1826 को प्रकाशित हुआ था। कोलकाता हमेशा से चेतना, चिंतन और पुर्नजागरण का केंद्र रहा है। भाषाई पत्रकारिता के बारे में उन्होंने कहा कि इसने देश को एक नई दिशा प्रदान कर समाज को नई दिशा दी। वह विचारों का दौर था जबकि आज टेक्नोलॉजी का युग है। आज विचार नहीं, बल्कि टेक्नोलॉजी हमारे विचार तय कर रही है। राज्यसभा के उपसभापति के अनुसार सोशल मीडिया से आज पत्रकारिता के सामने साख का संकट खड़ा हो गया है। फेसबुक, ट्विटर आदि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर रोजाना लाखों फेक न्यूज परोसी जा रही है। हम सभी को मिलकर इसका सामना करना होगा। श्री हरिवंश ने इस अवसर पर पाठकों के रवैये पर भी गंभीर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि जो लोग अखबार मुफ्त में चाहते हैं, वे यह भी उम्मीद करते हैं कि उनका अखबार ईमानदार भी रहे।

इस अवसर पर भारतीय जन संचार संस्थान के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि जीवन के हर क्षेत्र में आज अवमूल्यन हुआ है, जिसका असर मीडिया पर भी पड़ा है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर प्रसारित भ्रामक खबरों के लिए मीडिया को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। द्विवेदी ने कहा कि वे अपने संस्थान में छात्रों को हमेशा जल्दबाजी में किए गए लाइक, कमेंट और शेयर से बचने की सलाह देते हैं।
प्रो. द्विवेदी के अनुसार सूचना और समाचार में अंतर होता है। सूचना गलत हो सकती है, लेकिन समाचार गलत नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि पत्रकार का धर्म आधा सच बताना नहीं है, बल्कि एक भारत और श्रेष्ठ भारत के लिए ईमानदारी से काम करना है

राज्यसभा सांसद श्री नदीमुल हक ने कहा कि भाषा केवल एक माध्यम है। यह लोगों को जोड़ने का काम करती है, लेकिन कुछ लोग भाषा का दुरुपयोग कर लोगों का बांटने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक पत्रकार को इस बारे में सलीके से सोचने की जरूरत है। इस बात को भी ध्यान रखना होगा कि कागज के दाम बढ़ रहे हैं, जबकि विज्ञापन दर और पाठकों की संख्या कम हो रही है। इस चुनौती का सामना अखबार किस प्रकार करे यह विचारणीय सवाल है। भारतीय भाषा परिषद के निदेशक प्रो. शंभुनाथ ने कहा कि आधुनिक युग में कलम की जगह माउस और कागज की जगह कंप्यूटर स्क्रीन ने ले ली है। समय की जरूरत है कि पत्रकार वैज्ञानिक दृष्टि से काम करें और अंधविश्वास फैलाने से बचें। उन्होंने कहा कि पाठकों को सही और सटीक खबर जानने का अधिकार है और जब तक पाठकों के अधिकार की पूर्ति नहीं होगी, तब तब उनकी मांग जारी रहेगी।

भारतीय प्रेस परिषद की सदस्य और लखनऊ से प्रकाशित होने वाले अखबार 'जनमोर्चा' की संपादक डॉ. सुमन सिंह ने कहा कि पत्रकारिता के लिए बंगाल प्रयोग की धरती रही है। वर्तमान में यह दुखद है कि अखबारों से संपादक नामक पद धीरे-धीरे खत्म हो रहा है। वक्त के साथ पत्रकारिता बदली है। अब अखबारों को पाठक नहीं ग्राहक चाहिए। वरिष्ठ पत्रकार श्री विनोद अग्निहोत्री ने कहा कि हम इस सच्चाई से इंकार नहीं कर सकते कि हर दौर और हर क्षेत्र में समय-समय पर अच्छे-बुरे दिन आते हैं। उन्होंने कहा कि मेरी नजर में समाज और अखबार का ठीक वैसा ही रिश्ता है, जैसा पानी और मछली का। अग्निहोत्री ने कहा कि बदलते परिवेश में कारोबार, तकनीक और मिशन के सटीक मिश्रण की जरूरत है, जिससे इस उद्योग की साख बच सके। कार्यक्रम का संचालन 'छपते-छपते' के प्रधान संपादक और 'ताजा खबर' के निदेशक श्री विश्वंभर नेवर ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन प्रेस क्लब, कोलकाता के अध्यक्ष श्री स्नेहाशीष सुर ने दिया।

० संवाददाता द्वारा ० 

नयी दिल्ली - गोपाल किरन समाजसेवी संस्था द्वारा 11 जून को इण्डियन सोशल इंस्टीट्यूट ,लोधी रोड, नई दिल्ली में एक दिवसीय राष्ट्रीय शिक्षा संवाद व सावित्रीबाई फुले ग्लोबल आइकॉन शिक्षक अवार्ड का कार्यक्रम आयोजित रहा है। इस संदर्भ मे एक बैठक एवार्ड कार्यालय नई दिल्ली में डॉ. बी. मिश्रा की अध्यक्षता में हुईं। इस अवसर पर  संस्था के अध्यक्ष श्रीप्रकाश सिंह निमराजे ने कार्यक्रम के बारे में बताया कि आयोजन सफल हो इसके लिए विभन्न स्तर पर समिति बनाई गई है 
जिसमें समितियां*पंजीकरण समिति ,भोजन निगरानी समिति,अनुशासन /महिला सुरक्षा समिति ,प्रमाण पत्र वितरण समिति, सांस्कृतिक / समिति ,चिकित्सा समिति ,अतिथियों को लाने ले जाने वाली समिति ,स्वागत समिति ,मंच सज्जा समिति ,रिपोर्टिंग राइटिंग ,दस्तावेजीकरण समिति गठित की जाकर जिम्मेदारी दी गई है। इस कार्यक्रम में प्रमुखता के साथ गुजरात,राजस्थान,दिल्ली,पंजाब,हरियाणा,चंडीगढ़,जम्मू,हिमाचल,झारखंड,महाराष्ट्र,मध्यप्रदेश,छत्तीसगढ़,उत्तरप्रदेश,बिहार,उत्तराखंड, तेलगांना, गोवा, आदि राज्य से प्रमुखता से शिक्षक भाग लेंगे।

नई दिल्ली में आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय शिक्षा संवाद का कार्यक्रम का उद्देश्य पूरे देश की शिक्षा में समानता ओर गुणवत्ता हो,निजी स्कूलों की तर्ज पर सरकारी स्कुलों को कैसे बेहतर बनाया जा सकता है,बच्चों की ऑफ लाइन पढ़ाई के बारे में , ऑनलाइन पढ़ाई में बच्चों ने कितनी पढ़ाई की ओर उसका आउटपुट क्या निकला, विद्यालयों की घटती संख्या , ओर कम होते स्कूल, शिक्षकों को रोजगार की समस्या , नई शिक्षा नीति, का प्रभाव, परस्पर शिक्षकों के अनुभवों का आदान प्रदान,शिक्षा में बजट में वृद्धि ,शिक्षकों की समस्या का व्यापक हल खोजना आदि विषयों पर व्यापक चर्चा /संवाद का हल निकालना है।

कार्यक्रम के आयोजक व कन्सेप्ट प्लानर तथा अध्यक्ष श्रीप्रकाश सिंह निमराजे, ने बताया है कि इस कार्यक्रम की रूपरेखा मैं पुष्पा अनिल , एच.निशा खान के साथ उसके क्रियान्वयन मैं शेलश प्रजापति की भूमिका के साथ नसीम बानो , सुशीला देवी का मोटीवेशन , के फलस्वरूप यह कार्यक्रम एक आकार ले सका है। जिसका समन्वयक समन्वयक शेलश प्रजापति, समिति के प्रभारी मोहनलाल सुमन को बनाया गया है इसके दस्तावेजीकरन प्रीति चौधरी ,अंजू सैनी जी ने निभा रही है। देश के इतिहास मैं यह ऐतिहासिक अवसर है जब पहली बार इतने शिक्षक एक साथ बैठ कर चर्चा करने वाले है।

 11 जून को एक दिवसीय कार्यक्रम में देश के विभिन्न जगहों के साथ ही देश के बाहर के लोगों को आमंत्रित किया गया है। इस अवसर पर कई महत्वपूर्ण सुझाव प्राप्त हुए जो कार्यक्रम की दशा तय करेगा। यह कार्यक्रम देश में एक इतिहास रचेगा है ,जो न केवल एक संस्था या व्यक्ति का है बल्कि इसमें उस हर एक व्यक्ति और संस्था का योगदान है जो समाज को समाज में सकारात्मक बदलाव की सोच रखता है । इसमें उपस्थित होने वाले सहभागीयों , को ह्रदय से आभार जो इस नेक कार्य में आगे आकर बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेने वाले है। इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से रानू छारी, श्रीप्रकाश श्रीवास्तव, रविन्द्र सिंह,शैलेन्द्र कुमार लाल, संयुक्त सचिव,नवजीत सिंह, असलम जावेद आदि ने महत्वपूर्ण सुझाव रखेंगे।

० संवाददाता द्वारा ० 

जयपुर। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा उदयपुर में आयोजित नव संकल्प शिविर में पारित घोषणा पत्र एवं निर्णयों के क्रियान्वयन हेतु राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा की अध्यक्षता में दिनांक 01 व 02 जून को राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी की दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित की जायेगी 
जिसमें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव एवं राजस्थान प्रभारी अजय माकन, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्षगण, पूर्व नेता प्रतिपक्षगण, राज्य से एआईसीसी के पदाधिकारीगण, 
पूर्व केन्द्रीय मंत्रीगण, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारीगण, मंत्रीमण्डल के सदस्यगण, विधायकगण, विधायक प्रत्याशीगण, वर्तमान/निवर्तमान जिलाध्यक्षगण, विभाग व प्रकोष्ठों के निवर्तमान अध्यक्षगण, अग्रिम संगठनों युवा कांग्रेस, एनएसयूआई, महिला कांग्रेस एवं सेवादल के प्रदेशाध्यक्षगण व जिलाध्यक्षगण, राज्यसभा सांसदगण, लोकसभा प्रत्याशीगण, जिला प्रमुखगण तथा सभी बोर्ड एवं निगमों के चेयरमेन प्रमुख रूप से भाग लेंगे।राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता स्वर्णिम चतुर्वेदी ने बताया कि कार्यशाला में तकरीबन 650 प्रतिभागी भाग लेंगे। कार्यशाला का मुख्य एजेण्डा उदयपुर में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा आयोजित नव संकल्प शिविर में जारी नव संकल्प घोषणा के निर्णयों को जिला एवं अन्य निचले स्तर पर यथाशीघ्र क्रियान्वयन करना तथा इस हेतु मंथन कर समयबद्ध एवं चरणबद्ध कार्यक्रम बनाना रहेगा। 

उन्होंने बताया कि कार्यशाला में दिनांक 09 अगस्त, 2022 को सभी जिलों में आयोजित होने वाली 75 किलोमीटर की पदयात्रा के कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की जायेगी। साथ ही 15 अगस्त, 2022 को आयोजित होने वाले राज्य स्तरीय विशाल कार्यक्रम की रूपरेखा एवं तैयारियों पर मंथन किया जायेगा। कार्यशाला में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा कश्मीर से कन्याकुमारी तक की पदयात्रा के आयोजन हेतु जिम्मेदारियां प्रदान करने हेतु विमर्श किया जायेगा। दो दिवसीय कार्यशाला में संगठन के पद जो चुनावी प्रक्रिया के अतिरिक्त भरे जाने हैं 

जिसमें प्रमुख रूप से प्रकोष्ठ, विभाग एवं अग्रिम संगठनों के पद शामिल है पर 50 प्रतिशत पद 50 वर्ष से कम आयु के युवाओं से भरने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर 90 से 180 दिवस में इन पदों को भरने हेतु रोडमेप तैयार किया जायेगा। कार्यशाला में राजस्थान प्रदेश में मण्डल कमेटियों के गठन, मण्डल कमेटियों के पदाधिकारियों की नियुक्ति के बाबत् भी सभी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं से चर्चा की जायेगी। उदयपुर नव संकल्प शिविर में आर्थिक, युवा सशक्तीकरण, किसान आदि विषयों पर पारित निर्णयों की क्रियान्विति करने हेतु विशेष रूप से मंथन किया जायेगा।


० योगेश भट्ट ०

मुरादनगर -काइट ग्रुप ऑफ़ इन्स्टीट्यूट व पाई (पृथ्वी अभ्युदय एसोसिएशन इंडिया) के फाऊंडर चैयरपर्सन डॉक्टर हर्षवर्धन सिंह के द्वारा मुरादनगर मे पीएसएम (PSM) राष्ट्रीय शिक्षा रत्न सम्मान 2021 के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमे सम्पूर्ण देश से 300 शिक्षको व समाजसेवियो को सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि व गैस्ट ऑफ़ ऑनर के रूप में पद्मश्री डॉक्टर एम वली जी, सीबीएसई के जॉइंट सेक्रेटरी आरपी सिंह, गाजियाबाद के जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह , मेरठ प्रिंसिपल एसोसिएशन के चैयरमेन करमेंद्र सिंह  व मेरठ एसोसिएशन के सेक्रेटरी जी पी सिंहा।

देश के प्रसिद्ध समाजसेवी व महात्मा हजारीलाल मेमोरियल ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुज शर्मा  उनके ट्रस्ट के द्वारा आर्थिक स्थिति से कमजोर के बच्चो को आईआईटी - नीट की कोचिंग नि:शुल्क मे उपलब्ध कराने के लिए पीएसएम (PSM) राष्ट्रीय शिक्षा रत्न सम्मान 2021 के लिए सम्मानित किया गया। अन्य समाजसेविका व समाजसेवक के नाम इस प्रकार से है। समाजसेविका प्रीति चिटकारा , शिवानी लाखा , रितू , अलका , डॉक्टर सुष्मा रानी, डॉक्टर रेखा साल्वी , डॉक्टर मन्जू रानी साल्वी , प्रोफ़ेसर रश्मि भारद्वाज , शेफाली मगन तिवारी , डॉक्टर अमृता श्रीवास्तव , प्रीति पाराशर , तृप्ति तिवारी , डॉक्टर शैली बिष्ट , मेजर नुपुर गुप्ता आदि समाजसेविका को PSM राष्ट्रीय शिक्षा रत्न सम्मान 2021 से सम्मानित किया गया।

समाजसेवक डॉक्टर राघवेंद्र कुमार त्रिवेदी , डॉक्टर अमित गोयल , संजीव रियल , अंकित मेहता, रतिश गुप्ता , सुशील खारे , नरेंद्र चौहान , धीरज आर्य , इन्द्रपाल , डॉक्टर अशोक कुमार , तरूण गुप्ता , मुकेश चंद्र शर्मा , अभिषेक कुमार पांडे , डॉक्टर कृष्ण कुमार आदि समाजसेवको व समाजसेविका को PSM राष्ट्रीय शिक्षा रत्न पुरस्कार 2021 से सम्मानित किया गया।

० योगेश भट्ट ० 

""कृपाशंकर चौबे को पत्रकारिता और साहित्य में राष्ट्रीय पहचान कोलकाता ने दी। उनका अधिकतर लेखन बांग्ला साहित्य, कला और संस्कृति पर केंद्रित है। इसीलिए बांग्ला और कोलकाता की चौबे  की निर्मिति में बड़ी भूमिका है।"
कोलकाता । देश के वरिष्ठ पत्रकार एवं मीडिया प्राध्यापक प्रो. कृपाशंकर चौबे पर केंद्रित पुस्तक 'कृपाशंकर चौबे एक शिनाख्त' पुस्तक का लोकार्पण करते हुए भारतीय जन संचार संस्थान के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि कृपाशंकर चौबे की पत्रकारिता अपने समय के सवालों पर सार्थक हस्तक्षेप करती है, चिंतन के नए द्वार खोलती है और समझ का विकास करती है। बंगीय हिंदी परिषद, कोलकाता द्वारा आयोजित कार्यक्रम में प्रो. अमरनाथ, प्रो. अरुण होता, डॉ. प्रेम शंकर त्रिपाठी, वरिष्ठ पत्रकार ओम प्रकाश अश्क, प्रसिद्ध समीक्षक मृत्युंजय, बांग्ला लेखिका शर्मिष्ठा बाग और 'लहक' के संपादक निर्भय देवयांश भी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रो. द्विवेदी ने कहा कि कृपाशंकर चौबे को पत्रकारिता और साहित्य में राष्ट्रीय पहचान कोलकाता ने दी। उनका अधिकतर लेखन बांग्ला साहित्य, कला और संस्कृति पर केंद्रित है। इसीलिए बांग्ला और कोलकाता की चौबे  की निर्मिति में बड़ी भूमिका है। आईआईएमसी के महानिदेशक के अनुसार कृपाशंक की समूची पत्रकारिता न्यायपूर्ण लोकतांत्रिक चेतना संपन्न समाज बनाने की भावना से भरी हुई है। उनकी पत्रकारिता में तथ्य, तर्क, विश्लेषण और संवेदना है, जिससे उपजे उनके शब्द गरिमा पाते हैं। वे किसी दल के विचारों के बंधक नहीं हैं। मुक्त हैं, स्वतंत्र चेता हैं और सत्यान्वेषण के लिए काम करते हैं। समाजवादी विचारधारा ने उनकी सोच और विचार यात्रा को धारदार और दृष्टि संपन्न बनाया है। इसलिए वे उन पत्रकारों और टिप्पणीकारों से अलग हैं, जो नरेटिव बनाने या एजेंडा सेंटिंग के लिए काम करते हैं।
प्रो. द्विवेदी ने कहा कि जिस समय में पत्रकारिता की प्रामाणिकता और विश्वसनीयता पर गहरे प्रश्न हैं, ऐसे कठिन समय में कृपा  जैसे लोग उम्मीदें बंधाते हैं। प्रेरणा देते हैं। भरोसा देते हैं। कृपा  जैसे शब्द साधकों की मौजूदगी यह बताती है कि हमारी भाषा ने अपने नायकों को अभी खोया नहीं है। ऐसे साधक ही हमारी भाषा को नई शक्ति, नई संचेतना और नई पदावली दे रहे हैं। प्रलेक प्रकाशन, मुबंई द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक का संपादन सोनम तोमर ने किया है। पुस्तक में साहित्य और पत्रकारिता में कृपाशंकर चौबे के योगदान का आकलन महाश्वेता देवी, सुनील गंगोपाध्याय, नामवर सिंह, केदारनाथ सिंह, राम बहादुर राय, अमरनाथ, एस. आनंद, सेराज खान बातिश, मृत्युंजय एवं हरिवंश सहित पचास से अधिक लेखकों ने किया है। कार्यक्रम में स्वागत भाषण बंगीय हिंदी परिषद के संयुक्त सचिव डॉ. रंजीत कुमार ने दिया। संचालन डॉ. सुनील कुमार सुमन ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन बंगीय हिंदी परिषद के मंत्री डॉ. राजेंद्रनाथ त्रिपाठी ने दिया।

० संवाददाता द्वारा ० 

जयपुर। दिल्ली और पंजाब में सरकार बनाने के बाद अब आम आदमी पार्टी राजस्थान में जमीन तलाश रही है. जिसमे दिल्ली के मोती नगर विधानसभा से विधायक शिवचरण गोयल ने राजस्थान में डेरा जमाया हुआ है। शिवचरण गोयल ने कार्यकर्ता संवाद यात्रा प्रदेश में शुरू कर दी है. जिसमे मुख़्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की नीतियों व विकास मॉडल के कार्यों से प्रभावित होकर विधायक शिवचरण गोयल के मार्गदर्शन में राज्य भर के हजारों साथियों के साथ अनिल शर्मा (अध्यक्ष, स्कूल शिक्षा परिवार राजस्थान) ने आम आदमी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। कार्यक्रम में राजस्थान के सभी जिलों से हजरों की संख्या में लोग मौजूद रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत विधायक शिवचरण गोयल का फूल-माला, पटका और पगड़ी पहनाकर उनका स्वागत किया गया।सभागार में उपस्थित सभी लोगों को संबोधित करते हुए विधायक शिवचरण गोयल ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी के "विकसित दिल्ली मॉडल" को राजस्थान में भी साकार किया जायेगा। आम आदमी पार्टी से लगातार लोग जुड़ते जा रहा हैं. ऐसे में अब आने वाले विधानसभा चुनाव में भी पार्टी पूरे दमखम के साथ चुनाव लड़ेगी. राजस्थान में भाजपा और कांग्रेस जनता के साथ टेस्ट मैच खेल रही है. 5 साल कांग्रेस तो 5 साल भाजपा राज कर रही है और प्रदेश को खोखला कर रही है. ऐसे में अब जनता के सामने तीसरा विकल्प आप पार्टी है. राजस्थान में महिला अपराध का ग्राफ बढ़ता जा रहा है. 

भ्रष्टाचार का बोलबाला है और युवाओं के सामने बेरोजगारी का बड़ा संकट खड़ा है. ऐसे में आम आदमी पार्टी ही प्रदेश की जनता के सामने एक विकल्प बचा है. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की कार्यशैली को देखकर लोग लगातार जुड़ते जा रहे हैं और यही वजह है कि दिल्ली और पंजाब में आप पार्टी की सरकार है और हमें उम्मीद है कि राजस्थान में भी अब आप पार्टी की सरकार बनेगी. आगे अनिल शर्मा ने कहाँ कि मुख्यमंत्री के कार्यों को गांव- गांव तक पहुंचाने का कार्य स्कूल शिक्षा परिवार सदस्य करेंगे। मौजूदा कांग्रेस सरकार से लोग तंग आ चुके है अब प्रदेश में बदलाव की हवा चल रही है।

० योगेश भट्ट ० 

नयी दिल्ली - स्कूल ऑफ नर्सिंग, सर गंगा राम अस्पताल के नर्सिंग छात्रों के 66वें बैच के लिएअस्पताल परिसर में दीप प्रज्ज्वलन समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर भारत सरकार के केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार मुख्य अतिथि थीं। उन्होंने नर्सिंग छात्रों को डिप्लोमा और मेधावी प्रमाण-पत्र प्रदान किए।

इस अवसर पर बोलते हुए डॉ. भारती ने कहा, “कोविड संकट के दौरान दुनिया भर में भारत के साथ-साथ भारत की नर्सें भी सर्वश्रेष्ठ साबित हुई हैं। उन्होंने निःस्वार्थ सेवा की और तनावपूर्ण माहौल में चौबीसों घंटे काम किया। हमारी नर्सों की नम्रता, लगन और मरीजों की बेहतर देखभाल करने की वजह से दुनिया भर में उनकी भारी मांग है। वे हमारे स्वास्थ्य सेवा उद्योग की रीढ़ हैं। हमें उन पर गर्व है। मैं सर गंगा राम अस्पताल के क्रॉस-सब्सिडी मॉडल से बहुत प्रभावित हूं जहां अमीर मरीज गरीबों के लिए भुगतान करते हैं। इसे अन्य अस्पतालों द्वारा भी अपनाया जाना चाहिए।  नर्सिंग सबसे महान पेशा है। मैं इसे बहुत करीब से जानती हूं क्योंकि मैं खुद एक डॉक्टर हूं। नर्सें डॉक्टरों और मरीजों के बीच अहम भूमिका निभाती हैं। मुझे यह कहते हुए गर्व हो रहा है कि भारत में 192 करोड़ टीकाकरण प्रदान किए गए हैं, जिसकी विश्व स्तर पर प्रशंसा हो रही है। हमें स्वास्थ्य सेवा की बेहतर डिलीवरी के लिए बड़े शहरों के अलावा गांवों से भी जुड़ना चाहिए।"

डॉ. डी.एस. राणा, चेयरमैन (बोर्ड ऑफ़ मैनेजमेंट) एंड ट्रस्टी, सर गंगा राम अस्पताल के अनुसार, “हमारा नर्सिंग स्कूल 1956 में स्थापित हुआ और इसने लगभग 1500 छात्रों को तैयार किया जो भारत और विदेशों में विभिन्न अस्पतालों में काम कर रहे हैं। इस साल 36 छात्रों ने स्नातक किया है और 40 नए छात्र शामिल हुए हैं। मुझे यह कहते हुए गर्व हो रहा है कि कोविड के तनाव के दौरान, हमारे छात्रों ने गैर-कोविड क्षेत्रों में चौबीसों घंटे काम किया ताकि स्टाफ की कमी को पूरा किया जा सके। उन्होंने अन्य कर्मचारियों के साथ हमारे कोविड टीकाकरण केंद्र के प्रबंधन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।” दीप प्रज्वलन समारोह औपचारिक रूप से नर्सिंग पेशे में छात्र के प्रवेश को मान्यता देता है। यह एक महत्वपूर्ण घटना है जहां दीपक प्रकाश का प्रतीक है जिससे एक नर्स धैर्य, पीड़ित मरीजों के लिए आशा और आराम का प्रतीक बनेंगी। इस समारोह के दौरान नर्सिंग छात्राओं ने हाथों में जलती मोमबत्तियां लेकर सेवा का संकल्प लिया।

० योगेश भट्ट ० 

नई दिल्ली- खाद्य प्रसंस्करण उद्योग और जल शक्ति राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने भारत के पहले संयंत्र आधारित खाद्य शिखर सम्मेलन का उद्घाटन किया, जो भारत सरकार के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (एमओएफपीआई), कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद द्वारा समर्थित है। निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) समिट का आयोजन प्लांट बेस्ड फूड्स इंडस्ट्री एसोसिएशन (पीबीएफआईए) और गुड फूड इंस्टीट्यूट इंडिया (जीएफआई इंडिया) द्वारा आयोजक भागीदार के रूप में नई दिल्ली में दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। डॉ सुधांशु, सचिव - एपीडा ने संजय सेठी, कार्यकारी निदेशक - पीबीएफआईए, इनोशी शर्मा की उपस्थिति में श्वेत स्थिति पत्र ""पौधे आधारित युग की सुबह - वैश्विक खाद्य सुरक्षा और पोषण के लिए भारत का मार्ग" जारी किया। कार्यकारी निदेशक, नियामक अनुपालन - एफएसएसएआई, राचेल ड्रेस्किन, सीईओ - प्लांट बेस्ड फूड्स एसोसिएशन, यूएसए, अभिनव सिंह, प्रमुख खाद्य प्रसंस्करण और सीआईएफटीआई-फिक्की, अभिषेक सिन्हा, सह-संस्थापक और सीईओ गुडडॉट, और आशु फाके, हेड (जमे हुए और ताजा खाद्य पदार्थ) - आईटीसी शामिल थे।

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग और जल शक्ति राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा, “यह वास्तव में महत्वपूर्ण है कि एमओएफपीआई, एपीडा और पीबीएफआईए भारत के पहले प्लांट आधारित खाद्य शिखर सम्मेलन का आयोजन करने के लिए एक साथ आए हैं। मैं इस आयोजन की शानदार सफलता से खुश हूं, जिसमें सभी हितधारकों की भागीदारी है जो हमारे लिए बेहद फायदेमंद हैं; हम यहां एक नई क्रांति लाने आए हैं। आज हम सब यहां विश्व बदलते विचारों पर चर्चा करने के लिए एकत्रित हुए हैं। जैसा कि वादा किया गया था, मैं भारत में एक मजबूत प्लांट-आधारित खाद्य उद्योग बनाने के लिए अपना पूरा समर्थन दूंगा क्योंकि यह मेरे लिए व्यक्तिगत हित है कि मैं किसी भी तरह के भोजन से खुद को दूर करूँ जिसमें किसी भी तरह की क्रूरता शामिल है।

दूसरी ओर, मेरा यह भी मानना है कि जब भोजन की बात आती है तो हर कोई अपनी पसंद बनाने के लिए स्वतंत्र होता है। इसलिए, लोगों को अपने पुराने भोजन विकल्पों को छोड़ने के लिए मजबूर नहीं किया जा रहा है, बल्कि उन्हें स्वाद से समझौता किए बिना बेहतर पौधे-आधारित विकल्प प्रदान करना है। हमारे पास दुनिया में इस तरह के आमूलचूल बदलाव लाने की सटीक क्षमता है। अनुपालन को कम करके, हम इस उद्योग को तेजी से विकसित कर सकते हैं। मैं वैज्ञानिक मानकों और आपूर्ति श्रृंखलाओं को विकसित करने की आवश्यकता का आग्रह कर रहा हूं जो हमें भारतीय व्यंजन संस्कृति को प्रदर्शित करने की अनुमति देगा जिसने सदियों से हमारा प्रतिनिधित्व किया है। ”

प्रहलाद सिंह पटेल ने केरी, गुडडॉट, ब्लू ट्राइब फूड्स, वाकाओ फूड्स, वनगुड जैसे प्लांट-आधारित खाद्य उद्योग में 40 से अधिक स्टार्ट-अप द्वारा प्रदर्शित उत्पाद स्वाद के साथ सत्र का समापन किया। एपीडा के सचिव डॉ सुधांशु ने कहा, "हम सभी जानते हैं कि प्लांट फूड बिजनेस विकास और जोर की एक महत्वपूर्ण डिग्री तक पहुंचने के रास्ते पर है, जैसा कि हाल के वर्षों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और भारत में देखा गया है। भोजन ग्राहक की पसंद है; यह उपभोक्ता पर निर्भर करता है कि वह क्या खाना चाहता है। हालांकि जागरूकता महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उपभोक्ता के निर्णय को प्रभावित करती है, और उपभोक्ता की पसंद बाजार की मांग को निर्धारित करती है। घरेलू हो या विदेशी बाजार, निर्णय बाजार की मांग को निर्धारित करता है। हमारा देश सौभाग्यशाली है कि श्रम, कच्चे माल और विशेषज्ञता सहित खाद्य प्रसंस्करण और कृषि उद्योगों में आवश्यक हर चीज का उत्पादन करने में सक्षम है। हमारे पास सभी वस्तुओं में खाद्य अधिशेष है, जो देश की ताकत है। हमारी ताकत के कारण, हम विश्वव्यापी बाजार में उपस्थिति विकसित करने में सक्षम हैं, जिसके परिणामस्वरूप घरेलू बाजार में एक महत्वपूर्ण बदलाव आया है। कच्चे माल और कर्मियों की प्रचुरता के कारण, निवेश की संभावनाओं की एक बड़ी संभावना है।"

संजय सेठी, कार्यकारी निदेशक - पीबीएफआईए ने कहा, "हम प्रहलाद सिंह पटेल के मार्गदर्शन और समर्थन की सराहना करते हैं, और इस महत्वपूर्ण टास्क फोर्स का नेतृत्व करने के अवसर की आशा करते हैं ताकि भारत में पौधे आधारित खाद्य पदार्थों की भूमिका को आगे बढ़ाया जा सके। हम एमओएफपीआई, एपीडा और जीएफआय के साथ पीबीएफआईए द्वारा आयोजित भारत के पहले प्लांट-आधारित फूड समिट की जबरदस्त प्रतिक्रिया और सफलता से बेहद अभिभूत हैं। हर कोई भारत में हमारे प्लांट-आधारित खाद्य व्यवसाय में निवेश करना चाहता है

० संवाददाता द्वारा ० 

भोपाल, अभा महिला कांग्रेस की कार्यवाहक अध्यक्ष सुश्री नेट्टा डिसूजा ने  मप्र महिला कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी और जिला/ शहर महिला कांग्रेस अध्यक्षांे की सूची को अनुमोदित कर मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस पदाधिकारियों और जिले में जिला और शहर महिला कांग्रेस अध्यक्षों की नियुक्ति की घोषणा की है।

मध्यप्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष विभा पटेल ने बताया कि महिला कांग्रेस में जिन पदाधिकारियों की नियुक्ति की गई है। उसमें राजलक्ष्मी नायक, यास्मीन शेरानी,उषा चौधरी, गीता मिश्रा, उर्मिला त्रिपाठी, रमा चौहान, गीता शरद तिवारी, इंदिरा पाठक तिवारी, बीना भारद्वाज, प्रतिभा तोमर, निषा सिंह पटेल, नीलम सिंह परिहार, मीना वर्मा, फरजाना खान, अंबिका पाठक, नीलम गांधी, लक्ष्मी जाट, सीमा समाधिया, विजेता चौहान, सबिस्ता जक्की, रेखा जैन, उमा धुर्वे, शशि यादव, रचना जगताप, रमा दुबे, बसंती कोल, गीता सिंह परिहार, रीना बोरसी, मनीषा अवस्थी, शोभा सिंघई, राजकुमारी गुर्जर, सपना चौरसिया, मीना मालवीय, मंजू मिश्रा, किरण जिरेती, शीतल राजपूत, जरीना जलीवाला, पूर्णिमा तिवारी, प्रमिला सिंह राजपूत, सविता अग्रवाल, कुमुदनी सिंह, राखी परमार, जया ठाकुर, नीमा गौर, अनीमा उबेजा, रानू दशरथ पटेल, अमिता सिंह, शाहाना हसन, रुचि राय गुप्ता, अंजू जायसवाल, अहिल्या भालेराव, तान्या सोलोमन, सुनीता सकरगाये को महिला कांग्रेस मंे प्रदेश महामंत्री बनाया गया है।

वहीं शशि मिश्रा, आशा राय, सावित्री धुर्वे, बेलकिस जहां, रंजना शर्मा, रशीदा मुस्तफा, माधवी मिश्रा, पवित्रा कौर, रजुबेन चौहान, रूपा उरेती, अंजू जाटव, विभा श्रीवास्तव, प्रीति गौतम, गीता सिंह लोधी, शाकुन्तला धुर्वे, लता देवरे, भारती बाथम, मीना सिंह चौहान, डॉ.. आकृति प्रसाद, पूर्णिमा पांडेय, अस्मा मोहनी, आरिफ़ा खान, भावना रोहन, मंजू राज, सुधा दुबे, संजू जाटव, मीना यादव, रजनी दुबे, खुर्शीद अंसारी, निदा खान, फरीदा खान, पल्लवीराज सक्सेना, हीरा परस्ते, सुनीता तोमर, रसिका डेरिया, माया चौधरी, नीलू शुक्ला, नीलू दुबे, संजय कथोरिया, श्यामवती कोरचो, निशा चौहान, माया राजेश त्रिवेदी, सारिका आलोक आर्य, सेना पटेल, अनीता गडरिया, रमा बुंदेला, वदना श्रीवास्तव, मांडवी कुमारी, रमा जायसवाल, यशोदा पांडे, प्रमिला मरावी, अंकिता किंग, श्यामा तोमर, सरला दासी, उपासना सिंह यादव, निधि शर्मा, श्वेता पाल, रचना कुशवाहा को महिला कांग्रेस में प्रदेश सचिव बनाया गया है।

श्रीमती पटेल ने बताया कि चंदा चौहान, इंदिरा जैन, कुसुम चाहेर, लक्ष्मी सोंधिया, लक्ष्मी यादव, ज्योति धाकड़, ज्योति बाथम, शिखा अमित अग्रवाल, रजनी भारद्वाज, मंजू सेठी, कंचन शर्मा, सुनीता घवरे, निशा पाटिल, रश्मि मिश्रा, सुमन रजक, स्वाति सिंह, समीना खान, आरती बोरवान, मिथलेश यादव, रोशनी शिवहरे, प्रीति ठाकुर, ज्योति दुबलिया, पायल प्रमाणिक, लक्ष्मी ममता सिंह, ममता तिवारी, सोनू साकेत करहिया, विजयलक्ष्मी मिश्रा, रोशनी खानी, प्रभा जिट्टू बागड़ी, किरण लता सोनी, संध्या रोशन नायक, दीपिका राणा को महिला कांग्रेस मंे प्रदेश सह-सचिव बनाया गया है। प्रदेश महिला कांग्रेस के सोशल मिडिया कोर्डिनेटर हेतु हिमानी सिंह-इंदौर को सोशल मिडिया का समन्वयक बनाया गया है।

श्रीमती पटेल ने बताया कि महिला कांग्रेस द्वारा जिला एवं शहर महिला कांग्रेस अध्यक्षों की भी नियुक्ति की गई है। जिन जिलांे में महिला कांग्रेस अध्यक्षों की नियुक्ति की गई हैं, वे हैं - नजमा बेगम-मुरैना शहर, संजू शर्मा-मुरैना ग्रामीण, लक्ष्मी शिवहरे -श्योपुर, रेखा भदौरिया-भिंड, मीनू सिंह परिहार-ग्वालियर शहर, गुंजा जाटव-ग्वालियर ग्रामीण, इंदु जैन-शिवपुरी, सीमा यादव-गुना, सीमा सुराना- अशोकनगर, गुड्डी जाटव-दतिया, महजबी अली-सागर शहर, निर्मला सप्रे-सागर ग्रामीण, रजनी ठाकुर-दमोह, लक्ष्मी दहायत -पन्ना, डॉ. स्मिता खरे-छतरपुर शहर, शिवानी चौरसिया-छतरपुर ग्रामीण, रजनी (पूनम) जायसवाल-टीकमगढ़, तारा त्रिपाठी-रीवा शहर, सीमा सिंह-रीवा ग्रामीण, डॉ. शिम्पी अग्रवाल-शहडोल, चमेली पटेल -अनूपपुर, अनीता सिंह-उमरिया, कमलेश सिंह-सीधी, डोली चौरसिया-सतना शहर, 

गीता सिंह-सतना ग्रामीण, कमलेश यादव- जबलपुर शहर, अलका डेंगरे-जबलपुर ग्रामीण, रजनी वर्मा-कटनी शहर, माधुरी जैन-कटनी ग्रामीण, प्रीति मिश्रा-नरसिंहपुर, किरण मनोज चौधरी-छिंदवाड़ा, कविता कहार-सिवनी, रागिनी परस्त-मंडला, संतोषी साहू- डिंडोरी, संध्या पटेल-बालाघाट शहर, रचना लिल्हारे-बालाघाट ग्रामीण, संतोष कसाना-भोपाल शहर, राजकुमारी केवट-भोपाल ग्रामीण, गुलाब बाई ठाकुर-सीहोर, पूनम राजा जैन-रायसेन, अर्चना यादव-राजगढ़, प्रियंका किरार-विदिशा, मोनिका निरापुरे-बैतूल शहर, सीमा अतुलकर-बैतूल ग्रामीण, स्वाति गौर-होशंगाबाद, प्रमिला ठाकुर -हरदा,इंदु जैन-देवास शहर, निर्मला कंठाली-देवास ग्रामीण, मीना जसपाल सिंह बग्गा-रतलाम शहर, वंदना पुरोहित- रतलाम ग्रामीण, स्मिता सोलंकी-शाजापुर, रूपल संचेती-मन्दसौर, स्नेहलता शर्मा-नीमच, 

अनीता गोसारी-उज्जैन शहर, रीता बडगुर्जर-उज्जैन ग्रामीण, जया तिवारी-इंदौर शहर, रीता डागरे-इंदौर ग्रामीण, विजेता त्रिवेदी-धार ग्रामीण, मैना मारू-धार शहर, श्वेता मोहनिया-झाबुआ, हाजरी अजनार-अलीराजपुर, नीमा गौर-खरगोन, सुभद्रा परमार-बडवानी, रचना तिवारी-खंडवा, आरती लांडे-बुरहानपुर, कृष्णा सिंह परिहार-सिंगरौली, लीलादेवी बंजारा-आगर मालवा, संपत चौधरी-निवाड़ी को महिला कांग्रेस में जिला और शहर अध्यक्ष मनोनीत किया गया है।


० संवाददाता द्वारा ० 

ग्वालियर -  वार्ड 28 कोसा कॉलोनी,भीम नगर में 16 ग्वालियर पूर्व विधानसभा विधायक डॉ सतीश सिकरवार  ने बरसों से टूटी पड़ी रोड को बनाने के लिए इस का उद्घाटन किया। क्षेत्र की जनता को इस सड़क के न बनने से बड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा था।  इस अवसर पर थाटीपुर ब्लॉक अध्यक्ष प्रेम सिंह बाबूजी, उदल सिंह यादव चाचा, बीना भारद्वाज , विधायक प्रतिनिधि सुरेंद्र यादव, वार्ड 45 से पूर्व पार्षद अवधेश कोरव , मंडल अध्यक्ष वार्ड 28 से अशोक सुमन , महादेवा अपोरिया , अमित कश्यप , सुनील रामपुरिया , पोप सिंह वर्मा ,राजेश तोमर , गौतम कौशल, रमेश झा, लालता प्रसाद मिश्रा, शशि मण्डेलिया , प्रीति शर्मा, विशाल बागरे , रेखा जाटव , पूरन बाथम,  
केदार बराहदिया,अविनाश दीक्षित , राजू बाथम , सुंदर अहिरवार , अनिल परिहार, हरेंद्र यादव , दशरथ कटारे, हरेंद्र वर्मा, अजीत भदोरिया , विशाल बागरे, विजय चौधरी  राजेंद्र जाटव , गोपाल सोनी, रामसेवक मौर्य , नूरी मण्डेलिया, शशि मंडेलिया , मुन्नी बाई , रिंकू जाटव , हरी लाल 
,किशन लाल , सोरन सिंह, गुलाब जाटव , हरि जाटव , आशा जाटव , विजय सिंह, बाबू बाल्मीकि, पारो जाटव, रामप्रसाद बाबू , रोहित जादू , राजकुमार मौर्य , राजेंद्र जाटव , राहुल बघेल एवं कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं  सामाजिक  कार्यकर्ता तथा क्षेत्रीय नागरिक उपस्थित रहे थे।

० संत कुमार गोस्वामी ० 

बिहार - छपरा मशरक बहरौली पंचायत मुखिया अजीत सिंह और ग्रामीण जनता की सहयोज से पंचमुखी हनुमान मंदिर के चौथे स्थाना दिवस के मौके पर पूजा हवन ,सुंदरकांड पाठ का आयोजन भव्य तरीके से किया जा रहा है बहरौली पंचायत मुखिया अजीत सिंह ने अपने क्षेत्र में काफी विकास किए । भक्ति में भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते है।
गायक राधे श्याम सिंह ने भक्ति मय माहौल में कहा भगवान के आगे सैप दे तो हर काम सफल हो जायेगा ।जीवन को सौप दिया भगवान तुम्हारे चरणों में भक्तो को सराबोर कर दिए। पूजा समिति के अध्यक्ष सूर्यनाथ सिंह है । पूजा प्रिंस पांडे के द्वारा किया गया सुंदरकांड पाठ गायक मनीष मसरखिया, राधे श्याम सिंह ,मोलकमलेश सिंह आदि के द्वारा पाठ किया गया  नवल सिंह , सरबजीत सिंह ,अरुण सिंह, इंद्रासन सह , सूर्य नाथ सिंह , गौतम राम, राहुल सिंह , प्रिंस पांडे , ध्रुप नाथ शर्मा ,बृजेश कुमार सिंह आदि भक्त गण मौजूद रहे ।

                

१ संवाददाता द्वारा ० 

कोलकाता 
: घाना की मरीज की छह बार की विफल हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी अहमदाबाद के कृष्णा शैल्बी हॉस्पिटल में विश्व प्रसिद्ध जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जन डॉ. विक्रम शाह द्वारा सफलतापूर्वक की गई। डॉ विक्रम शाह के अलावा इस दुर्लभ सर्जरी के लिए शेल्बी के सर्जनों की टीम में डॉ जे ए पचोरे, डायरेक्टर, हिप सर्जरी, डॉ अमीश क्षत्रिय, सीनियर वरिष्ठ जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जन और डॉ प्रणय गुर्जर, जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जन शामिल थे। घाना के बोलगटंगा शहर की श्रीमती नानसाता सलीफू 65 वर्ष की हैं। वे चार बच्चों की मां हैं और सेवानिवृत्त मेटरनिटी नर्स हैं। उनके पति वित्तीय अर्थशास्त्री हैं। दिसंबर 2016 में गिरने की वजह से उन्हें कूल्हे का फ्रैक्चर हुआ था, श्रीमती सलीफू का पहली बार 2017 की शुरुआत में घाना के बावकू में हिप रिप्लेसमेंट के लिए ऑपरेशन किया गया था, लेकिन वह संक्रमित हो गया था।
फिर उन्होंने घाना के एक बड़े शहर कुमासी के दूसरे अस्पताल में इलाज करवाया। हालांकि यह सर्जरी भी फेल हो गई थी। अगले ढाई वर्षों के दौरान उन्होंने उसी हॉस्पिटल में पांच विफल हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी को सहन किया, जो एक के बाद एक विफल रही थी। कुल मिलाकर श्रीमती सलीफू ने घाना में छह विफल हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी करवाईं। बार-बार की जाने वाली सर्जरी के कारण उनकी हालत बिगड़ती जा रही थी। हिप रिप्लेसमेंट एक ऐसी सर्जरी है जिसमें क्षतिग्रस्त कार्टिलेज और हड्डी को कूल्हे के जोड़ से हटा दिया जाता है और कृत्रिम घटकों के साथ बदल दिया जाता है। कभी-कभी, हिप रिप्लेसमेंट इम्प्लांट विभिन्न कारणों से खराब हो सकते हैं और उन्हें रिवीजन हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी की मदद से बदलना पड़ सकता है। हालांकि, यह आमतौर पर सर्जरी के 15-20 साल बाद होता है। लेकिन श्रीमती सलीफू के केस में ऐसा नहीं था। उनके केस में कारण बारबार कूल्हे के जोड़ का खिसक जाता था। छह विफल सर्जरी के बाद उनका कूल्हे का जोड़ खिसक गया था और उनका पैर लगभग 3 सेमी छोटा हो गया था। 

उन्हें तेज दर्द हो रहा था, वे लंगड़ा कर और छोटे पैर के साथ चल रही थी। उनका चलना-फिरना बिल्कुल सीमित हो गया था और उनके कूल्हे में तेज दर्द रहता था। इस समस्या के कारण उनके जीवन की गुणवत्ता को काफी नुकसान हुआ था, और उन्हें अपने रोज़ाना के कार्यों को करने में भी समस्या हो रही थी। रिवीजन हिप रिप्लेसमेंट आम तौर पर पहली सर्जरी की तुलना में अधिक चुनौतीपूर्ण और जटिल प्रक्रिया है, और उनकी दुर्घटना और बार-बार की विफल सर्जरी ने इसे और भी कठिन और चुनौतीपूर्ण बना दिया था।डॉ. विक्रम शाह का कहना है, "हमने बिना किसी हड्डी के नुकसान के विशेष उपकरण से उनके एसिटाबुलम (कूल्हे की हड्डी का सॉकेट जिसमें फीमर फिट होता है) को बदल दिया। 

सॉकेट को ठीक करने के लिए बड़े साइज़ के कप और स्क्रू का इस्तेमाल किया गया और भविष्य में खिसकने को रोकने के लिए विशेष प्रकार के प्लास्टिक लाइनर का इस्तेमाल किया गया था। रिवीजन सर्जरी में कभी-कभी बोन ग्राफ्टिंग भी करनी होती है, जिसके लिए हमें बड़ी मात्रा में हड्डी की आवश्यकता होती है। शैल्बी में इसके लिए हमारे पास बोन बैंक है। उन्हें ठीक होने के लिए 3 सप्ताह तक बेड रेस्ट पर रखा गया था। इसके बाद उन्हें वॉकर के सहारे चलने के लिए कहा गया। और छह सप्ताह के बाद वे बिना लंगड़ाकर, बिना पैर के छोटा हुए और बिना दर्द के चल सकती थी।” श्रीमती सलीफू की बेटी का कहना है, "मेरी मां की कई विफल सर्जरी हुई थी, और फिर हमें डॉ. विक्रम शाह और शैल्बी अस्पताल में रेफर किया गया। यहां उनकी सर्जरी अब सफल रही है और वे फिर से चल सकती हैं। मैं डॉ. विक्रम शाह और कृष्णा शैल्बी अस्पताल को धन्यवाद देती हूं। इस तरह की सर्जरी के लिए विशेष उपकरणों, विशेष ज्वाइंट इंप्लांट, अच्छी तरह से सुसज्जित क्लास 100 ऑपरेशन थिएटर सेट-अप और सबसे ऊपर ऐसे सर्जन की आवश्यकता होती है, जिसे रिवीजन हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी करने का व्यापक अनुभव हो।

डॉ विक्रम शाह आगे कहते हैं, “शैल्बी में हम एक साल में लगभग 10,000 ज्वाइंट रिप्लेसमैंट सर्जरी करते हैं, जो दुनिया में सबसे अधिक है। प्राइमरी सर्जरी के साथ-साथ हमें दुनिया भर से रिवीजन सर्जरी के लिए बड़ी संख्या में जटिल केस भी मिलते हैं। इनमें से लगभग 250 जटिल और रिवीजन हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी होती हैं। प्रत्येक केस की अपनी एक चुनौती होती है, लेकिन यह विशेष केस अद्वितीय और कठिन था क्योंकि रोगी की पहले ही छह बार सर्जरी हो चुकी थी। हमें खुशी है कि आखिर में पांच साल बाद उनका इलाज हो पाया।”

डॉ विक्रम शाह और शैल्बी हॉस्पिटल के बारे में

डॉ। विक्रम शाह एक विश्व प्रसिद्ध जॉइंट रिप्लेसमेंट (जोड़ प्रत्यारोपण) सर्जन और शैल्बी हॉस्पिटल के फाउंडर चेरमैन और मेनेजिंग डायरेक्टर हैं। शैल्बी आठ शहरों में फैले 11 हॉस्पिटल की एक श्रृंखला है। डॉ. विक्रम शाह के इनोवेशन जीरो टेक्नीक ऑफ जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी ने इस सर्जरी में क्रांति ला दी है। जीरो तकनीक ने कम से कम खून का बहाव, तेजी से ठीक होने और शून्य के करीब संक्रमण दर के लाभों के साथ सर्जरी के समय को घंटों से घटाकर केवल 8-10 मिनट कर दिया, और रोगियों के लिए अस्पताल में रहने का समय 15 दिनों से घटाकर केवल 3-4 दिन कर दिया हैं। इससे जोड़ों के दर्द से पीड़ित लाखों लोगों के दर्द को कम करने में मदद मिली है, खासकर बुजुर्गों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। उनके नेतृत्व में शैल्बी एक वर्ष में लगभग 10,000 जॉइंट रिप्लेसमेंट (जोड़ प्रत्यारोपण) सर्जरी करता है, जो दुनिया में सबसे अधिक है। शैल्बी में अब तक लगभग 1,25,000जॉइंट रिप्लेसमेंट (जोड़ प्रत्यारोपण) सर्जरी की गई है, जो भी दुनिया में सबसे अधिक है। शैल्बी न केवल भारत से बल्कि दुनिया भर के रोगियों के लिए जॉइंट रिप्लेसमेंट और आर्थोपेडिक सर्जरी के लिए पसंद का हॉस्पिटल है।

० संत कुमार गोस्वामी ० 

सिवान भगवानपुर प्रखंड के ब्रह्मस्थान गांव में महेश बाबा के प्रांगण में प्रतिभा सामान्य समारोह का आयोजन आयोजित की गई । 80 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले मैट्रिक और इंटरमीडिएट छात्र छात्राओं को रूट केयर फाउंडेशन के तत्वधान में प्रस्तुति पत्र और अवार्ड देकर सम्मानित किया गया।
आईआईटी , पास करने वाले बच्चे भी समानित हुवे । मंच संचालन बीजेपी मंडल अध्यक्ष सुजीत पांडे के द्वारा किया गया ।

यहां उपस्थित बच्चों को मोटिवेशनल बातो से औरबच्चों को कैसे आगे बढ़े चीफ गेस्ट द्वारा संबोधित किया गया । इस मौके पर रूट केयर फाउंडेशन के संस्थापक डॉ मंजेश पाण्डेय आगंतुक अतिथियों को अंग वस्त्र देकर समानित् किए। यहां उपस्थित बच्चो को मार्गदर्शन दिए गया । इस मौके पर येजाज रहमान डीडी न्यूज दिल्ली , वाजिद अंसारी एसडीओ इंजिनियर, डॉ रामेश्वर सिंह,डॉ मुकुंद पाठक, डॉ गणेश दत्त पाठक, डॉ सुमित रंजन ,उर्मिला देवी, समाज सेवी गोल्डन शाही, राकेश तिवारी, भगवानपुर थाना प्रभारी पंकज कुमार,आदि लोग मौजूद रहे ।

० संवाददाता द्वारा ० 

जयपुर । भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गाँधी का बलिदान दिवस प्रदेश भर में कांग्रेसजनों द्वारा श्रद्धापूर्वक मनाया गया। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर सभी जिला व ब्लॉक कांग्रेस मुख्यालयों पर सर्वधर्म प्रार्थना सभा, पुष्पांजलि कार्यक्रम, फल वितरण आदि कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस अवसर पर राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी मुख्यालय जयपुर पर सर्वधर्म प्रार्थना सभा आयोजित की गई। जिसमें विभिन्न धर्मगुरूओं ने धार्मिक ग्रन्थों का वाचन किया। सर्वधर्म प्रार्थना सभा में पं. जगदीश प्रसाद शर्मा ने भजन प्रस्तुत किए, कारी अब्दुल रशीद ने कुरान की आयतों को पढ़ा, सरदार मनिन्दर बग्गा ने गुरूवाणी तथा फादर विजय पॉल ने बाईबल एवं महन्त पुरूषोत्तम भारती ने गीता का पाठ किया। प्रार्थना सभा के पश्चात् सभी कांग्रेसजनों ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय के राजीव गाँधी सभागार में स्थित स्व. श्री राजीव गाँधी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर आधुनिक भारत के महान स्वप्नदर्शी स्व. राजीव गाँधी को श्रद्धांजलि दी।
राजीव गाँधी की पुण्यतिथि पर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा, पूर्व अध्यक्ष डॉ. चन्द्रभान, पूर्व केन्द्रीय मंत्री नमोनारायण मीणा, प्रदेश कांग्रेस महासचिव डॉ. मांगीलाल गरासिया प्रशान्त बैरवा, सचिव ललित तूनवाल, रामसिंह कस्वां, जसवन्त गुर्जर, प्रशान्त सहदेव शर्मा, पुष्पेन्द्र भारद्वाज, महेन्द्र सिंह खेड़ी, श्रीमती प्रतिष्ठा यादव, देशराज मीणा, राजेन्द्र यादव, सचिन सर्वटे, प्रवक्ता आर.सी. चौधरी, स्वर्णिम चतुर्वेदी, प्रदेश सरकार के मंत्री डॉ. महेश जोशी, हेमाराम चौधरी, प्रतापसिंह खाचरियावास, विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा, रफीक खान, अमीन कागजी, चेयरमेन बृजकिशोर शर्मा, मुमताज मसीह, डॉ. खानू खाँ बुधवाली, पुखराज पाराशर, महेश शर्मा, डॉ. शंकर यादव, वाईस चेयरमेन श्रीमती मंजू शर्मा, रामसहाय बाजिया, सतवीर चौधरी, पूर्व सांसद अश्कअली टाक, डॉ. करण सिंह यादव, पूर्व विधायक हीरालाल विश्नोई, नवरंग सिंह, अशोक तंवर, महेन्द्र मीणा, अनिल पारीक, सुरेश चौधरी, गिरिराज गर्ग, डॉ. अजीत सिंह शेखावत, सुशील शर्मा,
बालकृष्ण खींची, श्रीमती ज्योति खण्डेलवाल, सत्येन्द्र भारद्वाज, शंकरलाल मीणा, आर. आर. तिवाड़ी, महेश शर्मा दौलतपुरा, अयूब खान, श्रीमती संगीता गर्ग, पं. सुरेश मिश्रा, डॉ. धूप सिंह पूनियां, कैलाश सोयल, अब्दुल हफीज जयपुरी, एडवोकेट अशोक शर्मा, विमल सारस्वत, गोपाल नावरिया, राजेन्द्र आर्य, महेन्द्र राजोरिया, राजू खान, पंकज दाधीच, आनन्द व्यास, अयूब फुलेरा, मांगीलाल लेखरा, सुनील आमेरिया, सीताराम नेहरू, प्रदीप कलवानियां, भगवत चौधरी, लोकेश सैनी, अब्दुल रऊफ, दिलीप मीणा, अर्जुन उज्जैनिया, नितिन व्यास, अरूण सारस्वत, कालूराम बागड़ा, धनसिंह नरूका, पार्षद श्रीमती तारा बेनीवाल, भरत मेघवाल, अयूब खान, कजोड़मल सैनी, समीर सुखीजा, श्रवण चौबे, समीर सुखीजा, सुश्री शांता पाराशर, श्रीमती शीला सैनी, श्रीमती मधु गुप्ता, शरीफ खान, तरूण भारती, राधाकृष्ण जांगिड़, श्रवण खींची, बाबूलाल राणा, लादूराम बैरवा, महेन्द्र गोस्वामी, लखन, वसीम खान, श्रीमती शकुन्तला शर्मा एवं सत्येन्द्र सिंह जादौन सहित अनेक कांग्रेसजन उपस्थित रहे।

० संवाददाता द्वारा ० 

नई दिल्ली, दिल्ली के द्वारका में पचासों साल पुराने डाबड़ी क़ब्रिस्तान के प्रबंधन के लिए वक़्फ़ बोर्ड की इजाज़त से बनाई गई छोटे क़ब्रिस्तान की कमिटी पर बड़े क़ब्रिस्तान पर अवैध रूप से क़ब्ज़ा करने की कोशिश करने वाली फ़र्ज़ी कमिटी द्वारा डाले गए मुक़दमे को कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया। इस सिलसिले में कब्रिस्तान वेलफेयर एसोसिएशन डाबड़ी की कमिटी व अन्य शख्सियतों ने दिल्ली हाई कोर्ट के वकील रईस अहमद को सम्मानित किया। 
गौरतलब है कि अभी कुछ रोज़ पहले रमज़ान के महीने में कुछ शरारती तत्वो नो इस क़ब्रिस्तान के सामने क़र्बला की ज़मीन पर क़ब्ज़ा करने की नीयत सैकड़ो साल पुरानी क़ब्रो व कुआंनुमा ट्यूबवेल को नष्ट करके अवैध क़ब्ज़ा करने की कोशिश की थी तो, तुरन्त तमाम शरारती तत्वो के ख़िलाफ़ पुलिस कार्यवाही करवाते हुए, एडवोकेट रईस अहमद ने पिछले माह 22 अप्रैल को पहली ही तारीख़ पर कोर्ट स्टे दिलाया।
एडवोकेट रईस ने अपने बयान में कहा कि दरअसल डाबड़ी व आसपास के इलाकों जिसमें सीतापुरी, महावीर एनक्लेव, सागरपुर, जनकपुर, दुर्गापुरी, चाणक्या प्लेस, पालम इलाकों में बड़ी आबादी मुसलमानों की रहती है। जिन्हें काफी लंबे समय से मुर्दो को दफ़न करने में परेशानी हो रही थी जिसकी वजह थी, आसपास की डेढ़ लाख की आबादी पर बेहद छोटे महज़ 800 वर्गमीटर क़ब्रिस्तान का इस्तेमाल होना और इसके साथ लगे बड़े क़ब्रिस्तान पर कुछ दबंग लोगों का अवैध रूप से निजी प्रयोग! जिसमें वह किसी अन्य व्यक्ति को दफन नहीं होने देते थे, अपने पशु पालन व पौधों की नर्सरी के तौर पर खरीदफरोख्त के लिए इस्तेमाल करते थे। यदि कोई अन्य व्यक्ति अपने मुर्दो को दफ़नाने के लिए कोशिश भी करता, तो उसे रोकते व धमकाते थे कि ये हमारी पारिवारिक ज़मीन हैं यहां सिर्फ हमारा हक़ है।

हालांकि वो यह बात बखूबी जानते हैं कि क़ब्रिस्तान अहले इस्लाम होता है, किसी भी इलाके के मुर्दे को भी दफ़न करने से नहीं रोका जा सकता, लेकिन कुछ कुरीतियों के चलते मुसलमानों में आज भी इस तरह की भावनायें पाई जाती हैं। जबकि 800 वर्गमीटर के जिस छोटे क़ब्रिस्तान में तमाम आसपास के इलाक़ो के मुर्दो को दफ़न किया जाता था उसकी प्रबंधन कमिटी को इस पूरे क़ब्रिस्तान के प्रबंधन की दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड से इजाज़त भी मिली हुई थी, लेकिन जब 2016 में इस छोटे क़ब्रिस्तान में जगह कम पड़ने लगी तो तमाम नेताओ से लेकर विभागों तक कमिटी के लोगों ने इस 4000 वर्गमीटर के साथ लगे क़ब्रिस्तान में दफ़नाने या कोई और क़ब्रिस्तान के लिए जमीन मुहय्या करने की गुहार लगाना शुरू किया, 

तो मालूम चला कि बड़ा क़ब्रिस्तान व्यक्तिगत न होकर सार्वजनिक है और पचासों साल से ग्रामसभा खसरा नम्बर 27/19 पर मौजूद क़ब्रिस्तान की देखभाल करती रही है, जिसे द्वारका में शामिल कर शहरीकरण के बाद वक़्फ़ बोर्ड को सौंप जाना था, मुस्लिम अवाम में बेदारी व तालीम की कुछ कमी और आसपास उस समय कम आबादी के चलते इसके लिए कोई कोशिश नहीं की गयी, और एक दबंग आदमी ने इसपर कुछ वक्त से अपने निजी स्वार्थ के लिए क़ब्ज़ा करना शुरू कर दिया। जब छोटे क़ब्रिस्तान में कई परत मिट्टी डालने के बावजूद जगह की कमी का हल नहीं निकला तो डीडीए से कुछ क़ब्रिस्तान की ज़मीन की मांग की गई। उन्होंने छोटे क़ब्रिस्तान वालों को जब बड़े क़ब्रिस्तान के बीच दीवार गिराकर मिलाने की कोशिश शुरू की तो बड़े क़ब्रिस्तान पर क़ब्ज़ा करने की कोशिश करने वाले दबंगो ने तुरंत एक फर्जी सोसाइटी रजिस्टर कर छोटे क़ब्रिस्तान की देखभाल करने वाली क़ानूनी हक़दार कमिटी कब्रिस्तान वेलफेयर एसोसिएशन के साथ-साथ डीडीए पर भी ये झूंठा मुक़दमा कर दिया और दावा किया कि 300 सालों से इस 4.16 एकड़ के क़ब्रिस्तान पर उनके पूर्वज दफ़न करते आ रहे हैं। हालांकि डीडीए को जब ये पता चला कि ये क़ब्रिस्तान वक़्फ़ बोर्ड का है तो उसने कोई कार्यवाही नहीं की, और कोर्ट ने भी इस मुक़दमे में डीडीए को सम्मन करने से मना कर दिया।

छोटे क़ब्रिस्तान वालों को इस मुक़दमे के सिलसिले में जब मालूम चला तो उन्होंने हमसे संपर्क किया। जिसमें दिसम्बर 2021 में हमने अपना वकालतनामा दाखिल कर मुक़दमा लड़ना शुरू किया और तमाम महकमों से इस क़ब्रिस्तान की मिल्कियत और प्रबंधन के लिए जवाब मांगा, तब ये तमाम बाते खुलकर सामने आई। मुक़दमे की लड़ाई में जब बड़े क़ब्रिस्तान के वकील से हमने सवाल किए कि ये कैसे आपके पास आया या किसने आपको इस क़ब्रिस्तान का ज़िम्मेदार बनाया तो, उन्होंने अपनी पेटिशन में बदलाव करके नई पेटिशन फ़ाइल करने की कोर्ट से इजाज़त मांगी।  
जिसे कोर्ट ने क़ुबूल किया। हालांकि हमने उस वक़्त भी कोर्ट से कहा कि ये कुछ नहीं साबित कर पाएंगे और अब आएंगे भी नहीं, और ऐसा ही हुआ उनके वकील न तो कोर्ट में पेश हुए न ही नई पेटिशन दाखिल की, कोर्ट ने 3 तारीखों तक इंतज़ार किया और आख़िरी मौक़ा देते हुए पिछली तारीख़ पर केस डिसमिस करने की बात कहते हुए ये तारीख़ दी थी। इसपर पर वो कोई चीज़ पेश करने में नाकाम रहे और आख़िरकार कोर्ट ने हमारी कमिटी के हक़ में फ़ैसला सुनाते हुए मुक़दमे को ख़ारिज कर दिया। ब उम्मीद है कि ये पूरा क़ब्रिस्तान जल्द ही कमिटी की देखरेख में आ जायेगा और मुर्दो को दफ़न के लिए खुलवाया जाएगा।

०  इरफ़ान राही  ०         

नयी दिल्ली..साहित्य जगत में ख्याति प्राप्त डॉ भावना शुक्ल विविध विधाओं में कलम चलाने वाली आप जबलपुर के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ राजकुमार तिवारी सुमित्र की सुपुत्री है। देश की राजधानी दिल्ली स्थित हिन्दी भवन में अंतरराष्ट्रीय शब्द सृजन संस्था के द्वारा कालजयी काव्य ग्रंथ 'भारत के भारत रत्न' का भव्य लोकार्पण एवं सम्मान समारोह संपन्न हुआ। इस कालजयी काव्य ग्रंथ के संपादक डॉ राजीव कुमार पाण्डेय है जब कि श्री ओंकार त्रिपाठी द्वारा इसे संकलित किया गया।इस अवसर पर साहित्यकार डॉ भावना शुक्ल को काव्य रत्न सम्मान तथा गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड से सम्मानित भी किया गया।

इस अवसर पर मुंबई से पधारे कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सुदर्शन चैनल के अध्यक्ष, प्रबन्ध निदेशक एवं एडिटर इन चीफ सुरेश चौहान ने इस कृति को राष्ट्रीय अस्मिता का ग्रन्थ बताते हुए कहा कि यह केवल एक ग्रन्थ नहीं बल्कि राष्ट्रीय धरोहर बन गया है। इससे भारत की आने वाली पीढ़ी को हमारे देश की महान विभूतियों को काव्यात्मक रूप से पढने को मिलेगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त साहित्यकार पद्मश्री डॉ श्याम सिंह 'शशि' ने कहा हिंदी साहित्य के इतिहास हमारे राष्ट्र के महापुरुषों को कविताओं के माध्यम से व्यक्त कर एक श्लाघनीय कार्य किया गया है। मैं इसके सम्पादक एवं संकलनकर्ता को ह्र्दय से बधाई देता हूँ।

विशिष्ट अतिथि और नागरी लिपि परिषद के महामंत्री डॉ हरी सिंह पाल जी ने इस ग्रंथ को विशाल ग्रंथ बताया तथा विशिष्ट अतिथि और हिंदी अकादमी दिल्ली के सचिव डॉ जीतराम भट्ट ने इसे कालजयी ग्रन्थ की संज्ञा देते हुए कहा कि इसे भारत की प्रत्येक लाइब्रेरी में होना चाहिए। विशिष्ट अतिथि डॉ इंदिरा मोहन, अध्यक्ष दिल्ली हिंदी साहित्य सम्मेलन ने इसे अभूतपूर्व ग्रन्थ बताया। सभी अतिथियों के कर कमलों द्वारा इस ग्रन्थ का भव्य लोकार्पण किया गया। संस्था के अध्यक्ष डॉ राजीव कुमार पाण्डेय जी ने इसे गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराया था। इस कलजयी काव्य ग्रंथ में डॉ भावना शुक्ल की रचना डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन पर आधारित है। संस्था की कोषाध्यक्ष अनुपमा पाण्डेय ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

० जहाँआरा ० 

ग्वालियर के घाटीगांव के नया गाँव के लोगों का पानी के बिना जीवन बहुत ही मुश्किल भरा है यहाँ पर सहरिया आदिवासी लोग निवास करते है। यहाँ पीने के पानी की सालों  भरी किल्लत है। सरकार और प्रशासन के सामने यहां के स्थानीय निवासियों ने कई बार इस पानी की भारी समस्या की तरफ लोगों ने ध्यान दिलाया है 

लेकिन आज तक इस समस्या का पूरा समाधान नहीं हुआ है। सरकार की तरफ से पूरे गाँव में पानी की पाइप न डाल कर  कुछ एरिया में केवल पानी के पाइप डाल कर चले गए है, जिस में  मुश्किल से एक घण्टे पानी आता। है ,इस समस्या की तरफ  सरपंच भी सुनवाई नहीं कर रहा है।  यह  घाटी गांव ब्लाक है जो की ग्वालियर। जिले में आता है  ।

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