१ संवाददाता द्वारा ०
फिर उन्होंने घाना के एक बड़े शहर कुमासी के दूसरे अस्पताल में इलाज करवाया। हालांकि यह सर्जरी भी फेल हो गई थी। अगले ढाई वर्षों के दौरान उन्होंने उसी हॉस्पिटल में पांच विफल हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी को सहन किया, जो एक के बाद एक विफल रही थी। कुल मिलाकर श्रीमती सलीफू ने घाना में छह विफल हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी करवाईं। बार-बार की जाने वाली सर्जरी के कारण उनकी हालत बिगड़ती जा रही थी। हिप रिप्लेसमेंट एक ऐसी सर्जरी है जिसमें क्षतिग्रस्त कार्टिलेज और हड्डी को कूल्हे के जोड़ से हटा दिया जाता है और कृत्रिम घटकों के साथ बदल दिया जाता है। कभी-कभी, हिप रिप्लेसमेंट इम्प्लांट विभिन्न कारणों से खराब हो सकते हैं और उन्हें रिवीजन हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी की मदद से बदलना पड़ सकता है। हालांकि, यह आमतौर पर सर्जरी के 15-20 साल बाद होता है। लेकिन श्रीमती सलीफू के केस में ऐसा नहीं था। उनके केस में कारण बारबार कूल्हे के जोड़ का खिसक जाता था। छह विफल सर्जरी के बाद उनका कूल्हे का जोड़ खिसक गया था और उनका पैर लगभग 3 सेमी छोटा हो गया था।
उन्हें तेज दर्द हो रहा था, वे लंगड़ा कर और छोटे पैर के साथ चल रही थी। उनका चलना-फिरना बिल्कुल सीमित हो गया था और उनके कूल्हे में तेज दर्द रहता था। इस समस्या के कारण उनके जीवन की गुणवत्ता को काफी नुकसान हुआ था, और उन्हें अपने रोज़ाना के कार्यों को करने में भी समस्या हो रही थी। रिवीजन हिप रिप्लेसमेंट आम तौर पर पहली सर्जरी की तुलना में अधिक चुनौतीपूर्ण और जटिल प्रक्रिया है, और उनकी दुर्घटना और बार-बार की विफल सर्जरी ने इसे और भी कठिन और चुनौतीपूर्ण बना दिया था।डॉ. विक्रम शाह का कहना है, "हमने बिना किसी हड्डी के नुकसान के विशेष उपकरण से उनके एसिटाबुलम (कूल्हे की हड्डी का सॉकेट जिसमें फीमर फिट होता है) को बदल दिया।
सॉकेट को ठीक करने के लिए बड़े साइज़ के कप और स्क्रू का इस्तेमाल किया गया और भविष्य में खिसकने को रोकने के लिए विशेष प्रकार के प्लास्टिक लाइनर का इस्तेमाल किया गया था। रिवीजन सर्जरी में कभी-कभी बोन ग्राफ्टिंग भी करनी होती है, जिसके लिए हमें बड़ी मात्रा में हड्डी की आवश्यकता होती है। शैल्बी में इसके लिए हमारे पास बोन बैंक है। उन्हें ठीक होने के लिए 3 सप्ताह तक बेड रेस्ट पर रखा गया था। इसके बाद उन्हें वॉकर के सहारे चलने के लिए कहा गया। और छह सप्ताह के बाद वे बिना लंगड़ाकर, बिना पैर के छोटा हुए और बिना दर्द के चल सकती थी।” श्रीमती सलीफू की बेटी का कहना है, "मेरी मां की कई विफल सर्जरी हुई थी, और फिर हमें डॉ. विक्रम शाह और शैल्बी अस्पताल में रेफर किया गया। यहां उनकी सर्जरी अब सफल रही है और वे फिर से चल सकती हैं। मैं डॉ. विक्रम शाह और कृष्णा शैल्बी अस्पताल को धन्यवाद देती हूं। इस तरह की सर्जरी के लिए विशेष उपकरणों, विशेष ज्वाइंट इंप्लांट, अच्छी तरह से सुसज्जित क्लास 100 ऑपरेशन थिएटर सेट-अप और सबसे ऊपर ऐसे सर्जन की आवश्यकता होती है, जिसे रिवीजन हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी करने का व्यापक अनुभव हो।
डॉ विक्रम शाह आगे कहते हैं, “शैल्बी में हम एक साल में लगभग 10,000 ज्वाइंट रिप्लेसमैंट सर्जरी करते हैं, जो दुनिया में सबसे अधिक है। प्राइमरी सर्जरी के साथ-साथ हमें दुनिया भर से रिवीजन सर्जरी के लिए बड़ी संख्या में जटिल केस भी मिलते हैं। इनमें से लगभग 250 जटिल और रिवीजन हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी होती हैं। प्रत्येक केस की अपनी एक चुनौती होती है, लेकिन यह विशेष केस अद्वितीय और कठिन था क्योंकि रोगी की पहले ही छह बार सर्जरी हो चुकी थी। हमें खुशी है कि आखिर में पांच साल बाद उनका इलाज हो पाया।”
डॉ विक्रम शाह और शैल्बी हॉस्पिटल के बारे में
डॉ। विक्रम शाह एक विश्व प्रसिद्ध जॉइंट रिप्लेसमेंट (जोड़ प्रत्यारोपण) सर्जन और शैल्बी हॉस्पिटल के फाउंडर चेरमैन और मेनेजिंग डायरेक्टर हैं। शैल्बी आठ शहरों में फैले 11 हॉस्पिटल की एक श्रृंखला है। डॉ. विक्रम शाह के इनोवेशन जीरो टेक्नीक ऑफ जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी ने इस सर्जरी में क्रांति ला दी है। जीरो तकनीक ने कम से कम खून का बहाव, तेजी से ठीक होने और शून्य के करीब संक्रमण दर के लाभों के साथ सर्जरी के समय को घंटों से घटाकर केवल 8-10 मिनट कर दिया, और रोगियों के लिए अस्पताल में रहने का समय 15 दिनों से घटाकर केवल 3-4 दिन कर दिया हैं। इससे जोड़ों के दर्द से पीड़ित लाखों लोगों के दर्द को कम करने में मदद मिली है, खासकर बुजुर्गों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। उनके नेतृत्व में शैल्बी एक वर्ष में लगभग 10,000 जॉइंट रिप्लेसमेंट (जोड़ प्रत्यारोपण) सर्जरी करता है, जो दुनिया में सबसे अधिक है। शैल्बी में अब तक लगभग 1,25,000जॉइंट रिप्लेसमेंट (जोड़ प्रत्यारोपण) सर्जरी की गई है, जो भी दुनिया में सबसे अधिक है। शैल्बी न केवल भारत से बल्कि दुनिया भर के रोगियों के लिए जॉइंट रिप्लेसमेंट और आर्थोपेडिक सर्जरी के लिए पसंद का हॉस्पिटल है।
डॉ विक्रम शाह आगे कहते हैं, “शैल्बी में हम एक साल में लगभग 10,000 ज्वाइंट रिप्लेसमैंट सर्जरी करते हैं, जो दुनिया में सबसे अधिक है। प्राइमरी सर्जरी के साथ-साथ हमें दुनिया भर से रिवीजन सर्जरी के लिए बड़ी संख्या में जटिल केस भी मिलते हैं। इनमें से लगभग 250 जटिल और रिवीजन हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी होती हैं। प्रत्येक केस की अपनी एक चुनौती होती है, लेकिन यह विशेष केस अद्वितीय और कठिन था क्योंकि रोगी की पहले ही छह बार सर्जरी हो चुकी थी। हमें खुशी है कि आखिर में पांच साल बाद उनका इलाज हो पाया।”
डॉ विक्रम शाह और शैल्बी हॉस्पिटल के बारे में
डॉ। विक्रम शाह एक विश्व प्रसिद्ध जॉइंट रिप्लेसमेंट (जोड़ प्रत्यारोपण) सर्जन और शैल्बी हॉस्पिटल के फाउंडर चेरमैन और मेनेजिंग डायरेक्टर हैं। शैल्बी आठ शहरों में फैले 11 हॉस्पिटल की एक श्रृंखला है। डॉ. विक्रम शाह के इनोवेशन जीरो टेक्नीक ऑफ जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी ने इस सर्जरी में क्रांति ला दी है। जीरो तकनीक ने कम से कम खून का बहाव, तेजी से ठीक होने और शून्य के करीब संक्रमण दर के लाभों के साथ सर्जरी के समय को घंटों से घटाकर केवल 8-10 मिनट कर दिया, और रोगियों के लिए अस्पताल में रहने का समय 15 दिनों से घटाकर केवल 3-4 दिन कर दिया हैं। इससे जोड़ों के दर्द से पीड़ित लाखों लोगों के दर्द को कम करने में मदद मिली है, खासकर बुजुर्गों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। उनके नेतृत्व में शैल्बी एक वर्ष में लगभग 10,000 जॉइंट रिप्लेसमेंट (जोड़ प्रत्यारोपण) सर्जरी करता है, जो दुनिया में सबसे अधिक है। शैल्बी में अब तक लगभग 1,25,000जॉइंट रिप्लेसमेंट (जोड़ प्रत्यारोपण) सर्जरी की गई है, जो भी दुनिया में सबसे अधिक है। शैल्बी न केवल भारत से बल्कि दुनिया भर के रोगियों के लिए जॉइंट रिप्लेसमेंट और आर्थोपेडिक सर्जरी के लिए पसंद का हॉस्पिटल है।
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