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मई 18, 2022 ,

० योगेश भट्ट ०

लखनऊ । भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी), नई दिल्ली के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा है कि भारत की पत्रकारिता का भारतीयकरण किये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भारतीय मूल्यों के आधार पर होने वाली पत्रकारिता से ही नवभारत का निर्माण होगा। प्रो. द्विवेदी नारद जयंती के अवसर पर देवर्षि नारद जयंती आयोजन समिति, लखनऊ द्वारा 'पत्रकार का लोकधर्म और देवर्षि नारद' विषय पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। लखनऊ के अंतरराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान, गोमती नगर में आयोजित इस कार्यक्रम में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, लखनऊ के कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार मिश्र एवं वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार नरेंद्र भदौरिया ने भी हिस्सा लिया।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के तौर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए प्रो. द्विवेदी ने कहा कि नारद जी लगातार प्रवास करते थे। आज पत्रकारों को उनके इस गुण से सीखना चाहिए। पत्रकार अगर बैठ जाएगा, तो समाज से उसका संपर्क टूट जायेगा। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता में विश्वसनीयता और प्रामाणिकता का संकट है। पश्चिम के मूल्यों के कारण मीडिया में नकारात्मकता का भाव आया है। आज पत्रकार होने का मतलब ही नकारात्मकता को खोजना हो गया है। इसका कारण है कि हम अपने मूल्यों को भूलकर पश्चिम की पत्रकारिता को अपना रहे हैं।

 आईआईएमसी के महानिदेशक के अनुसार आज समाज के हर वर्ग में गिरावट आई है। समाज से अलग पत्रकारिता नहीं हो सकती। इसलिए सारी अपेक्षाएं पत्रकारों से करना ठीक नहीं है। प्रो. द्विवेदी ने कहा कि पत्रकारों के अंदर सामाजिक सरोकार और समाज के लिए कुछ करने की संवेदना होती है। पत्रकारिता कठिन मार्ग है। अपनी जान को जोखिम में डालकर पत्रकार पत्रकारिता करते हैं। आजादी के आंदोलन में भी पत्रकारों ने अहम भूमिका निभाई थी।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, लखनऊ के कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार मिश्र ने कहा कि भारत को आगे बढ़ना है, तो विद्यार्थीपरक शिक्षा होनी चाहिए, मातृ सत्तात्मक परिवार होना चाहिए और समाज ज्ञानपरक होना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश के निर्माण में पत्रकारिता का बड़ा योगदान है, लेकिन मीडिया में नवाचार की भी आवश्यकता है।  कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार श्री नरेंद्र भदौरिया ने कहा कि नारद जी पत्रकार ही नहीं, बल्कि वेदों के प्रसारक भी थे। वैदिक वांग्मय से ही भारतीय संस्कृति समृद्ध हुई है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने हमारे इतिहास को कलंकित किया है, 

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार नरेंद्र भदौरिया ने कहा कि नारद पत्रकार ही नहीं, बल्कि वेदों के प्रसारक भी थे। वैदिक वांग्मय से ही भारतीय संस्कृति समृद्ध हुई है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने हमारे इतिहास को कलंकित किया है, उन्हें इतिहास से बाहर करना होगा। कार्यक्रम की प्रस्तावना राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, अवध प्रांत के प्रचार प्रमुख डॉ. अशोक दुबे ने रखी। संगोष्ठी का संचालन वरिष्ठ पत्रकार  सर्वेश सिंह ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन वरिष्ठ पत्रकार पी.एन. द्विवेदी ने किया। इस अवसर पर रॉबर्ट्सगंज के विधायक भूपेश चौबे, भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश महामंत्री हर्षवर्धन सिंह, सिंधी अकादमी के उपाध्यक्ष नानक चंद लखमानी, बाल आयोग के सदस्य श्याम त्रिपाठी, विश्व संवाद केंद्र के  मनीष कुमार एवं डॉ. शैलेष भी प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

0 इरफान राही 0

नयी दिल्ली , एडवोकेट मोहम्मद अनवर सिद्दीकी का एक हादसे के दौरान कश्मीर में इंतकाल हो गया उनकी मय्यत हवाई जहाज से दिल्ली‌ एयरपोर्ट लाई गई और रात 11:00 बजे शाहीन बाग कब्रिस्तान में उन को दफनाया गया। बताया जा रहा है कि एडवोकेट मोहम्मद अनवर सिद्दीकी कश्मीर में एक प्रोग्राम में शामिल होने के लिए थे एक नहर के करीब वह नमाज़ अदा करने के लिए वज़ू कर रहे थे तभी अचानक उनका पैर फिसल गया और वह नहर में जा गिरे नहर का बहाव तेज़ होने की वजह से वह करीब एक किलो मीटर‌ तक बहते चले गए इस दौरान उनकी दुखद मौत हो गई , उनकी लाश को तलाश करने में भी काफी मशक्कत करनी पड़ी ।

‌‌एडवोकेट अनवर सिद्दीकी हिंदुस्तान की नामी-गिरामी इस्लामिक संस्था जमात ए इस्लामी हिंद के अहम सदस्य थे इसके अलावा आप एसोसिएशन ऑफ सिविल राइट्स दिल्ली चैप्टर के सचिव भी थे । कुतुब मीनार मस्जिद उन्हीं की पैरवी और कोशिशों से पिछले साल नवंबर में कुवतुल इस्लाम मस्जिद का फैसला अदालत ने मस्जिद के फेवर में दिया था । इनके अलावा मोहम्मद अनवर सिद्दीकी दिल्ली के गरीबों और मजलूमों और मोब लिंचिंग के शिकार लोगों के केस देख रहे थे जिसमें इनकी पैरवी काबिले तारीफ रही । अपनी दमदार वकालत और कठिन परिश्रम के ज़रिए एडवोकेट अनवर सिद्दीकी ने अपनी एक अलग पहचान बनाई थी।

इनके परिवार में इनकी पत्नी और एक बेटी हैं ।इनके निधन पर जमात ए इस्लामी हिंद के अलावा देश की विभिन्न सामाजिक , संगठनों, शैक्षिक व धार्मिक, संस्थाओं, जज तथा वकीलों ने अपना दुख प्रकट किया है ।

० योगेश भट्ट ० 

नई दिल्ली के निर्माण विहार मे राष्ट्रीय सैनिक संस्था के एनसीआर के संयोजक राजीव खोसला ने अमर शहीद सुखदेव का 115 वे जन्मदिन पर राष्ट्रभक्तो द्वारा कवि सम्मेलन व अन्य कार्यक्रमो का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम मे मुख्य अतिथि के रूप में अनुज थापर, (वंशज शहीद सुखदेव), श्रीमती अनिता गोयल (वंशज शहीद लाला लाजपत राय ), राजन छिब्बर (सलाहकार:- आध्र प्रदेश सरकार ), मौहम्मद मुफ्ती शम्मू काजमी (सदस्य:- अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी), डॉक्टर राजेश ओझा (पीठाधीश्वर वा प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य)
इस कार्यक्रम मे विशिष्ठ अतिथि के रूप में देश के प्रसिद्ध समाजसेवी व महात्मा हजारीलाल मेमोरियल ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुज शर्मा,  केके गोयल , सुपुत्र स्वतंत्रता सेनानी राकेश कुमार कोडा , दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश अरुण कुमार धवन , दिल्ली यूनिवर्सिटी की प्रोफ़ेसर डॉक्टर सपना बंसल, सी एस एल मीणा  (एस.एच.ओ:- जगतपुरी दिल्ली पुलिस), रिटायर्ट एसीपी दिल्ली पुलिस वेद भूषण , 

सुप्रसिद्ध समाजसेवक वेदभूषण अनिल शर्मा , पूर्व चुनाव अधिकारी गाजियाबाद रामदयाल मीणा आदि गणमान्य अतिथि कार्यक्रम मे उपस्थिति रहे। इस कार्यक्रम मे आगे बढ़ते हुए सुप्रसिद्ध समाजसेवक व महात्मा हजारीलाल मेमोरियल ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुज शर्मा को वंशज शहीद सुखदेव के अनुज थापर ने सम्मानित किया।

० इरफ़ान राही ० 

नयी दिल्ली - उत्तर पूर्वी जिले के पुराना मुस्तफाबाद इलाके मे सौफिया एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसाइटी ने हमदर्द नेशनल फाउंडेशन के साथ मिलकर पैरामेडिकल कोर्सेज के लिए एक सेंटर इक़रा पैरामेडिकल एंड मैनेजमेंट ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट की शुरुवात की गयी है जिसमे हमदर्द नेशनल फाउंडेशन (एम आर ई सी) दिल्ली के सेक्रेटरी जावेद नसीम मुख्य अतिथि व् मास्टर शेर मोहम्मद, हाजी नईम मालिक, जमील अहमद सैफी, जब्बार सैफी विशिष्ट अतिथि रहे
कुरान मे इक़रा शब्द का जिक्र सबसे पहले आया है जिसका मतलब पढ़ो, सोफिया संस्था पिछले 18 सालो से लड़के, लड़कियां व् महिलाओं को पढ़कर , ट्रेनिंग देकर उन्हें रोजगार के साथ जोड़ रही है जिससे समाज मे स्वावलम्बी होने का हुनर तेजी से फ़ैल रहा है और सोफिया की टीम अलग अलग कोर्स की ट्रेनिंग करके आठ लोकेशन पर करीब 4000 युवाओं को सक्षम बना रही है इसी काम को आगे बढाने के लिए सोफिया संस्था ने हमदर्द नेशनल फाउंडेशन के साथ मिलकर "इक़रा पैरामेडिकल एंड मैनेजमेंट ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट" की शुरुवात की है जिसमे DMLT दो साल के कोर्स को नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ ओपन स्कूलिंग , भारत सरकार के करने के बाद सरकारी नौकरी व् प्राइवेट नौकरी सभी जगह मान्य होगा व् अपना लैब भी खोल कर व्यवसाय कर सकता है

हमदर्द नेशनल फाउंडेशन के सेक्रेटरी जावेद नसीम ने अपने सम्बोधन मे कहा कि सोफिया समाज के हर तबके के लिए अलग अलग कामों को अंजाम दे रही है और इनके काम कि गूँज पूरी दिल्ली मे सुनाई देती है जिन कामो को हम समाज के लिए जमीनीं स्तर पर पूरा नहीं कर पते है उन्हें सोफिया संस्था की टीम हमारे साथ मिलकर पूरी जिम्मेदारी से अंजाम देती है इक़रा की शुरुवात करना बस एक शुरुवात है अभी सोफिया के साथ मिलकर बहुत सारे पैरामेडिकल के कोर्सेज की शुरुवात करनी है जिससे देश मे ज्यादा से ज्यादा युवा इस क्षेत्र के लिए तैयार हो सके और समाज व् देश के लिए अपना योगदान दे सके कोरोना के समय मे पैरामेडिकल क्षेत्र के लोगो की बेहद जरूरत थी और किसी भी कीमत पर लोग नहीं मिल रहे थे हम सोफिया के साथ मिलकर समाज के निचले तबके के लोगो के बच्चों को जो पैसे की वजह से इस क्षेत्र मे नहीं जा पते है हम एक साल मे 100 लड़के लड़कियों को बहुत की कम फीस बच्चों से लेकर बाकी की फीस व् सेंटर का खर्च हमदर्द नेशनल फाउंडेशन उठाएगा जिससे अच्छे युवा तैयार हो सके और समाज मे बदलाव ला सके

सोफिया के अध्यक्ष सुहैल खान ने कहा कि हम पिछले करीब 18 सालो से छोटे छोटे कोर्स की ट्रेनिंग करके युवाओं को अच्छा प्लेसमेंट दे रहे है लकिन अब सोफिया उससे कुछ अलग करना चाहती है और हमदर्द नेशनल फाउंडेशन ने इस काम को करने मे हमारी मदद की जिससे आज ये सेंटर खुल पाया और युवाओं को नई दिशा देने के लिए एक अच्छा कदम है और बहुत सारे युवाओं का भविष्य बदलेगा हमारी कोशिश है कि जितने भी युवा यहाँ से ट्रेनिंग लेंगे उन्हें हम 100 % प्लेसमेंट दे क्योकि इस कोर्स की बहुत जरूरत है और सोफिया टीम ने अब तक करीब 50 से ज्यादा हॉस्पिटल्स के साथ अपना टाई अप कर लिया है जिससे बच्चों को ट्रेनिंग के बाद नौकरी के लिए भटकना न पड़े इस मोके पर नदीम, श्याम सिंह, शमा, सलमान, शकील सैफी, सरफराज सैफी, ज़ुबैर, शमरीन, पार्वती, बबिता, शोभा, संगीता आदि शामिल रही इस प्रोग्राम का सञ्चालन मशहूर शायर दानिश अय्यूबी ने किया

० योगेश भट्ट ० 

नई दिल्ली : “आज के दौर में कूलिंग विकास संबंधी एक जरूरत बन गई है और हमारी सरकार गरीबों को कूलिंग के किफायती साधनों को मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है। हमें कूलिंग के सतत समाधानों को तलाशने की जरूरत है, खासकर उन श्रमिकों के लिए, जो हमारे लिए सड़कें, राजमार्गों और मेट्रो नेटवर्क बना रहे हैं। उन्हें भी सस्टेनेबल कूलिंग पाने का उतना ही हक है, जितना कि हम में से किसी को।” यह बात केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री (एमओईएफसीसी) भूपेंद्र यादव ने नई दिल्ली में काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरनमेंट एंड वाटर (सीईईडब्ल्यू) की ओर से सस्टेनेबल कूलिंग पर आयोजित नेशनल डायलॉग में अपने उद्घाटन भाषण के दौरान कही। 
उन्होंने आगे कहा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, भारत मार्च 2019 में नेशनल कूलिंग एक्शन प्लान (इंडिया कूलिंग एक्शन प्लान) को लागू करने वाले प्रारंभिक देशों में से एक था। यह योजना आवासीय और व्यावसायिक भवनों, परिवहन, कोल्ड चेन और उद्योगों जैसे सभी क्षेत्रों में भारत की कूलिंग से जुड़ी जरूरतों को पूरा करने के लिए एक दीर्घकालिक दृष्टिकोण प्रदान करती है।”   यादव ने यह भी कहा, “एक तरफ कूलिंग सेक्टर में मैन्युफैक्चरिंग और नवाचारों का समर्थन, दूसरी तरफ नेट जीरो बनने की प्रतिबद्धता के साथ भारत ने एक समृद्ध और जलवायु-अनुकूल भविष्य के लिए एक सस्टेनेबल एजेंडे की रूपरेखा को सामने रखा है। मैं सीईईडब्ल्यू को नवाचारों के मोर्चे पर भारत के नेतृत्व को रेखांकित करने और रूम एयर कंडीशनिंग क्षेत्र में घरेलू उत्पादन को बढ़ाकर आर्थिक लाभ को अधिकतम बनाने के उपायों के बारे में सूचित करने के लिए बधाई देता हूं।”

केंद्रीय मंत्री ने इस कार्यक्रम में सीईईडब्ल्यू के दो अध्ययनों ‘टेक्निलॉजी गैप्स इन इंडियाज एयर-कंडिशनिंग सप्लाई चेन’ और ‘मेकिंग सस्टेनेबल कूलिंग इन इंडिया अफोर्डेबल’ को जारी किया। सीईईडब्ल्यू के अध्ययन बताते हैं कि भारत को 2070 तक नेट-जीरो वाली अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में परिवर्तन के लक्ष्य को पाने के लिए अपने नागरिकों को सस्टेनेबल कूलिंग के विकल्प उपलब्ध कराने की जरूरत है। इसके लिए कूलिंग और रेफ्रिजरेशन के लिए ऊर्जा-कुशल उपकरणों के घरेलू निर्माण को बढ़ावा देना बहुत जरूरी होगा।

केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन सचिव श्रीमती लीना नंदन ने कहा, “इंडिया कूलिंग एक्शन प्लान को तीन साल पहले हरी झंडी दिखाई गई थी और प्रमुख कार्यों को पहले ही शुरू किया जा चुका है। हालांकि, एचएफसी को चरणबद्ध तरीके से हटाने की प्रतिबद्धताओं के संदर्भ में काफी कुछ करने की जरूरत है। अगर हम कूलिंग एक्शन प्लान के अपने लक्ष्यों का हमारी कॉप-26 घोषणाओं में शामिल बड़े लक्ष्यों के साथ तालमेल बैठा लें तो पूरी समस्या का समाधान हो जाएगा, क्योंकि हमारे पास एक समेकित दृष्टिकोण होगा।”

 सीईईडब्ल्यू के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) डॉ. अरुणाभा घोष ने कहा, “जैसा कि भारत को इस बार गर्मी के मौसम में लगातार लू (गर्म हवाएं) के हालात का सामना करना पड़ रहा है, सस्टेनेबल कूलिंग की दिशा में परिवर्तन अब एक राष्ट्रीय अनिवार्यता बन चुकी है। 2070 नेट-जीरो की प्रतिबद्धता के बाद, अब हमें इस लक्ष्य को पाने के लिए समस्याओं की जड़ों में जाकर काम करना होगा। सस्टेनेबल कूलिंग, नए और उभरते हुए क्षेत्रों (सन राइज सेक्टर्स) में से एक हो सकता है, जो हमें उत्सर्जन को घटाने, रोजगार पैदा करने और आर्थिक विकास को रफ्तार देने में सहायता कर सकता है। इसे पाने के लिए, हमारी सरकारों को निजी उद्योग को सस्टेनेबलिटी के रास्ते पर लाना होगा और इसके जरिए कूलिंग सेक्टर में नौकरियों, विकास और सस्टेनेबिलिटी को जोड़ना होगा। ”

सीईईडब्ल्यू विश्लेषण में पाया गया कि हितकारी नीतियों और सार्वजनिक निवेश होने के बावजूद सस्टेनेबल कूलिंग टेक्नोलॉजी को व्यापक रूप से स्वीकार करने में इसकी ऊंची कीमत एक प्रमुख बाधा है। इसलिए, इस क्षेत्र में उपभोक्ताओं और निजी कंपनियों के लिए किफायती वित्तपोषण विकल्पों की उपलब्धता बढ़ाने को प्राथमिकता देनी चाहिए। निजी क्षेत्र को भी नई प्रौद्योगिकियों और नए व्यापार मॉडलों में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए, ताकि कीमतों में मौजूद अंतर को भरा जा सके।
इसके अलावा, सीईईडब्ल्यू के विश्लेषण ने हीटिंग, वेंटिलेशन और कूलिंग (एचवीएसी) क्षेत्र की सप्लाई चेन को स्थानीकृत (लोकलाइज) करने के लिए निवेश करने की जरूरत को रेखांकित किया है। कंप्रेशर और मोटर जैसे कल-पुर्जों के घरेलू निर्माण को प्राथमिकता देने की भी जरूरत है। इससे भारत को आगामी दशक में सस्टेनेबिलिटी और रोजगार दोनों को उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी। विश्लेषण यह भी सुझाव देता है कि सरकारी योजनाओं को

० नूरुद्दीन अंसारी ० 

नयी दिल्ली - वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ एसक्यूआर इलयास ने देशद्रोह के सभी लंबित मामलों पर रोक लगाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत किया और पुलिस और प्रशासन को केंद्र की समीक्षा पूरी होने तक कानून के इस खंड का उपयोग नहीं करने की सलाह दी। डॉ इलयास ने कहा कि इस कानून का घोर दुरुपयोग किया गया है जो कि एक गैर-जमानती अपराध है। हाल के दिनों में, ऐसे मामलों में वृद्धि हुई है जिनमें बुद्धिजीवियों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, शिक्षाविदों, छात्रों, पत्रकारों और मुस्लिम नागरिकों के खिलाफ देशद्रोह के आरोप लगाए गए। .

उन्होंने कहा कि यह कठोर कानून 162 साल पुराना औपनिवेशिक कानून है जिसे आईपीसी की धारा 124ए में शामिल किया गया है। यह कानून 1870 में औपनिवेशिक भारत में स्थानीय जनता को दबाने के लिए अंग्रेजों द्वारा तैयार किया गया था। इस पुराने औपनिवेशिक कानून को निरस्त करने का समय आ गया है, जिसे अंग्रेज स्वतंत्रता सेनानियों चुप कराने और स्वतंत्रता आंदोलन को कुचलने के लिए इस्तेमाल करते थे। उन्होंने मांग की कि यूएपीए और अफस्पा जैसे अन्य कठोर कानूनों को भी पूरे देश में समान रूप से निरस्त किया जाना चाहिए।

डॉ इलियास ने नागरिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए अपने विचार व्यक्त करने और मानवाधिकारों का सम्मान करने के लिए और यह कहने के लिए कि राजद्रोह कानून पुराना है औपनिवेशिक कानून का भारत में कोई स्थान नहीं होना चाहिए, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की। उन्होंने केंद्र से न केवल इसकी समीक्षा करने बल्कि इसे निरस्त करने का अनुरोध किया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इस महान राष्ट्र के सभी नागरिकों को उनकी जाति, वर्ग, धर्म और राजनीतिक संबद्धता के बावजूद समान रूप से न्याय मिले।

अंत में उन्होंने इस ओर इशारा किया कि राजद्रोह की आड़ में सत्तावादी सरकार द्वारा असंतोष को दबाने का भयानक प्रयास किया गया है। हमारे देश में देशद्रोह के 800 मामले हैं और 13000 लोग जेल में हैं, तो क्या सुप्रीम कोर्ट के इस निर्देश के बाद उन सभी को जल्द से जल्द जमानत पर रिहा कर दिया जाएगा, या उन पर कुछ अन्य धाराओं के तहत आरोप लगाया जाएगा?

० योगेश भट्ट ० 

नई दिल्ली । भारतीय भाषाओं में अनुवाद और शोध को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी), नई दिल्ली और महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के बीच मंगलवार को सहमति ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। एमओयू पर आईआईएमसी की ओर से महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी एवं महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय की ओर से कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रो. हनुमान प्रसाद शुक्ल, जनसंचार विभाग के अध्यक्ष प्रो. कृपाशंकर चौबे, आईआईएमसी के डीन (अकादमिक) प्रो. गोविंद सिंह एवं डीन (छात्र कल्याण) प्रो. प्रमोद कुमार भी उपस्थित थे।
सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर के बाद आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि आईआईएमसी भारतीय भाषाओं के विकास को लेकर सजग है। संस्थान जम्मू और अमरावती परिसर में इसी वर्ष हिंदी पत्रकारिता पाठ्यक्रम शुरू करने जा रहा है। साथ ही इस वर्ष तीन परिसरों में डिजिटल पत्रकारिता पाठ्यक्रम की शुरुआत भी की जा रही है। प्रो. द्विवेदी ने कहा कि आईआईएमसी ने भारतीय भाषाओं में पाठ्य पुस्तकें तैयार करने हेतु एक विशेष कार्य योजना तैयार की है। इससे मीडिया में भारतीय भाषाओं के विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराई जाएंगी। उन्होंने बताया कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप आईआईएमसी स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम आरंभ करने की तैयारी में है।

भारतीय भाषाओं में अनुवाद की आवश्यकता पर जोर देते महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल ने कहा कि हिंदी और भारतीय भाषाओं के विद्यार्थियों को उनकी अपनी भाषा में पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराने के लिए दोनो संस्थान मिलकर प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने वाला देश का पहला विश्वविद्यालय है। इस सहमति ज्ञापन के माध्यम से दोनों संस्थान भारतीय भाषाओं में गुणवत्तापूर्ण मीडिया शिक्षण हेतु ठोस प्रयास करेंगे। प्रो. शुक्ल ने कहा कि इस सहमति ज्ञापन से दोनों संस्थानों के मीडिया पाठ्यक्रम में एकरूपता लाने के प्रयास भी किये जाएंगे। साथ ही संचार एवं मीडिया शोध से जुड़े विभिन्न विषयों पर भी हम मिलकर काम करेंगे।

इस अवसर पर आईआईएमसी के डीन (छात्र कल्याण) प्रो. प्रमोद कुमार ने कहा कि भारतीय जन संचार संस्थान 1965 से लेकर आज तक गुणवत्तापूर्ण मीडिया शिक्षा प्रदान कर रहा है और आईआईएमसी से तैयार पत्रकार देशभर के विभिन्न मीडिया संस्थानों में अग्रणी भूमिकाओं में हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग के अध्यक्ष प्रो. कृपाशंकर चौबे ने कहा कि हमारा विश्वविद्यालय वर्ष 1997 से हिंदी भाषा के साथ-साथ अन्य भारतीय भाषाओं के संवर्धन हेतु काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में कुल आठ विद्यापीठ हैं, जहां स्नातक और परास्नातक का अध्ययन और शोध कार्य होता है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर के बाद उनके विश्वविद्यालय को भारतीय जन संचार संस्थान के अनुभवों का लाभ मिलेगा।

० संवाददाता द्वारा ० 

ग्वालियर - आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत कमान अधिकारी  कर्नल राहुल वर्मा ( 8 MP BN NCC Gwalior ) द्वारा  मुरैना जिले के 57 शहीद परिवारों में से 9 परिवारों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हस्ताक्षरित स्मृति चिह्न मुख्यालय के सभागार में प्रदान कर सम्मानित किया।  कार्यक्रम  में डीजी एनसीसी नई दिल्ली के माध्यम से आजादी अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में लोकतंत्र को मजबूत, सुदृढ़ और शक्तिशाली बनाने के लिए सम्पूर्ण राष्ट्र में भारत के अमर शहीदों के परिवारजनों को स्मृति चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया जा रहा है ।  कमाडेंट कर्नल राहुल वर्मा ने शहीद परिवारजनों को संबोधित करते हुए कहा कि आपके पति, सुपुत्र,भाई ,पिता आदि राष्ट्र के निर्माण और रक्षा के लिए शहीद हो गए हैं।

आपके गौरव और सम्मान को बढ़ाने के लिए राष्ट्र के प्रत्येक शहीद परिवारों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने स्वहस्ताक्षरित  स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मान प्रदान किया है।आपके और आपके वीर सपूतों ,वीर स्वामियों के त्याग और बलिदान से राष्ट्र कृतज्ञ है। शहीदों को भारत माता के पुनीत कार्यों की सहज व सरल हृदय से भूरि भूरि प्रशंसा की । वर्तमान और आने वाली भावी पीढ़ियां तथा एनसीसी कैडेट्स के लिए उनके पुनीत कार्य  नई शक्ति , ऊर्जा और प्रेरणा के स्रोत बनते रहेंगे।
 
कार्यक्रम का संचालन मेज़र डॉ राजवीर सिंह किरार ने किया ।एस ओ उमेश तिवारी (शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्रमांक01 मुरैना), एस ओ धर्मपाल सिंह बघेल (शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्रमांक01 मुरार ग्वालियर) कार्यक्रम में एस एम लखविंदर सिंह, सूबेदार  रामपाल , सूबेदार नागेश कुमार ,बीएचएम  दशरथ सिंह  , हवलदार गुरविंदर सिंह , हवलदार जितेंद्र कुमार , हवलदार विनय कुमार, हवलदार नरेंद्र सिंह सहित 21 एनसीसी कैडेट्स के साथ 10 परेड एक्सपर्ट,श्रीप्रकाश सिंह निमराजे आदि प्रमुख रूप से  उपस्थिति रहे

० संवाददाता द्वारा ० 

"पत्रकारों के कल्याण के लिए राज्य में ऎसी नीतियां बनें जो पूरे देश में नजीर साबित हो और उनसे न केवल राजस्थान के पत्रकारों का भला हो, बल्कि दूसरे राज्य भी उन्हें अपनाएं।"

जयपुर । जनसम्पर्क राज्य मंत्री  अशोक चांदना ने कहा कि कलम में बहुत बड़ी शक्ति होती है और स्वस्थ लोकतंत्र के लिए इस ताकत का बना रहना बहुत जरूरी है। चांदना यहां दुर्गापुरा स्थित राज्य कृषि प्रबंधन संस्थान के ऑडिटोरियम में इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट की नेशनल काउंसिल कॉन्फ्रेंस को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।
चांदना ने पत्रकारिता की ताकत को रेखांकित करते हुए कहा कि एक पत्रकार की कलम यहां चलती है और उसका प्रभाव हजारों किलोमीटर दूर तक होता है। लोकतंत्र में स्वस्थ और निर्भिक पत्रकारिता का होना बहुत जरूरी है। ऎसी पत्रकारिता के लिए अनुकूल माहौल उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ‘पत्रकार फ्रेंडली’ बताते हुए कहा कि वह पत्रकार कल्याण से संबंधित मुद्दों को लेकर हमेशा सकारात्मक रहते हैं। उनका प्रयास है कि पत्रकारों के कल्याण के लिए राज्य में ऎसी नीतियां बनें जो पूरे देश में नजीर साबित हो और उनसे न केवल राजस्थान के पत्रकारों का भला हो, बल्कि दूसरे राज्य भी उन्हें अपनाएं।
वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण चंद छाबड़ा ने फेडरेशन के गठन से लेकर अब तक की यात्रा के बारे में अवगत कराते हुए नई पीढ़ी को निर्भिकता के साथ सकारात्मक पत्रकारिता करने की सीख दी। प्रेस क्लब के अध्यक्ष श्री मुकेश मीणा ने राज्य सरकार की ओर से पत्रकारों के कल्याण के लिए उठाए विभिन्न कदमों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री और जनसम्पर्क राज्य मंत्री का आभार व्यक्त किया और अपनी कुछ अन्य मांगें मंत्री के समक्ष रखीं।

० संवाददाता द्वारा ० 

नयी दिल्ली - गुजरात में हो रहे विधानसभा चुनाव के मद्देनजर युवक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बी वी ने गुजरात में विभिन्न विधानसभाओं में युवक कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को विधानसभा वार संयोजक नियुक्त किया है.इसी कड़ी में राजस्थान से सांगानेर विधानसभा निवासी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विनय प्रताप सिंह भोपर को गुजरात के द्वारका विधानसभा की जिम्मेदारी दी गई है विनय प्रताप सिंह भोपर लंबे समय से कांग्रेस की सक्रिय राजनीति में महत्वपूर्ण योगदान देते आ रहे हैं.

युवक कांग्रेस के राष्ट्रीय कार्यालय दिल्ली से जारी विज्ञप्ति के अनुसार विनय प्रताप सिंह भोपर को द्वारका विधानसभा में चुनाव कार्य मैं वरिष्ठ नेताओं के साथ पार्टी प्रत्याशी को जीत दिलाने के लिए कार्य करना है.
दिल्ली मुख्यालय से आदेश जारी होने के वक्त भी वे गुजरात के विभिन्न विधानसभाओं में कार्य कर रहे थे , विनय प्रताप सिंह ने कहा है कि वह तन मन धन से पार्टी की सेवा करते हुए पार्टी प्रत्याशी को भारी मतों से जीत दिलाने की पूरी कोशिश करेंगे

० संवाददाता द्वारा ० 

तामिया (छिन्दवाड़ा) - जब देश के रक्षक एवं कानून व्यवस्था को सहज करने वाले सिपाही वास्तविक जन सेवा देश भक्ति की ललक के कोई कार्य करते दिखते है तो मन इज्ज़त एवं सम्मान से स्वतः प्रणाम करने को करता है l थाना तामिया एवं छिन्दवाड़ा जिला में समाज सेवा में कार्यरत संस्था कपड़ा बैंक सेवा सहयोग संगठन के संयुक्त तत्वाधान में दूर-दराज ग्रामीण अंचल से आये अपार जन समूहो जरूरतमन्द महिलाओं एवं छोटी-बड़ी लड़कियों को साड़ी, सलबार-सूट ,टाउजर और पुरूषो को पेन्ट-शर्ट, जीन्स टी-शर्ट, कुर्ता-पैजामा, धोती-कुर्ता, लोबर, हाफ पेन्ट, छोटे बच्चों के कपड़े, पानी की बॉटल इत्यादि सामग्री तामिया पुलिस और कपड़ा बैंक के माध्यम से वितरित किये गए । थाना तामिया एवं कपड़ा बैंक के इस सेवा भाव से पुलिस की सेवा एवं कपड़ा बैंक के इस आयोजन से दूर दराज से आये जरुरतमंद लोगो की मदद मिल सकी l इस कार्य के लिए उपस्थित हितग्राहियों में काफी उत्साह था l
कपड़ा बैंक की मुख्य थीम सेवा बने स्वाभाव के अन्तर्गत लगातार गरीब और जरूरतमंद लोगो की मदद की जा रही है l इस कार्य में जन समुदाय एवं लोगो का भरपूर सहयोग सेवं समर्थन मिल रहा है l बहुत से लोग सेवा के लिए कपड़ा बैंक के साथ जुड़कर लोगो की मदद करने के लिए आगे आये है एवं कपड़ा बैंक के साथ जरूरतमंदों की मदद करते है l निःशुल्क निःस्वार्थ भाव से कपड़े वितरण आयोजन को सफल बनाने में सक्रीय रूप से संस्था अध्यक्ष हेमलता महेश भावरकर, ब्राउन मेडम, ललितामनी सरवैया अहम भमिका रही। महेश अहिरवार, सन्तोष सिंग राजपूत, महेश सोनी, घनश्याम उईके, शेर सिंह भारती, संजय मिश्रा, अरविंद पवार, नरेश उईके, दिलीप साहू, अजय सरवैया, दीपू सौरभ शर्मा, 

गोलू मंसूरी, सूरत सिंह राजपूत, मोनू साहू, मदन डेहरिया, कपड़ा कलेक्शन प्रभारी ओम बैरसिया, सोनू पाटिल एवं महेश सोनी जी के विशेष सहयोग से कार्यक्रम सफ़ल रहा। कपड़ा वितरण कार्यक्रम में करीबन 1000 जोड़ी कपड़े वितरण किये गये। जिला मीडिया प्रभारी श्याम कोलारे के अनुसार जरूरतमन्दो ने कपड़ा बैंक के इस कार्यक्रम की खूब सराहना की, लोगो ने ऐसे कार्यक्रमों को तामिया में करने की अपील भी की गई। अध्यक्ष हेमलता महेश भावरकर के जरूमन्दों की अपील को सहर्ष स्वीकार कर पुनः शीघ्र ही कपडे वितरण करने का अवशासन दिया।

० संवाददाता द्वारा ० 

जयपुर : भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी (बीएसडीयू) ने अपना पहला दीक्षांत समारोह महिंद्रा वर्ल्ड सिटी जयपुर में अपने कैंपस में भव्य तरीके से एक उत्सव के रूप में आयोजित किया । कार्यक्रम में बैचलर ऑफ़ वोकेशन (बी. वोक.) के 221, मास्टर ऑफ़ वोकेशन (एम.वोक.) के 10 और 5 स्टूडेंट्स को पीएच. डी. की डिग्रियों से सुशोभित किया गया । इस प्रकार कुल 236 छात्र/छात्राओं को उनके अलग अलग कौशल क्षेत्रों में डिग्रियां प्रदान की गई। डॉ. राजेंद्र कुमार जोशी और श्रीमती उर्सुला जोशी के दूरदर्शी नेतृत्व में स्थापित भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी ने अपने स्थापना के बाद थोड़े समय में ही अपनी विशिष्ट पहचान बना ली है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि *अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के चेयरमैन प्रोफेसर अनिल डी सहस्त्रबुद्धे* ने यूनिवर्सिटी में अपनी पिछली यात्रा के दौरान डॉक्टर राजेंद्र कुमार जोशी और श्रीमती उर्सुला जोशी के साथ हुई मुलाकात को याद किया और भारत में कौशल शिक्षा के क्षेत्र में किए गए उनके प्रयासों व अभूतपूर्व योगदान की दिल से सराहना की और आशा व्यक्त की कि भारत के अन्य विश्वविद्यालय भी अपने यहां भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी जैसी विश्व स्तरीय प्रशिक्षण की सुविधाएं प्रदान करने का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा की कि भविष्य में देश की अर्थव्यवस्था के विकास में कौशल शिक्षा की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होगी और इसी के माध्यम से हमारी विश्व की सबसे अधिक युवा शक्ति को हम रोजगार से जोड़ने में सफल होंगें। उन्होंने अपेक्षा कि सभी स्किल्स को उचित महत्व दिया जाएगा और विद्यार्थियों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार अपनी पसंद के विषय को चुनने की स्वतंत्रता होगी ।
 कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के प्रतिभाशाली और सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले विधार्थियों को "डॉक्टर राजेंद्र कुमार जोशी गोल्ड मेडल" और "राजेंद्र एंड उर्सुला जोशी चैरिटेबल ट्रस्ट (आर यू जे सी टी)" गोल्ड मेडल भी प्रदान किए गए । डॉक्टर आर के जोशी गोल्ड मेडल मधुसूदन राठौर, मोनिका सरोडिया, राजा आर्यन कुमावत,पूजा जांगिड़, सुनील नागा को दिया गया वहीं आर यू जे सी टी गोल्ड मेडल लोकेश कुमार, चेतन शर्मा,भीम सिंह, हर्षित शर्मा, आयुष शर्मा, अश्वनी धनकर, अनुराग शेखावत,मनीषा शर्मा, रजनी गुप्ता व ईश्वर सिंह को दिया गया ।

भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी के प्रेजिडेंट प्रोफेसर अचिन्त्या चौधरी ने विश्व विद्यालय की गतिविधियों पर रिपोर्ट प्रस्तुत की और उपस्थित विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि इस विश्वविद्यालय में आपने अपनी शिक्षा और प्रशिक्षण से जो योग्यता और आत्मविश्वास प्राप्त किया है वह निश्चित रूप से आपको अपने भविष्य की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम और सशक्त बनाएगा चूँकि आपने अपनी डिग्री के साथ साथ प्रत्येक सेमेस्टर के बाद इंडस्ट्री में ऑन द जॉब ट्रेनिंग व इंटर्नशिप भी प्राप्त की है इसलिए अपनी कुशलता द्वारा ओधोगिक विकास में नए आयाम स्थापित कर देश के विकास में अपना योगदान दें । आने वाले समय में आपके क्षेत्र में बदलाव होते रहेंगे और उन बदलावों और चुनौतियों पर खरा उतरने हेतु आपको आजीवन सीखते रहने की आवश्यकता होगी।

भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी कौशल शिक्षा के क्षेत्र में विश्वस्तरीय प्रशिक्षण सुविधाओं युक्त ऐसी यूनिवर्सिटी है जो कौशल शिक्षा और प्रशिक्षण के लिए स्विस डुएल सिस्टम पर आधारित शिक्षा प्रणाली उपलब्ध करवा रही है । यूनिवर्सिटी में विश्व स्तरीय आधुनिक मशीनरी और उपकरणों के साथ अग्रिम स्तर की प्रशिक्षण सुविधाएं उपलब्ध है । 

कौशल शिक्षा के साथ साथ, भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी के विधार्थियों ने इंडिया स्किल कम्पीटिशन में भी उत्कर्ष्ट प्रदर्शन किया है । इंडिया स्किल कम्पीटिशन 2021 में विश्वविद्यालय के 7 विद्यार्थियों ने स्वर्ण पदकों के साथ-साथ मैडल ऑफ एक्सीलेंस भी जीते हैं । वहीं कुछ विद्यार्थी 2022 में चीन के शंघाई शहर में आयोजित होने वाली वर्ल्ड स्किल कम्पीटिशन -2022 में भी देश का प्रतिनिधित्व करने जा रहे हैं । इसके साथ एक सराहनीय व महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि विश्वविद्यालय की एक छात्रा पूजा जांगिड़ को अक्षय ऊर्जा प्रौद्योगिकी में कुशल "महिला शक्ति" के रूप में भी चुना जा चुका है । इसके अलावा ऐसे कई विद्यार्थी कुशल होने के बाद उद्योगों में होने से अन्य लोगों का मार्ग भी प्रशस्त कर रहे हैं जहां कुशल मानव संसाधन की मांग है । दीक्षांत समारोह में आर यू जे सी टी के मुख्य पदाधिकारी श्री जयंत जोशी, विश्वविद्यालय की रजिस्ट्रार डॉ संगीता नॉवल, प्रबंधन मंडल एवं शैक्षणिक परिषद के सदस्य भी उपस्थित रहे ।

० योगेश भट्ट ० 

नयी दिल्ली -आजीवन शिक्षा की अलख जगाते रहे पद्मश्री प्रो.श्यामसुंदर महेश्वरी का 71 वर्ष की आयु में  निधन हो गया। प्रो.महेश्वरी सप्ताह भर से अस्वस्थ चल रहे थे, लेकिन उपचार मिलने के बाद धीरे-उनके स्वास्थ्य में सुधार हो रहा था। प्रो. महेश्वरी ने तीन दशकों से भी अधिक समय तक श्रीगंगानगर के खालसा कॉलेज में प्राध्यापक के रूप में सेवाएं दी। इसी दौरान रेलवे स्टेशन के पास झुग्गियों में रहने वाले बच्चों को पढ़ाने का बीड़ा उन्होंने उठाया। यह बच्चे दिन भर सड़कों पर घूमते भीख मांगते थे। इन बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था उनकी झोंपड़ियों के पास ही की गई , जहां एक अध्यापक सुबह तीन-चार घण्टे इन्हें पढ़ाता।

 अक्षर ज्ञान होने के बाद सभी बच्चों का दाखिला सरकारी स्कूल में करवा दिया उन बच्चों में से कई बच्चे आज सरकारी सेवा में हैं। आर्थिक कारणों से बीच में पढ़ाई छोड़ देने वाले बच्चों को पढ़ने में मदद करने के उद्देश्य से प्रो. महेश्वरी ने 1990 में विद्यार्थी शिक्षा सहयोग समिति की स्थापना कर शहर के उन दानवीरों को इससे जोड़ा जो निर्धन परिवारों के प्रतिभाशाली बच्चों को उनकी पढ़ाई के लिए आर्थिक सहयोग देना 


० योगेश भट्ट ० 

नयी दिल्ली : मदर्स डे के अवसर पर, प्रसिद्ध भारतीय अभिनेत्री और हेल्थ आइकॉन मंदिरा बेदी ने डॉक्टरों के साथ एचसीएमसीटी मणिपाल हॉस्पिटल, द्वारका द्वारा आयोजित एक स्वास्थ्य वार्ता के दौरान गर्भवती माताओं के स्वास्थ्य के बारे में वार्ता की। मातृत्व का अनुभव हर महिला के लिए जीवन का सर्वश्रेष्ठ अनुभव होता है और गर्भावस्था एवं उसके बाद मानसिक और शारीरिक रूप से माँ और बच्चे के स्वास्थ्य की बहुत ज्यादा देखभाल करने की जरूरत होती है। एचसीएमसीटी मणिपाल हॉस्पिटल, दिल्ली के डॉक्टर्स के साथ एक स्वास्थ्य वार्ता में मंदिरा बेदी ने हम माँ को नियमित रूप से स्वास्थ्य जाँच, व्यायाम, उचित आहार और मानसिक स्वास्थ्य के बारे में शिक्षित किए जाने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने गर्भ की तैयारी करने वाली माताओं को मातृत्व के सफर के बारे में कुछ उपयोगी सुझाव भी दिए।

खुद एक माँ होने के नाते, मंदिरा बेदी ने बताया, ‘‘मातृत्व किसी भी महिला के जीवन का एक खूबसूरत पल होता है, और इसके लिए बहुत अधिक ध्यान देने की आवश्यकता होती है। यह एक ऐसा समय भी होता है, जिसके बाद एक महिला के शरीर में कई बदलाव आते हैं, और बहुत सी महिलाओं को स्वास्थ्य की किसी न किसी बड़ी समस्या का सामना करना पड़ता है। बच्चे को जन्म देने के बाद हाईपरटेंशन, प्रसवोत्तर थायरॉयडिटिस, अवसाद और पीठ के निचले हिस्से की समस्याएं बहुत आम हैं, तथा माँ और बच्चे के स्वास्थ्य को प्राथमिकता दिया जाना बहुत आवश्यक है। महिलाओं को अपने जीवन के हर चरण में अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दिया जाना जरूरी है। 

 रमन भास्कर, अस्पताल निदेशक, एचसीएमसीटी मणिपाल अस्पताल, द्वारका ने कहा, "मदर्स डे सभी माओं के सम्मान के लिए एक विशेष दिन है। वह एक पत्नी, एक बेटी और एक बहन के रूप में हमारे जीवन में विभिन्न भूमिकाएँ निभाती है। अपने परिवार की देखभाल के लिए एक माँ अपने स्वास्थ्य को एक तरफ रख देती है  मदर्स डे पर, मणिपाल हॉस्पिटल्स नियमित स्वास्थ्य जांच को प्रोत्साहित करके हर माँ और उनके स्वास्थ्य की देखभाल करने का संकल्प लेता है।”

डॉ. लीना एन श्रीधर, स्त्री रोग विशेषज्ञ, एचसीएमसीटी मणिपाल हॉस्पिटल, दिल्ली ने कहा, ‘‘गर्भावस्था महिलाओं के जीवन का एक महत्वपूर्ण चरण है। एक स्वस्थ माँ को एक स्वस्थ शिशु को जन्म देने की संभावनाएं ज्यादा होती हैं। नियमित परामर्श से बुनियादी और महत्वपूर्ण गर्भावस्था युक्तियों के बारे में महिलाओं को शिक्षित करने में मदद मिलती है। मणिपाल हॉस्पिटल में हमारे पास श्स्पंदनश् नामक एक कार्यक्रम है, जो गर्भवती माताओं को गर्भावस्था के सभी चरणों के बारे में सूचित करके उन्हें व्यापक देखभाल प्रदान करता है, और उन्हें एक नए जीवन को जन्म देने के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार करता है।’’

डॉ. विकास तनेजा, बाल रोग विशेषज्ञ, एचसीएमसीटी मणिपाल हॉस्पिटल, दिल्ली ने कहा, ‘‘बच्चे का स्वास्थ्य उसकी माँ के स्वास्थ्य पर निर्भर होता है, इसलिए इस बार मदर्स डे पर हम बच्चों के स्वास्थ्य की बात करते हुए स्तनपान को प्रोत्साहित कर रहे हैं। स्तनपान शिशु के लिए पोषण का सर्वश्रेष्ठ और पर्याप्त स्रोत है। स्तनपान द्वारा वायरस और बैक्टीरिया के खिलाफ प्रतिरक्षा का विकास होता है। हम सभी नवमाताओं से आग्रह करते हैं कि वो एक चुस्त जीवनशैली रखें, और सप्लीमेंट्स के मुकाबले पोषणयुक्त आहार सीधे लें।’’


० योगेश भट्ट ० 

नयी दिल्ली  , जीएल बजाज प्रबंधन और अनुसंधान संस्थान पीजीडीएम संस्थान ने जाकिर हुसैन दिल्ली कॉलेज (शाम), दिल्ली विश्वविद्यालय, वाणिज्य विभाग और आईक्यूएसी, नई दिल्ली के सहयोग से 'विघटनकारी नवाचार और डिजिटल' पर छठे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का समापन सत्र आयोजित किया।
 पंकज अग्रवाल, वाइस चेयरमैन, जीएल बजाज एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस; प्रो. (डॉ.) सपना राकेश, निदेशक, जीएलबीआईएमआर पीजीडीएम संस्थान और प्रो. (डॉ.) मसरूर अहमद बेग, प्राचार्य, जाकिर हुसैन दिल्ली कॉलेज ने सभी विजेताओं, प्रस्तुतकर्ताओं को बधाई दी और उन्हें भारत की अनुसंधान क्षमता को मजबूत करने के लिए अकादमिक अनुसंधान को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया।

समापन सत्र के मुख्य अतिथि प्रो. (डॉ.) ए.के. सिंह, डीन और हेड, वाणिज्य विभाग, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, दिल्ली विश्वविद्यालय ने उल्लेख किया कि भारत कैसे विघटनकारी नवाचार और डिजिटल परिवर्तन द्वारा वैश्विक परिदृश्य में विकसित हो रहा है। उन्होंने छात्रों को अपने जीवन के उद्देश्य की पहचान करने और उसे प्राप्त करने के लिए सावधानीपूर्वक काम करने के लिए प्रोत्साहित किया। प्रो. (डॉ.) सपना राकेश, निदेशक, जीएलबीआईएमआर ने कहा कि कैसे संगठनात्मक सफलता कई परिवर्तनों को सक्षम करके चुनौतियों को लगातार नेविगेट करने की क्षमता पर निर्भर है।उन्होंने सभी प्रतिभागियों को नए विचारों को आगे बढ़ाने, तेजी से अनुकूलन करने और शीर्ष प्रदर्शन देने के लिए नवाचार इंजन को चालू रखने के लिए प्रोत्साहित किया।

बेस्ट पेपर अवार्ड के सभी विजेताओं को नकद पुरस्कार और प्रशंसा प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया।
प्रो. (डॉ.) मसरूर अहमद बेग, प्राचार्य, जाकिर हुसैन दिल्ली कॉलेज ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे कंपनियां उभरती हुई डिजिटल तकनीक और नवाचार का उपयोग करके अपनी रणनीतियों को बदल रही हैं। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के सफल समापन के लिए सभी संबद्ध हितधारकों को बधाई दी। डॉ पाकीजा समद, सम्मेलन संयोजक ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा ।


० योगेश भट्ट ० 

/नई दिल्ली। आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर ब्रह्माकुमारीज द्वारा समाधान परक पत्रकारिता के लिए चलाए जा रहे राष्ट्रीय अभियान का बिहार में शुभारंभ करते हुए राज्य के जल संसाधन तथा सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री डॉ. संजय झा ने कहा कि बदलते परिवेश में सफल होने के लिए मीडिया को अपने व्यावसायिक हित और सामाजिक उत्तरदायित्व के बीच संतुलन बनाना होगा। पत्रकारों एवं मीडिया संस्थाओं को व्यक्तिगत स्वार्थ से ऊपर उठकर देश और समाज के हित को प्राथमिकता देनी होगी। इस अवसर पर भारतीय जन संचार संस्थान, नई दिल्ली के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी, ब्रह्माकुमारीज की पटना क्षेत्रीय प्रभारी बीके संगीता एवं संस्था के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी बीके सुशांत भी उपस्थित थे।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के तौर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए डॉ. झा ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज द्वारा शुरु किया गया यह अभियान पत्रकारों को स्वस्थ और सकारात्मक दिशा प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक मूल्य शिक्षा और राजयोग ध्यान से पत्रकारों को आत्मशक्ति और मनोबल प्राप्त होगा। इससे मीडियाकर्मियों को अपने व्यक्तिगत एवं व्यावसायिक जीवन को तनाव मुक्त बनाने में मदद मिलेगी। डॉ. झा ने कहा कि यह अभियान बिहार के सभी जिलों में चलाया जाएगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए भारतीय जन संचार संस्थान, नई दिल्ली के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि मीडिया को समस्याओं के समाधान की दिशा में काम करना चाहिए। यही समय की मांग है। उन्होंने कहा की देश की समस्याओं के ऊपर सवाल खड़े करना पत्रकारों का धर्म, कर्म और दायित्व है, लेकिन उन मुद्दों का हल बताना भी मीडिया प्रोफेशनल्स की जिम्मेदारी है। इसे ही सकारात्मक, समाधान परक व मूल्यनिष्ठ पत्रकारिता कहते हैं।
प्रो. द्विवेदी ने कहा की आज समाज में नैतिक मूल्यों की गिरावट हुई है। इसकी रोकथाम के लिए पारिवारिक, सामाजिक, शैक्षणिक और आध्यात्मिक मूल्यों की आवश्यकता है। इसमें मीडिया महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है। उन्होंने कहा की मीडिया का काम सिर्फ सूचना देना या मनोरंजन करना नहीं है, बल्कि लोगों को सही मूल्यों की शिक्षा देना भी उसकी जिम्मेदारी है। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारीज की पटना क्षेत्रीय प्रभारी बीके संगीता ने कहा की आज लोगों को मानसिक खुराक मीडिया से ही मिलती है। अगर मीडिया सकारात्मक और मूल्यनिष्ठ होगा, तो उसकी खबरें देश, समाज और मानवता को सुख, शांति और समृद्धि की ओर ले जाएंगी। कार्यक्रम के दौरान उपस्थित पत्रकारों को उन्होंने सहज राजयोग ध्यान का सामूहिक अभ्यास भी करवाया।

ब्रह्माकुमारीज के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी बीके सुशांत ने कहा कि आध्यात्मिक ज्ञान से पत्रकार चुनौतियों का सामना और समाधान करने की सही सोच एवं नजरिया विकसित कर सकते हैं। मीडिया के माध्यम से लोगों को इस दिशा में जागरुक और प्रेरित करने के लिए ब्रह्माकुमारीज वर्ष 2022-23 को 'आध्यात्मिक सशक्तिकरण से दया और करुणा' के वर्ष के रूप में मना रही है। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके ज्योति ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन बीके सतेंद्र ने दिया।

० योगेश भट्ट ० 

नई दिल्ली । भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) और हैदराबाद स्थित मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय (एमएएनयूयू) के बीच गुरुवार को ज्ञान, संसाधन और अनुसंधान गतिविधियों को साझा करने के लिए समझौता पत्र (एमओयू) पर हस्‍ताक्षर हुए। एमओयू पर आईआईएमसी की ओर से महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी और एमएएनयूयू की ओर से कुलपति प्रो. सैयद ऐनुल हसन ने हस्‍ताक्षर किए। यह समझौता तीन वर्ष के लिए किया गया है।
इस अवसर पर आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि यह समझौता दक्षिण और उत्तर का मिलन है। अब हम मिलकर एक-दूसरे की विशेषताओं को साझा करेंगे और संकल्‍पों को साथ मिलकर पूरा करेंगे। हिंदुस्‍तानी जब मिलकर काम करते हैं, तो किसी भी लक्ष्‍य को हासिल कर लेते हैं। हमें सुनिश्चित करना होगा कि यह समझौता पत्र महज कागजों तक ही सीमित न रहे। प्रो. द्विवेदी ने कहा कि आज भारतीय भाषाओं का स्‍वर्णिम काल है। उर्दू भाषा के अखबार देश में भर में पढ़े जाते हैं, लेकिन प्रिंट से डिजिटल की ओर हो रहे बदलाव ने उर्दू जैसी भाषाओं को अपनी पहुंच को और ज्‍यादा व्‍यापक बनाने का सुनहरा अवसर दिया है। अनुवाद भी इसमें महत्‍वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उर्दू के जिन शायरों की रचनाओं का अनुवाद हिंदी में हुआ, वे बहुत लोकप्रिय हुए हैं। उन्‍होंने कहा कि जैसे हिंदी ने उर्दू के लिए अपने दरवाजे खोले हैं, वैसी ही उदारता उर्दू को भी दिखाने की जरुरत है।

 प्रो. द्विवेदी ने बताया कि एमओयू का उद्देश्‍य आईआईएमसी और एमएएनयूयू के बीच संकाय, गैर-शिक्षण कर्मचारियों, शोधार्थियों और विद्यार्थियों का आदान-प्रदान करना, शोध परियोजनाओं का संयुक्त कार्यान्वयन, दस्तावेज़ों, वैज्ञानिक जानकारी और प्रकाशनों का आदान-प्रदान करना, सम्मेलनों, संगोष्ठियों, कार्यशालाओं और बैठकों के माध्यम से संवाद करना, अध्ययन के संयुक्त कार्यक्रम तैयार करना और उर्दू पत्रकारिता के विद्यार्थियों को स्नात्तकोत्तर की पढ़ाई में सहायता प्रदान करना है। उन्‍होंने कहा कि एमओयू को कार्यान्वित करने के लिए आईआईएमसी के ‘अपर महानिदेशक’ और एमएएनयूयू के कुलसचिव/ओएसडी (प्रशासन) को संपर्क अधिकारी बनाया गया है। प्रत्येक पक्षकार अपने संबंधित विधानों और विनियमों के अनुसार, दूसरे पक्षकार के संकाय, गैर-शिक्षण कर्मचारियों, शोधार्थियों और विद्यार्थियों को सहायता और प्रोत्‍साहन प्रदान करना सुनिश्चित करेगा।

इस अवसर पर मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. सैयद ऐनुल हसन ने कहा कि आज सरकार भी शिक्षा में ‘क्‍लस्‍टर सिस्‍टम’ की बात कर रही है। दो शै‍क्षणिक संस्‍थान मिलकर शैक्षणिक कार्यक्रम चला सकते हैं तथा विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान कर सकते हैं। ऐसे में आईआईएमसी और एमएएनयूयू को मिलकर इस दिशा में प्रयास करने की जरुरत है। उन्‍होंने कहा कि वह आईआईएमसी को यकीन दिलाना चाहते हैं कि इसमें एमएएनयूयू पीछे नहीं रहेगा और इस दिशा में बढ़-चढ़ कर प्रयास करेगा। समझौता पत्र पर हस्‍ताक्षर के दौरान आईआईएमसी के डीन अकादमिक प्रो. गोविंद सिंह, उर्दू पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष प्रो. प्रमोद कुमार, एमएएनयूयू की ओर से रजिस्ट्रार प्रो. इश्तियाक अहमद, स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन के डीन प्रो. एहतेशाम अहमद खान और दिल्ली क्षेत्रीय केंद्र की प्रमुख रुचिका केम भी उपस्थित थे।


० योगेश भट्ट ० 

नई दिल्ली - 'कलम' मातृ भाषा से जुड़े साहित्य को समर्थन और प्रोत्साहित करने के लिए प्रभा खेतान फाउंडेशन की अपनी तरह की एक अनूठी साहित्यिक पहल है। यह फाउंडेशन के बेहद महत्त्वपूर्ण कार्यक्षेत्रों में से एक है, जो भारत और विदेश में हिंदी साहित्य के दायरे को समृद्ध और व्यापक बनाने के लिए समर्पित ह 
प्रभा खेतान फाउंडेशन दिल्ली में 7 मई को अपनी इसी पहल 'कलम' की वेबसाइट लॉन्च कर रहा है। हमें यह घोषणा करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने औपचारिक रूप से कलम वेबसाइट का शुभारंभ करने पर सहमति जाहिर की है। वे कलम वेबसाइट का शुभारंभ करेंगे।

फाउंडेशन की कार्यकारी ट्रस्टी सुश्री अनिंदिता चटर्जी, अहसास वूमेन उदयपुर श्रद्धा मुर्डिया और नोएडा अहसास वूमेन शिंजिनी कुलकर्णी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से उनके आवास पर मुलाकात की और अनुरोध किया कि वे औपचारिक रूप से कलम वेबसाइट का शुभारंभ कर इसे गरिमा प्रदान करें। इन्होंने लोकसभा अध्यक्ष को भारतीय जनता पार्टी के पूर्ववर्ती, भारतीय जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी का हाथ से चित्रित एक चित्र भी भेंट किया।

 कलम का उद्देश्य हिंदी साहित्य को लोकप्रिय बनाने के साथ ही वरिष्ठ और युवा लेखकों, कवियों को उनके द्वारा सृजित साहित्य के साथ ही अपनी मातृभाषा के प्रति उनके प्रेम को उजागर करने के लिए एक मंच प्रदान करना है। कलम ने 2015 की गर्मियों में जयपुर और पटना शहर से अपनी यात्रा आरंभ की थी और तब से अब तक भारत और विदेश के 40 शहरों में 550 से अधिक सत्र आयोजित किए हैं। हिंदी साहित्यिक कृतियों का आनंद लेने वाले दर्शकों, पाठकों के साथ लेखकों के एक पसंदीदा बैठक के रूप में, कलम के सत्र व्यावहारिक, प्रेरक, समृद्ध और आनंददायक होते हैं।

मनीषा जैन ब्रांडिंग और संचार प्रमुख "कलम प्रभा खेतान फाउंडेशन की एक बेशकीमती पहल है। यह भारत और विदेश के कई शहरों तक फैली है, जिसे वैश्विक पहुंच के साथ एक विशिष्ट, खास दर्शक वर्ग का सहयोग हासिल है। कलम के आकर्षक संवादात्मक सत्रों का फलक हिंदी साहित्य की पहुंच को बढ़ाने के साथ ही उसके दर्शकों को समृद्ध करता है। हर सत्र वरिष्ठ या युवा लेखक को साहित्य प्रेमियों से जोड़ने पर जोर देता है और लेखक की पुस्तकों और उनकी जीवन गाथाओं पर आधारित रोचक और जीवंत संवाद पर केंद्रित होता है।"

० योगेश भट ० 

मणिपुर-ग्रुप सेंटर इम्फाल में आई भारी बारिश और तूफान ने भारी तबाही मचाई,इस तेज बारिश और आंधी की वजह से ग्रुप सेंटर के 37 बड़े पेड़ नष्ट हो गए हैं और पानी और बिजली की सप्लाई भी ठप पड़ गई । केंद्रीय विद्यालयों तथा घरों की छतें ,अस्पताल की दीवारें और मन्दिर के शौचालय को बुरी तरह से नुकसान हुआ है और सड़कें भी टूट गयीं हैं ।
मदन कुमार उप महानिदेशक,ग्रुप सेंटर ने पानी और बिजली की जल्दी सप्लाई के लिए विशेष अभियान चलाकर ठप हुई बिजली और पानी की सप्लाई को चालू करवाया और साथ ही निर्देश दिया कि भविष्य में इस तरह के तूफान और बारिश आने पर हमें हमेशा सतर्क रहना चाहिए ताकि जान माल के नुक्सान से बचा जा सके । इस तेज रफ्तार अभियान कार्यवाई से बन्द सड़कों को खोला गया और जनजीवन सुचारु रूप से चलने लगा ।।

० नूरुद्दीन अंसारी ० 

नई दिल्लीः महिला और बाल विकास के मोर्चे पर उत्तर प्रदेश उच्च गुणवत्ता के साथ सेवा देने में एक नया मानक स्थापित कर रहा है। वेदांता की लोक कल्याण शाखा अनिल अग्रवाल फाउंडेशन ने उत्तर प्रदेश के 150 नंद घरों को अंतर्राष्ट्रीय मानकीकरण संगठन (आईएसओ) से मान्यता मिलने की घोषणा की है।
वाराणसी और अमेठी प्रत्येक जिले के 75 नंद घर अब आईएसओ 9001ः2015 मान्यता प्राप्त हैं। यह मान्यता बच्चों की शुरुआती शिक्षा में सुधार, लोगों के घर पर बेहतर मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवा देने, बेहतर पोषण और महिलाओं के लिए आजीविका के स्थायी कौशल विकास आदि कई सेवाओं के लिए दी गई है।

नंद घर अनिल अग्रवाल फाउंडेशन का अग्रणी सीएसआर प्रोजेक्ट है जो वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड के तत्वावधान में संचालित है। प्रोजेक्ट में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय का सहयोग रहा है और इसके तहत पूरे देश की आंगनवाड़ियों को आधुनिक रूप दिया जा रहा है। वर्तमान में देश के 12 राज्यों में 3300 से अधिक नंद घर सेवारत हैं। अनिल अग्रवाल फाउंडेशन के सीईओ डॉ. भास्कर चटर्जी ने बताया, “नंद घर का मुख्य लक्ष्य समुदाय में बदलाव और उसके सशक्तिकरण का मार्ग प्रशस्त करते हुए ग्रामीण परिदृश्य की क्षमता सामने लाना और आत्मनिर्भरता बढ़ाना है। नंद घर गुणवत्तापूर्ण सेवाएं देते हुए पूरे देश में डब्ल्यूसीडी का मार्गदर्शक बनेगा।

नंद घर बच्चों की शुरुआती शिक्षा और विकास के उत्कृष्ट केंद्र हैं। प्रोेजक्ट नंद घर प्रौद्योगिकी और अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे का लाभ उठाते हुए बच्चों का कुपोषण दूर करने, उन्हें घर के पास शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं देने और महिलाओं का स्थायी कौशल विकास करने की दिशा में अग्रसर है। नंद घर के माध्यम से वेदांता सेवा मानक पर शहर और गांव की दूरी कम कर रहे हैं। इसके लिए आंगनवाड़ी व्यवस्था में उपलब्ध सेवा आपूर्ति में महत्वपूर्ण सुधार किए जा रहे हैं। वेदांता पूरे भारत में 4000 नंद घर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य पूरे भारत की 13.7 लाख आंगनवाड़ियों से लाभान्वित 7 करोड़ बच्चों और 2 करोड़ महिलाओं को बेहतर जिन्दगी देना है।

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