नयी दिल्ली -आजीवन शिक्षा की अलख जगाते रहे पद्मश्री प्रो.श्यामसुंदर महेश्वरी का 71 वर्ष की आयु में निधन हो गया। प्रो.महेश्वरी सप्ताह भर से अस्वस्थ चल रहे थे, लेकिन उपचार मिलने के बाद धीरे-उनके स्वास्थ्य में सुधार हो रहा था। प्रो. महेश्वरी ने तीन दशकों से भी अधिक समय तक श्रीगंगानगर के खालसा कॉलेज में प्राध्यापक के रूप में सेवाएं दी। इसी दौरान रेलवे स्टेशन के पास झुग्गियों में रहने वाले बच्चों को पढ़ाने का बीड़ा उन्होंने उठाया। यह बच्चे दिन भर सड़कों पर घूमते भीख मांगते थे। इन बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था उनकी झोंपड़ियों के पास ही की गई , जहां एक अध्यापक सुबह तीन-चार घण्टे इन्हें पढ़ाता।
अक्षर ज्ञान होने के बाद सभी बच्चों का दाखिला सरकारी स्कूल में करवा दिया उन बच्चों में से कई बच्चे आज सरकारी सेवा में हैं। आर्थिक कारणों से बीच में पढ़ाई छोड़ देने वाले बच्चों को पढ़ने में मदद करने के उद्देश्य से प्रो. महेश्वरी ने 1990 में विद्यार्थी शिक्षा सहयोग समिति की स्थापना कर शहर के उन दानवीरों को इससे जोड़ा जो निर्धन परिवारों के प्रतिभाशाली बच्चों को उनकी पढ़ाई के लिए आर्थिक सहयोग देना
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