वाराणसी और अमेठी प्रत्येक जिले के 75 नंद घर अब आईएसओ 9001ः2015 मान्यता प्राप्त हैं। यह मान्यता बच्चों की शुरुआती शिक्षा में सुधार, लोगों के घर पर बेहतर मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवा देने, बेहतर पोषण और महिलाओं के लिए आजीविका के स्थायी कौशल विकास आदि कई सेवाओं के लिए दी गई है।
नंद घर अनिल अग्रवाल फाउंडेशन का अग्रणी सीएसआर प्रोजेक्ट है जो वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड के तत्वावधान में संचालित है। प्रोजेक्ट में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय का सहयोग रहा है और इसके तहत पूरे देश की आंगनवाड़ियों को आधुनिक रूप दिया जा रहा है। वर्तमान में देश के 12 राज्यों में 3300 से अधिक नंद घर सेवारत हैं। अनिल अग्रवाल फाउंडेशन के सीईओ डॉ. भास्कर चटर्जी ने बताया, “नंद घर का मुख्य लक्ष्य समुदाय में बदलाव और उसके सशक्तिकरण का मार्ग प्रशस्त करते हुए ग्रामीण परिदृश्य की क्षमता सामने लाना और आत्मनिर्भरता बढ़ाना है। नंद घर गुणवत्तापूर्ण सेवाएं देते हुए पूरे देश में डब्ल्यूसीडी का मार्गदर्शक बनेगा।
नंद घर बच्चों की शुरुआती शिक्षा और विकास के उत्कृष्ट केंद्र हैं। प्रोेजक्ट नंद घर प्रौद्योगिकी और अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे का लाभ उठाते हुए बच्चों का कुपोषण दूर करने, उन्हें घर के पास शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं देने और महिलाओं का स्थायी कौशल विकास करने की दिशा में अग्रसर है। नंद घर के माध्यम से वेदांता सेवा मानक पर शहर और गांव की दूरी कम कर रहे हैं। इसके लिए आंगनवाड़ी व्यवस्था में उपलब्ध सेवा आपूर्ति में महत्वपूर्ण सुधार किए जा रहे हैं। वेदांता पूरे भारत में 4000 नंद घर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य पूरे भारत की 13.7 लाख आंगनवाड़ियों से लाभान्वित 7 करोड़ बच्चों और 2 करोड़ महिलाओं को बेहतर जिन्दगी देना है।
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