० योगेश भट्ट ०
नई दिल्ली - 'कलम' मातृ भाषा से जुड़े साहित्य को समर्थन और प्रोत्साहित करने के लिए प्रभा खेतान फाउंडेशन की अपनी तरह की एक अनूठी साहित्यिक पहल है। यह फाउंडेशन के बेहद महत्त्वपूर्ण कार्यक्षेत्रों में से एक है, जो भारत और विदेश में हिंदी साहित्य के दायरे को समृद्ध और व्यापक बनाने के लिए समर्पित ह प्रभा खेतान फाउंडेशन दिल्ली में 7 मई को अपनी इसी पहल 'कलम' की वेबसाइट लॉन्च कर रहा है। हमें यह घोषणा करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने औपचारिक रूप से कलम वेबसाइट का शुभारंभ करने पर सहमति जाहिर की है। वे कलम वेबसाइट का शुभारंभ करेंगे।
फाउंडेशन की कार्यकारी ट्रस्टी सुश्री अनिंदिता चटर्जी, अहसास वूमेन उदयपुर श्रद्धा मुर्डिया और नोएडा अहसास वूमेन शिंजिनी कुलकर्णी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से उनके आवास पर मुलाकात की और अनुरोध किया कि वे औपचारिक रूप से कलम वेबसाइट का शुभारंभ कर इसे गरिमा प्रदान करें। इन्होंने लोकसभा अध्यक्ष को भारतीय जनता पार्टी के पूर्ववर्ती, भारतीय जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी का हाथ से चित्रित एक चित्र भी भेंट किया।
कलम का उद्देश्य हिंदी साहित्य को लोकप्रिय बनाने के साथ ही वरिष्ठ और युवा लेखकों, कवियों को उनके द्वारा सृजित साहित्य के साथ ही अपनी मातृभाषा के प्रति उनके प्रेम को उजागर करने के लिए एक मंच प्रदान करना है। कलम ने 2015 की गर्मियों में जयपुर और पटना शहर से अपनी यात्रा आरंभ की थी और तब से अब तक भारत और विदेश के 40 शहरों में 550 से अधिक सत्र आयोजित किए हैं। हिंदी साहित्यिक कृतियों का आनंद लेने वाले दर्शकों, पाठकों के साथ लेखकों के एक पसंदीदा बैठक के रूप में, कलम के सत्र व्यावहारिक, प्रेरक, समृद्ध और आनंददायक होते हैं।
मनीषा जैन ब्रांडिंग और संचार प्रमुख "कलम प्रभा खेतान फाउंडेशन की एक बेशकीमती पहल है। यह भारत और विदेश के कई शहरों तक फैली है, जिसे वैश्विक पहुंच के साथ एक विशिष्ट, खास दर्शक वर्ग का सहयोग हासिल है। कलम के आकर्षक संवादात्मक सत्रों का फलक हिंदी साहित्य की पहुंच को बढ़ाने के साथ ही उसके दर्शकों को समृद्ध करता है। हर सत्र वरिष्ठ या युवा लेखक को साहित्य प्रेमियों से जोड़ने पर जोर देता है और लेखक की पुस्तकों और उनकी जीवन गाथाओं पर आधारित रोचक और जीवंत संवाद पर केंद्रित होता है।"
मनीषा जैन ब्रांडिंग और संचार प्रमुख "कलम प्रभा खेतान फाउंडेशन की एक बेशकीमती पहल है। यह भारत और विदेश के कई शहरों तक फैली है, जिसे वैश्विक पहुंच के साथ एक विशिष्ट, खास दर्शक वर्ग का सहयोग हासिल है। कलम के आकर्षक संवादात्मक सत्रों का फलक हिंदी साहित्य की पहुंच को बढ़ाने के साथ ही उसके दर्शकों को समृद्ध करता है। हर सत्र वरिष्ठ या युवा लेखक को साहित्य प्रेमियों से जोड़ने पर जोर देता है और लेखक की पुस्तकों और उनकी जीवन गाथाओं पर आधारित रोचक और जीवंत संवाद पर केंद्रित होता है।"
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