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० योगेश भट्ट ० 

लखनऊ : सामर्थ्य टीचर्स ट्रेनिंग अकादमी ऑफ रिसर्च (स्टार) 23 मई, से अपना अग्रणी प्रोग्राम स्टार फ्यूचर लर्निंग सिस्टम्स प्रोग्राम शुरू करेगा जिसका लक्ष्य शिक्षकों में नए युग की सक्षमताएं बढाना और शिक्षा के स्थायी भविष्य की दूरदृष्टि विकसित करना है। पांच दिनों का यह वर्चुअल कोर्स 27 मई तक चलेगा। इस प्रोफेशनल विकास कार्यक्रम में संबंधित विषयों की व्यापक श्रृंखला पर केंद्रित सेशन होंगे जो अत्याधुनिक अध्यापन पद्धति और प्रौद्योगिकी पर आधारित हैं। मुख्य सेशन में शामिल हैं: ट्रेंड्स शेपिंग फ्यूचर लर्निंग सिस्टम; न्यू एज लर्निंग एण्ड एसेसमेंट और; शिक्षकों की बदलती भूमिका; नए युग की शिक्षा और कौशल के लिए प्रौद्योगिकी; फ्यूचर लर्निंग सिस्टम का विजन और लीडरशिप; और सामाजिक परिवर्तन के लिए शिक्षा परिवर्तन।

ये सेशन संचालित करेंगे विश्वस्तरीय शिक्षाविद, विशेषज्ञ और शिक्षक जिन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान दिए हैं। पूरे प्रोग्राम में ग्लोबल एजुकेशन फ्यूचर्स के डॉ. पावेल लुका और प्रो. पिम वान गेस्ट नियमित रूप से उपस्थित रहेंगे। ओईसीडी के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. वैलेरी हैनन शिक्षा के भविष्य को लेकर शैक्षिक परिवर्तन पर वैश्विक मुख्य संबधोन देंगे। इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर द सिस्टम्स साइंसेज के अध्यक्ष डॉ. एलेक्जेंडर लाज़्लो भावी शिक्षा पद्धति के सामाजिक परिप्रेक्ष्य प्रस्तुत करेंगे। साथ ही, शिव नादर युनिवर्सीटी के एसोसिएट डीन डॉ. राजीव कुमार सिंह शिक्षकों की बदलती भूमिका के बारे में अपनी बात रखेंगे।

सिम्बायोसिस इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट पुणे के निदेशक डॉ. आर रमन नई शिक्षा और भविष्य के कौशल में प्रौद्योगिकी की भूमिका की अहमियत बताएंगे। मेलबर्न विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया की प्रो. सैंड्रा मिलिगन और वर्ल्डस्किल्स इंटरनेशनल की बोर्ड सदस्य सुश्री कटेरीना लोशकेरेवा का इस आयोजन में विशिष्ट सहयोग होगा। नेतृत्व की मिसाल बन कर बड़े बदलाव के सपने सच करने पर केंद्रित विशेष सत्र का संचालन पूर्व भारतीय महिला हॉकी कोच सोजर्ड मारिन ने किया जो टोकियो ओलंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम के अच्छे प्रदर्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुकी हैं।

स्टार फ्यूचर लर्निंग सिस्टम्स प्रोग्राम की संरचना भारतीय और वैश्विक शिक्षा के भविष्य के कांसेप्ट की समझ विकसित और अधिक स्पष्ट करने के लिए डिज़ाइन की गई है। ये सेशन वैश्विक केस स्टडीज पेश कर तथ्यात्मक परिदृश्य से परिपूर्ण होंगे। विभिन्न सेशन और मुख्य संबोधन के बाद प्रत्येक दिन एक लाइव ग्रुप वर्क होगा ताकि ज्ञान को उपयोगी और क्रियान्वयन योग्य बनाने में मदद मिले। ऑनलाइन प्रोफेशनल विकास प्रोग्राम एक महत्वपूर्ण विद्वतापूर्ण आयोजन होगा जिसके कई लाभ होंगे और प्रत्येक प्रतिभागी के लिए पूरी दुनिया में मान्य विशेष प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा। प्रतिभागी वैश्विक सम्मेलनों में भाग ले पाएंगे, व्यापक वैश्विक सामग्री, नवीनतम शोध प्राप्त करंेगे, सर्वाेत्तम शैक्षिक पद्धतियां सीखेंगे और पूरे साल सहयोग भी प्राप्त करेंगे।

शिक्षाविदों, विभाग प्रमुखों, शिक्षकों, निदेशकों, शोध विद्वानों, प्रिंसिपलों और शिक्षा समन्वयकों के लिए स्टार फ्यूचर लर्निंग सिस्टम्स को बहुत लाभदायक बताया गया है। इस प्रोग्राम में पंजीकरण स्टार की आधिकारिक वेबसाइट पर हो रहा है। सामर्थ्य टीचर्स ट्रेनिंग अकादमी ऑफ रिसर्च (स्टार) शिक्षा के क्षेत्र में 76 साल की विरासत के साथ सेवारत सेठ आनंदराम जयपुरिया ग्रुप ऑफ एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस के तत्वावधान में कार्यरत जयपुरिया स्कूल ऑफ बिजनेस, गाजियाबाद की पहल है। अकादमी को आज के शिक्षकों में नवीनतम शैक्षिक सक्षमताओं के विकास में विशेषज्ञता प्राप्त है। यह अपने ग्लोबल पार्टनर - ग्लोबल एजुकेशन फ्यूचर्स और द वीविंग लैब के सहयोग से स्टार फ्यूचर लर्निंग सिस्टम्स का संचालन करता है।

० योगेश भट्ट ० 

नई दिल्ली1: कोलपोल, दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में तेजी से बढ़ रहा मोबाइल फर्स्ट डिजिटल प्लेटफॉर्म है। 10 से ज्यादा प्रगतिशील शिक्षण संस्थाओं ने अपने संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को बिना किसी रुकावट के लगातार आधुनिक शिक्षा तथा स्मार्ट कैंपस का अनुभव प्रदान करने के लिए कोलपोल से साझेदारी की है। इसमें दिल्ली यूनिवर्सिटी का श्री वेंकटेश्वर कॉलेज, बीएमएल मुंजाल यूनिवर्सिटी, जीडी गोयनका यूनिवर्सिटी, ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी, बेनेट यूनिवर्सिटी और अशोका यूनिवर्सिटी शामिल हैं।
 
ये शिक्षण संस्थाएं सामूहिक रूप से विद्यार्थियों को शानदार और बेहतरीन शिक्षा और स्मार्ट कैंपस का अनुभव प्रदान करने के लिए कोलपोल से जुड़ी हैं। इस समय 30 हजार से ज्यादा विद्यार्थियों को यहां पढ़ने का अनुकूल मिश्रित माहौल मिल रहा है और वह सहज रूप से डिजिटल शिक्षा का अनुभव हासिल कर रहे हैं। दिल्ली –एनसीआर क्षेत्र में शिक्षण संस्थाओं ने काफी तेजी से डिजिटलीकरण को अपनाया है। कोलपोल 20 अन्य शिक्षण संस्थाओं को अपने साथ शामिल करने की योजना बना रहा है, जिससे अगले 6 महीनों में 25 हजार से ज्यादा विद्यार्थी सकारात्‍मक रूप से प्रभावित होंगे।

महामारी की शुरुआत से, दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में यूनिवर्सिटीज को ऑनलाइन क्लासेज और परीक्षायें आयोजित करने, रिकार्डों का प्रबंधन करने, प्रमुख रिपोर्टों तक पहुंच बनाने, आंकड़ों को साझा करने के अलावा विद्यार्थियों, विभागों और कॉलज के बीच तालमेल बनाने में काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। कोलपोल की मदद के साथ शिक्षण संस्थाएं बिना एक-दूसरे के संपर्क में आए हुए डिजिटल कैंपस का अनुभव विद्यार्थियों और अध्यापकों को प्रदान कर रही हैं। इससे विद्यार्थी दाखिला लेने, ऑनलाइन क्लासेज अटेंड करने, एग्जाम देने और भुगतान करने के लिए डिजिटल व्यवस्था का प्रयोग कर रहे हैं।

 इससे विद्यार्थियों का ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था से जुड़ाव और बढ़ा है और वह बेहतर तालमेल बनाने और एक दूसरे से बातचीत करने में सक्षम हुए हैं। इस प्लेटफॉर्म की मदद से 29,869 विद्यार्थियों के दाखिले और 1,56,885 नौकरी के आवेदनों को स्वचालित ढंग से निपटाया गया। इसके अलावा इसकी मदद से 1,50,000 ऑनलाइन क्लासेज का होना संभव हो सका। 6 मिलियन से ज्यादा लोगों के फीडबैक लिए गए। 3,12,22,475 खाने के कूपन बांटे और कैंपस फीड पर 75,169 पोस्ट का प्रबंधन किया। कोलपोल की ओर से दिए जाने वाले ऑफर में डिजिटल शिक्षा का पूरी व्यवस्था करना, डिजिटल पेमेंट, कारोबार संबंधी कामकाज का स्वचालन, सुव्यस्थित ढंग से टीचर्स का फीडबैक, संपर्कहीन डिजिटल कैंपस सर्विसेज, ऑनलाइन क्लासेज और एग्जाम लेना शामिल हैं। इसके ऐप पर रेगुलर अपडेट्स के बारे में नोटिफिकेशन मिलती है। ऑनलाइन मूल्यांकन किया जाता है। आंकड़े और रिपोर्ट साझा की जाती है।

भारतीय शिक्षा व्यवस्‍था ने हाल ही में महामारी का प्रकोप फैलने के बाद नई तकनीक को अपनाने का महत्व समझा है। महामारी के समय बच्चों की अच्छी सेहत के लिहाज से शिक्षण संस्थाओं को बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ा। ऐसे समय में टेक्नोलॉजी से लैस संसाधनों से बच्चों की शैक्षिक गतिविधियां जारी रह सकीं। शानदार ढंग से दोतरफा संवाद कायम किया जा सका। नई तकनीक से रोजमर्रा की गतिविधियों का स्वचालन संभव हो सका। इससे सुरक्षा और मौलिक सूचना तक लोगों की पहुंच बढ़ी। इन समाधानों ने जहां शिक्षा व्यवस्था को बढ़ावा दिया, वहीं शिक्षा क्षेत्र में तकनीक को अपनाने के प्रमुख लाभों के रूप में प्रभावपूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए संसाधन से लैस टूल्स अपनाए गए। 

शिक्षकों को अपने क्षेत्र में होने वाली गतिविधियों से अपडेट रखने के लिए उनका कौशल विकास किया गया और छात्रों को ज्यादा से ज्यादा संख्या में ऑनललाइन जोड़कर उन्हें ज्यादा स्मार्ट तरीके से क्लास रूम शिक्षा प्रदान की गई। आज की जेनरेशन जेड और भविष्य में आने वाली जनरेशन अल्फा पीढ़ी के बच्चे डिटिजल टेक्नोलॉजी के बारे में ज्यादा जानते हैं। वह किसी भी पिछली पीढ़ी के अलावा ज्यादा बेहतरीन ढंग से तकनीकी कामकाज सकते हैं। वह अपने कैंपस में इसी तरह का माहौल मिलने की उम्मीद करते हैं। शिक्षण उद्योग में विद्यार्थियों की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए काफी बदलाव किए गए हैं। इसके लिए विद्यार्थियों के लिए कई मूल्‍यवर्धित गतिविधियां लाई गई हैं और कोलपोल इसम बदलाव में काफी आगे है।

कोलपोल की स्थापना हेमंत सहल ने की थी, जिससे शिक्षण संस्थानों में हितधारक प्रभावी ढंग से एक दूसरे से सहयोग कर सकें। 2018 मे कंपनी ने पूरा ध्यान पांरपरिक ईआरपी से ज्यादा संस्थानों के पूरी तरह से डिजिटलाइजेशन के विस्तार पर लगाया है। यह कंपनी प्रशासन पर ईआरपी, लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम के साथ विडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा, एआई की निगरानी में एग्जाम ऑफर करती है। इसके अलाव कैंपस में पेपरलेस और संपर्कहीन व्यवस्था को लागू करने के लिए नो कोड बिजनेस प्रोसेस ऑटोमेशन प्रदान की जाती है। शिक्षा संस्थाओं को डिजिटली आपस में जुड़ने के लिए कैंपस में सोशल नेटवर्क प्रदान करती है। कोलपोल ने 100,000 से ज्यादा यूजर्स के साथ 65 से ज्यादा शिक्षण संस्थाओं से साझेदारी की। इस समय कोलपोल 90 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स को अपनी सेवाएं प्रदान कर रहा है।

हेमंत सहल, कोलपोल के संस्थापक और सीईओ “दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में प्रगतिशील उच्च शिक्षा देने वाली संस्थाएं नई तकनीक को अपनाने के लिए काफी उत्सुक हैं। उनका मूल उद्देश्य अपने विद्यार्थियों को डिजिटल शिक्षा के साथ स्मार्ट कैंपस का अनुभव कराना है। हमने कई ऐसी प्रमुख शिक्षण संस्थाओं से साझेदारी की है, जो दिल्ली और दिल्ली के आसपास शिक्षा जगत का नेतृत्व कर रहे हैं और अपनी शिक्षण संस्थाओं का डिजिटलीकरण करने के संबंध में काफी उत्साहित हैं। हम इन शिक्षण संस्थाओं के दीर्घकालीन तकनीकी साझीदार के रूप में ऑनलाइन शिक्षण की सुविधा उपलब्ध कराकर दिल्ली के आसपास 25 से हजार से ज्यादा विद्यार्थियों पर प्रभाव डाल रहे हैं।“

अभय शर्मा, रजिस्टार, बीएमएल मुंजाल यूनिवर्सिटी “डिजिटल बदलाव आज के वक्त की सबसे बडी जरूरत है। यह विद्यार्थियों के अनुभव में बदलाव लाने के लिए बहुत जरूरी है। इसलिए हम अपने कैंपस के कामकाज के स्वचालन, सहयोग बढ़ाने और विद्यार्थियों, अध्यापकों और दूसरे हितधारकों को मजबूती प्रदान करने के लिए कोलपोल से साझेदारी कर काफी उत्साहित हैं।“

० योगेश भट्ट ० 

हैदराबाद,  एशिया के सबसे बड़े शिक्षण समूह श्री चैतन्य द्वारा स्थापित इनफिनिटी लर्न भारत में सबसे तेज गति से बढ़ती हुई एडटेक कंपनी है। इस कंपनी ने पूरे गर्व के साथ ‘ग्रेट प्लेस टु वर्क’ सर्टिफिकेशन™ प्राप्त करने की घोषणा की है। यह प्रतिष्ठित पुरस्कार पूरी तरह से इन्फिनिटी लर्न के कर्मचारियों द्वारा अपने अनुभवों और कंपनी को यह सम्मान जीतने के लिए यंगेस्ट के12 एडटेक ब्रांड बनाने के बारे में कही गई बातों के आधार पर दिया गया है। इनफिनिटी लर्न ग्रेट प्लेस टु वर्क के रूप में कंपनियों की प्रतिष्ठित सूची में भरोसा, गर्व, और संस्कृति सहित गुणवत्ता के मूल्यांकन पर शामिल हुई है। यह प्रमाणन एक विविधतापूर्ण, समावेशी और लोक-प्रथम संस्कृति के निर्माण के प्रति इनफिनिटी लर्न की वचनबद्धता को मान्यता प्रदान करता है।

टीम के सदस्यों ने ग्रेट प्लेस टु वर्क सर्टिफिकेशन™ की सूचना में मदद के लिए निष्पक्ष रूप से संचालित सर्वेक्षण के प्रति योगदान किया, और 76% कर्मचारियों ने इनफिनिटी को शानदार कार्यस्थल (ग्रेट प्लेस टु वर्क) की संज्ञा दी है। इस सर्वेक्षण के प्रमुख बिन्दुओं में समुदाय के प्रति कंपनी के योगदान के बारे में सकारात्मक अहसास, इनफिनिटी लर्न में गर्व की भावना, और कार्य में निर्णय लेने की क्षमता शामिल थी।
ग्रेट प्लेस टु वर्क सर्टिफिकेशन™ पूरे विश्व में कर्मचारियों और नियोक्ताओं द्वारा समान रूप से सम्मानित है और यह असाधारण कर्मचारी अनुभव की पहचान और मान्यता के लिए वैश्विक मानदंड है।

इस उपलब्धि का बखान करते हुए इनफिनिटी लर्न बाई श्री चैतन्य के सीईओ और प्रेसिडेंट, उज्जवल सिंह ने कहा कि, “अक्सर एक कर्मचारी का मूल्यांकन सबसे अधिक इस बात पर किया जाता है कि वह कितना आउटपुट दे सकता है। हालांकि, हम कर्मचारियों को अपनी प्राथमिकता बनाने में गर्व का अनुभव करते हैं। मैं अपने सभी सहकर्मियों को इनफिनिटी लर्न को “ग्रेट प्लेस टु वर्क” बनाने के लिए धन्यवाद देता हूँ। यह हमारे “शिक्षार्थी की सफलता के शक्तिकरण” (और बच्चे का सीखना सुनिश्चित करना) के उद्देश्य के प्रति उनके संकल्प और अडिग भरोसे के कारण ही संभव हुआ है। 

हम कार्य के सभी पहलुओं में “मालिक की तरह सोचें” की भावना का प्रसार करते हैं और उनके मूल्यवान एवं सम्मानित होने का अनुभव कराते हैं। उच्च भरोसा, उच्च कार्यप्रदर्शन की संस्कृति से सतत व्यावसायिक परिणाम प्राप्त करने में मदद मिलती हैं और प्रत्येक कर्मचारी शानदार स्थान का हिस्सा बन जाते हैं। और इस प्रकार वे सभी ‘शिक्षार्थी की प्रगति के उत्प्रेरण’ की दृष्टि के प्रति बचनबद्ध हैं तथा इनफिनिटी लर्न बाई श्री चैतन्य को सभी के लिए एक ग्रेट प्लेस टु वर्क बनाते हैं।”

० योगेश भट्ट ० 

नई दिल्ली : भारत की आइएसआई और बीआईएस प्रमाणित कम्पनी ऊषा केबल इंडस्ट्रीज के ब्राण्ड ऊषा केबल ने अपने कई सालों की रिसर्च और डिफेन्स की जरूरतों को ध्यान मे रखते हुए सिलिकॉन रबराइस पीबीसी केबल को मार्केट में उतारा। कम्पनी निदेशक अमन गुप्ता ने कहा की सिलिकॉन रबराइस पीबीसी केबल पर कई सालों से काम चल रहा था जिसकी भारत में डिफेंस को एल ए सी जैसी जगहों पर जहॉं टेम्परेचर माइनस 40 डिग्री के ऊपर चला जाता है वहॉं इसकी खास जरूरत थी।

जहॉं नॉर्मल केबल माइनस 20 से 25 डिग्री सेल्सियस पर आते आते केबल टुटने जैसी समस्याओं का सामनाा करना पड़ता था जो एक बड़ी समस्या थी उसका समाधान कम्पनी ने सिलिकॉन रबराइस पीबीसी केबल के द्वारा कर दिया है। उन्होने कहा की यह केबल हमारी अपनी फैक्ट्री में ही बनाई गई है, जिसमे अच्छी क्वालिटी मैटीरियल्स का प्रयोग किया गया हैै जिसकी वजह से यह केबल माइनस 40 डिग्री में भी काम करेगा और इसे नॉर्मल स्थानो पर भी उपयोग में लाया जा सकता है।

 योगेश भट्ट ० 

नयी दिल्ली -
: टाइम्स प्रोफेशनल लर्निंग (टीपीएल) ने अपने ब्रांड, टाइम्सप्रो (TimesPro) के तहत बुधवार को नई दिल्ली में एक जॉब ओरिएंटेड लर्निंग प्रोग्राम, ई-कॉमर्स और सप्लाई चेन मैनेजमेंट में पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम, का शुभारंभ किया। इस घोषणा के लिए आयोजित कार्यक्रम में '2030: भारत में ई-कॉमर्स और सप्लाई चेन में रोजगार वृद्धि' और 'बदलती दुनिया में छात्र रोजगार का विकास' विषयों पर भारत भर के प्रमुख उद्योगों और विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिनिधियों के साथ पैनल चर्चा भी शामिल थी।
ई-कॉमर्स और सप्लाई चेन मैनेजमेंट में पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम शिक्षार्थियों को भारत के सबसे तेजी से बढ़ते क्षेत्रों में से एक में बेहतरीन कैरियर की तलाश करने के लिए आवश्यक ज्ञान, प्रशिक्षण और स्किल से भरपूर करेगा। बड़े पैमाने पर इंटरनेट और स्मार्टफोन के उपयोग के कारण टियर II और III शहरों में ई-कॉमर्स सेवाओं की पहुंच ने कंपनियों में ऑपरेशनल रोल में प्रशिक्षित और कुशल पेशेवरों की मांग को बहुत ज्यादा बढ़ा दिया है। टाइम्सप्रो (TimesPro) ने ट्रेनिंग प्रोग्राम के पूरा होने पर अपने अपने यहाँ से ट्रेनिंग लेने वालों को रोजगार प्रदान करने के लिए अमेजॉन, स्विगी, गोदरेज एंड बॉयस, डीटीडीसी (DTDC), एफआर 8 (FR8), एपीएमएल (APML) और एएजे (AAJ) एंटरप्राइजेज जैसी जानीमानी कंपनियों के साथ भागीदारी की है।

प्रोग्राम के बारे में बोलते हुए, टाइम्स प्रोफेशनल लर्निंग के मुख्य विकास और साझेदारी अधिकारी परीक्षित मार्कंडेय ने कहा, “ई-कॉमर्स और सप्लाई चेन उद्योग में तेजी से वृद्धि हुई है – यह सभी क्षेत्रों में जबरदस्त रोजगार पैदा करेगा और देश के सकल घरेलू उत्पाद में महत्वपूर्ण योगदान देगा। तकनीक-आधारित कई इन्नोवेशन ने कुशल कर्मियों के लिए बड़े पैमाने पर अवसरों को बढ़ावा दिया है जिससे ऐसे कार्यबल की मांग बढ़ गई है। इस प्रोग्राम के माध्यम से, हम अपने शिक्षार्थियों को नए जमाने और उद्योग के लिए तैयार कौशल से भरपूर करने का लक्ष्य रखते हैं ताकि कौशल की मांग को पूरा किया जा सके और हमारे कंपनी भागीदारों के साथ मिलकर रोजगार प्रदान किया जा सके।”

ई-कॉमर्स और सप्लाई चेन मैनेजमेंट में पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम अन्य विषयों सहित ई-कॉमर्स ऑपरेशंस, ईआरपी (ERP), सप्लाई चेन एनालिटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग, ब्लॉकचेन, आरएफआईडी (RFID), और ड्रोन टेक्नोलॉजी पर प्रकाश डालता है। डायरेक्ट-टू-डिवाइस (D2D) मोड के माध्यम से अत्याधुनिक टीपीएल प्लेटफॉर्म पर शिक्षा दी जाएगी और इसमें वर्चुअल लाइव क्लासरूम, ई-लर्निंग मॉड्यूल, जानेमाने ट्रेनर और कंपनियों के एक्स्पर्ट द्वारा लाइव डेटा-आधारित प्रोजेक्ट शामिल हैं।

कंपनियों की रिपोर्टों के अनुसार, ई-कॉमर्स बाजार का आकार 2020 में दर्ज 5,257 करोड़ रुपये के मुकाबले 2026 तक ई-कॉमर्स बाजार का आकार 20,000 करोड़ रुपये और 2030 तक 35,000-40,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है। । टियर II और III शहरों में ऑनलाइन लेन-देन में तेज वृद्धि के कारण 2020 और 2021 के दौरान इसमें 82% की वृद्धि हुई। परिणामस्वरूप, कंपनियों और ऑपरेशनल रोल में प्रशिक्षित पेशेवरों के लिए काम पर रखने में 2021 में 28% की वृद्धि हुई और उम्मीद है कि वित्तीय वर्ष 2022 में यह बढ़कर 32% हो जाएगी। कुशल संसाधनों की बढ़ती मांग के साथ, ई-कॉमर्स और सप्लाई चेन मैनेजमेंट में पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम का उद्देश्य स्किलिंग के अंतर को कम करने और संसाधनों की तैयारी में तेजी लाने में सहायक बनना है, जो भारत को 'आत्मनिर्भर' बनने में मदद करने के लिए स्किल इंडिया मिशन में निर्धारित लक्ष्यों के साथ जुड़ा हुआ है।

ई-कॉमर्स और सप्लाई चेन मैनेजमेंट में पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम के लिए नामांकन के इच्छुक आवेदक इस पर रजिस्टर कर सकते हैं: https://timespro.com/course/post-graduate-programme-e-commerce-supply-chain-management/ शुभारंभ में लॉजिस्टिक्स सेक्टर स्किल्स काउंसिल, गोदरेज एंड बॉयस, अमेजॉन, डीटीडीसी (DTDC), स्विगी, एफआर8 (FR8), एपीएमएल (APML) और एएजे (AAJ) एंटरप्राइजेज और टाइम्स प्रोफेशनल लर्निंग के अन्य प्रमुख कंपनी भागीदार शामिल हुए। सेंट एंड्रयूज इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट, गुरुग्राम जैसे प्रमुख शैक्षणिक संस्थान; एकेएस (AKS) विश्वविद्यालय, सतना; जीएलए (GLA) विश्वविद्यालय, मथुरा; सेज विश्वविद्यालय, इंदौर; श्री साईं ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस, पालमपुर; चितकारा विश्वविद्यालय, पंजाब; और लॉयड ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस, ग्रेटर नोएडा ने रोजगार को बढ़ावा देने के लिए आधुनिक स्किल के साथ कंपनियों के लिए तैयार रहने के लिए नौकरी के इच्छुक युवाओं को स्किल सिखाने की तत्काल आवश्यकता पर चर्चा की।

 संवाददाता द्वारा ० 
 
• 1 लाख नई नौकरियां छोटे और मझौले शहरों में
• एक वर्ष में 2500 से अधिक नए स्टोर खोले
• स्टोर्स की कुल संख्या 15 हजार के पार

नई दिल्ली : रिलायंस रिटेल का चमकदार प्रदर्शन लगातार जारी है। कंपनी का दावा है कि पिछले वित्तिय वर्ष में उसने रिकॉर्ड 1 लाख 50 हजार नई नौकरियां पैदा की हैं और वह भी तब जब पूरी दुनिया कोविड माहमारी के दुष्परिणामों से जूझ रही थी। कंपनी के वित्तिय परिणामों के मुताबिक रिलायंस रिटेल का स्टाफ 70 फीसदी बढ़ कर 3 लाख 61 हजार हो गया है। रिटेल और अन्य बिजनेस में कुल मिलाकर रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 2 लाख 10 हजार नई नौकरियां दी हैं। कंपनी के वित्तिय परिणामों में यह बात सामने आई है।

गौर करने वाली बात यह है कि रिलायंस रिटेल ने जो 1.5 लाख नई नौकरियां दी हैं उनमें से 1 लाख से अधिक नौकरियां छोटे व मझौले शहरों में दी गई हैं। कंपनी के बयान के मुताबिक रिलायंस रिटेल छोटे व मझौले शहरों में नई नौकरियां इसलिए दे पाया क्योंकि इन शहरों में उसके स्टोर्स का नेटवर्क तेजी से बढ़ा है। स्टोर्स के साथ इन शहरों में डिजिटल और न्यू कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स का विस्तार भी तेजी से हुआ है।

पिछले वित्तिय वर्ष में रिलायंस ने आशचर्यचकित करने वाली रफ्तार से नए स्टोर्स खोले हैं। कंपनी ने रोजाना करीब 7 नए स्टोर्स के हिसाब से कुल 2500 से अधिक स्टोर्स खोले। सिर्फ पिछली तिमाही में ही कंपनी ने 793 नए स्टोर्स अपने पोर्टफोलियो में जोड़े हैं। बताते चले कि कंपनी के स्टोर्स की कुल संख्या 15 हजार के पार पहुंच गई है। स्टोर्स और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर रिलायंस रिटेल के रजिस्टर्ड ग्राहकों की संख्या 19 करोड़ 30 लाख के पार जा पहुंची है।

रिलायंस के स्टोर्स की संख्या 15 हजार के पार पहुंचने और नई नौकरियों पर रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि “इस वर्ष भी रिलायंस देश के लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने में कामयाब रही है और भारत के सबसे बड़े नियोक्ताओं में से एक बनी हुई है। पिछले एक साल में हमने दो लाख 10 हजार से अधिक कर्मचारियों को जोड़ा है। रिटेल और टेक्नोलॉजी बिजनेस ने नई नौकरियां पैदा करने में अहम रोल अदा किया है”

नए स्टोर खोलने और नई नौकरियां देने के साथ रिलायंस रिटेल ने इस वित्तिय वर्ष में कमाई भी खूब की है। रिटेल कारोबार का रिकॉर्ड वार्षिक राजस्व लगभग 200,000 करोड़ रुपये रहा। कंपनी की आय में भी इजाफा देखने को मिला, तिमाही आधार पर रिलायंस रिटेल की आय 31 मार्च 2022 को समाप्‍त हुई चौथी तिमाही में बढ़कर 58,019 करोड़ रुपये हो गई है। पिछली तिमाही यानी दिसंबर 2021 तिमाही में कंपनी की आय 57,717 करोड़ रुपये दर्ज की गई थी। रिलायंस रिटेल का साल का नेट प्रॉफिट 7,055 करोड़ रुपये तथा चौथी तिमाही का शुद्ध मुनाफा 2,139 करोड़ रुपये रहा।

० योगेश भट्ट ० 

नयी दिल्ली : दुनिया के सबसे ज्‍यादा बिकने वाले सॉफ्ट ड्रिंक कंसन्‍ट्रेट और मेक इन इंडिया के आइकॉन रसना ने एक नया ऐड कैम्‍पेन लॉन्‍च किया है। इस कैम्‍पेन के तहत भारत की अग्रणी डिजिटल भुगतान एवं वित्‍तीय सेवा कंपनी पेटीएम के साथ भागीदारी में रसना के ग्राहकों को 100% तक कैशबैक दिया जा रहा है। रसना के 32 ग्‍लास, 10 ग्‍लास और 5 रुपये के पैक खरीदने वाले ग्राहकों को तुरंत कैशबैक मिलेगा।
ग्राहक पैक को खरीदने के बाद पैक के पेटीएम क्‍यूआर कोड को पेटीएम ऐप के माध्‍यम से स्‍कैन कर इस कैशबैक ऑफर का फायदा उठा सकते हैं। कैशबैक के अलावा मूवी‍ टिकट बुकिंग, फ्लाइट बुकिंग, मोबाइल एवं डीटीएच रिचार्ज, आदि पर भी कई ऑफर्स उपलब्‍ध हैं। पेटीएम के साथ यूजर्स को भुगतान के विकल्‍पों का लचीलापन मिलता है, जैसे पेटीएम वालेट, पेटीएम यूपीआई, पेटीएम पोस्‍टपेड (बाय नाऊ, पे लेटर), नेटबैंकिंग, डेबिट एवं क्रेडिट कार्ड्स, आदि।

रसना ने विभिन्‍न प्‍लेटफॉर्म्‍स, जैसे टीवी, सोशल मीडिया, प्रिंट, आदि पर एक कैम्‍पेन शुरू किया है और अपने नये एम्‍बेसेडर ‘छोटा भीम’ की पेशकश भी की है। टेलीविजन विज्ञापन का लिंक। रसना का यह टीवी विज्ञापन कैम्‍पेन कई चैनलों पर रिलीज किया गया है, जिसमें वह किसी उपलब्धि की पार्टी के लिये एक माँ से बात करता है और कैशबैक ऑफर की घोषणा करने के बाद रसना गर्ल के साथ मशहूर लाइन ‘आई लव यू रसना’ कहता है। रसना के उत्‍पाद स्‍वस्‍थ होने और फलों के स्‍वाद के लिये जाने जाते हैं, जिनमें फलों का सत्‍व, 11 विटामिन्‍स, खनिज और ग्‍लूकोज होते हैं। यह कई फ्‍लेवर्स में उपलब्‍ध हैं, जैसे नागपुर संतरा, अल्‍फोंसो आम, अमेरिकन पाइनेपल, शाही गुलाब, कूल खस, केसर इलायची, मसाला नींबू, शिकंजी लिम्‍बू पानी, लीची और काला खट्टा।

इस लॉन्‍च पर अपनी बात रखते हुए, रसना ग्रुप के चेयरमैन पिरुज़ खम्‍बाटा ने कहा, “हमें भारत के सबसे बड़े पेमेंट प्‍लेटफॉर्म पेटीएम के साथ जुड़ने पर गर्व है। इससे हमें उन लाखों यूजर्स तक पहुँचने में मदद मिलेगी, जो रोजाना के भुगतानों के लिये पेटीएम का इस्‍तेमाल करते हैं। दोनों ही ब्राण्‍ड गर्व से भारत में निर्मित हैं और अपने-अपने क्षेत्रों में अग्रणी हैं। इस भीषण गर्मी में रसना एक जरूरत है, इसलिये 100% तक का कैशबैक किसी वरदान से कम नहीं है। ‘रसना बिलकुल फ्री’ समाज के मध्‍यम-वर्ग और निचले तबकों के लिये एक आशीर्वाद है, जो आदर्श रूप से रसना के लक्षित ग्राहक हैं।”

पेटीएम के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट नरेन्‍द्र यादव ने कहा, “रसना ऐसा सॉफ्ट ड्रिंक है, जिसे देशभर में काफी पसंद किया जाता है और हम गर्मी के दौरान उपभोक्‍ताओं को थोड़ी राहत देने के लिये रसना के साथ भागीदारी करके बहुत खुश हैं। उपभोक्‍ताओं को प्राथमिकता देने वाले ब्राण्‍ड के तौर पर पेटीएम ने भारत में क्‍यूआर कोड की क्रांति को जन्‍म दिया है और यूजर्स को पेटीएम वालेट, पेटीएम यूपीआई, पेटीएम पोस्‍टपेड (बाय नाऊ, पे लेटर), नेटबैंकिंग, डेबिट एवं क्रेडिट कार्ड्स, आदि के माध्‍यम से सुविधाजनक डिजिटल भुगतान करने में समर्थ बनाया है।”

० योगेश भट्ट ० 

नई दिल्ली- जैसे-जैसे देश कोविड के प्रतिबंध खुल रहे हैं, यात्री एक बार फिर बाहर घूमने निकल रहे हैं। लग्स्टो(इंडिया का क्लोकरूम), जो एक स्टार्टअप है, लोगों को किफायती और सुविधाजनक लगेज स्टोरेज सुविधा उपलब्ध कराता है . 48 स्थानों पर 200 से अधिक स्टोर्स की उपलब्धता के साथ लग्स्टो इस सेगमेंट में सबसे आगे है।

लग्स्टो रक्षा कर्मियों सहित हजारों यात्रियों को क्लॉकरूम सेवाएं देता है और हाल ही में इसने अपनी क्षेत्र का विस्तार किया है और दिल्ली में कश्मीरी गेट के पास नई क्लोकरूम सेवा उपलब्ध कराई है, जो दिल्ली स्थित एक प्रमुख आवागमन क्षेत्र है। इसके अलावे , यह स्टार्टअप कई प्रमुख स्थानों पर कम अवधि के लिए किफायती और सुरक्षित क्लॉकरूम की सुविधाएँ प्रदान करता है। चूंकि सेना के जवानों को ट्रांसफर-पोस्टिंग, कोर्स या छुट्टी के लिए दिल्ली से गुजरना पड़ता है, इसलिए कश्मीरी गेट स्थित लग्स्टो की क्लोकरूम सुविधा एक तरह से उनके लिए एक वरदान स्वरुप है .कश्मीरी गेट स्थित लग्स्टो की क्लॉकरूम सुविधा 510 वर्ग फुट के क्षेत्र में फैली है, जिसमें से 30 प्रतिशत सेना के कर्मियों के लिए आरक्षित है और यह 24x7 संचालित होता है।

स्टार्टअप पहले से ही कई प्रमुख आवागमन केंद्रों और प्रमुख पर्यटन स्थलों के समीप सुविधाजनक क्लॉकरूम की सुविधाएँ प्रदान कराता है। यात्री अपने सामान के लिए क्लॉकरूम लग्स्टो के ऑनलाइन या मोबाइल ऐप से बुक कर सकते हैं तत्पश्चात उन्हें ईमेल से कन्फर्मेशन और उससे सम्बंधित अन्य जानकारियां प्राप्त होती है। ओटीपी आधारित सत्यापन से सामान के पिकअप की सुरक्षा सुनिश्चित होती है। खास बात यह है, कि भारी सामान का 5000 रुपये तक का बीमा भी होता है।

लग्स्टो के सह-संस्थापक और सीईओ मनीष अग्रवाल कहते हैं, “भारी सामान से यात्रियों को प्रायः स्वतंत्रता पूर्वक घूमने या निर्बाध रूप से कही आने -जाने में असुविधा होती है। अपने सैनिकों और यात्रियों को इन्ही समस्याओं से निजात दिलाने हेतु और शहर के सभी प्रमुख जगहों पर क्लॉकरूम सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से हम इस सेगमेंट में आए हैं ताकि विभिन्न सामान स्टोरेज की आवश्यकताओं के अनुरूप किफायती और सभी प्रमुख जगहों पर लोगों को सुरक्षित व विश्व स्तरीय क्लोकरूम सुविधाएं प्रदान किया जा सके। लग्स्टो शॉर्ट-टर्म स्टोरेज समाधानों की कमी से उत्पन्न समस्याओं का हल करने हेतु लगातार विभिन्न शहरों में अपनी सेवाओं का विस्तार कर रहा है और इस दिशा में निरंतर प्रयासरत है ।” यह भी उल्लेखनीय है कि लग्स्टो ने आईआरएसडीसी के तहत प्रबंधित सभी स्टेशनों पर क्लोकरूम संचालित करने के लिए आईआरएसडीसी के साथ भी अनुबंध भी किया है।

लग्स्टो के सह-संस्थापक और संचालन निदेशक, विद्याानंद त्रिपाठी कहते हैं, “कश्मीरी गेट यात्रियों के यात्रा कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण बिंदु है जहां थोड़े समय के लिए स्टोरेज करने के स्थान की सुविधा नहीं थी। हमारे सैनिकों सहित यात्रियों की बढ़ती मांगों को पूरा करने के लिए लग्स्टो ने इस क्षेत्र में प्रवेश किया। हम प्रमुख आवागमन क्षेत्रों और प्रमुख पर्यटन स्थलों के करीब भी काम करते हैं।”

० योगेश भट्ट ० 

नई दिल्ली, एक वित्तीय पत्रिका की रिपोर्ट के अनुसार सिर्फ 2 प्रतिशत भारतीय इक्विटी में निवेश करते हैं। यह आंकड़ा दिखाता है कि शेयर बाजार और आम आदमी के बीच स्वीकार और अस्वीकार्यता का रिश्ता है। यह जाने बिना कि आपका पैसा आपके काम आ सकता हैं, गलत जानकारी, भरोसे की कमी और एक सख्त व्यापारिक व्यवस्था के अभाव के कारण अधिकांश लोग निवेश करने से बचते हैं।

इसी को देखते हुए इंपल्स टेक्निकल, आफ्टरलाइफ, और पोलीट्रेड जैसे तीन स्टार्टअप्स ने मिलकर भारतीयों में निवेश की क्षमता बढ़ाने और इसे लेकर लोगों की शंकाओं का हल करने के लिये एक साथ कदम बढ़ाया है। यह तीनों स्टार्टअप्स, इंटरनेट की सबसे बड़ी क्रांति के दौर में सभी के लिये एक अनुकूल व कुशल व्यापारिक पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के मिशन के तहत खुदरा निवेशकों के साथ लाइव बातचीत के लिये पूरे भारत के दौरे पर हैं।

इसी के तहत  दिल्ली के इंपीरियल होटल में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें आफ्टरलाइफ की संस्थापक शीतल कौल, सह संस्थापक आदित्य काला, पोलीट्रेड के प्रोडक्ट हेड आशीष सूद, सकल्प कुमार के साथ इवेंट मेनेजमेंट इंडस्ट्री के प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने अपने अनुभव साझा किये। कार्यक्रम में इंपल्स टेक्निकल के संस्थापक हर्षुभ शाह ने बताया कि “एक सफल निवेशक और आन्त्रप्रेन्योर बनने के अपने सालों के अनुभव को वह युवा रिटेलर्स के बीच साझा करना चाहते हैं, जिन्हें निवेश में कम या फिर कड़वा अनुभव है। उनका उद्येश्य युवाओं को सबसे सही वित्तीय फैसले लेने के लिये प्रोत्साहित करना है।“

इसके लिये उन्होंने निवेश प्रबंधन पर विभिन्न शैक्षिक सेमिनार का आयोजन करने के साथ ऑनलाइन पाठ्यक्रमों का महत्वपूर्ण सेट भी जारी किया है। हर्षुभ शाह इंपल्स टेक्निकल के संस्थापक होने के साथ एक अनुभवी स्टॉक निवेशक हैं, जो वित्तीय बाजार में दस वर्षों से अधिक का व्यापक अनुभव रखते हैं। दिल्ली में आयोजित इस जागरूकता कार्यक्रम में 400 से अधिक लोग शामिल हुए जिन्हें सत्र के दौरान निवेश से संबंधित विस्तृत जानकारी दी गई। इससे पहले पुणे एवं अहमदाबाद में दो सफल कार्यक्रमों का आयोजन हुआ जिसमें देश के विभिन्न हिस्सों के उत्साही खुदरा निवेशकों ने भाग लिया था।

गौरतलब है कि इंपल्स टेक्निकल इंडिया टूर में पचास से अधिक शहरों में शैक्षिक कार्यक्रमों की एक श्रृंखला  शामिल होगी, जिसमें पॉलीट्रेड, आफ्टरलाइफ और इंपल्स टेक्निकल खुदरा निवेशकों के साथ बातचीत करेंगे और निवेश की शक्ति, और बेहतरी के लिए चीजों को बदलने के अवसर पर विचार-मंथन करेंगे।

स्टार्टअप्स के बारे में-

पॉलीट्रेड, एक ब्लॉकचेन प्रोटोकॉल है जो विशेष रूप से विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में वित्तीय सहायता की आवश्यकता वाले छोटे और मध्यम उद्यमों के चालान को फंड देने के लिए ब्लॉकचैन और विकेंद्रीकृत वित्त की शक्ति का उपयोग करके व्यापार वित्त उद्योग में भारी अंतर से निपटने पर केंद्रित है। इस तरह पॉलीट्रेड, क्रिप्टो निवेशकों को वास्तविक दुनिया के व्यावसायिक उपयोग के मामलों में अपनी क्रिप्टो संपत्ति को सुरक्षित रूप से निवेश करने में सक्षम बनाता है। आफ्टरलाइफ, एक अभिनव टेक-स्टार्टअप है जो इंटरनेट की सबसे बड़ी क्रांति, ब्लॉकचैन का उपयोग करके परिवारों को धन और खुशी सुनिश्चित करने के लिए तकनीक और डिजाइन की दुनिया को एकीकृत करता है। इसका का उद्देश्य बीमा क्षेत्र में क्रांति लाने के लिए ब्लॉकचेन का उपयोग करने की क्षमता को अनलॉक करके उत्तराधिकार की चिंताओं को दूर करना है।

० योगेश भट्ट ० 

मुंबई में ISCON द्वारा हरी बोल के नाम से रानीखेत में निर्मित दीर्घायु हिमालयन ऑर्गेनिक्स के जैविक कृषि उत्पादों का उदघाटन महाराष्ट्र के महामहिम राज्यपाल एवं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी की गरिमामई उपस्थिति में किया गया । मुझे बताते हुए अत्यंत हर्ष हो रहा है कि उत्तराखंड के जैविक कृषि उत्पादों को ISCON द्वारा खरीद कर अपने सभी मंदिरों में हरी बोल के नाम से सप्लाई करने का निर्णय लिया है । 

उत्तराखंड के किसानो को मार्किट दिलाने का यह पुनीत कार्य महाराष्ट्र के महामहिम राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के द्वारा किया गया। मै अपने सभी किसान भाइयों की तरफ से उनका आभार व्यक्त करता हूं।इस अवसर पर इस्कॉन मुंबई में मुझे भी sustainable agriculture and organic farming पर बोलने का अवसर मिला।
 समरोह में ISCON के  ब्रजविलास दास प्रघु की, गोपाल कृष्णगोस्वामी महराज, गौरंगदास की,हरी बोल के CEO  यचनीत पुष्करना ,आशीष चौहान , अतुल पांडेय, टी सी उप्रेती जिन्होंने उत्तराखंड से पलायन रोकने तथा ग्रामीण अर्थव्यस्था पर अपना पक्ष रखा,के साथ साथ राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लोग उपस्थित रहे।

० योगेश भट्ट ० 

नई दिल्ली : आयु हेल्थ हॉस्पिटल्स, जो भारत भर में 70+ अस्पतालों के नेटवर्क वाला तेजी से बढ़ता हेल्थकेयर स्टार्ट-अप है, ने घोषणा की है कि उसने नंदन नीलेकणी और संजीव अग्रवाल द्वारा स्थापित प्रारंभिक विकास चरण वाले फंड, फंडामेंटामेंटम पार्टनरशिप के नेतृत्व में सीरीज़ बी फंडिंग में 27 मिलियन डॉलर जुटाए हैं। इस राउंड में अमेरिका स्थित फंड 57 स्टार्स, रोहित एमए के नेतृत्व वाले कैपियर इन्वेस्टमेंट्स, आशीष गुप्ता, खादिम बट्टी, वर कुमार जैसे एंजल निवेशकों और मौजूदा निवेशकों जैसे स्टेलारिस वेंचर पार्टनर्स, वर्टेक्स वेंचर्स और अल्टरिया कैपिटल ने भी हिस्सा लिया। इस फंड के जुटाये जाने के साथ, फंडामेंटम पार्टनरशिप के प्रतीक जैन, आयु हेल्थ के बोर्ड में शामिल हो जाएंगे।

आयु हेल्थ हॉस्पिटल्स भारत में उच्च गुणवत्ता वाले अस्पतालों का सबसे तेजी से बढ़ता नेटवर्क है, जो रोगी को बेहतर अनुभव, उन्नत उपचार के लिए नवीनतम तकनीक, मूल्य निर्धारण में पारदर्शिता और अत्यधिक अनुभवी डॉक्टरों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। हिमेश जोशी, अर्जित गुप्ता और करण गुप्ता द्वारा 2019 में स्थापित, यह कंपनी वर्तमान में बेंगलुरु, चंडीगढ़, एनसीआर और जयपुर में 70 से अधिक अस्पतालों के साथ काम करती है - जिससे यह इन क्षेत्रों में सबसे बड़ी अस्पताल श्रृंखला बन गई है, जो हर दिन 2000 से अधिक रोगियों की सेवा करती है। 
कंपनी ने सितंबर, 2021 में वर्टेक्स वेंचर्स और स्टेलारिस वेंचर पार्टनर्स से सीरीज - ए फंडिंग के जरिए $ 6.3 मिलियन की राशि जुटाई थी। निवेश के नए राउंड्स से जुटाए गए धन का उपयोग आयु हेल्थ के अस्पताल नेटवर्क का विस्तार करने और नेटवर्क अस्पतालों में रोगी के बेहतर अनुभव, बीमा प्रोसेसिंग, दक्ष खरीद और नैदानिक गुणवत्ता प्रबंधन के लिए अभिनव तकनीकी समाधान विकसित करने के लिए किया जाएगा। पूरे भारत में कई स्थानों पर 4,000 से अधिक बेड्स शामिल किये जाने के साथ, यह संगठन 2022 के अंत तक देश का सबसे बड़ा हॉस्पिटल चेन बनने के लिए तैयार है।

“हमने भारत का ऐसा सबसे भरोसेमंद हॉस्पिटल चेन बनाने के मिशन के साथ 2019 में आयु हेल्थ की शुरुआत की, जो उच्च गुणवत्ता वाले रोगी परिणामों, मूल्य निर्धारण पर पारदर्शिता और विश्व स्तरीय रोगी अनुभव का वादा करता हो।पिछले 2 वर्षों में, हमने स्पेक्ट्रम के अलग-अलग छोरों के दो बाजारों चंडीगढ़ और बेंगलुरु में अभूतपूर्व सफलता हासिल की है। नए और मौजूदा निवेशकों के समर्थन के साथ, अब हम इस मॉडल को अधिक भौगोलिक क्षेत्रों में ले जाने के लिए अच्छी स्थिति में हैं, और हमने दिसंबर 22 तक 200+ अस्पतालों और 10000 + बेड के नेटवर्क का लक्ष्य रखा है, जो सभी के लिए उच्च गुणवत्ता वाले स्वास्थ्य देखभाल सुनिश्चित करेंगे" - आयु हेल्थ के सह - संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी, हिमेश जोशी ने उक्त बातें कही।आयु हेल्थ के सह-संस्थापक और सीटीओ, अर्जित गुप्ता ने कहा, “टेक ने अब तक स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में और खासकर इन-हॉस्पिटल देखभाल के मामले में सार्थक हस्तक्षेप नहीं किया है। हम इसे बदलने पर ध्यान दे रहे हैं।"

इस विकास पर टिप्पणी करते हुए, फंडामेंटम पार्टनरशिप के प्रिंसिपल, प्रतीक जैन ने कहा, “पिछले दो वर्षों में कुशल, किफायती और गुणवत्तापूर्ण देखभाल प्रदान करने वाले समाधान बनाने के लिए स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में तकनीकी - संचालित डिसरप्शन की तत्काल आवश्यकता देखी गई है। पिछले कुछ वर्षों में आयु हेल्थ के प्रयासों को देखते हुए, यह कहा जा सकता है कि इसमें नैदानिक देखभाल, इन - हॉस्पिटल अनुभव और भारत में रोगियों के लिए मूल्य निर्धारण में काफी अंतर को दूर करने की क्षमता और शक्ति है। हम भारत की सबसे बड़ी निजी अस्पताल श्रृंखला बनाने में मदद करने के लिए हिमेश और टीम के साथ साझेदारी करके खुश हैं।" "आयु हेल्थ में, हम अपने कर्मचारियों को बेहद महत्व देते हैं क्योंकि हम समझते हैं कि कंपनी का शेयर व्यक्तिगत कर्मचारियों को कैसे लाभान्वित करेगा और उन्हें स्वामित्व की भावना देगा। वर्तमान राउंड के हिस्से के रूप में एक छोटे द्वितीयक घटक ने हमारे कुछ शुरुआती चरण के कर्मचारियों को उनके ईएसओपी के हिस्से को नकद करने में सक्षम बनाया है।" - आयु हेल्थ के सह - संस्थापक और सीओओ, करण गुप्ता ने उक्त बातें कही।

अपने बेंगलुरु परिचालन शुरू करने के 12 महीने से भी कम समय में, आयु हेल्थ शहर की सबसे बड़ी अस्पताल श्रृंखलाबन गई है। जबकि आयु हेल्थ के विशिष्ट एसेट - लाइट एप्रोच ने कंपनी को तेजी से बढ़ने में सक्षम बनाया है , कंपनी ने नैदानिक गुणवत्ता और रोगी के बेहतर अनुभव पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखा है। सभी स्थानों पर 70% से अधिक के एनपीएस स्कोर और 4.5 से अधिक की गूगल रेटिंग से इसका पता चलता है।

० नूरुद्दीन अंसारी ० 

नयी दिल्ली - वर्ष 2000 से पहले तक इतिहास ऐसी कई महामारियों को झेल चुका है जिन्होंने मानव सभ्यता के विकास को अपने घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया। वो चाहे दुनिया की पहली महामारी जस्टिनियन का प्लेग हो या फिर भारत में फैला हैजा रोग। जब मौत घर के दरवाज़े पर दस्तक दे रही हो तब विद्यालय जाने की कौन सोच सकता है?

बीती सदियों में आई महामारियों ने जहाँ शिक्षा को काफी पीछे धकेल दिया था हीं इस सदी की कोरोना महामारी के सामने नई तकनीक एवं शिक्षा व्यवस्था ने घुटने टेकने से इंकार कर दिया| आपदा में अवसर के रूप में ई-शिक्षण उभर कर आया। ई-शिक्षण यानी इलेक्ट्रॉनिक शिक्षा कोरोना के कारण दुनिया थम सी गई थी, जिसमें भारत भी शामिल था। स्कूल हों या दफ्तर या कोई अन्य कार्य स्थल सब जगह सन्नाटा पसरा था| पारंपरिक कक्षा एक नई चुनौती का सामना कर रही थी। चुनौती सिर्फ छात्रों के भविष्य के लिए शैक्षणिक व्यवस्था को बनाए रखना ही नहीं था, बल्कि एक ऐसी वैकल्पिक व्यवस्था को आकार भी देना था, जिसकी कल्पना भी इससे पहले तक किसी ने नहीं की थी।

किसी ने सही ही कहा है आवश्यकता अविष्कार की जननी होती है | भारत सहित कई देशों में शिक्षण प्रक्रिया ने नया रूप लिया l हमारी तत्परता ही सीखने सिखाने की प्रक्रिया का केंद्र है l चुनौतियों से भरी इस नई पद्धति को शिक्षक/शिक्षिकाओं ने वरदान में बदल दियाl आज ई-शिक्षण ने सम्पूर्ण शैक्षिक व्यवस्था में अपना स्थान बना लिया हैl आभासी दुनिया आभासी कक्षा प्रणाली अपने उपयोगकर्ताओं को दोहरा लाभ पहुंचाने का सामर्थ्य रखती है, जैसे- विद्यार्थियों को अपेक्षित अधिगम अनुभव प्रदान करने में या किसी भी स्थान पर बैठे हुए अपनी गति से सीखने में। यह प्रणाली 24x7 विद्यार्थियों को उपलब्ध रहती है। इस प्रकार की सुविधा परंपरागत तरीके से उपलब्ध शिक्षा प्रणाली में नहीं हो सकती थी।

इस प्रणाली में नवीन तकनीकी सामग्री और माध्यमों का प्रयोग होने के कारण शिक्षा अधिगम कार्य विद्यार्थियों के लिए रुचिकर तथा प्रेरणादायक बन जाता है। मन: स्थिति पर प्रभाव छात्रों की मन: स्थिति पर ऑनलाइन का व्यापक प्रभाव पड़ा हैl ऑनलाइन व ऑफलाइन कक्षा में निरंतर बदलाव होने के कारण बच्चों को एकाग्रचित होकर पढ़ने में बहुत परेशानी आयी । कक्षा में छात्रों की उपस्थिति कम हो गई, जिससे
शिक्षकों को भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा थाl छात्रों की लेखन क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है | सामाजिक दूरी के कारण आपसी जुड़ाव में कमी आई है l जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते हैं भावनात्मक जरूरतें परिवर्तित होती रहती हैं और ई- शिक्षण इन जरूरतों को पूरी करने में असमर्थ रहा है l विद्यार्थी

अपने मित्रों से दूर होकर अकेलापन महसूस कर रहे थे, जिससे मानसिक तनाव में वृद्धि हुईl खेलकूद छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है, लेकिन उन दिनों वह भी एक सपने जैसा हो गया थाl कोविड की वजह से छात्रों का ज्यादा समय तकनीकी उपकरणों के साथ हो रहा था, जिसके कारण उनकी
सेहत पर बुरा असर हो रहा था l आभासी दुनिया का ‘कड़वा’ अनुभव आभासी कक्षा छात्रों को बेहतर संचार और गहरी समझ के अवसरों से वंचित कर रही थी। भारतीय छात्रों के बीच हुए एक अध्ययन में पाया गया कि यह अनुभव उनके लिए काफी कड़वा रहा|

प्रतिदिन विद्यालय आने से छात्रों की एक सुनिश्चित दिनचर्या होती थी जो आभासी कक्षाओं में कहीं गुम हो गई थी| प्राकृतिक वातावरण से भी जुड़ नहीं पा रहे थेl आभासी दुनिया की हलचल उनके व्यवहार में दिखने लगी है| छात्रों में व्यग्रता और घबराहट की वृद्धि हो रही है l विशेषताओं के साथ मिली चुनौतियाँ ऑनलाइन शिक्षण में कुछ विशेषताएँ हैं तो कई कमियाँ भी हैं, जो अपने साथ कई चुनौतियाँ लाई हैं| ऑनलाइन शिक्षण पारंपरिक शिक्षण की जगह तो नहीं ले सकता परंतु आज की परिस्थिति में यह वरदान साबित हुआ हैl भारत में ई- शिक्षा को सुधारने में सरकार भी प्रयास कर रही हैl शिक्षण प्रणाली में समय - समय पर बदलाव आता रहा है और यही बदलाव उसमें नयापन भी लाता है, जो भविष्य को बेहतर बनाने में काफी मददगार होता है|
मंजू राणा
मेंबर एकेडमिक काउंसिल
सामर्थ्य टीचर्स ट्रेनिंग अकादमी ऑफ़ रिसर्च (STTAR)

० योगेश भट्ट ० 

नयी दिल्ली  : हमें हर रोज भोजन मिलने के पीछे किसानों का कठिन परिश्रम होता है। इसे समझते हुए एगोरो कार्बन अलायन्स ने एगोरो कार्बन अलायन्स खरीफ समर सीजन लॉन्च समारोह आयोजित किया। उल्लेखनीय है कि एगोरो कार्बन अलायन्स की स्थापना कृषि में वैश्विक चुनौतियों को हल करने के मूल उद्देश्य के लिए की गई थी। उपर्युक्त एकदिवसीय समारोह हरियाणा के रंदोली, करनाल में आयोजित किया गया था। इस आयोजन में 150 से अधिक किसान और उनके परिवार के लोग शामिल हुए। इनमें एगोरो कार्बन के साथ पहले से सम्बद्ध किसान और आस-पास के गाँवों के संभावित किसान भी सम्मिलित थे।

इस समारोह का आयोजन किसानों, उनके परिवारों, और चैनल पार्टनरों को मान्यता देने के लिए किया गया था, जिन्होंने एगोरो कार्बन के साथ काम किया है और सस्टेनेबल एवं कार्बन फार्मिंग (संवहनीय तथा कार्बन कृषि) को आगे बढ़ाने में हर चरण पर सहयोग किया है। इसके अलावा, जिन किसानों ने रबी के फसल सीजन को सफल बनाने के एगोरो कार्बन के साथ काम किया था और हाल में पैदावार की कटाई की है, उनलोगों ने उपस्थित किसानों के साथ अपनी खुशी और अनुभव को साझा किया।

इसके अलावा, एगोरो कार्बन अलायन्स की सीओओ अनास्तासिया पाव्लोविक, एगोरो कार्बन अलायन्स के प्रबंध निदेशक और कंट्री हेड पृथ्वीराज सेन शर्मा, एगोरो कार्बन अलायन्स के वैश्विक कृषिविज्ञानी डॉ. येबिन झाओ, एगोरो कार्बन अलायन्स की कार्बन प्रोजेक्ट निर्माण विशेषज्ञ गिलिया सार्तोरी, सीईओ की रणनैतिक सलाहकार शारा रहीम, और एगोरो कार्बोन अलायन्स के लीड एग्रोनॉमिस्‍ट (इंडिया) डॉ. सुदर्शन दत्ता ने समारोह स्थल पर एगोरो कार्बन किसानों के साथ पहले सफल सीजन का जश्न मनाया। इस समारोह का शुभारम्भ एगोरो कार्बन अलायन्स की सीओओ, अनास्तासिया पाव्लोविक द्वारा उत्पादक चन्द्र प्रकाश के अभिनन्दन के साथ हुआ। उल्लेखनीय है कि चन्द्र प्रकाश एगोरो कार्बन के लिए पथप्रदर्शक और अनगिनत कृषक मित्रों के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं।

 समारोह में अनास्तासिया पाव्लोविक द्वारा एगोरो कार्बन मित्र प्रोग्राम को लॉन्च किया गया। एगोरो कार्बन के साथ जुड़े उत्पादक और जिन्होंने अपने खेत पर एगोरो पुनरुत्पादक कृषि प्रदर्शन पर काम किया है, इस प्रोग्राम के एम्बेसडर होंगे। पंजाब और हरियाणा में पहले ही समर खरीफ क्रॉप सीजन आरम्भ हो चुका है और इस दौरान सामुदायिक लीडर्स के रूप में वे एगोरो कार्बन अलायन्स के मिशन, विज़न और परिचालन के स्थानीय सामुदायिक प्रतिनिधि होंगे। इस समारोह में स्थानीय पंजाब और हरियाणा-स्थित वाईसीएनसी (यारा क्रॉप न्युट्रिशन सेंटर्स) की एक टीम भी यारा फर्टिलाइजर्स के पदाधिकारियों के साथ उपस्थित थी। यारा फर्टिलाइजर्स और एगोरो कार्बन अलायन्स, दोनों ही भारतीय उत्पादकों के लिए वास्तविक और आधारभूत विधि में संवहनीय कृषि के मिशन में परस्पर समान हैं।

एगोरो कार्बन किसानों की फसल और वृद्धि के लिए सामयिक फीडबैक तथा सुझाव प्रदान करने के लिए सॉइल सर्वे और सैंपलिंग (मृदा सर्वेक्षण और प्रतिचयन) से लेकर कल्टीवेशन (फसल कटाई) तक सम्पूर्ण फसल चक्र के दौरान किसानों के साथ लगातार संपर्क में रहता है। वे किसानों को इनपुट मैनेजमेंट, जैसे कि पोषक तत्व, फसल, पानी, अपशिष्ट, और जुताई प्रबंधन के साथ सहायता करते हैं, ताकि किसान ज्यादा संवहनीय रूप से पैदावार कर सकें। क्लाइमेट-रेसिलिएंट फसल, बेहतर मृदा, और संवहनीय फसल उत्पादन के फायदों के अलावा यह कृषिक कार्बन उत्सर्जन की बड़ी समस्या को भी संबोधित करता है।

० योगेश भट्ट ० 

मुंबई,: लाइटिंग, घरेलू उपकरणों, स्‍टील पाइप्‍स और पीवीसी पाइप्‍स में भारत के सबसे सम्‍मानित और विश्‍वसनीय ब्राण्‍ड्स में से, एक सूर्या रोशनी ने अपनी उपलब्धियों की सूची में एक और कीर्तिमान स्‍थापित किया है। कंपनी ने हाल ही में एक्‍सचेंज4मीडिया (ई4एम) ‘प्राइड ऑफ इंडिया ब्राण्‍ड्स’ के पहले संस्‍करण में ‘द बेस्‍ट ऑफ भारत’ अवार्ड प्राप्‍त किया है। मुंबई के ताज सांताक्रूज़ में ऐसे उद्यमियों की सराहना करने और सम्‍मान देने के लिये इस समारोह का आयोजन किया गया था, जिन्‍होंने भारत में भारत के लिये सफल ब्राण्‍ड्स बनाये हैं। सूर्या रोशनी की ओर से उसके लाइटिंग एवं कंज्‍यूमर ड्यूरैबल्‍स के निदेशक और सीईओ निरूपम सहाय ने यह पुरस्‍कार प्राप्‍त किया। यह पुरस्‍कार ब्राण्‍ड की मजबूत मौजूदगी और नवाचार तथा गुणवत्‍ता पर दिए जाने वाले ध्‍यान के कारण दिया गया।
भारत के लिये ब्राण्‍ड्स का निर्माण’ के विचार पर आधारित थीम वाले, अपनी तरह के पहले इस कार्यक्रम में देशभर से विपणन एवं व्‍यवसाय के अग्रणी साथ आए। उन्‍होंने एक-दूसरे की सफलता को सराहा और भारत में उद्यमिता के भविष्‍य पर चर्चा की।सूर्या रोशनी के पास लगभग 50 वर्षों की विरासत है। दिल्‍ली की इस कंपनी ने खुद को लाइटिंग एवं कंज्‍यूमर ड्यूरैबल्‍स, स्‍टील पाइप्‍स और स्ट्रिप्‍स उद्योगों में अग्रणी के तौर पर स्‍थापित किया है। आज बाजार में इस ब्राण्‍ड की मजबूत प्रतिष्‍ठा है, इसका वितरण पूरे भारत में होता है और यह श्रेणी में सर्वश्रेष्‍ठ गुणवत्‍ता की पेशकश करता है।

इस पुरस्‍कार के साथ सम्‍मानित किये जाने पर, सूर्या रोशनी में लाइटिंग एवं कंज्‍यूमर ड्यूरैबल्‍स के कार्यकारी निदेशक और सीईओ श्री निरूपम सहाय ने कहा, “इस प्रतिष्ठित पुरस्‍कार को पाकर हम बहुत खुश हैं। हम अच्‍छी गुणवत्‍ता के उत्‍पादों को डिजाइन करने और एक आधुनिक, अभिनव, प्रगतिशील तथा स्‍टाइलिश ब्राण्‍ड के तौर पर बेहतर भविष्‍य बनाने के हमारे प्रयासों को सराहने के लिये ई4एम का धन्‍यवाद करते हैं।”

० योगेश भट्ट ० 

नई दिल्ली - एसपीटी डॉट कॉम कॉपरेटिव एक्सलैंस कॉनक्लेव इंडिया इंटरनेशनल सेंटर नईदिल्ली के मल्टी परपस हॉल में आयोजित किया गया जिसमें सांसद रामचंद्र जांगड़ एवं सांसद प्रताप चंद्र सारंगी कॉपरेटिव मुख्य अतिथि के रूप में हुए तथा देश भर से आए हुए एनजीओ तथा विद्वजन को सम्मानित किया गया साथ ही भारत की आइएसआई और बीआईएस प्रमाणित कम्पनी ऊषा केबल इंडस्ट्रीज के निदेशक अमन गुप्ता को बिजनेस ऑफ द ईयर अवार्ड से सम्मानित किया गया।

ऊषा केबल इंडस्ट्रीज ने हॉल ही मे जवानो की जरूरतों को ध्यान मे रखते हुए खास तरह सिलिकॉन रबराइस पीबीसी केबल का निर्माण किया था, यह केबल माइनस 40 डिग्री में भी काम करता है और इसे नॉर्मल स्थानो पर भी उपयोग में लाया जा सकता है।

० योगेश भट्ट  ० 

नई दिल्ली, इटलमोपा (इटेलियन एसोसिएशन ऑफ मिलर्स) जिसकी स्थापना 1958 में रोम में की गई थी। और यह यूरोपीय यूनियन में सबसे महत्वपूर्ण औद्योगिक आटा संगठन है जो कि इटली में 82 फ्लोर मिलिंग कंपनियों का प्रतिनिधित्व करता है। इसने यूरोपियन यूनियन के सहयोग से नई दिल्ली में भारत व्यापार संवर्धन संगठन (आईटीपीओ) द्वारा आयोजित 36 वें अंतरराष्ट्रीय भोजन और आतिथ्य मेला, "आहार में "प्योर फ्लोर फ्रॉम यूरोप नामक रणनीतिक पहल का शुभारंभ किया है। यह पहल भारत में गेहूं के शुद्ध, नरम आटे के निर्यात को बढ़ावा देगी।

इस अभियान का उद्देश्य आटे की बहुपयोगिता, उच्च गुणवत्ता, गैर मिलावटी और सुरक्षित होने की अहमियत पर जागरूकता पैदा करना है। इस अभियान को यूरोपियन कमीशन का सह वित्त पोषण प्राप्त है और यह भारत में पेशेवरों एवं उपभोक्ताओं के बीच यूरोप एवं इटली के नरम गेहूं के आंटे की शानदार गुणवत्ता एवं अनूठेपन के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए समर्पित है। ये अभियान अगले तीन सालों तक चलेगा। इस दौरान उपभोक्ता एवं व्यापारिक कार्यक्रमों का आयोजन तथा रसोइयों द्वारा उत्पादों का प्रदर्शन किया जायेगा।

यूरोपियन मिलिंग उद्योग उच्च गुणवत्ता वाले आटे का उत्पादन सुनिश्चित करता है। इसकी शुरुआत सबसे अच्छे अनाज के चयन से शुरू होती है तथा अत्याधुनिक तकनीक और सख्त गुणवत्ता मापदंडों का पूरा पालन किया जाता है। फिलहाल इटली भारत में गेहूं के आटे का मुख्य यूरोपीय निर्यातक है।

 
० संवाददाता द्वारा ० 

कोलकाता: पांच दिवसीय  बंगाल ग्लोबल ट्रेड एक्सपो 2022 (बीजीटीई 2022) के अयोजक पूर्वी भारत के शीर्ष व्यापारिक संगठन कन्फेडरेशन ऑफ वेस्ट बंगाल ट्रेड एसोसिएशन (सीडब्ल्यूबीटीए) की एक बड़ी सफलता साबित हुई। 15 से अधिक देशों से आए वाणिज्यिक संगठन से जुड़े व्यवसायियों ने बीजीटीई 2022 में भाग लिया। इन पांच दिनों में 2.5 लाख से ज्यादा लोगों की उपस्थिति दर्ज की गई। इस ट्रेड एक्सपो में पश्चिम बंगाल के विभिन्न जिलों में विभिन्न क्षेत्रों में निवेश के लिए सैकड़ों प्रस्ताव सरकार के पास आए।
सुशील पोद्दार (अध्यक्ष, सीडब्ल्यूबीटीए) ने कहा, सीडब्ल्यूबीटीए एक्सपो में आने वाले प्रतिभागियों और अन्य लोगों से मिली भारी प्रतिक्रिया से हम काफी उत्साहित है। हमें इस राज्य में कई क्षेत्र में निवेश के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं जिन्हें हम सरकार के सामने जल्द रखेंगे। हमारी अपेक्षाओं से कहीं अधिक प्रतिक्रिया हमे इस आयोजन में मिली। इलेक्ट्रिक वाहन के क्षेत्र में निवेश की अधिकतम रुचि और इससे जुड़े सवाल हमारे सामने आए। हम इस ट्रेड एक्सपो की शानदार सफलता के लिए पश्चिम बंगाल सरकार, डब्ल्यूबीआईडीसी, अन्य व्यापारिक संगठन, चैंबर्स ऑफ कॉमर्स, एमएसएमई और अन्य कइयों द्वारा हमें दिए गए आपार समर्थन के लिए हम उनके आभारी हैं। इस एक्सपो की एक अन्य विशेषता यह भी थी कि पश्चिम बंगाल के विभिन्न जिलों से बड़ी संख्या में छोटे और मध्यम व्यापारियों और वहां के व्यवसायिक संगठन के सदस्यों ने इसमें भाग लिया।

 सुजीत बोस (मंत्री, फायर एंड इमरजेंसी सर्विसेज) ने एक्सपो में कहा, "बीजीटीई 2022" पश्चिम बंगाल को वाणिज्यिक हब बनाने की दिशा में एक बड़ा कारगर कदम आगे बढ़ाने के लिए एक आदर्श एक्सपो रहा है। मैं महानगर में आयोजित इस एक्सपो में इतनी बड़ी संख्या में हर तरह के छोटे- बड़े उद्योगपतियों और व्यापारियों को एक मंच पर लाने के लिए सीडब्ल्यूबीटीए के गंभीर प्रयासों को बधाई देता हूं, इसमें देश- विदेश के प्रतिभागियों ने भाग लिया और अपने उत्पादों और सेवाओं की एक विस्तृत विविधता प्रदर्शित की.

सुश्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ( वित्त मंत्री, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री और भूमि और भूमि सुधार और शरणार्थी राहत और पुनर्वास मामलों की मंत्री) ने इस भव्य और विशाल आयोजन में शामिल होने के बाद कहा, कोलकाता हमेशा से ही एक बड़ा ट्रेडसेंटर रहा है। इस एक्सपो के सफल आयोजन पर हमे गर्व महसूस होता है। पूरे मेला ग्राउंड को काफी अच्छी तरह से सुसज्जित एवम् आयोजित किया गया था। इसके आयोजकों के साथ यहां आकर इसमें भाग लेनेवाले लगभग तीन लाख लोगों ने इसे सफल बनाने में अपनी भागीदारी निभाई। यह इस राज्य के लिए काफी खुशी और उत्साहजनक बात है।

बंगाल ग्लोबल ट्रेड एक्सपो 2022 का पश्चिम बंगाल के अलावा कई अन्य राज्य के शीर्ष सरकारी अधिकारियों, कॉरपोरेट दिग्गजों और विदेशी गणमान्य व्यक्तियों, शीर्ष शिक्षाविदों और व्यापारिक प्रतिनिधियों ने दौरा किया। जिसमे श्री एच के द्विवेदी (मुख्य सचिव, पश्चिम बंगाल सरकार), डॉ मनोज पंत (प्रमुख सचिव, वित्त विभाग),  राजेश पांडे (प्रमुख सचिव, माइक्रो और स्मॉल-स्केल एंटरप्राइजेज एंड टेक्सटाइल्स) और सुश्री वंदना यादव (प्रबंध निदेशक, डब्ल्यूबीआईडीसी) के अलावा और कई वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों ने एक्सपो का दौरा किया। सीडब्ल्यूबीटीए के अध्यक्ष सुशील पोद्दार ने संगठन के अन्य सदस्यों के साथ उनका स्वागत किया।  एच के द्विवेदी ने कहा कि "बंगाल ग्लोबल ट्रेड एक्सपो 2022" ने देशभर में निवेश के मामलों में पश्चिम बंगाल की क्षमता को सफलतापूर्वक प्रदर्शित किया है। इस राज्य में आने वाले निवेशकों को सरकार सक्रिय रूप से हर संभव सहायता प्रदान करेगी।

 सुशील पोद्दार, अध्यक्ष, सीडब्ल्यूबीटीए ने कहा, हमने पश्चिम बंगाल के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट 2022 में आए व्यवसायिक प्रस्ताव को आगे बढ़ाने के बारे में भी चर्चा की। बंगाल ग्लोबल ट्रेड एक्सपो 2022 का आयोजन 3.75 लाख वर्ग फुट के जिस जगह पर किया गया था, वहां हमें मिली प्रतिक्रिया से यह महसूस हुआ कि हमे और वृहद जगह की आवश्यकता होगी। सीडब्ल्यूबीटीए के सलाहकार और शिखर सम्मेलन के अध्यक्ष एन के कपाड़िया ने कहा, सीडब्ल्यूबीटीए, "बंगाल ग्लोबल ट्रेड एक्सपो 2022" से उत्पन्न भारी प्रतिक्रिया को व्यवहार्य परियोजनाओं में बदलने के अपने प्रयासों को आगे जारी रखेगा, जो पश्चिम बंगाल को एक निवेश गंतव्य के रूप में सबसे आगे बनाने में

० संवाददाता द्वारा ० 

जयपुर- आज की दुनिया में हर कोई सुन्दर दिखना चाहता है। इसी सपने को साकार करने के लिए डर्मा मैग्नेटिका स्किन,लेज़र एंड हेयर ट्रांसप्लांट क्लिनिक ने जयपुर में विटी रोड पर अपनी पहली शाखा का शुभारम्भ किया। कार्येक्रम की मुख्य अतिथि राजकुमारी दीया कुमारी लोकसभा सांसद राजसमन्द ने दीप जलाकर एवं फीता काटकर पहली शाखा का उद्धघाटन किया। इस मौके पर कंपनी के रोहित धमीजा डायरेक्टर ,ऋतुराज यादव डायरेक्टर, डॉ अतुल अरोड़ा डायरेक्टर डर्मा मैग्नेटिका स्किन,लेज़र एंड हेयर ट्रांसप्लांट क्लिनिक तीनो डायरेक्टर उपस्थित रहे।
रोहित धमीजा, डायरेक्टर, डर्मा मैग्नेटिका स्किन,लेज़र एंड हेयर ट्रांसप्लांट क्लिनिक ने बताया की हमें ये बताते हुए हर्ष हो रहा है की हमने जयपुर में हमारी पहली शाखा का शुभारम्भ कर दिया है आने वाले 3 महीने में राजस्थान के 6 जिलों में (कोटा,जोधपुर,अजमेर,बीकानेर,जयपुर ) 6 शाखाये खोल दी जाएगी। इस क्लिनिक को हमने बहुत ही हाइजनिक और एडवांस टेक्नोलॉजी के साथ लांच किया है जिसमे हम स्किन एंड हेयर ट्रांसप्लांट की सभी सुविधाय जैसे की हेयर ट्रांसप्लांट,पीआरपी ट्रीटमेंट,विभिन प्रकार के लेजर्स, पील्स ,फेसयल, मीशोथेरेपी, एंटी एजिंग सर्विसेस (बोटॉक्स,फिलर्स, थ्रेड लिफ्ट,वैम्पायर फेसयल ) इत्यादि उपलब्ध करवा रहे है। हमारी सभी मशीने लेटेस्ट टेक्नोलॉजी की है हमारे क्लिनिक में सभी स्टाफ सर्टिफाइड है

इस क्लिनिक में डॉ ईशा बेहुरा कंसलटिंग डाक्टर डर्मा मैग्नेटिका स्किन,लेज़र एंड हेयर ट्रांसप्लांट क्लिनिक जिनको पिछले 10 साल से इस इंडस्ट्री का अनुभव है इनकी सेवा आप सभी ले सकते है इन्होने बताया की यदि आपके बालों का हिस्सा चौड़ा हो रहा है बाल दोमुहे हो रहे है। आपको अपने स्कैल्प पर गंजेपन जैसे पैचेज या एक्सेसिव हेयर फॉल का अनुभव हो रहा है या आप प्रति दिन 100 से अधिक बाल झड़ रहे हैं, ताे आपको समझ जाना होगा कि आपके बालों का झड़ना सामान्य नहीं है और आपको तुरंत स्किन स्पेशलिस्ट को दिखाने की जरूरत है।

 

० योगेश भट्ट ० 

नयी दिल्ली - भारत की आइएसआई और बीआईएस प्रमाणित कम्पनी ऊषा केबल इंडस्ट्रीज के ब्राण्ड ऊषा केबल ने अपने कई सालों की रिसर्च और डिफेन्स की जरूरतों को ध्यान मे रखते हुए सिलिकॉन रबराइस पीबीसी केबल को मार्केट में उतारा। कम्पनी निदेशक अमन गुप्ता ने कहा की सिलिकॉन रबराइस पीबीसी केबल पर कई सालों से काम चल रहा था जिसकी भारत में डिफेंस को एल ए सी जैसी जगहों पर जहॉं टेम्परेचर माइनस 40 डिग्री के ऊपर चला जाता है वहॉं इसकी खास जरूरत थी।

जहॉं नॉर्मल केबल माइनस 20 से 25 डिग्री सेल्सियस पर आते आते केबल टुटने जैसी समस्याओं का सामनाा करना पड़ता था जो एक बड़ी समस्या थी उसका समाधान कम्पनी ने सिलिकॉन रबराइस पीबीसी केबल के द्वारा कर दिया है। उन्होने कहा की यह केबल हमारी अपनी फैक्ट्री में ही बनाई गई है, जिसमे अच्छी क्वालिटी मैटीरियल्स का प्रयोग किया गया हैै जिसकी वजह से यह केबल माइनस 40 डिग्री में भी काम करेगा और इसे नॉर्मल स्थानो पर भी उपयोग में लाया जा सकता है।

० संवाददाता द्वारा ० 

• कृषि और खाद्य उत्पादों, हथकरघा, वस्त्र, कपड़ा, हस्तशिल्प और हस्तनिर्मित प्राकृतिक उत्पादों सहित अनेकों उत्पादों को प्रदर्शित किया जाएगा। • दस्तकारी उत्पादों के, कारीगरों और विक्रेताओं के लिए वैश्विक मंच की परिकल्पना • स्थानीय कारीगरों के लिए एक मजबूत, सशक्त और टिकाऊ इको सिस्टम बनाने के लिए राज्य सरकारों और उपक्रमों के साथ होगी साझेदारी • बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट में आज पश्चिम बंगाल सरकार के एमएसएमई और कपड़ा विभाग के साथ एमओयू साइन • भारत सरकार के कपड़ा मंत्रालय के साथ भी करार

नई दिल्ली : रिलायंस रिटेल ने 'हैंडमेड इन इंडिया' कार्यक्रम की घोषणा की है। इसके तहत प्रामाणिक दस्तकारी उत्पादों को प्रदर्शित करने और विश्व स्तर पर समृद्ध भारतीय कला को बढ़ावा देने के लिए रिलायंस रिटेल “स्वदेश” नाम से रिटेल स्टोर्स खोलेगा। इससे हजारों कारीगरों और शिल्पकारों को न केवल स्थायी आजीविका मिलेगी, साथ ही भारतीय कला को दुनिया भर के बाजार भी उपलब्ध होंगे।

स्वदेश स्टोर्स में भारतीय कारीगरों का बनाया सामान “स्वदेश ब्रांड” के तहत बाजार में उतारा जाएगा। पहला स्वदेश स्टोर इसी वर्ष की दूसरी छमाही में खुलने की उम्मीद है। इसमें कारीगरों से सीधे प्राप्त माल जैसे कि हस्तनिर्मित वस्त्र, हस्तशिल्प, कृषि उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला होगी। स्वदेश भारतीय कारीगरों और प्रामाणिक हस्तनिर्मित उत्पादों के विक्रेताओं को दुनिया भर के उपभोक्ताओं से जोड़ने के लिए एक वैश्विक बाज़ार का निर्माण भी करेगा।

रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड की निदेशक ईशा अंबानी ने कहा “भारतीय कला और शिल्प का भविष्य एक रोमांचक चरण में है। मरते हुए कला रूपों को पुनर्जीवित करने और स्थानीय कारीगरों, बुनकरों और शिल्पकारों के लिए इको-सिस्टम बनाने और एक मजबूत बुनियादी ढांचे के विकास की दिशा में हमारे पिछले प्रयासों के उत्साहजनक परिणाम मिले हैं। हमारा स्टैंडअलोन हैंडीक्राफ्ट डेस्टिनेशन स्टोर फॉर्मेट, “स्वदेश” अब तैयार है। यह परिधान, होम टेक्सटाइल्स, होम डेकोर, फर्नीचर, ज्वैलरी, वेलनेस उत्पादों सहित काफी कुछ प्रदर्शित करेगा”

ईशा अंबानी ने अपने बयान में कहा कि यह देश के कारीगरों के लिए एक महान अवसर है और इस अवसर को साकार करने के लिए रिलायंस रिटेल विभिन्न सरकारी संगठनों के साथ साझेदारी कर रहा है ताकि विभिन्न स्थानीय कला रूपों को राष्ट्रीय और विश्व स्तर पर लोकप्रिय बनाने में मदद मिल सके। इसके साथ ही रिलायंस रिटेल ने रिलायंस फाउंडेशन के साथ विभिन्न स्वदेशी शिल्पों के लिए मुख्य उपकेंद्रों की पहचान करने के लिए गठबंधन किया ।

कारीगर समुदायों से सीधे 100% प्रामाणिक शिल्प उत्पादों को खरीदने के लिए स्वदेश विभिन्न सरकारी उपक्रमों और राज्य सरकारों के साथ साझेदारी कर रहा है और कपड़ा मंत्रालय के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर कर चुका है। इसके अलावा पश्चिम बंगाल सरकार के एमएसएमई और कपड़ा विभाग के साथ भी एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस साझेदारी का उद्देश्य एक स्वस्थ, गतिशील इको सिस्टम का निर्माण करना है। एमओयू पर आज कोलकाता में बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट में हस्ताक्षर किए गए।

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