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० नूरुद्दीन अंसारी ० 

नयी दिल्ली -  विंडरजी इंडिया 2022 एक मेगा विंड एनर्जी ट्रेड फेयर और सम्मेलन जिसे स्वच्छ ऊर्जा के लिए तीव्र माइग्रेशन और पवन ऊर्जा इको सिस्टम को बढ़ाने के राष्ट्रीय संकल्प पर विचार-विमर्श करने हेतु संगठित किया जा रहा है। तीन दिन का यह मेगा विंड एनर्जी कार्यक्रम 27-29 अप्रैल तक नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित किया जाएगा और इसका उद्देश्य स्वच्छ ऊर्जा के लिए तीव्र माइग्रेशन की राष्ट्रीय प्रतिबद्धता (कमिटमेंट) को पूरा करने पर सभी का ध्यान केंद्रित करना है, जिसमें पवन ऊर्जा का मुद्दा प्रमुख है।

भारत सरकार के विद्युत, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के कैबिनेट मंत्री आर के सिंह, रसायन और उर्वरक मंत्रालय और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय में राज्य मंत्री भगवंत खुबा तथा डेनमार्क के राजदूत फ्रेडी स्वेन, अन्य कई हस्तियों और उद्योग जगत के दिग्गजों संग इस उच्च स्तरीय सम्मेलन में हिस्सा लेंगें। इस समारोह में 150 से अधिक कंपनियां अपने उत्पाद, समाधान और प्रौद्योगिकी कौशल का प्रदर्शन करेंगी। जिसका लाभ समारोह में उपस्थित सभी लोग लाभ उठा सकते हैं। यह इवेंट 3 दिवसीय प्रदर्शनी और 2 दिनों के गहन विचार-विमर्श के आलावा इसमें भाग लेने वाले लोगों के लिए बेहतर नेटवर्किंग और व्यवसाय का अवसर भी है।

जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करने और 2070 तक नेट जीरो एमिशन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, सीओपी-26 (नवंबर 2021) में प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए पांच प्रमुख लक्ष्यों का आगाज़ किया था । जिसमें से (1) देश की गैर-जीवाश्म ऊर्जा क्षमता को 2030 तक 500 गीगावाट तक बढ़ाना (2) 2030 तक देश की ऊर्जा आवश्यकताओं का 50 प्रतिशत नवीकरणीय ऊर्जा से प्राप्त करना (3) अब से लेकर 2030 तक कुल अनुमानित कार्बन उत्सर्जन में एक अरब टन की कमी लाना (4) 2030 तक भारत अपनी अर्थव्यवस्था की कार्बन इंटेंसिटी को 45 प्रतिशत से अधिक कम करेगा (5) वर्ष 2070 तक, भारत नेट जीरो एमिशन के लक्ष्य को प्राप्त करेगा।

पवन ऊर्जा उपरोक्त इन सभी उद्देश्यों को पूरा करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, जो क्षमता वृद्धि, विनिर्माण कैपेसिटी और अन्य क्षेत्रों में पहले ही प्रभावशाली प्रगति कर चुकी है। वर्तमान समय में, हमारे देश में कुल स्थापित बिजली क्षमता का 27% नवीकरणीय ऊर्जा से आता है, जिसमें से 37.73% पवन ऊर्जा (40.13 गीगावाट) द्वारा प्राप्त की जाती है। भारत ने 2022 तक रिन्यूएबल एनर्जी कपैसिटी का 175 गीगावाट तक का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसमें सौर ऊर्जा 100 गीगावाट, पवन से 60 गीगावाट, बाकी बची हुई ऊर्जा जैव-शक्ति और हाइड्रोपावर से प्राप्त होगा।

भारतीय पवन ऊर्जा उद्योग 10,000 मेगावाट पवन टरबाइन की प्रभावशाली वार्षिक निर्माण क्षमता रखता है, जिसे आने वाले समय में सही नीति और वित्तीय सहायता के साथ 15,000 मेगावाट तक बढ़ाया जा सकता है। भारतीय पवन ऊर्जा क्षेत्र ने भी 80% स्वदेशीकरण हासिल किया है, जो "मेक इन इंडिया" पहल के अनुरूप है। इसका ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर विशेष लाभकारी प्रभाव पड़ता है क्योंकि सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि में इसके योगदान के अलावा, पवन ऊर्जा को भी प्राथमिकता दी जाती है। इसके अलावा पवन ऊर्जा से ग्रामीण क्षेत्रों में 2 मिलियन से अधिक रोजगार प्राप्त हुए हैं ।

पवन ऊर्जा क्षेत्र के एकमात्र व्यापक व्यापार कार्यक्रम का आयोजन इंडियन विंड टर्बाइन मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (आईडब्ल्यूटीएमए) और पीडीए ट्रेड फेयर प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। इस व्यापक पवन ऊर्जा कार्यक्रम को नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार, भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (आईआरईडीए), इंडिया एनर्जी स्टोरेज एलायंस(आईईएसए), इंडियन विंड पावर एसोसिएशन (आईडब्ल्यूपीए), इंडिपेंडेंट पावर प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईपीपीएआई), नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ विंड एनर्जी (एनआईडब्ल्यूई), सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एसईसीआई), स्किल काउंसिल फॉर ग्रीन जॉब्स (एससीजीजे), वर्ल्ड विंड एनर्जी एसोसिएशन (डब्ल्यूडब्ल्यूईए), नेशनल स्मॉल इंडस्ट्रीज कॉर्पोरेशन (एनएसआईसी), रियर - रिन्यूएबल एनर्जी एसोसिएशन और द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (टीईआरआई), पार्टनर देश- डेनमार्क एम्बेसी द्वारा समर्थन प्राप्त है।

० संवाददाता द्वारा ० 

• सेट टॉप बॉक्स, इंटरनेट होम गेटवे और इंस्टालेशन - सब कुछ मुफ़्त
• 100 से 200 रू अतिरिक्त में मिलेंगे कई OTT एंटरटेनमेंट ऐप
• नए और मौजूदा जियोफाइबर ग्राहकों के लिए उपलब्ध

मुंबई: टेलीकॉम क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस जियो ने जियोफाइबर पोस्टपेड ग्राहकों के लिए 22 अप्रैल से “एंटरटेनमेंट बोनांजा” लॉन्च करने की घोषणा की है। दरअसल जियोफाइबर के 399 रू और 699 रू के प्लान्स बेसिक इंटरनेट प्लान्स थे, जिनमें 30 और 100 एमबीपीएस की स्पीड मिलती थी। अब रिलायंस जियो ने इन प्लान्स के साथ एंटरटेनमेंट परोसने का ऐलान किया है। इन नए प्लान्स का फायदा नए व मौजूदा दोनों ग्राहक उठा सकते हैं।

घोषणा के मुताबिक यूजर्स 399 रुपये प्रति माह से शुरू होने वाले अनलिमिटेड हाई-स्पीड इंटरनेट प्लान के साथ 100 या 200 रू प्रतिमाह अतिरिक्त भुगतान करके 14 ओटीटी ऐप्स का मजा उठा पाएंगे। 100 रू अतिरिक्त दे कर ग्राहक जियो के एंटरटेनमेंट प्लान का लाभ ले सकेंगे जिसमें उन्हें 6 एंटरटेनमेंट OTT ऐप मिलेंगे। 200 रू के एंटेरटेनमेंट प्लस प्लान में 14 ऐप शामिल किए गए हैं। 14 ऐप्स में डिज़्नी+ हॉटस्टार, Zee5, Sonyliv, Voot, Sunnxt, Discovery+, Hoichoi, Altbalaji, Eros Now, Lionsgate, ShemarooMe, Universal+, Voot Kids, JioCinema शामिल हैं। जियोफाइबर से एक समय में की डिवाइस जोड़े जा सकते हैं ऐसे में ग्राहक मोबाइल और टीवी दोनों पर इन ऐप्स के मनोरंजक कार्यक्रम देख सकेंगे।

एंटरटेनमेंट बोनांजा के तहत कंपनी ने अपने नए पोस्टपेड यूजर्स के लिए एंट्री कॉस्ट शून्य कर दी है। यानी यूजर्स को करीब 10 हजार रू कीमत की सुविधाएं मुफ्त मिलेंगी, जिनमें इंटरनेट बॉक्स (गेटवे राउटर), सेट टॉप बॉक्स और इंस्टालेशन चार्ज शामिल है। लेकिन इसके लिए ग्राहक को जियोफाइबर पोस्टपेड कनेक्शन का प्लान लेना होगा।

० योगेश भट्ट ० 

नयी दिल्ली - देश के टॉप 30 पीआर पेशेवर की सूची में शामिल होने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के पहले पेशेवर बने अक्षत चोपड़ा पावरग्रिड में पीआर पेशेवर अक्षत चोपड़ा को पीआरमोमेंट द्वारा भारत की पीआर 30 अंडर 30 (30 वर्ष से कम आयु) की सूची में मान्यता दी गई है। इसी के साथ विश्वसनीय पुरस्कार को प्राप्त करने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के पहले और एकमात्र व्यक्ति बन गए। हाल ही में, उन्हें पब्लिक रिलेशंस काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित 15वें वार्षिक ग्लोबल कम्युनिकेशन कॉन्क्लेव में 'मोस्ट प्रॉमिसिंग कम्युनिकेशन पर्सन ऑफ द ईयर' के खिताब से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार गोवा के माननीय मुख्यमंत्री श्री प्रमोद सावंत द्वारा प्रदान किया गया था।

अक्षत चोपड़ा एक राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता, डबल गोल्ड मेडलिस्ट, जेआरएफ और 1000 से अधिक प्रोडक्शंस, रिपोर्टिंग, शोध पत्र, लेख, निबंध, प्रोजेक्ट, बॉलीवुड और हॉलीवुड फिल्म, सीरियल और पुरस्कार के साथ जामिया मेरिट और जवाहर भवन ट्रस्ट छात्रवृत्ति के धारक हैं। उन्होंने दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो के लिए कहानियां लिखने के अलावा, टाइम्स ऑफ इंडिया और द हिंदू के लिए बड़े पैमाने पर लेख लिखे हैं। उन्हें जनसंपर्क, मल्टीमीडिया, फिल्म, वृत्तचित्र बनाने का व्यापक अनुभव है और वह 15 से अधिक वर्षों से मीडिया उद्योग का हिस्सा हैं। वह भारत सरकार द्वारा कला और संस्कृति के क्षेत्र में असाधारण उपलब्धि के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार, प्रदर्शन कला के क्षेत्र में ओरिजिनल माइंड पुरस्कार, कला श्रेणी में मेरी दिल्ली पुरस्कार सहित लगभग 600 उपलब्धियों / पुरस्कारों के प्राप्तकर्ता हैं। 

इसके अलावा, उन्हें विज्ञापन श्रेणी में अभिनय के लिए दादा साहब फाल्के पुरस्कार 2013, प्रदर्शन कला के क्षेत्र में बाल प्रतिभा सम्मान पुरस्कार, कला वर्ग में किशोर कुमार कला रतन पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। उन्होंने कई प्रमुख एफएमसीजी ब्रांड और भारत सरकार के अभियानों के लिए भी काम किया है। उन्हें 2019 में पीआर सोसाइटी दिल्ली, तत्कालीन पब्लिक रिलेशंस सोसाइटी ऑफ इंडिया, दिल्ली चैप्टर के शासी निकाय सदस्य के रूप में चुना गया था। पीआरमोमेंट एक ब्रिटिश प्रकाशन है जिसकी स्थापना वर्ष 2009 में की गयी। विजेता की सूची में उद्योग के न्यू-जेन पेशेवरों को शामिल किया गया है, जिन्होंने न केवल अपने संगठनों बल्कि उद्योग में भी उल्लेखनीय योगदान दिया है। ग्रैंड जूरी ने कई मानदंडों पर नामांकन का मूल्यांकन किया, जिसमें नेतृत्व कौशल, उपलब्धियां, भविष्य की क्षमता और उद्योग में सिद्ध योगदान शामिल हैं।

० योगेश भट्ट ० 

नयी दिल्ली : भारत के अग्रणी ऑटोमोबाइल ई-कॉमर्स प्‍लेटफॉर्म ड्रूम ने हरतरह के परिवहन को सुलभ बनाने के एक प्रयास में, अपने मौजूदापोर्टफोलियो का विस्‍तार करने की घोषणा की है। कंपनी ने अपने पोर्टफोलियो में 5 औरवाहन श्रेणियों का संकलन किया है, जिससे इन श्रेणियों की कुल संख्‍या10 से बढ़कर 15 हो गई है। 

नई लॉन्‍च हुई श्रेणियां इस प्रकार हैं: व्‍हीलचेयर, ईवी गोल्‍फ कार्ट, कंस्‍ट्रक्‍शन, माइनिंग और एग्रीकल्‍चर इक्विपमेंट। ऑनलाइन ऑटोमोबाइल ई-कॉमर्स प्‍लेटफॉर्म में अग्रणी होने के नाते, ड्रूम अपने प्‍लेटफॉर्म पर साइकिलों से लेकर प्‍लेन्‍स तकऑटोमोबाइल श्रेणियों की एक व्‍यापक श्रृंखला की पेशकश कर रही है। वह अपने डोमैनमें पहली कंपनी है, जिसने खासकर बुजुर्गों और दिव्‍यांगोंके लिये ऐसी श्रेणी पेश की है। यह पहल सभी के लिये परिवहन समाधान प्रदान करने केड्रूम के विचार पर जोर देती है। नई पेश हुई व्‍हीलचेयर श्रेणी में ऐसे वाहन होंगे, जो व्‍हीलचेयर केलिये अनुकूल हैं। इस श्रेणी में मैनुअल और इलेक्ट्रिक वाहन दोनों शामिल हैं और 19अलग एसकेयू हैं। इन वाहनों की की‍मत 5 हजार रूपये से लेकर 4 लाख रूपये तक है। 

ईवीगोल्‍फ कार्ट के तहत ब्राण्‍ड दो, चार और छह-सीटर वाहनों की पेशकशकरेगा, जिनके 7 अलग एसकेयू हैं। इनका मूल्‍य2 लाख रूपये से लेकर 4 लाख रूपये तक है। नये विस्‍तार में एक्‍सकेवेटर्स और बैकहो लोडर्स के सभी मॉडल्‍स भी शामिल हैं, जिनके 86 अलग एसकेयू हैं। बाजार में मांग में रहने वाले कुछमॉडल्‍स हैं - 2डीएक्‍स, 3डीएक्‍स, 4डीएक्‍स, 305एलसी, जेएस205एलसी, जेएस140, जेएस120 और जेएस81। इनका मूल्‍य 23लाख रूपये से लेकर 1 करोड़ रूपये तक है। उपर बताए गए इन वाहनों के विक्रेता पूरेभारत में उपलब्‍ध हैं और सर्विसिंग की प्रक्रिया को खरीदारों के लिये ज्‍यादा सुलभऔर सुचारू बनाते हैं। 

इस लॉन्‍च पर ड्रूम के संस्‍थापक एवं सीईओ संदीप अग्रवाल नेकहा, “हमने 21वीं सदी का ऑनलाइन मोबिलिटी प्‍लेटफॉर्म बनाया है औरइसका पूरा परितंत्र डिजिटल अर्थव्‍यवस्‍था के लिये है। हमारा दृष्टिकोण हमेशा से साइकिलसे लेकर प्‍लेन तक हर वाहन बेचने का रहा है। हम 5 नई श्रेणियोंके लिये ईकॉमर्स केसंपूर्ण अनुभव की पेशकश करते हुए काफी उत्‍साहित हैं। इस पहल के माध्‍यम से हमग्राहकों के लिये एक ऑल-इन-वन प्‍लेटफॉर्म की पेशकश कर रहे हैं, जो वाहनों से जुड़ी उनकी विविध आवश्‍यकताएं पूरी कर सकता हैऔर खरीदारी का बेजोड़ अनुभव देगा। 

इसके आगे, हम अपनेपोर्टफोलियों में और नई श्रेणियों को भी जोड़ने की योजना में हैं। हम चाहते हैं किड्रूम एक सुपर ऐप की तरह काम करे।” खरीदारी कीप्रक्रिया परेशानी से मुक्‍त है और इसके कुछ आसान चरण होते हैं। वाहन चुनने के बादखरीदार को अपना सत्‍यापन करना होता है, फिर टोकन की राशि देनी होती है और जरूरत हो, तो विशिष्‍ट निर्माण (कस्‍टमाइजेषन)के लिये कहना होता है। यह होने के बाद, वह शेष राशि का भुगतान कर सकताहै और उत्‍पाद की आपूर्ति उसके घर पर हो जाएगी। फिर वह विक्रेता की ऑनलाइन रेटिंगऔर रिव्‍यू कर सकता है।

० योगेश भट्ट ० 

मुंबई : भारत के प्रमुख वन-स्टॉप कृषि-तकनीक प्लैटफॉर्म, ऐग्रीबाज़ार ने रिवुलिस के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये हैं। रिवुलिस माइक्रो-सिंचाई उत्पादों और समाधानों में विश्व में अग्रणी प्लैटफॉर्म है। इस सहयोग के तहत, ऐग्रीबाज़ार किसानों को उनके खेतों की पैदावार प्रभाकारी ढंग से बढ़ाने के लिए रिवुलिस के श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ खेत सिंचाई प्रबंधन उत्पादों और समाधानों को अपने प्लैटफॉर्म पर तैनात करने की अनुमति देगा।

इस साझेदारी के पहले चरण में ऐग्रीबाज़ार गन्ना किसानों के लिए अपने प्लैटफॉर्म पर रिवुलिस के ड्रिप सिंचाई प्रणालियों की खरीद और स्थापना में मदद करेगा। अंततः, सहयोग सेवाएँ ऐग्रीबाज़ार प्लैटफॉर्म पर वर्तमान में पंजीकृत सभी किसानों - 3,00,000 से अधिक - को दी जाएँगी। ऐग्रीबाज़ार की ओर से एमओयु पर हस्ताक्षर करके को-फाउंडर और प्रबंध निदेशक, श्री अमित मुंडावाला ने कहा कि, “ऐग्रीबाज़ार में हमलोग भारत के कृषि क्षेत्र के लिए और अधिक समृद्धि लाने पर फोकस करते हैं। हमारी विशिष्ट, संपूर्ण सेवा पोर्टफोलियो को प्रौद्योगिकी की शक्ति के साथ भारतीय कृषि मूल्य श्रृंखला को स्थाई और सुदृढ़ बनाने के लिए डिजाइन किया गया है।

“रिवुलिस के साथ यह साझेदारी किसानों को फसल कटाई के पूर्व काम आने वाली श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ प्रौद्योगिकियाँ प्रदान करने के हमारे प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। मुझे पूरा यकीन है कि इस सहयोग से हमारे किसान ग्राहकों को इस पहल के माध्यम से बेहतर पैदावार और मूल्य पाने में मदद मिलेगी।” रिवुलिस इंडिया के प्रबंध निदेशक, श्री कौशल जायसवाल ने कहा कि, “रिवुलिस में हम लोगों को ऐग्रीबाज़ार के साथ साझेदारी से बहुत आशाएँ हैं। इससे किसानों को स्मार्ट सिंचाई पद्धतियों को लागू करने का अवसर मिलेगा, फिर चाहे उनकी खेती योग्‍य जमीन का आकार कुछ भी हो । हमें पूरा भरोसा है कि इस सहयोग से सम्पूर्ण कृषि परितंत्र में महत्वपूर्ण मूल्य का निर्माण होगा और भारत के कृषि उद्योग की संवहनीयता तथा दक्षता बढ़ेगी।”

ऐग्रीबाज़ार खेती की जमीन की ठीक-ठीक अवस्था निर्धारित करने और सिंचित जल का एक समान ढंग से इस्तेमाल करने के लिए अपने दूरस्थ संवेदी यंत्र (रिमोट सेंसिंग इंजन), ऐग्रीभूमि का लाभ उठाएगा। यह अलग-अलग किसान के खेत की भौगोलिक अवस्थिति, मृदा की स्थिति, फसल का चयन और मौसम के पूर्वानुमान के आधार पर उनकी ज़रूरतों का आंकलन करेगा। यह प्लैटफॉर्म कृषिक मौसम पूर्वानुमान, वानस्पतिक सूचकांक, और पादप वृद्धि के चरणों के अलावा अन्य महत्वपूर्ण घटकों के साथ खेत की अवस्था का गहरा विश्लेषण भी प्रदान करेगा। ऐग्रीबाज़ार भारत में इस प्रकार की सेवा की पेशकश करने वाली पहली कृषि-तकनीक कंपनी है।

इस समझौता ज्ञापन पर हुए हस्ताक्षर समारोह में रिवुलिस इंडिया के प्रबंध निदेशक  कौशल जायसवाल, रिवुलिस इजराइल के सीईओ श्री रिचर्ड क्लैपहोल्ज़, ड्रिप प्रोडक्ट्स डिवीज़न के प्रेसिडेंट इरान ओस्समी, को-फाउंडर एवं प्रबंध निदेशक अमित मुंडावाला उपस्थित थे तथा सीईओ एवं को-फाउंडर  अमित अगरवाल ने ऐग्रीबाज़ार का प्रतिनिधित्व किया। इस समारोह में दोनों संगठन के अन्य वरीय अधिकारी भी उपस्थित थे।

० संवाददाता द्वारा ० 

कोलकाता : देशभर में 1.50 लाख से अधिक रिटेल मोबाइल विक्रेताओं का प्रतिनिधित्व करने वाली शीर्ष संस्था "ऑल इंडिया मोबाइल रिटेलर्स एसोसिएशन" (एआईएमआरए) ने केंद्र सरकार की पुरानी ई-कॉमर्स नीति पर सरकार को चेतावनी दी है कि, मौजूदा समय में ऑनलाइन बिक्री प्लेटफार्म में शामिल कंपनियों की अनैतिक, भेदभावपूर्ण और एकाधिकारवादी व्यवसायिक नीति पूरे देश में 1.50 लाख रिटेल मोबाइल फोन विक्रेताओं के भविष्य को खतरे में डाल रही है। कोलकाता में एआईएमआरए की 8वीं वार्षिक सभा का आयोजन किया गया। इसमें देशभर से सैकड़ों खुदरा मोबाइल फोन विक्रेता और एसोसिएशन के सदस्य एकत्रित हुए। इस वर्ष के एजीएम में मोबाइल खुदरा विक्रेताओं के सामने आनेवाली इन चुनौतियों का सामना करने और इससे सफलता पूर्वक निपटने के लिए एक काउंटर रणनीति तैयार करने पर इस सभा में विचार-विमर्श किया गया।

श्री मोहन बाजोरिया (अध्यक्ष, एआईएमआरए, बंगाल) ने कहा, हम देश भर में 1.50 लाख से अधिक खुदरा मोबाइल विक्रेताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उनकी विभिन्न मांगों की सूची के साथ सरकार से संपर्क करेंगे। इसमें हम सरकार को मौजूदा समय में मार्केट में ऑनलाइन बिक्री के चैनल और पोर्टलों द्वारा अनैतिक व्यावसायिक सिस्टम के कारण किस तरह उनसे अपनी प्रतिस्पर्धा बचाए रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, इसकी पूरी जानकारी सरकार को देंगे। इन ई- कॉमर्स चैनल द्वारा अनैतिक व्यापारिक प्रथाओं को रोकने के लिए सरकार इनके लिए नए शख्त नियमों को तैयार करे, जिससे मार्केट में खुदरा मोबाइल विक्रेताओं का हित जुड़ा हो, वे सरकार का ध्यान इस ओर आकर्षित करेंगे।

 मृदुल विश्वास (महासचिव, एआईएमआरए, बंगाल) ने कहा, मौजूदा आर्थिक वित्त वर्ष में 38 अरब अमेरिकी डॉलर का भारतीय स्मार्ट फोन बाजार दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे तेजी से बढ़ता मोबाइल फोन का बाजार है। इसके कारण कई ब्रांडेड मोबाइल फोन कंपनियों ने वर्ष 2021 में भारत में अपने उच्चतम शिपमेंट के आंकड़े भी दर्ज किए हैं। कोविड के प्रभाव के कारण अब देशभर में 50 प्रतिशत स्मार्ट फोन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए बेचा जा रहा है। इसके कारण मोबाइल फोन बिक्री करनेवाले खुदरा विक्रेताओं के लिए लगातार नई चुनौतिया सामने आ रही हैं। इन दिनों भारत में एक नया भेदभावपूर्ण वातावरण उभरकर सामने आ रहा है, जहां बड़ी ई- कॉमर्स कंपनियां बिना किसी डर के लगातार सरकारी मानदंडों का उल्लंघन कर रही हैं। जिससे छोटे रिटेल दुकानदारों को समस्या हो रही है, जिसका असर उनके व्यापार पर पड़ रहा है। सरकार को व्यवसाय संचालन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए तत्काल सख्त कदम उठाने की जरूरत है।

इस मौके पर संजीव पाल (उपाध्यक्ष, एआईएमआरए, बंगाल) ने कहा, सरकार को खुदरा मोबाइल विक्रेताओं के लिए जीएसटी मानदंडों को समझने और आसानी से इसका पालन करने के लिए जीएसटी मानदंडों को और भी आसान और सरल बनाने के लिए कदम उठाने चाहिए। मौजूदा सरकार की जीएसटी नीति छोटे मोबाइल खुदरा विक्रेताओं के लिए घोर चिंता का विषय बना हुआ है। सभी रिटेल व्यापारी इसे जटिल और व्यवसाय करने के लिए अनुकूल नहीं मानते हैं।

कोलकाता में आयोजित एआईएमआरए की इस वार्षिक सभा में कोर कमेटी के सदस्य और संस्थापक अध्यक्ष कैलाश लखयानी, राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंदर खुराना, वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री विभूति प्रसाद और संयुक्त महासचिव नवनीत पाठक के मार्गदर्शन में देशभर में अखिल भारतीय रक्तदान शिविर को हरी झंडी दिखाने के प्रस्ताव को भी अंतिम रूप दिया गया, जिसमें देशभर के रिटेल मोबाइल विक्रेता समाज हित के लिए रक्तदान कर स्वस्थ समाज को गढ़ने में अपना योगदान देंगे।

० संत कुमार गोस्वामी ० 

बिहार -मशरक स्टेशन रोड सेंट्रल बैंक के निकट मोमेन्टस रिटेल स्टोर का भव्य उद्घाटन पूर्व मुखिया प्रतिनिधि अमर सिंह की मां ध्रुव पातो देवी ने फीता काट किया।इस रिटेल स्टोर में इलेक्ट्रॉनिक एवम फर्नीचर समेत सभी समान उपलब्ध हैं। मौके पर महाराजगंज भाजपा सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल, तरैया भाजपा विधायक जनक सिंह, मदारपुर मुखिया प्रतिनिधि डॉ जितेन्द्र सिंह, बहरौली मुखिया अजीत सिंह,दुलगौली मुखिया प्रतिनिधि सत्येन्द्र सिंह,उप मुखिया पंकज कुमार सिंह,जजौली मुखिया प्रतिनिधि वरूण यादव,सेमरी मुखिया प्रतिनिधि सत्येन्द्र सिंह, पूर्व उप प्रमुख साहेब हुसैन उर्फ टुनटुन, आर्मी कैंटीन संचालक रंजन कुमार सिंह समेत दर्जनों गणमान्य लोग उपस्थित रहे। 
इस रिटेल स्टोर से जीरो प्रतिशत ब्याज पर आसान किस्तों में फाइनेंस की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। महाराजगंज भाजपा सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गांवों में हर घर बिजली पहुंचाया है वही सड़कें भी सुंदर और सुदृढ़ हो गई है जिससे गांवों में भी इलेक्ट्रॉनिक सामानों की खरीद बढ़ गई है वही ग्रामीण स्तर पर एक ही छत के नीचे सभी सामान उचित रेट पर मिलें यह अच्छी सोच हैं।वही बहरौली मुखिया अजीत सिंह ने कहा कि ग्रामीण स्तर पर एक छत के नीचे सबसे सस्ता इलेक्ट्रॉनिक सामान और फर्नीचर बाजार के मूल्य से उचित मूल्य में उपलब्ध है । जहा तक आम लोगो की सहूलियत के ध्यान रखते हुवे ईएमआई किस्तों पर उपलब्ध है ।


० योगेश भट्ट ० 

नयी दिल्ली - नोएडा स्थित डिजिटल-फर्स्ट प्लेटफॉर्म म्युचुअल फंड में निवेश करने के लिए दूरदराज के क्षेत्रों और टाउनशिप में शुरूआत कर रहा है। यह देश भर में म्युचुअल फंड वितरकों को अपने कारोबार को बढ़ाने में मदद कर रहा है।  2020 के लिए वेल्थटेक 100 में जगह बनाने में सफल रहा Nivesh.com दूरदराज के क्षेत्रों में म्युचुअल फंड की पहुंच बनाने के अपने प्रयासों में सफल रहा है। ग्रामीण भारत में ब्रांड के नेटवर्क को विकसित करने के निरंतर प्रयासों के साथ, डिजिटल-फर्स्ट प्लेटफॉर्म उपनगरीय क्षेत्रों में स्वतंत्र म्युचुअल फंड वितरकों को अत्याधुनिक तकनीक के साथ अपने एयूएम (एसेट अंडर मैनेजमेंट) को विकसित करने में सक्षम बनाता है।

डिजिटल-फर्स्ट प्लेटफॉर्म Nivesh.com ने टियर-2 और टियर-3 शहरों में अपना नेटवर्क स्थापित कर लिया है। कंपनी ने बताया है कि भारत में म्युचुअल फंड, कॉरपोरेट एफडी, बीमा इत्यादि जैसे वित्तीय उत्पादों की बेहद कम पहुंच है और देश में ऐसे 19.5 करोड़ परिवार हैं, जो इन उत्पादों की पहुंच से दूर हैं। निवेश के लिए संगठन ने देश के दूरदराज के हिस्सों और छोटे शहरों तक पहुंचने के लिए अथक प्रयास किया है, क्योंकि उनका मानना है कि म्युचुअल फंड वितरक छोटी टाउनशिप और उससे आगे वित्तीय उत्पादों के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। घरेलू संपत्ति का लगभग 50% हिस्सा यानी लगभग 170 लाख करोड़ रुपये बैंक जमा के रूप में है। निवेश का मानना है कि यह एक बड़ा अवसर है, क्योंकि वित्तीय जागरूकता ऐसे निवेशकों को यह समझने में मदद करती है कि बैंकों में पैसा रखना महंगाई के लिहाज से नुकसानदेह कदम है।

निवेश की सफलता इसकी संख्या में भी झलकती है। आज, इसके ग्राहक पूरे भारत में 3,000 से अधिक पिन-कोड क्षेत्रों में स्थित हैं। 60 प्रतिशत ग्राहक और 50 प्रतिशत एयूएम शीर्ष 30 शहरों से बाहर के हैं। जबकि उद्योग के स्तर पर एयूएम का 20% से कम हिस्सा इस सेगमेंट से आता है। Nivesh.com के संस्थापक और सीईओ अनुराग गर्ग ने कहा, “एक ब्रांड के रूप में हमने यह धारणा स्थापित की है कि हमारा मंच सभी के लिए है। जब हमने शुरुआत की, तो महानगरों और अन्य छोटे शहरों या दूरदराज के इलाकों के बीच निवेश की संख्या में बहुत स्पष्ट असमानता थी। हमने इस अंतर को खत्म करने की दिशा में अथक प्रयास किया है और अब हम इसके सकारात्मक परिणाम देख रहे हैं। निकट भविष्य में, म्युचुअल फंड उद्योग के ट्रिलियन-डॉलर का उद्योग बनने की उम्मीद है, और निवेश में हमें उम्मीद है कि इस विकास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा शीर्ष 30 शहरों से आगे के निवेश से आएगा, और हम इसमें सबसे आगे होंगे।”

निवेश के पार्टनर के रूप में, असम के तिनसुकिया के रत्नजीत भट्टाचार्जी ने अपने अनुभव के बारे में बताया, “मुझे आज भी वे दिन याद हैं जब मैं एक डाकघर एजेंट के रूप में काम करता था, और अब मैं Nivesh.com का पार्टनर हूं। मेरे जीवन में जो बदलाव आया है वह बहुत बड़ा है। लंबे समय से वित्तीय उत्पादों में रुचि रखने के कारण, मैं एक म्युचुअल फंड सलाहकार बनना चाहता था, लेकिन ग्राहकों तक पहुंचना कोई आसान काम नहीं था। निवेश से जुड़ना मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से एक वरदान रहा है, क्योंकि अब मैं सब कुछ ऑनलाइन होने के कारण अधिक ग्राहकों तक पहुंच सकता हूं। आज मेरे पास 166 खुश ग्राहक हैं, एयूएम का मूल्य 8.2 करोड़ रुपये है। मेरे शहर में निवेश की पहुंच अद्भुत रही है और लगभग 50% तिनसुकिया ने इस प्लेटफॉर्म में निवेश किया है।”


० संवाददाता द्वारा ० 

राजस्थान  : देश की अग्रणी एजुटेक कंपनी उत्कर्ष क्लासेस ने आज भारत का पहला डिजिटल क्लासरूम ऑन व्हील्स - 'शिक्षा रथ' लॉन्च किया। अपनी तरह की इस अनूठी पहल का उद्देश्य पूरे भारत में व खासतौर से ग्रामीण हिस्सों में छात्रों को लाइव डिजिटल लर्निंग अनुभव प्रदान करके देश की शिक्षण प्रणाली में क्रांति लाना है। क्या है इस शिक्षा रथ में ? इस शिक्षा रथ में 4K इंटरेक्टिव पैनल व अत्याधुनिक कैमरों से युक्त डिजिटल स्टूडियो है।इंटरनेट की भी व्यवस्था है जिसके माध्यम से शिक्षा रथ से विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर कक्षाएँ लाईव की जाकेगी।इसके अलावा यह ‘शिक्षा रथ’ किसी बड़ी सेलिब्रिटी की वेनिटी वेन की भाँति बेडरूम,किचन,बाथरूम,डाईनिंग रूम इत्यादि सभी सुविधाओं से युक्त है।
शिक्षा रथ' अभिभावकों और बच्चों दोनों के बीच डिजिटल शिक्षा के लाभ के बारे में जागरूकता फैलाने में एक सहायक के रूप में कार्य करेगा। चूंकि कई शहरों और गाँवों में अच्छे शिक्षक नहीं मिल पाते हैं, इसलिए माता-पिता एक डिजिटल स्टूडियो के कामकाज को देख सकेंगे और अनुभव कर सकेंगे कि कैसे उनके बच्चे अपने घर पर देश के शीर्ष शिक्षकों से सीख सकते हैं।इससे विद्यार्थियों व अभिभावकों में ऑनलाइन शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ेगी।

उत्कर्ष क्लासेस के संस्थापक और सीईओ डॉ. निर्मल गहलोत कहते हैं, “उत्कर्ष देश के हर घर को गुणवत्तापूर्ण और एफोर्डेबल एजुकेशन प्रदान करने में विश्वास करता है। उत्कर्ष के इस वर्ष में अपने 2 दशकों के संचालन को पूरा करने के साथ, हमने इस महत्वाकांक्षी परियोजना का शुभारंभ किया, जिसमें हमारा लक्ष्य देश में डिजिटल लर्निंग के लाभों के बारे में अधिकतम जागरूकता फैलाना है और हमारी युवा पीढ़ी के भविष्य को श्रेष्ठ आकार देने में अच्छी शिक्षा और मार्गदर्शन की भूमिका पर जोर देना है। इस पहल के माध्यम से हम अगले 2 वर्षों में 5 मिलियन से अधिक छात्रों तक पहुँचेंगे। हमारा शिक्षा रथ शुरू में देश के हिंदी भाषी क्षेत्र- राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली की यात्रा करेगा। हम अगले 5 वर्षों में पूरे भारत में 10 और शिक्षा रथ लॉन्च करेंगे।"

'शिक्षा रथ' 13 अप्रैल को जोधपुर से अपनी यात्रा शुरू करने के साथ ही राजस्थान के जैसलमेर में स्थित एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल रामदेवरा की यात्रा करेगा। प्रायोगिक चरण में 'शिक्षा रथ' जोधपुर, जैसलमेर और बाड़मेर जिलों के छोटे शहरों और गाँवों को कवर करेगा। उत्कर्ष क्लासेस अपने लर्निंग एप के माध्यम से सरकारी भर्ती और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के साथ ही कक्षा 6 से 12वीं के लिए स्कूली शिक्षा के विद्यार्थियों हेतु घर बैठे उच्च कोटि की डिजिटल शिक्षा उपलब्ध करवाता है।जब यह 'शिक्षा रथ' विद्यार्थियों के गॉंव/शहर में यात्रा करेगा तब विद्यार्थी अपने पसंदीदा शिक्षकों से व्यक्तिगत रूप से मिलने और सीखने में सक्षम होंगे।

हमारे देश के छिपे हुए रत्नों की पहचान करेगा शिक्षा रथ-प्रतिभा हर जगह है, अवसर नहीं है। हमारे देश के छोटे शहरों में गुणवत्ता वाले बहुत से शिक्षक निवास करते हैं, परन्तु कई कारणों से उनकी प्रतिभा का प्रदर्शन नहीं होता है और जनता उनकी विशेषज्ञता से लाभान्वित नहीं हो पाती है। ‘डिजिटल क्लासरूम ऑन व्हील्स’ ऐसे शिक्षकों को उत्कर्ष के डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से देश भर के विद्यार्थियों तक अपनी शैक्षिक सामग्री पहुँचाने में सक्षम बनाएगा। यू-ट्यूब लाईव कक्षाएँ निर्बाध चलती रहेगी इस शिक्षा रथ के माध्यम से उत्कर्ष के करेंट अफेयर्स के स्टार टीचर कुमार गौरव सर पूरे भारत में विद्यार्थियों को मोटिवेट करेंगे व उन्हें तनाव रहित रहकर,मेहनत करते हुए जीवन के हर क्षेत्र में सफल होने के टिप्स देंगे।इस दौरान कुमार गौरव सर की रोज़ाना सुबह 6 बजे यू-ट्यूब पर होने वाली करेंट अफेयर्स की लाईव क्लास (जो भारत की सर्वाधिक लाईव देखी जाने वाली क्लास है ) भी निर्बाध रूप से चलती रहेगी, वे शिक्षा रथ में निर्मित स्टूडियो के माध्यम से अपनी क्लास ले पायेंगे।

० योगेश भट्ट ० 

नयी दिल्ली - क्लाउड एडॉप्शन को सक्षम करते हुए और मिड-मार्केट उद्यमों को 'राइज विद सैप' पेशकशों की पूरी श्रृंखला का प्रदर्शन करते हुए, यह इमर्सिव एक्सपीरियंस सेंटर 13 शहरों में लगभग 7,000 किलोमीटर से अधिक की यात्रा करेगा।सैप अगली पीढ़ी के युवाओं को भविष्य के लिए तैयार करने के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों से परिचित कराने के लिए उद्योग-अकादमिक साझेदारी को बढ़ावा देगा। जलवायु परिवर्तन को कम करने और भारत को अपने सतत लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायता के लिए 7,000 से अधिक पौधे लगाए जाएंगे।
 भारतीय मध्य-बाजार के लिए क्लाउड को अपनाने और क्लाउड पर अपने व्यवसाय में तेजी लाने के लिए, एक इमर्सिव मोबाइल एक्सपीरियंस सेंटर, 'ट्रांसफॉर्मेशन एक्सप्रेस' लॉन्च करने की घोषणा की। स्टेट ऑफ इंडियन मिड-मार्केट्स' पर एक आईडीसी इंफो-ब्रीफ ने संकेत दिया कि 2022 में 74% उद्यम अपने एप्लीकेशन को क्लाउड में स्थानांतरित करेंगे। इस बाजार की जरूरतों को पूरा करने के लिए, सैप की 'क्लाउड ऑन व्हील्स' पहल उद्योग को प्रतिस्पर्धी बने रहने और तेजी से बदलते कारोबारी परिदृश्य में प्रासंगिक बने रहने के लिए बहुत जरूरी समर्थन प्रदान करेगी।

 लॉन्च पर बोलते हुए, सैप भारतीय उपमहाद्वीप के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, कुलमीत बावा ने कहा, “भारतीय एसएमई आर्थिक विकास और समान विकास के इंजन हैं। वे हमारे सकल घरेलू उत्पाद में 30% से अधिक का योगदान करते हैं। जैसे-जैसे यह सेक्टर भविष्य में आगे की ओर बढ़ता और फैलता है, ज्यादातर संगठनों के लिए क्लाउड पर आना अनिवार्य होता जा रहा है। भारतीय एसएमई को अपनी लागत में दक्षता लाने हेतु, ग्राहकों को तेज सेवाएं देने हेतु, एक इंटेलिजेंट तथा सस्टेनेबल उद्यम बनाने हेतु स्वयं में तेजी से बदलाव करने के लिए 'ट्रांसफॉर्मेशन एक्सप्रेस' पहल की शुरुआत कर भारतीय एसएमई को सशक्त बनाने की हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है।" ट्रांसफॉर्मेशन एक्सप्रेस भारत के सभी हिस्सों में शुरू हो रही है, सैप में शामिल होकर टेक महिंद्रा वैश्विक रणनीतिक सेवा भागीदार बन गया है तथा सैप के 'राइज विद सैप' क्लाउड मोमेंटम को सहयोगात्मक रूप से उन ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए तत्पर है, जो अपने आप को डिजिटल रूप से रूपांतरित करने के चरण में हैं और अपने व्यवसाय से बेहतर परिणाम प्राप्त करने के लिए बिल्कुल नए तरीके से अपनी प्रक्रियाओं की कल्पना करने के लिए तैयार हैं। यह पहल ग्राहक मूल्य जीवनकाल को बढ़ाने हेतु निम्नलिखित तीन स्तंभों पर तैयार की गई है:

 ए) एक्सपीरियंस सेंटर: इसे एक यात्रा के रूप में डिज़ाइन किया गया है। यह एक बस है जो कि अत्याधुनिक तकनीकों से लैस है जैसे राइज़ विद सैप, सैप का डिजिटल कोर, प्रोक्योरमेंट, ग्राहक और लोगों के अनुभव समाधान देता है जोकि भविष्य के लिएव्यवसायों को एक स्पष्ट दृष्टिकोण प्रदान करते हैं कि वे किस प्रकार तेजी से क्लाउड को अपनाकर तथा डिजिटल ट्रांसफॉरमेशन पहल का हिस्सा बनकर अपने व्यवसाय में तेजी ला सकबी) भविष्य को कुशल बनाना: सैप इंडिया स्थानीय उद्योग/व्यापार संघों और शैक्षणिक संस्थानों के साथ काम करेगा ताकि युवा छात्रों को क्लाउड प्रौद्योगिकी की शक्ति के बारे में प्रत्यक्ष रूप से समझाया जा सके और यह भी बताया जा सके कि क्लाउड की शक्ति किस प्रकार व्यवसायों को बढ़ाने में मदद कर सकती है।

सी) ड्राइविंग सस्टेनेबिलिटी: बस द्वारा यात्रा किए जाने वाले प्रत्येक किलोमीटर के लिए, सैप इंडिया कार्बन फुटप्रिंट्स को कम करने के लिए एक पौधा लगाएगा। सुब्रमण्यम अनंतपद्मनाभन, सीनियर वाइस प्रेसिडेंट मिड-मार्केट, सैप, एशिया पैसिफिक जापान, ने आगे कहा: “मिड-मार्केट सेक्टर ने उत्साहपूर्वक प्रौद्योगिकी को अपनाया है और तेजी से विकास देखा है। अपने ग्राहकों, संघों, सरकारी निकायों और उद्योग-अकादमिक साझेदारी के साथ सहयोग करके, हम एक ऐसे पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण कर रहे हैं जो इन संगठनों को उनके डिजिटलीकरण में सह-निर्माण एवं सशक्त बना सकता है और उनकी क्लाउड को अपनाने की यात्रा को तेज कर सकता है।"

 45 दिनों में, हमारी बस 7,000 किलोमीटर से अधिक की यात्रा करेगी, जिसमें एसएमई को पहली बार झलक मिलेगी कि कैसे क्लाउड-आधारित डिजिटल कोर, उद्यमों की योजना बनाने और उन्हें अधिक तेज़ी से अनुकूलित करने में मदद कर सकता है। एसएमई को सही जानकारी प्रदान करने हेतु इसमें एक इंटरएक्टिव उत्पाद डेमो, एक वर्चुअल रियलिटी प्रदर्शनी तथा सूचनात्मक सत्रों का इस्तेमाल किया जायेगा। दिल्ली से शुरू होकर, यह बस गुड़गांव, लुधियाना, जयपुर, अहमदाबाद, बड़ौदा, मुंबई, पुणे, हैदराबाद, चेन्नई, कोयंबटूर, कोच्चि और बैंगलोर की यात्रा करेगी।


० नूरुद्दीन अंसारी ० 

नयी दिल्ली - गोल्ड प्लस ग्लास इंडस्ट्री लिमिटेड भारत में फ्लोट ग्लास की दूसरी सबसे बड़ी निर्माता कंपनी है। वित्तीय वर्ष 2021 में फ्लोट ग्लास की विनिर्माण क्षमता में कंपनी का 16 फीसदी हिस्सा है। उत्तर भारत में, गोल्ड प्लस ग्लास उद्योग एक स्थान पर प्रति दिन 1,250 टन (टीपीडी) की कुल क्षमता के साथ सबसे बड़ी फ्लोट ग्लास निर्माता कंपनी और दो उत्पादन लाइनों वाली एकमात्र कंपनी है। 

गोल्ड प्लस ग्लास इंडस्ट्री ने मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) के साथ अपना ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) दाखिल किया है। इस ऑफर में 300 करोड़ रुपए के इक्विटी शेयरों का नया इश्यू (फ्रेश इश्यू) शामिल है, और इसमें शेयरधारकों द्वारा 12,826,224 इक्विटी शेयर तक बिक्री की पेशकश (बिक्री के लिए प्रस्ताव) भी शामिल है। कंपनी का प्रस्ताव है कि शुद्ध आय का उपयोग फंडिंग के लिए किया जाए (ए) सभी या कुछ निश्चित उधारों का पुनर्भुगतान/पूर्व भुगतान, लगभग 200 करोड़ रुपए (बी) कंपनी की इन्क्रीमेंटल वर्किंग केपिटल संबंधी जरूरतों को फंडिंग करना, लगभग 35 करोड़ रुपए और (सी) शेष राशि का उपयोग सामान्य कॉर्पाेरेट उद्देश्यों के लिए किया जाएगा।

गोल्ड प्लस ग्लास इंडस्ट्री लिमिटेड के सिग्निफिकेंट ऑपरेशंस और वैल्यू-एडेड ग्लास सेगमेंट पर ध्यान केंद्रित करने से हम भारत में अग्रणी कंपनियों में से एक बन गए हैं। कंपनी की वित्तीय वर्ष 2021 में वैल्यू-एडेड ग्लास के लिए बिक्री की मात्रा में 30 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी और क्लीयर ग्लास की बिक्री में 15 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी है। कंपनी ने 2009 में वाणिज्यिक उत्पादन शुरू किया, और कंपनी ने क्लीयर और वैल्यू एडेड ग्लास की व्यापक रेंज के साथ फ्लोट ग्लास निर्माण में अग्रणी कंपनियों में से एक बनने के लिए अपने ब्रांड और विस्तृत वितरण नेटवर्क को विकसित किया है। 

यह भारत में केवल दो निर्माताओं में से एक है जो एक स्थान से क्लीयर और वैल्यू एडेड ग्लास की एक विस्तृत रेंज का निर्माण करने में सक्षम है, जिसमें दोनों उत्पादन लाइनें फंजीबल हैं जो हमें कुछ प्रतिस्पर्धी लाभ प्रदान करती हैं। (स्रोत- क्रिसिल रिपोर्ट) आईआईएफएल सिक्योरिटीज लिमिटेड, एक्सिस केपिटल लिमिटेड, जेफरीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और एसबीआई केपिटल मार्केट्स लिमिटेड इस इश्यू के बुक रनिंग लीड मैनेजर हैं।

० संवाददाता द्वारा ० 

नई दिल्ली : जियो बीपी और टीवीएस मोटर कंपनी के बीच, देश में इलेक्ट्रिक दोपहिया और तिपहिया वाहनों की चार्जिंग के लिए एक मजबूत बुनियादी ढांचा बनाने की संभावनाओं का पता लगाने पर सहमति बनी है। यह जियो-बीपी के नेटवर्क पर आधारित होगा। इस प्रस्तावित साझेदारी के तहत, टीवीएस के इलेक्ट्रिक वाहनों के ग्राहकों को जियो-बीपी के व्यापक चार्जिंग नेटवर्क तक पहुंच मिलेगी। जाहिर है अन्य इलेक्ट्रानिक वाहनों के लिए भी यह चार्जिंग स्टेशन खुले रहेंगे।

ग्राहकों को व्यापक और विश्वसनीय चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर मुहैया कराने के लिए एसी चार्जिंग नेटवर्क के साथ डीसी फास्ट-चार्जिंग नेटवर्क भी बनाया जाएगा। इलेक्ट्रिफिकेशन के क्षेत्र में दोनों कंपनियां को अंतरराष्ट्रीय स्तर की महारत हासिल है, कंपनियां अपनी इस महारत का उपयोग भारतीय बाजार में करेंगी ताकि ग्राहकों को नया अनुभव दिया जा सके। जियो-बीपी अपने इलेक्ट्रानिक वाहन चार्जिंग और स्वैपिंग स्टेशनों को जियो-बीपी पल्स ब्रांड के तहत चलाता है। जियो-बीपी पल्स ऐप से ग्राहक आसानी से आस-पास के चार्जिंग स्टेशन ढूंढ सकते हैं और अपने इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज कर सकते हैं। जियो-बीपी एक मजबूत चार्जिंग इकोसिस्टम भी बना रहा है जो सभी हितधारकों को लाभ पहुंचाएगा।

टीवीएस मोटर कंपनी ने नए इलेक्ट्रिक मोबिलिटी उत्पादों और संबंधित तकनीकों को विकसित करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की है। लॉन्च के बाद से कंपनी अपने पहले हाई-स्पीड इलेक्ट्रिक स्कूटर TVS iQube की 12,000 से अधिक यूनिट बेच चुकी है। टीवीएस आईक्यूब एक स्मार्ट, कनेक्टेड और व्यावहारिक ईवी है जो ग्राहकों की दैनिक आवागमन की जरूरतों को पूरा करता है। कंपनी 5-25 KW की रेंज में दो और तिपहिया वाहनों का एक पूरा पोर्टफोलियो तैयार कर रही है, जो अगले 24 महीनों के भीतर बाजार में उतारा जाएगा। यह साझेदारी, देश में दोपहिया और तिपहिया ग्राहकों को ईवी अपनाने की दिशा में कदम बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करेगी और साथ ही भारत के नेट-जीरो उत्सर्जन लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करेगी।

० योगेश भट्ट ० 

नयी दिल्ली -पिछले कुछ महीनों में कई कंपनियों के सार्वजनिक होने के साथ, भारत की सबसे बड़ी बीमा कंपनी के सूचीबद्ध होने का फैसला एक महत्वपूर्ण कदम है। हाल की रिपोर्टों से पता चलता है कि सरकार की योजना आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के माध्यम से भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) में 5% हिस्सेदारी को कम करने की है। हालांकि, आईपीओ के लिए मूल्य निर्धारण अभी तक तय नहीं किया गया है लेकिन इसके अब तक की सबसे बड़ी बीमा कंपनियों में से एक के सूचीबद्ध होने की उम्मीद है।

लिस्टिंग के लिए आवेदन दे चुकी एलआईसी अनुमोदन का इंतजार कर रही है और इसके अगले महीने लॉन्च होने की उम्मीद है और इस बीमा कंपनी का निजीकरण देश की कमजोर हो रही अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए सरकार की तरफ से उठाया गया एक रणनीतिक कदम है। आईपीओ की घोषणा के बाद अधिकांश खुदरा और कॉरपोरेट निवेशक अपने-अपने अनुमानों को लगाने में व्यस्त हैं। 10 अरब डॉलर के संभावित लक्ष्य के साथ देश के बजट घाटे को भरने के इरादे से, यह आईपीओ एलआईसी को रिलायंस और टीसीएस के बराबर सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध कंपनियों में से एक बना सकता है।

भारतीय बाजार में एलआईसी का मौजूदा पैर जमाना साल 1956 में स्थापित एलआईसी भारत के संपूर्ण घरेलू जीवन बीमा खंड की दो तिहाई हिस्सेदारी अपने पास रखता है। वित्त वर्ष 2020-21 में 64.1% बाजार हिस्सेदारी के साथ एलआईसी 530 अरब डॉलर की संपत्ति का प्रबंधन करता है, जो भारत के सकल घरेलू उत्पाद के लगभग 16% के बराबर है। हालांकि,कंपनी का मूल्यांकन अभी निर्धारित नहीं किया गया है, लेकिन इसके पास लगभग 2,000कार्यालय और 1,500 दूरस्थ कार्यालय हैं, जिसमें देश भर में एक लाख से अधिक कर्मचारी और 1.3 मिलियन (13 लाख) एजेंट शामिल हैं। भारत सरकार की इस बीमा कंपनी में 100% हिस्सेदारी है, जिसकी बहरीन, बांग्लादेश, नेपाल, सिंगापुर और श्रीलंका में सहायक कंपनियों के साथ व्यापक वैश्विक उपस्थिति है। जीवन बीमा वर्ग में अन्य कंपनियों के बीच पांचवें उच्चतम शुद्ध प्रीमियम के साथ, एलआईसी 82% आरओई से अधिक का उपयोग करता है, जो कि इसके वैश्विक प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले सर्वाधिक है।

एलआईसी का आईपीओ भारतीय अर्थव्यवस्था को कैसे मजबूत करेगा भारतीय अर्थव्यवस्था पिछले कुछ वर्षों से धन की कमी का सामना कर रही है। महामारी के कारण लगाए गए लॉकडाउन ने अर्थव्यवस्था को और अधिक मुश्किल में डाल दिया है, जिससे लाखों लोगों को बेरोजगारी, गरीबी और यहां तक कि दिवालियापन का सामना करना पड़ा। भारत सरकार निजीकरण के साथ बजट घाटे को फिर से भरने की महत्वाकांक्षा का आक्रामक रूप से समर्थन कर रही है, जो पहले से ही प्रारंभिक योजनाओं के अनुसार समय से पीछे है। सरकार ने वित्त वर्ष 2021-2022 के दौरान कई अलग-अलग नीतियों को अपनाते हुए सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (पीएसई) में हिस्सेदारी बेचकर लगभग 120.3 अरब की राशि जुटाई। एलआईसी के आईपीओ की हालिया घोषणा बजट घाटे के लगभग 7.96 अरब डॉलर के अंतर को भरने के लिए की गई है।

लगभग 65 वर्षों से बाजार में, एलआईसी दक्षिण एशियाई बाजार में मजबूत उपस्थिति के साथ एक घरेलू नाम बन गया है। आगामी आईपीओ को देखते हुए सरकार खुदरा भागीदारी बढ़ाने के उपाय कर रही है। कई अऩ्य घटकों के साथ एक विशेष प्रबंध खुदरा निवेशकों को ब्रोकेरेज पर 0.35% की दी जाने वाली छूट है। इसके अलावा, एलआईसी पॉलिसीधारक उनके लिए अलग रखे गए 10% आरक्षित शेयरों का लाभ उठा सकते हैं, जो संभावित रूप से उन्हें रियायती दर पर पेश किए जाएंगे।

एक साल से अधिक समय तक स्थगित रहने के बाद, एलआईसी इंडिया की आईपीओ लिस्टिंग के लिए आवेदन दाखिल करने के बाद घरेलू और वैश्विक बाजारों में उम्मीदें बढ़ गई हैं। कंपनी के लाखों एजेंटों और पॉलिसीधारकों पर आधारित, एक शानदार लिस्टिंग निस्संदेह भारतीय अर्थव्यवस्था को बेहद मजबूत गति से आगे बढ़ाएगी। भारत में 81 मिलियन इक्विटी निवेशक हैं, और एक सकारात्मक समर्थन देश के बजट को सकारात्मक रूप से प्रभावित करते हुए अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा, जो पिछले कुछ वर्षों से पिछड़ रही है।

० योगेश भट्ट ० 

गुरुग्राम : एमजी मोटर इंडिया की बिक्री में 2021 की चौथी तिमाही के मुकाबले 2022 की पहली तिमाही में 69% का उछाल आया है। कार निर्माता कंपनी ने मार्च 2022 में कुल 4721 वाहनों की बिक्री की और इस दौरान उसे कोविड-19 के नए वैरिएंट और वैश्विक स्तर पर सेमीकंडक्टर चिप की किल्लत जैसी समस्याओं की वजह से आपूर्ति के मोर्चे पर चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा।

एमजी मोटर इंडिया ने एस्टर, हेक्टर, ग्‍लॉस्टर और ऑल-न्यू जेडएस ईवी सहित अपने उत्पाद पोर्टफोलियो को लेकर ग्राहक पूछताछ और बुकिंग में सकारात्मक गति दर्ज की है। दुनिया भर में मौजूदा आपूर्ति बाधाओं की अस्थिरता को ध्यान में रखते हुए कार निर्माता कंपनी अपने उत्पादन को स्थिति के मुताबिक समायोजित कर रहा है। 

हाल ही में लॉन्च किए गए ऑल-न्यू जेडएस ईवी को मार्च के भीतर ही 1500 से अधिक की बुकिंग्‍स मिली है, जो मजबूत ग्राहक प्रतिक्रिया को दर्शाता है। ऑल-न्यू जेडएस ईवी उन्नत तकनीक के साथ सबसे बड़ी इन-सेगमेंट 50.3 kWh बैटरी के साथ आता है, जो एक बार चार्ज करने पर 461 किमी की प्रमाणित रेंज पेश करता है। एमजी भारत में एक स्थायी भविष्य बनाने की दृष्टि से ईवी पारितंत्र को मजबूत करने और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी अपनाने को बढ़ाने की दिशा में ठोस कदम उठाना जारी रखे हुए है।

० संत कुमार गोस्वामी ० 

बिहार -छपरा शाम कोरिया बिहार बोर्ड पटना द्वारा हाई स्कूल के परीक्षा के परिणाम आने से विद्यार्थियों में खुशी की लहर देखी जा रही है। शाम कोरिया में संचालित द पाई क्लासेज के विद्यार्थियों ने परचम लहराया  अनिल कुमार पिता सचेंद्र परसाद घर चकहन 500 अंक में 428 लाए, तनु कुमार पिता मोतीलाल राय घर सिसवन 459/500 लाए

अस्वनी कुमारी पिता ललन राय घर सिसवन ने 10 वी की परीक्षा में बढ़िया अंक लाकर अपने क्षेत्र का नाम रोशन किया । इनसे बातचीत करने के दौरान अपने गुरु माता पिता को श्रेय दिए बोले कोचीन के गाइड लाइन के द्वारा पढ़ाई किए । आज हमलोग खुश है । इस इस कोचिंग के व्यवस्थापक रंजीत कुमार ने कहा हमलोग बहुत मेहनत सटीक ढग से बच्चो को पढ़ाई जानकर शिक्षक द्वारा कराया जाता है इसी का परिणाम है हमारे यहां शाम कोरिया का नाम रोशन किए है । हम लोगो का हमेशा प्रयास रहता है की बच्चे को सही सदमार्ग मिले । इस मौके पर गुलाब सर, मुकेश सर गिरिजा देवी के आलावा अन्य बच्चे मौजूद रहे ।

०  योगेश भट्ट ० 

नयी दिल्ली : प्रमुख सोशल सेलिंग स्वीडिश ब्यूटी ब्रांड, ओरिफ्लेम ब्यूटी बाय स्वीडन के साथ सुंदरता की परिभाषा को बदल रहा है। यह ब्रांड सुंदरता की और व्यापक परिभाषा को मानता है, इसलिये यह सिर्फ अच्छा दिखने से परे है। ओरिफ्लेम के अनुसार, सुंदर होने का अर्थ है अच्छा दिखना और अच्छा महसूस करना, बाहर से भी और अंदर से भी। इसी सोच पर निर्मित, इस ब्रांड ने माइंड एंड मूड के साथ एसेंशियल ऑयल के बाजार में कदम रखा है। आज के समय में सेहत का मतलब सिर्फ शारीरिक तंदुरुस्ती नहीं, बल्कि भावनात्‍मक स्‍वास्‍थ्‍य भी है। बड़े पैमाने पर अब लोग अपनी भावनात्‍मक सेहत का ध्यान रखने लगे हैं, खासकर पूरी दुनिया में महामारी के इस दौर में। चूंकि, हमारा व्यवहार, प्रतिक्रिया, निर्णय और मूड के पीछे भावनाएं ही सबसे बड़ी ताकत के रूप में काम करती हैं। इसलिये अपनी भावनानत्मक सेहत का ख्याल रखना बहुत जरूरी है, ताकि आप सबसे बेहतर तरीके से काम कर पाएं, अपने रिश्तों में परिवार, दोस्तों और खुद के साथ बेहतर रह पाएं।
ओरिफ्लेम के माइंड एंड मूड एसेंशियल ऑयल ब्लेंड्स 100% प्राकृतिक और सावधानी से सोर्स किए गए हैं, जिन्हें आपकी भावनात्मक सेहत के लिये तैयार किया गया है। ये 4 वैरिएंट्स में उपलब्ध हैं - एनर्जाइज मी, एम्पावर मी, बैलेंस मी और रिलैक्स मी। ओरिफ्लेम का माइंड एंड बॉडी एसेंशियल ऑयल ब्लेंड्स दिमाग पर इसके सकारात्मक प्रभावों को मापने के लिये न्यूरोसाइंटिफिक परीक्षण से गुजरने वाला दुनिया का पहला प्रोडक्‍ट है। दिमाग के अलग-अलग हिस्सों पर हर सुगंध के प्रभाव के बारे में फंक्शनल मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजरी (एफएमआरआई) टेस्टिंग के माध्यम से व्यापक रूप से अध्ययन किया गया है। ओरिफ्लेम ने 4 प्रमुख पलों की पहचान की है, जोकि हमारी भावनात्मक सेहत पर हर दिन गहरा प्रभाव डालते हैं, जिसे हम उस समय की जरूरत के अनुसार अपने मूड को मैनेज कर सकते हैं।

एनर्जाइज मी, पिंक पेपर और ग्रेपफ्रूट के साथ, एक जोशीला और स्पाइसी सुगंध से भरपूर है। यह ऊर्जा को बढ़ाने के लिये मोटर कॉर्टेक्स पर काम करता है, सुबह जल्दी उठना हो या दोपहर में सुस्ती लग रही हो, ऐसे में यह बहुत कारगर है। एम्पावर मी, लॉरेल और बर्गमोट से भरपूर, एक ग्रीन, हर्बल और रसदार सुगंध है जो वेंट्रोमेडियल प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स पर काम करती है ताकि एक जरूरी मीटिंग से पहले या लोगों को संबोधित करने से पहले आपका आत्मविश्वास बढ़ाने तथा खुद को सशक्‍त बनाने के लिए चैनलाइज कर पाएं।

ओलिबानाम और सेडारवुड के साथ बैलेंस मी में वुड, मिट्टी की भीनी-भीनी और दिल को सुकून पहुंचाने वाली खुशबू है जोकि प्रीक्यून्यूस पर प्रभाव डालता है। इससे हम ज्यादा सक्रिय होते हैं और दिमाग को शांत रखने के लिये माइंडफुल हो पाते हैं। इससे आप कम भ्रमित महसूस करते हैं और उस पल में ही जीते हैं, चाहे आप दफ्तर में काम के बीच में स्विच करना चाहें या अपनी पर्सनल लाइफ जीने के लिये काम से स्विच ऑफ होना चाहें। कुल मिलाकर, रिलैक्स मी चंदन और लैवंडिन से भरपूर है, दिमाग को शांत करने के लिये पोंस और ग्लोबस पैलिडस पर काम करता है। एक खुशनुमा और वुडी खुशबू अपने दिमाग को सुकून देने और सोने से पहले अपने तनाव को दूर करने का सबसे अच्छा तरीका है। यह सुनिश्चित करते हुए कि ये ऑयल ब्लेंड्स दिन के हर जरूरी पल में आपकी मदद करें, ओरिफ्लेम ने इन्हें उपयोग में भी बहुत आसान बना दिया है। बस कभी भी, कहीं भी बोतल से खुशबू को सांस से अंदर लें, या अपने कमरे को खुशबूदार करने लिये डिफ्यूजर का उपयोग करें या कैरियर ऑयल का मसाज में इस्तेमाल करें। झटपट इनका उपयोग करना चाहते हैं? यूनिक रेडी-टू-यूज फॉर्मेट के साथ बस इन्हें रोल ऑन करें।

इस लॉन्च पर अपनी बात रखते हुए, प्रवक्ता-ओरिफ्लेम ने कहा, “हमें एसेंशियल ऑयल ब्लेंड्स की अपनी नई रेंज- माइंड एंड मूड को लॉन्च करते हुए बेहद खुशी का अनुभव हो रहा है, निश्चित रूप से यह आपकी भावनात्मक सेहत को बेहतर बनाएगा। चूंकि, हमारा मानना है कि एक सेहतमंद जीवनशैली का मतलब केवल शारीरिक स्वास्थ्य नहीं होता, बल्कि मानसिक सेहत भी है। यह लॉन्च हमारे लंबे समय से सुंदरता को लेकर हमारी व्यापक सोच को आगे बढ़ाने का अगला प्राकृतिक तरीका है। माइंड मूड आपको ऊर्जा से भर देगा, आपके दिमाग को शांत करेगा, जब भी आपको जरूरत होगी यह आपको सशक्त और संतुलित बनाएगा। खासकर आज के व्यस्त, डिजिटल दुनिया में जहां आपको लगातार सक्रिय रहने की जरूरत होती है। सफल न्यूरोसाइंटिफिक परीक्षण से समर्थित, माइंड एंड मूड आपकी भावनाओं को प्रेरित करेगा और आपको अपने हिसाब से जिंदगी जीने में सक्षम बनाएगा।“

० योगेश भट्ट ०  

गुरुग्राम: भारत की अग्रणी एकीकृत आपूर्ति श्रृंखला और लॉजिस्टिक्स सेवा प्रदाता ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड ("टीसीआई") ने घोषणा करते हुए बताया कि इसकी अगले वित्त वर्ष 2023 में लगभग 250 करोड़ रुपये की पूंजी का व्यय करने की योजना है। कुल पूंजी में से 100-125 करोड़ रुपये कंपनी जहाजों और कंटेनरों पर खर्च करेगी। टीसीआई शीर्षस्‍थ में 12-15 फीसदी और आधाररेखा में 20 फीसदी वृद्धि की उम्मीद कर रही है।

पूंजी योजनाओं पर टिप्पणी करते हुए, टीसीआई के प्रबंध निदेशक श्री विनीत अग्रवाल ने कहा, ''हमारी अगले वित्त वर्ष में लगभग 250 करोड़ रुपये की पूंजी का व्‍यय करने की योजना है। इसमें से लगभग 100-125 करोड़ रुपये जहाजों और कंटेनरों पर खर्च किए जाएंगे और निश्चित रूप से कुछ राशि - 30-50 करोड़ रुपये- ट्रकों पर खर्च किए जा सकते हैं। हम गोदामों के निर्माण पर भी कुछ राशि खर्च करेंगे , जो कि लगभग 75 करोड़ रुपये होगा।जब आप देखते हैं कि बुनियादी ढाँचा का विकास हो रहा है, जो कि मल्टीमॉडल हैं, तो हमारे रेल व्यवसाय या समुद्री मार्ग के व्यवसाय को उसमें गति मिलनी चाहिए। हम ग्राहकों की माँग में बदलाव देख रहे हैं। सामान्य माल संचार वैसे भी हो रही है और हमारा परिवहन संचार कारोबार भी वहां अपेक्षाकृत अच्छा कर रहा है। इसलिए, हम बाजार में आने वाली वृद्धि पर कब्‍जा करने के लिए काफी अच्छी स्थिति में हैं।"

अग्रवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री की गति शक्ति पहल एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है क्योंकि इसका एक उद्देश्य लॉजिस्टिक्स लागत को कम करना है, जो कि मल्टीमॉडल परिवहन में बदलाव होने पर ही होगा। उन्होंने कहा, “आने वाले वर्ष में, हम लगभग 12 -15 प्रतिशत की वृद्धि देख रहे हैं और 20 प्रतिशत (विकास) आधार रेखा में वृद्धि देख रहे हैं। इसलिए, लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने के लिए मल्टीमॉडल में शिफ्ट होना चाहिए। भारत के मल्टीमॉडल इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए हो रहे सभी प्रयासों और गतिविधियों को एक साथ करने के लिए यह कार्यक्रम हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण होगा। मल्टीमॉडल का मतलब है, कि आप परिवहन के विभिन्न साधनों के बीच निर्बाध रूप से चलने में सक्षम हैं। यह लॉजिस्टिक्स प्रदाता के साथ-साथ ग्राहक के लिए भी निर्बाध होना चाहिए।”

यह अनुमान है कि अगले 5-10 वर्षों में विद्युतीकरण, जो वर्तमान में मील या शहर के स्तर पर है, में वृद्धि होगी। ईंधन के वैकल्पिक स्रोतों जैसे सीएनजी, एलएनजी और अंततः हाइड्रोजन के उपयोग में भी वृद्धि होगी। भारत को आपूर्ति श्रृंखला खंड में एक प्रमुख खिलाड़ी बनाने की दिशा में टीसीआई की नई पहल के साथ, कंपनी व्यापार और ग्राहकों के लिए लॉजिस्टिक्स में विविधता लाने पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं।

० नूरुद्दीन अंसारी ० 

नयी दिल्ली  : वाधवानी फाउंडेशन और वाधवानी कैटलिस्ट ने मैजिक बस के साथ तीन साल की रणनीतिक साझेदारी की घोषणा की ताकि मैजिक बस के युवाओं को कौशल युक्त करने और नौकरी दिलाने की उनकी प्रक्रियाओं को मजबूत किया जा सके। लीप या एलईएपी नाम का यह कार्यक्रम पहले ही 50,000 से अधिक युवाओं के जीवन को बदल चुका है।

नई साझेदारी के बारे में संजय शाह, चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर, वाधवानी फाउंडेशन - इंडिया/एसईए ने कहा, "वाधवानी फाउंडेशन मैजिक बस के साथ साझेदारी करके उत्साहित है। इसका एलईएपी कार्यक्रम अद्वितीय और उच्च प्रभाव वाला है। इसके तहत वंचित और हाशिए के समुदाय के हजारों युवाओं को विकास क्षेत्रों में चाहत वाली नौकरी और भूमिकाओं के लिए कुशल बनाया जाता है। वे बदलाव ला रहे हैं और रोजगार आधारित प्रभाव पैदा कर रहे हैं। हम मैजिक बस को उनके कौशल प्रयासों को तेज करने और अधिक जीवन को छूने में मदद करने के लिए वाधवानी पारिस्थितिकी तंत्र को आगे बढ़ाने के लिए तत्पर हैं।” अपने किस्म की यह पहली, परिणाम-आधारित साझेदारी न केवल यह सुनिश्चित करेगी कि पोस्ट ग्रेजुएट मैजिक बस छात्रों को 21वीं सदी के जीवन कौशल में अच्छी तरह से प्रशिक्षित किया जाता है और चाहत वाली नौकरियों तथा भूमिकाओं में बैंकिंग, आईटी तथा आईटीईएस, बिक्री और मार्केटिंग, हेल्थकेयर जैसे उच्च विकास वाले क्षेत्रों में रखा जाता है लेकिन परिवार के समर्थन वाले आय स्तरों पर कम से कम छह महीने के लिए उनका निरंतर रोजगार सुनिश्चित किया जाता है।

फंडिंग बंद होने पर टिप्पणी करते हुए, सिद्धार्थ ढोंडियाल, कार्यकारी वीपी – वेंचर फास्ट ट्रैक एंड कैटेलिस्ट, ने कहा, “मैजिक बस के साथ हमारी साझेदारी वाधवानी कैटेलिस्ट की रणनीति का उदाहरण है जो भारत में ऐसी संस्थाओं के विकास को प्रेरित करता है जिनके पास बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन की क्षमता और प्रतिबद्धता है। हम इस यात्रा में मैजिक बस के साथ मिलकर काम करने को लेकर आशान्वित हैं।"वाधवानी कैटलिस्ट द्वारा यह फंडिंग बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन को उत्प्रेरित करने के लिए अनुदान सहायता के माध्यम से प्रभाव को बढ़ाने के अपने मिशन के अनुरूप है। वाधवानी कैटेलिस्ट मैजिक बस को बेहतर प्रक्रिया और सिस्टम बनाने में भी सक्षम बनाएगा ताकि प्लेसमेंट के बाद छात्रों को कुशलता से ट्रैक किया जा सके और प्लेसमेंट के बाद सहायता प्रदान की जा सके।

वाधवानी कैटलिस्ट के साथ इस रणनीतिक गठजोड़ पर खुशी जताते हुए , मैजिक बस के ग्लोबल सीईओ, जयंत रस्तोगी ने कहा, “यह अपनी तरह की एक उच्च प्रभाव वाली स्किलिंग साझेदारी है जो सुनिश्चित करेगी कि 18-25 वर्ष के आयु वर्ग के युवाओं में बाजार की जरूरत के अनुसार कौशल हैं, वे नौकरी या रोजगार की दुनिया में आत्मविश्वास के साथ रह सकें और उन्हें स्थायी आजीविका मिले। यह साझेदारी मैजिक बस को स्किलिंग स्पेस में बनाए गए मौजूदा इकोसिस्टम पर और आगे बढ़ने में सक्षम बनाएगी, ताकि नौकरियों में युवाओं की उर्ध्व गतिशीलता सुनिश्चित हो सके और प्रभाव को ट्रैक करने तथा मापने के लिए एक मजबूत तकनीकी आधारित प्लेटफॉर्म का निर्माण किया जा सके। "

मैजिक बस के कार्यकारी निदेशक- सस्टेनेबिलिटी एंड पार्टनरशिप अरुण नलवाड़ी ने कहा, “यह साझेदारी भारत में स्किलिंग को देखने के तरीके में एक 'सांस्कृतिक बदलाव' लाएगी। प्लेसमेंट पर जोर दिया जा रहा है और युवाओं के रिटेंशन और करियर ट्रांजिशन पर कम ध्यान दिया जा रहा है। यह फंडिंग समर्थन हमें विकास के क्षेत्र में 'प्रमुख गुणवत्ता वाले खिलाड़ी' के रूप में उभरने का अवसर देगा, और इस साझेदारी से सीखने को दूसरों से सीखने और दोहराने के लिए व्यापक रूप से साझा किया जा सकता है ।"


० योगेश भट्ट ० 

नयी दिल्ली : भारत की अग्रणी ऑनलाइन मैट्रिमोनी कंपनी, Matrimony.com ने भारतवासियों के लिये एक विशेष स्थानीय भाषा में मैचमकिंग ऐप Jodii के लॉन्च की घोषणा की है। यह सेवा हिन्दी के साथ साथ मराठी, बंगाली, पंजाबी, गुजराती, तमिल और तेलुगू के जैसे ९ भाषाओं में उपलब्ध है। कंपनी ने पिछले २२ वर्षों में लाखों भारतीयों को अपने जीवनसंगी ढूँढने में मदद की है। अपने इसी सफल इतिहास, और आम जनता कि अपने मातृभाषा में एक मैचमकिंग ऐप की तलाश के आधार पर Matrimony.com ने यह नई सेवा शुरू की है। यह ऐप गूगल प्लेस्टोर पर उपलब्ध है।

Jodii ऐप पर डिप्लोमा, 12th (बारहवीं), 10th (दसवीं) या उससे कम कक्षा तक पढ़े हुए लोगों की आवश्यकताओं को पूरा करता है। पेशे के लिहाज से यह सेवा श्रमिक श्रेणी और स्वरोजगारी लोगों के लिए आदर्श है। भारतीय भाषा में बात करने वाले लोग देश के सारे इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के लगभग ७५% हिस्सा है और उनमें से ९०% अपनी स्थानीय भाषा में इंटरनेट सेवाएं उपयोग करना पसंद करते हैं। ५० करोड़ भारतीय हिन्दी में बात करते हैं। इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के भाषा के मामले में, हिन्दी २०.१ करोड़ पर है, जहा अन्य भारतीय भाषाओं में २२.४ करोड़ उपयोगकर्ताएं हैं। मोबाइल इंटरनेट की बढ़ती लोकप्रियता के साथ साथ हैंडसेट की गिरती कीमतों ने छोटे शहरों में पहली बार मोबाइल इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों की संख्या बढ़ाने में सहायता कि है। महामारी के कारण इन उपयोगकर्ताओं में डिजिटल सेवाएं अपनाने में तेज़ी से बढ़ोतरी हुई है।

ऑनलाइन मैचमकिंग बहुत लोकप्रिय हो रहा है, मगर अन्य डिजिटल सेवाओं के गति से नहीं। यह बाजार में मौजूद मैचमकिंग सेवाओं के कमियों के कारण है, जैसे कि सिर्फ अंग्रेजी भाषा में उपलब्धता, सेवाओं की मुश्किल प्रक्रियाएं और महंगी योजनाएं, जिससे इन उपयोगकर्ताओं के लिए उपयुक्त प्रोफाइल की संख्या कम हो जाती है। यही नहीं, इन उपयोगकर्ताओं को अपने ही कुछ चुनौतियों का सामना करना पढ़ता है, जैसे कि अपने ही दोस्तों और रिश्तेदारों में से ढूँढें हुए गिने चुने रिश्तें, और दूसरे भरोसेमंद जानकरी देने वालों की कमी। Matrimony.com के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और चीफ मार्केटिंग ऑफिसर, श्री अर्जुन भाटिया ने कहा है, “तेज़ी से बढ़ती डिजिटल दुनिया में, जोड़ी एक ऐसी सरल टेक्नोलॉजिकल समाधान है जो हर आम भारतीय के लिए अपने सपनों की जीवनसंगी ढूँढने की परेशानी को दूर करता है। जोड़ी आपको रिश्तें ढूँढने के सफर में विकल्प, सुविधा और सुरक्षा देता है। हम महिलायों को ऐसे निर्णय लेने के लिये शशक्त कर रहे है जिस्से उनके जीवन पर सही प्रभाव पढ़े।”

Jodii ऐप की मुख्य विशेषताएं:

•Jodii ऐप का उपयोग करना आसान है और यह हिन्दी, मराठी, बंगाली, पंजाबी, गुजराती, ओरिया, तमिल, तेलुगू, कन्नडा और मलयालम के साथ १० भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है। इसमें प्रोफाइल बनाने के लिये बस कुछ ही साधरण जानकरी देना काफी है। •उपयोगकर्ता अपनी भाषा में रजिस्ट्रेशन कर सकते है और धर्म, शहर, जाती, शिक्षा और आय के आधार पर अपने लिये रिश्तें ढूँढ सकते है।

• Jodii ऐप आपके उपयुक्त जीवनसंगी के खोज में आपको गोपनीयता और सुरक्षा का भरोसा देता है। महिला सदस्यों को यह सुविधा दी जाती है कि वे अपनी फोटो को छुपा सकते है और बस अपने पसंदीदा प्रोफाइल को ही अपना फोटो देखने दे सकते है। •सभी पुरुष सदस्यों को अपना प्रोफाइल सरकारी प्रमाणपत्र के द्वारा सत्यपित करना आवश्यक है। •जोड़ी पे रजिस्ट्रेशन बिलकुल मुफ्त है और कुछ बहुत ही सुलभ प्लान्स के द्वारा आप और भी सुविधाएं पा सकते है जैसे कि किसी प्रोफाइल को सीधा कॉल करना या प्रोफाइल कि कुंडली देखना। आप गूगल प्लेस्टोर से जोड़ी ऐप डाउनलोड कर सकते है

० योगेश भट्ट ० 

मुंबई : एचडीएफसी बैंक ने अपने 5वें वार्षिक स्मार्टअप परिवर्तन ग्रांट्स 2022 के विजेताओं की घोषणा की। एचडीएफसी बैंक ने पर्यावरण, स्वास्थ्य सेवा क्षेत्रों और लैंगिक विविधता के सामने आने वाली समस्याओं को दूर करने पर केंद्रित 85 अभिनव स्टार्ट-अप को ग्रांट्स प्रदान किया। इन ग्रांट्स का उद्देश्य समाज और पर्यावरण में स्थायी परिवर्तन लाने के लिए अद्वितीय समाधान पेश करने वाले स्टार्ट-अप को पोषित करना है। ये ग्रांट्स बैंक की सामाजिक पहल के लिए प्रमुख सीएसआर कार्यक्रम #परिवर्तन के तत्वावधान में पेश किए गए हैं।

विजेताओं को शॉर्टलिस्ट करने और सलाह देने के लिए, बैंक ने आईआईएम-बी, आईएसबी, एआईसी एनकोर डेवलपमेंटल इम्पैक्ट फाउंडेशन, केआईआईटी-टेक्नोलॉजी बिजनेस, अमृता टेक्नोलॉजी बिजनेस इनक्यूबेटर, इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और सोशल एंटरप्रेन्योर फाउंडेशन इंडिया सहित 28 इनक्यूबेटरों के साथ भागीदारी की। अन्य। इन इन्क्यूबेटरों ने बैंक के साथ, कठोर स्क्रीनिंग प्रक्रिया के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे देश भर के 150 से अधिक आवेदकों के पूल से 85 स्टार्ट-अप का चयन किया।

जीतने वाली कुछ पिचें विडकेयर टेक्नोलॉजीज, ज़िनी द हेल्थकेयर एआई, इको डेको, अयांग ट्रस्ट, नवोदय फाउंडेशन और फेलिस लियो वेंचर्स द्वारा बनाई गई थीं। विजेता महिला सशक्तिकरण से लेकर बायो-डिग्रेडेबल बैटरी बनाने, अपस्किलिंग, रीसाइक्लिंग और बहुत कुछ जैसी विविध समस्याओं को हल कर रहे हैं। इन्क्यूबेटरों और विजेताओं की पूरी सूची अनुलग्नक में उपलब्ध है] बैंक ने 2017 में स्मार्टअप ग्रांट्स की स्थापना की और तब से पूरे भारत के विभिन्न शहरों से लगभग 90 स्टार्ट-अप का समर्थन किया। संचयी रूप से, पिछले पांच वर्षों में, बैंक ने लगभग ₹35 करोड़ ग्रांट्स का वितरण किया है।

इस साल भी, महामारी प्रोटोकॉल का पालन करते हुए, स्क्रीनिंग ऑनलाइन की गई थी। स्टार्टअप्स ने वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर अपनी पिच बनाई। स्टार्ट-अप का मूल्यांकन करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण मानदंड संभावित प्रभाव थे जो वे निम्नलिखित मानकों पर दे सकते थे: विचार की स्थिरता बढ़ने की संभावना यह समाज और पर्यावरण को कैसे लाभ पहुंचाता है परियोजना की विशिष्टता। ““परिवर्तन स्मार्टअप ग्रांट्स भारत में स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र के साथ हमारे संबंधों को मजबूत करने के लिए बैंक की प्रतिबद्धता का हिस्सा है। स्मार्टअप कार्यक्रम के माध्यम से, हम समाज और पर्यावरण के लिए रोजगार, अवसर और प्रभाव पैदा करने के लिए स्टार्ट-अप समुदाय की उद्यमशीलता की भावना का पोषण कर रहे हैं। हम उद्यमियों को उनके दृष्टिकोण को साकार करने और समाज के लिए मूल्य बनाने में मदद करने के लिए स्मार्ट वित्तीय उपकरण, सलाहकार सेवाओं और प्रौद्योगिकी से लैस करते हैं। हम समाज में स्थायी परिवर्तन लाने के लिए अभिनव समाधानों पर काम कर रहे स्टार्ट-अप से अवगत हैं। ये अनुदान हमारे समाज को लचीला बनाने के लिए काम कर रहे स्टार्ट-अप के लिए हमारी प्रशंसा और समर्थन हैं, ”सुश्री स्मिता भगत, ग्रुप हेड, गवर्नमेंट एंड इंस्टीट्यूशनल बिजनेस, बीसी एंड पार्टनरशिप बैंकिंग, इकोसिस्टम बैंकिंग, इनक्लूसिव बैंकिंग ग्रुप और स्टार्ट-अप्स, एचडीएफसी बैंक ने कहा।

“स्टार्ट-अप को लगातार समर्थन देने का यह हमारा पांचवां वर्ष है। सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन लाने के इच्छुक उद्यमियों की मदद करने में इस अविश्वसनीय यात्रा का हिस्सा बनकर हमें खुशी हो रही है। #परिवर्तन, हमारा प्रमुख सीएसआर कार्यक्रम, समाज की भलाई के लिए एक उत्प्रेरक होने के लिए भी खड़ा है। आजीविका बढ़ाने के लिए काम कर रहे स्टार्ट-अप, कौशल और समाज के चुनौतीपूर्ण वर्गों के साथ काम करना; समावेशी परिवर्तन लाना उस समाज को वापस देने के हमारे उद्देश्य के अनुरूप है, जिसमें हम रहते हैं," सुश्री आशिमा भट, ग्रुप हेड - बिजनेस फाइनेंस एंड स्ट्रैटेजी, सीएसआर और ईएसजी, एडमिनिस्ट्रेशन एंड इंफ्रास्ट्रक्चर, एचडीएफसी बैंक ने कहा। अतीत में, जलवायु परिवर्तन, अपशिष्ट प्रबंधन, कौशल प्रशिक्षण और आजीविका बढ़ाने के लिए अभिनव समाधानों पर काम कर रहे स्टार्ट-अप द्वारा कुछ अद्वितीय विचारों को स्मार्ट-अप ग्रांट्स दिया गया है।

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