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मोबाइल फोन बाजार में अनुचित व्यापार को रोकने के लिए सरकार को ई- कॉमर्स व्यापार नीति को और शख्त करने की जरूरत

० संवाददाता द्वारा ० 

कोलकाता : देशभर में 1.50 लाख से अधिक रिटेल मोबाइल विक्रेताओं का प्रतिनिधित्व करने वाली शीर्ष संस्था "ऑल इंडिया मोबाइल रिटेलर्स एसोसिएशन" (एआईएमआरए) ने केंद्र सरकार की पुरानी ई-कॉमर्स नीति पर सरकार को चेतावनी दी है कि, मौजूदा समय में ऑनलाइन बिक्री प्लेटफार्म में शामिल कंपनियों की अनैतिक, भेदभावपूर्ण और एकाधिकारवादी व्यवसायिक नीति पूरे देश में 1.50 लाख रिटेल मोबाइल फोन विक्रेताओं के भविष्य को खतरे में डाल रही है। कोलकाता में एआईएमआरए की 8वीं वार्षिक सभा का आयोजन किया गया। इसमें देशभर से सैकड़ों खुदरा मोबाइल फोन विक्रेता और एसोसिएशन के सदस्य एकत्रित हुए। इस वर्ष के एजीएम में मोबाइल खुदरा विक्रेताओं के सामने आनेवाली इन चुनौतियों का सामना करने और इससे सफलता पूर्वक निपटने के लिए एक काउंटर रणनीति तैयार करने पर इस सभा में विचार-विमर्श किया गया।

श्री मोहन बाजोरिया (अध्यक्ष, एआईएमआरए, बंगाल) ने कहा, हम देश भर में 1.50 लाख से अधिक खुदरा मोबाइल विक्रेताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उनकी विभिन्न मांगों की सूची के साथ सरकार से संपर्क करेंगे। इसमें हम सरकार को मौजूदा समय में मार्केट में ऑनलाइन बिक्री के चैनल और पोर्टलों द्वारा अनैतिक व्यावसायिक सिस्टम के कारण किस तरह उनसे अपनी प्रतिस्पर्धा बचाए रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, इसकी पूरी जानकारी सरकार को देंगे। इन ई- कॉमर्स चैनल द्वारा अनैतिक व्यापारिक प्रथाओं को रोकने के लिए सरकार इनके लिए नए शख्त नियमों को तैयार करे, जिससे मार्केट में खुदरा मोबाइल विक्रेताओं का हित जुड़ा हो, वे सरकार का ध्यान इस ओर आकर्षित करेंगे।

 मृदुल विश्वास (महासचिव, एआईएमआरए, बंगाल) ने कहा, मौजूदा आर्थिक वित्त वर्ष में 38 अरब अमेरिकी डॉलर का भारतीय स्मार्ट फोन बाजार दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे तेजी से बढ़ता मोबाइल फोन का बाजार है। इसके कारण कई ब्रांडेड मोबाइल फोन कंपनियों ने वर्ष 2021 में भारत में अपने उच्चतम शिपमेंट के आंकड़े भी दर्ज किए हैं। कोविड के प्रभाव के कारण अब देशभर में 50 प्रतिशत स्मार्ट फोन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए बेचा जा रहा है। इसके कारण मोबाइल फोन बिक्री करनेवाले खुदरा विक्रेताओं के लिए लगातार नई चुनौतिया सामने आ रही हैं। इन दिनों भारत में एक नया भेदभावपूर्ण वातावरण उभरकर सामने आ रहा है, जहां बड़ी ई- कॉमर्स कंपनियां बिना किसी डर के लगातार सरकारी मानदंडों का उल्लंघन कर रही हैं। जिससे छोटे रिटेल दुकानदारों को समस्या हो रही है, जिसका असर उनके व्यापार पर पड़ रहा है। सरकार को व्यवसाय संचालन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए तत्काल सख्त कदम उठाने की जरूरत है।

इस मौके पर संजीव पाल (उपाध्यक्ष, एआईएमआरए, बंगाल) ने कहा, सरकार को खुदरा मोबाइल विक्रेताओं के लिए जीएसटी मानदंडों को समझने और आसानी से इसका पालन करने के लिए जीएसटी मानदंडों को और भी आसान और सरल बनाने के लिए कदम उठाने चाहिए। मौजूदा सरकार की जीएसटी नीति छोटे मोबाइल खुदरा विक्रेताओं के लिए घोर चिंता का विषय बना हुआ है। सभी रिटेल व्यापारी इसे जटिल और व्यवसाय करने के लिए अनुकूल नहीं मानते हैं।

कोलकाता में आयोजित एआईएमआरए की इस वार्षिक सभा में कोर कमेटी के सदस्य और संस्थापक अध्यक्ष कैलाश लखयानी, राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंदर खुराना, वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री विभूति प्रसाद और संयुक्त महासचिव नवनीत पाठक के मार्गदर्शन में देशभर में अखिल भारतीय रक्तदान शिविर को हरी झंडी दिखाने के प्रस्ताव को भी अंतिम रूप दिया गया, जिसमें देशभर के रिटेल मोबाइल विक्रेता समाज हित के लिए रक्तदान कर स्वस्थ समाज को गढ़ने में अपना योगदान देंगे।
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