Halloween Costume ideas 2015

होली के मुहावरे

 


0 चंचल हरेंद्र वशिष्ट 0

१.

ऐसे भी मनाएँ होली,बिन गुलाल और रंग 

सारे हैं रंग,मुहावरों और लोकोक्ति के संग

२.

मुहावरे बने रंगीन कैसे बिना अबीर गुलाल

रंगे सियार भी घूमते,आँखे भी गुस्से से लाल

३.

लाली मेरे लाल की जित देखूँ  तित लाल

लाली देखन मैं गई तो मैं भी हो गई लाल

४.

कहीं दाल में काला,कहीं खरबूजा बदले रंग

कोई शर्म से पानी पानी,किसी का लाल रंग।

५.

बुरी नज़र वाले का तो वैसे ही मुँह है काला

काला मुँह देखो तो,समझ लेना क्यूँ काला

६.

कुछ हो रहे हैं गुस्से से ऐसे नीले पीले लाल

चलिए तो थोड़ा सा लगा दूँ चेहरे पर गुलाल।

७.

खरबूजे को देखकर खरबूजा भी बदले रंग

इंसान भी पल पल में,यूँ ही देखो बदले रंग।

८.

गिरगिट की तरह जो भी रंग बदले इंसान

ऐसे इंसान का भी कोई,क्या भला ईमान।

९.

कोरोना के ख़ौफ़ से चेहरों के उड़ गए रंग

होली पर कोई किसी से कैसे करें हुड़दंग।

१०.

कभी रंग पड़ जाता पीला,धन होता काला सफेद,

काले कारनामें करके,बोल जाते लोग झूठ सफेद

११.

सावन के अंधे को तो दिखता है चारों ओर हरा 

खून भी सफेद पड़ जाता,और किसी का घाव हरा

१२.

रंगे हाथ पकड़ा जाए तो,फिर कैसे हो बरी

बनता नहीं काम जब तक हो न झंडी हरी

१३.

काला अक्षर भैंस बराबर,हाथ दलाली में काले

जितने भी काले सभी कहलाते बाप के साले।

१४.

कोई कीचड़ उछाले,किसी पर घड़ों पानी पड़ता,

किसी पर रंग चढ़ जाता,कभी रंग में भंग पड़ता

१५.

कोई करे हाथ पीले बेटी के ,कोई जमादे रंग

बिन हल्दी फिटकरी के किसी का चोखा रंग 

१६.

कभी दूर की घास हरी,गुदड़ी में है लाल कहीं

सावन हरे न भादों सूखे,उतरे रंग कभी यूँ ही

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