सुषमा भंडारी
न आया न पूछा न कोई खबर ली
करेगा जुल्म और कितने बता तू
सफर में अकेले चलूं क्यूँ बता दे
मुझे साथ लेले न दे यूँ सजा तू
कभी तो इशारा समझ जायगा तू
कहूं आज प्रीतम सनम तू अदा तू
उजाला तुम्ही से चमक तू सजन है
भुला ना सकूंगी मुक्कदर बना तू
तुझे पूजती हूं तुझे चाहती हूं
करूंगी वफा, बेवफा कर खता तू---
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