जयपुर । रत्न और आभूषण व्यवसाय की नींव भरोसे पर टिकी होती है और उद्योग को अपने और उपभोक्ता के बीच अटूट विश्वास हासिल करने और बनाए रखने के लिए अधिक प्रयास करने चाहिए। इस समय की जरूरत के अनुरूप व्यापार के मूल्यों में आज रंगीन जेमस्टोन्स की टेस्टिंग और स्टैन्डर्डिज़ैशन महत्वपूर्ण आवश्यकता है। देश में रत्नों का केंद्र होने के नाते जयपुर, इस प्रयास में देश का नेतृत्व करने के लिए अच्छी तरह से सुसज्जित है।
यह बात अमित यादव, महानिदेशक, विदेश व्यापार निदेशालय (डीजीएफटी) और अतिरिक्त सचिव, वाणिज्य विभाग, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने कही। वह जयपुर में जयपुर एग्जीबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर (जेईसीसी) में जयपुर ज्वैलरी शो (जेजेएस) के 17वें संस्करण के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। जेईसीसी में 27 दिसंबर तक आयोजित होने वाले जेजेएस की थीम इस वर्ष 'इट्स टाइम टू स्पार्कल' है।
यादव ने आगे कहा कि जेम्स एंड ज्वैलरी (जी एंड जे) क्षेत्र देश के विकास का एक हिस्सा है क्योंकि यह निर्यात के प्रमुख क्षेत्रों में से एक है और करीब 4 मिलियन लोगों के रोजगार सृजन में एक प्रमुख भूमिका निभाता है। वैश्विक पॉलिश्ड डायमंड के बाजार में, भारत की हिस्सेदारी वैल्यू के मामले में 75 प्रतिशत, वॉल्यूम में 85 प्रतिशत और पीस के मामले में 92 प्रतिशत होने का अनुमान है। विश्व स्तर पर, हम सोने की ज्वैलरी में चौथे सबसे बड़े निर्यातक भी हैं, चांदी की ज्वैलरी में पहले और रंगीन जेमस्टोन्स में दूसरे स्थान पर हैं। महामारी के कारण उद्योग काफी प्रभावित हुआ लेकिन वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए जी एंड जे निर्यात लक्ष्य 41 बिलियन यूएसडी से अधिक निर्धारित किया गया है।ऑल इंडिया जेम्स एंड ज्वैलरी डॉमेस्टिक काउंसिल (जीजेसी) के चेयरमैन आशीष पेठे और जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी) के क्षेत्रीय निदेशक निर्मल बरड़िया विशिष्ट अतिथि रहे।
अपने संबोधन में आशीष पेठे ने जीजेसी और जेजेएस समिति के बीच मजबूत सौहार्द को साझा किया और हॉलमार्किंग, उत्पाद शुल्क और जीएसटी के मुद्दों को लेकर उनके सामूहिक प्रयासों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि जयपुर हमेशा जेम्स और ज्वैलरी व्यापार का केंद्र बिंदु रहा है और जेजेएस का हर संस्करण उद्योग के ट्रेंड्स के बारे में एक विहंगम दृश्य देने के साथ समृद्ध अनुभव प्रदान करता है। निर्मल बरड़िया ने घोषणा की कि जयपुर मई, 2022 में इंटरनेशनल जेम्स एंड ज्वैलरी शो की मेजबानी करेगा, जो विशेष रूप से विदेशी व्यापारियों को आमंत्रित करने, विदेशी व्यापार को पुनर्जीवित करने और महामारी के कारण उत्पन्न बाधाओं के बाद फिर से जेम्स और ज्वैलरी उद्योग में आपूर्ति श्रृंखला को सुव्यवस्थित करने पर केंद्रित होगा।
जेजेएस चेयरमै विमल चंद सुराणा ने अपने स्वागत संबोधन में बताया कि इस वर्ष शो में 2 लाख वर्ग फुट के क्षेत्र में 800 बूथ्स लगाए गए हैं। इनमें से 500 बूथ्स पर ज्वैलरी, 200 बूथ्स पर जेमस्टोन्स प्रदर्शित हो रहे हैं। जबकि कॉस्ट्यूम, आर्टिकल्स और आर्टिफैक्टस 10 बूथ्स पर और 64 बूथ्स पर अलाईड मशीनरी प्रदर्शित की जा रही है। शो में कम से कम 68% बूथ डिजाइनर स्टॉल्स हैं, जहां स्टॉल मालिक रचनात्मक रूप से अपने उत्पादों का प्रदर्शन कर रहे हैं।
जेजेएस आयोजन समिति के मानद सचिव राजीव जैन ने कहा कि जयपुर ज्वैलरी शो एक गैर-लाभकारी पहल है जिसका उद्देश्य जेम्स और ज्वैलरी फ्रेटर्निटी के सदस्यों को प्रोत्साहन और एक मंच देना है। उन्होंने बताया कि 90 प्रतिशत एग्जीबिटर्स प्रत्येक वर्ष शामिल होते हैं जो कि यह दर्शाता है कि उन्हें जेजेएस में प्रदर्शनी लगाने से महत्वपूर्ण एक्सपोजर और व्यवसाय मिलता है। शो में देश के 500 टॉप रीटेलर्स भी विजिट कर रहे हैं। जैन ने बताया कि शो में ज्वैलरी और जेमस्टोन संस्थानों के साथ-साथ महिला उद्यमियों के लिए भी एक विशेष एरिया बनाया गया है। 26 दिसंबर को देशभर से 7 महिला डिजाइनरों को भी सम्मानित किया जाएगा। डिजाइनरों को प्रोत्साहित करने और बढ़ावा देने के लिए, जयपुर ज्वैलरी डिज़ाइन फेस्टिवल (जेजेडीएफ) भी इस साल तीसरी बार आयोजित हो रहा है।
शो के उद्घाटन समारोह का संचालन जेजेएस के प्रवक्ता अजय कला ने किया। उद्घाटन समारोह की शुरुआत मुख्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर की गई और उसके बाद जेजेएस शो गाइड का विमोचन किया गया। कुंदन मीना पर आधारित 'व्हेन ज्वैलरी स्पीक्स' पुस्तक को मुख्य अतिथियों को भेंट किया गया। यह पुस्तक जेजेएस की पहल पर नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ डिजाइन, अहमदाबाद के सहयोग से प्रकाशित की गई है। शो के पहले दिन, बड़ी संख्या में दर्शकों ने शो में भाग लिया और बूथ मालिकों के साथ बातचीत की। विजिटर्स के बिजनेस संबंधित प्रश्नों और शो को लेकर रूचि देखते हुए प्रतिभागियों को उत्साह की अनुभूति हो रही है।
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