जयपुर। भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के सर्जरी विभाग की ओर से एक नायाब सर्जरी की गई। जिसमें एक 55 वर्षीय महिला के पेट से 23 से.मी. बड़ी और 16.8 किलो वजनी गांठ निकाली गई। डॉ प्रशांत शर्मा और डॉ पुष्पलता गुप्ता की टीम की ओर से की गई यह सर्जरी गांठ के आकार और वजन की वजह से काफी चुनौतीपूर्ण थी। चार घंटे चली इस सर्जरी के बाद रोगी पूर्ण रूप से स्वस्थ है और ऑपरेशन के दूसरे दिन से रोगी चलने में सक्षम हो पाया है।
सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के निदेशक डॉ संजीव पाटनी ने बताया कि आमतौर पर ऑपरेट होने वाले ट्यूमर का साइज 2 से 8 सेमी का होता है। इस मामले में ओवरी में ट्यूमर को नजर अंदाज करने की वजह से पेट के अंदर ही अंदर ट्यूमर का साइज बढ़ता चला गया, जिसकी वजह से यह गांठ 23 सेमी तक बढ़ गई। सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ प्रशांत शर्मा ने बताया कि झुंझुनूं निवासी इस महिला ने पांच माह पूर्व हॉस्पिटल में पहली बार दिखाया था। जांच के बाद महिला को ऑपरेशन की सलाह दी थी, लेकिन रोगी का परिवार पहले सर्जरी के लिए तैयार नहीं था। गत 8 दिसंबर (बुधवार) को रोगी की तबियत ज्यादा खराब होने पर उसे हॉस्पिटल लाया गया और सर्जरी की गई।
डॉ शर्मा ने बताया कि रोगी को चलने और सांस लेने में काफी तकलीफ हो रही थी और वह अपने दैनिक कार्य करने में भी सक्षम नहीं था। मरीज की हालात को देखकर हमें अंदाजा था कि ट्यूमर का साइज पहले से काफी बढ़ गया है। ट्यूमर का आकार और वजन के कारण रोगी के ऑपरेशन के दौरान कई चुनौतियां थी, जिसमें सबसे बड़ी चुनौती थी ट्यूमर को फटने से बचाना। टीम में मौजूद कुशल एनिस्थियोलॉजिस्ट और नर्सिंग स्टॉफ की वजह से यह ऑपरेशन सफल हो पाया। इस मौके पर चिकित्सा अधीक्षक डॉ सुबह पठानिया ने चिकित्सालय की ओर में मौजूद सुविधाओं और जन कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देने के साथ ही चिकित्सकों की ओर से की जाने अनोखी उपचार पद्वतियों के बारे भी जानकारी दी।
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