नयी दिल्ली -इस भयावर स्थिति को मद्देनजर रखते हुए सामाजिक कार्यकर्ता रविंदर शर्मा, दपिन्दर सिंह और संजीव विकल ने भारत के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY) की क्लेम अवधि के समय को बढ़ाने की मांग की है। उनका कहना है कि पिछले कुछ महीने बहुत परेशान करने वाले रहे हैं।
इस दूसरी कोविड -19 लहर में रोजाना हजारों की संख्या में लोगों की जान जा रही है, उनमें से अधिकतर 30 और 40 की उम्र के है। ऐसे बहुत से मामले हमारे सामने आ रहे है जहां लोगों ने अपने पूरे के पूरे परिवार को खो दिया है, बच्चों ने अपने माता-पिता दोनों को खो दिया। इस नाजुक वक्त में परिवार के सदस्यों / बच्चों की स्थिति बहुत संवेदनशील है। इस वक्त उनकी भावनाओं एवं मनोदशा को प्रासंगिक बनाने की आवश्यकता है, जिससे उनको अपने माता-पिता के खोने के गम/आघात से धीरे-धीरे बाहर लाया जा सके।
इस महामारी के दौरान कई मुद्दों के बीच जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY) में दावे (क्लेम) के लिए 30 दिनों की सीमा अवधि पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जैसा कि हम सब को मालूम है कि (PMJJBY) 9 मई, 2015 को शुरू की गई, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY) 18 से 50 वर्ष की आयु के बैंक खाताधारकों को 2 लाख रुपये का बीमा कवर प्रदान करती है। यदि आपका प्रिय व्यक्ति जिसे आपने खो दिया है। मृत्यु के बाद उनका उत्तराधिकारी/नॉमनी 30 दिन के भीतर क्लेम के लिए एप्लाई कर सकता है।
यह योजना केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं में से एक है। हालाँकि इसमें दस्तावेजों को जमा करने के लिए केवल 30 दिनों की समय सीमा निर्धारित की गई है। दावे के लिए दावा प्रपत्र, डिस्चार्ज रसीद, मृत्यु प्रमाण पत्र और रद्द किए गए चेक जैसे दस्तावेज प्रस्तुत करने की मांग की जाती है। ऐसे समय में, दावा करने से पहले मृत्यु प्रमाण पत्र, मृत्यु का कारण, आदि जैसे दस्तावेज प्राप्त करने में कुछ मामलों में कई सप्ताह, यहां तक कि महीनों लग सकते हैं। इस चुनौतीपूर्ण समय में 30 दिनों के भीतर प्रस्तुत करना न केवल मुश्किल है,इस कठिन समय में अनेकों परिवारों को मदद मिल सकेगी,
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