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० योगेश भट्ट ० 

बैंगलोर  : नोब्रोकरहुड, जो नोब्रोकर का सोसाइटी सुपर ऐप है, ने अपनी ईआरपी पेशकश को और मजबूत किया है। यह प्रतिष्ठित और सर्वोच्च स्तर का पीसीआइ डीएसएस प्रमाणन प्राप्त करने वाला अभी तक का पहला रिल एस्टेट सोसाइटी ऐप बन गया है। यह प्रमाणन केवल तभी प्रदान किया जाता है जब हर साल प्लैटफॉर्म पर 60 लाख से अधिक ट्रांजैक्शन की प्रोसेसिंग होती है। पीसीआइ डीएसएस नेटवर्क सुरक्षा और व्यावसायिक सर्वश्रेष्ठ कार्यपद्धतियों पर मार्गदर्शन की व्यवस्था है जिसे पीसीआइ सिक्यूरिटी स्टैंडर्ड्स कौंसिल द्वारा अंगीकार किया गया है। इसका उद्देश्य ग्राहकों के पेमेंट कार्ड से संबधित जानकारियों की रक्षा के लिए एक “न्यूनतम सुरक्षा मानदंड” स्थापित करना है। कंपनी ने अपने ग्राहकों के लिए डेटा की रक्षा की दिशा में दृढ़ प्रतिबद्धता वाले संगठन के रूप में अपनी ठोस पहचान बनाई है।

यूजर के डेटा को ज्यादा सुरक्षित बनाने की कोशिश में, आइएसओ : 27001 प्राप्त करने के बाद इसने एक और उपलब्धि हासिल की है जो विभिन्न सोसाइटी ऐप्स के बीच इसकी श्रेष्ठता स्थापित करती है। 3 मिलियन से अधिक घर नोब्रोकरहुड पर ऑन-बोर्ड हुए हैं। सबसे सुरक्षित और उन्नत पेमेंट सिस्टम तथा न्यूनतम पेमेंट चूक के साथ अपना भुगतान प्रोसेस होने के भरोसे के अलावा, वे यूजर्स के लिए सरल और तेज अनुभव का आनंद भी उठाते हैं।

इस घटना पर नोब्रोकर के को-फाउंडर और सीटीओ, अखिल गुप्ता ने कहा कि, “हमारे प्लैटफॉर्म पर लाखों ट्रांजैक्शन होते हैं और एक कंपनी के नाते हमें यह प्रमाणन पाकर खुशी हो रही है। इससे निवासियों और प्रबंधन समिति के सदस्यों का इस प्लैटफॉर्म में भरोसा और मजबूत हुआ है। हम देश में एकमात्र ईआरपी हैं जो बिना किसी अतिरिक्त खर्च के सोसाइटी के खातों में निवासियों के ट्रांजैक्शन का तत्काल निपटान करते हैं। इसके साथ ही इससे निवासियों को दूसरे ऐप्स की तुलना में यूपीआइ पर निःशुल्क और और गैर-यूपीआइ पर 50% कम शुल्क के साथ ट्रांजैक्शन करने की सुविधा मिलती है।” यह तत्काल निपटान फीचर सोसाइटीज के लिए वरदान साबित हुआ है क्योंकि वे किसी अकाउंटेंट या चार्टर्ड अकाउंटेंट को बहाल किये बगैर स्वचालित रूप से अपने बैंक स्टेटमेंट्स का मिलान कर सकते हैं। यह एक अतिरिक्त बचत है जो निवासियों की जेब में जाती है।

अखिल गुप्ता ने यह भी कहा कि, “हमें श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ वन-स्टॉप-शॉप ऐप को सबसे पहले पेश करने का श्रेय प्राप्त है। इससे न केवल विभिन्न सोसाइटी को निवासियों से पेमेंट्स कलेक्ट करने में आसानी होती है, बल्कि वेंडर्स, वेंडर के भुगतान, आस्ति प्रबंधन, परिसंपत्तियों का निवारक रख-रखाव का प्रबंधन करना भी आसान होता है। इसके अलावा, हमारे पेटेंट के लिए प्रतीक्षारत आविष्कार का प्रयोग करके सुविधाओं के लिए बूम बैरियर्स और स्पर्श रहित/पिन रहित एंट्रीज़ के जरिए स्वचालित सुरक्षित एंट्रीज़ की सुविधा प्राप्त होती है।” नोब्रोकरहुड इस मामले में भी पहली रियल एस्टेट ईआरपी है जो बी2बी और बी2सी, दोनों तरह की बिलिंग को सपोर्ट कर सकता है। अब यह ई-इनवॉइस अनुपालक हो गया है और 1 अप्रैल 2022 से लागू सरकारी अधिसूचना 01/2022 के अनुसार जीएसटीइन प्लैटफॉर्म पर ई-इनवॉइस जनरेट कर सकता है।

० योगेश भट्ट ० 

◆ देश-दुनिया के उच्च स्तरीय वक्ताओं, सरकार के मंत्रियों, व्यापार जगत के प्रमुखों और उद्यमियों से जानकारी हासिल होग◆ स्वच्छ पर्यावरण और डिजिटल परिवर्तन में स्वीडन की अहम भूमिका के सा उद्योग क्षेत्रों और व्यापार एवं नवाचार के प्रतिस्पर्धी परिवेश का योगदान जानने का अवस◆ प्रगतिशील व्यापार परिवेश और वैश्विक विकास में तेजी के तरीकों के साथ व्यापार की स्थापना, विस्तार, नवाचार, सहयोग और निवेश पर पैनी नज 
◆ उद्योग जगत के साथियों, संभावित भागीदारों, अनुसंधान एवं विकास और नवाचार संस्थानों, स्वीडिश व्यवसायों और सरकारी अधिकारियों से संपर्क का अवसर

नई दिल्ली : स्वीडन के स्टॉकहोम स्थित ग्रैंड होटल में 20 और 21 जून को आयोजित ज्वाइन स्वीडन समिट में शामिल होने के लिए स्वीडन की सरकार ने व्यापार जगत प्रमुखों और अहम् निर्णय लेने वालों को आमंत्रित किया है। यह विशिष्ट आयोजन डिजिटल परिवर्तन और स्वच्छ पर्यावरण को बढ़ावा देने के लिए नवाचार सहयोग संभावनाओं पर केंद्रित होगा। आयोजन हाइब्रिड मोड में होगा, जिसमें आमने-सामने बात करने के साथ-साथ अधिक से अधिक संख्या में लोगों को ऑनलाइन शामिल करने के लिए इसका सीधा प्रसारण भी होगा। पूरी दुनिया की सैकड़ों कंपनियों के प्रतिनिधि, थिंक टैंक और उद्योग प्रमुख इससे जुड़ेंगे। स्टॉकहोम के इस शिखर सम्मेलन में लगभग 150 विदेशी और 100 स्वीडिश मेहमान आएंगे, जबकि डिजिटल प्रसारण सभी के लिए खुला है जो स्वीडन में व्यापार परिदृश्य के बारे में अधिक जानने के इच्छुक हैं।

शिखर सम्मेलन में शिक्षा, राजनीति, उद्योग और नवाचार के क्षेत्र में अग्रणी लोग एकजुट हो कर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे और स्वीडन में निवेश की संभावना और व्यावसायिक अवसरों को जानेंगे। यह पूरी दुनिया के गेम चेंजरों के लिए स्वीडिश उद्योग प्रमुखों, सरकार के मंत्रियों और अधिकारियों, संभावित भागीदारों और राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तरों पर कार्यरत अनुसंधान और नवाचार संस्थानों से जुड़ने का मंच होगा।

दो दिवसीय कार्यक्रम का थीम ‘पायनियर द पॉसिबल’ बहुत व्यापक है। इसमें स्वच्छ पर्यावरण और डिजिटल परिवर्तन के क्षेत्र में स्वीडन के व्यापार समुदाय की प्रतिस्पर्धी क्षमता को प्रमुखता से दिखाया जाएगा। विभिन्न सत्रों में स्वीडिश सरकार के मंत्रालयों के साथ नेटवर्किंग के अवसर और उद्योग विशेष से संवाद शामिल होंगे। पहले दिन मुख्य रूप से दो महत्वपूर्ण सत्र होंगे: ‘ज्वाइन स्वीडन टू ग्रो वर्ल्ड लीडिंग कम्पनीज़’ और ‘ज्वाइन स्वीडन टू लीड द ग्रीन ट्रांजिशन’। दूसरे दिन के पांच प्रभाग होंगे जो सस्टेनेबल प्रोडक्शन के लिए औद्योगिक परिवर्तन; सस्टेनेबल बैटरी वैल्यू चेन के लिए सहयोग; सुरक्षित, सस्टेनेबल और स्वचालित परिवहन; चिकित्सा का भविष्य - संपर्कित और सटीक स्वास्थ्य सेवा पर जोर देंगे।

शिखर सम्मेलन के बारे में भारत में स्वीडन के राजदूत क्लास मोलिन ने कहा,‘‘स्वीडन सस्टेनेबल ग्रोथ के सभी अहम् पहलुओं - परिवहन, स्वच्छ ऊर्जा और स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग के लिए आवश्यक स्वच्छ पर्यावरण और डिजिटल परिवर्तन में सबसे आगे है। भारत से हमारे द्विपक्षीय संबंध में भी नवाचार और सस्टेनेबिलिटी मुख्य घटक रहे हैं। ज्वाइन स्वीडन समिट को मैं दोनों देशों में नई साझेदारी और सस्टेनेबल ग्रोथ के लिए नए निवेश को बढ़ावा देने का बहुत ही सामयिक अवसर के रूप में देखता हूं। स्वीडन दुनिया के सबसे इनोवेटिव देशों में से एक है और आने वाले कल के स्मार्ट और सस्टेनेबल समाज को आकार देने वाले सिस्टम-वाइड सॉल्यूशन में अग्रणी रहा है। हम पूरी दुनिया के व्यवसाय जगत का स्वागत् करते हैं कि स्वीडन आएं, स्वीडन में व्यापार के लिएं सहयोग और खुलापन की परंपरा का लाभ उठायें।’’

इस आयोजन में यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, जर्मनी, संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, चीन, भारत, जापान, दक्षिण कोरिया, ताइवान और ऑस्ट्रेलिया जैसे 11 प्रमुख बाजारों के गणमान्य लोग भाग लेने के लिए आमंत्रित हैं। इसका उद्देश्य नए स्वच्छ पर्यावरण औद्योगिक युग के लिए आवश्यक सहयोग को सुदृढ़ बनाना है। इसलिए पूरी दुनिया के कई महत्वपूर्ण संगठन के प्रतिभागी बतौर मुख्य वक्ता मौजूद होंगे। साथ ही, आमंत्रितों की सूची में शामिल होंगे विभिन्न क्षेत्रों (जैसे ऑटोमोबाइल, स्वास्थ्य और चिकित्सा, प्रौद्योगिकी और नवाचार) के व्यापार प्रमुख और उद्योग प्रतिनिधि। इनमें कुछ खास नाम हैं वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम, सैंडविक कोरोमेंट, वोल्वो, टेक महिंद्रा, ओवाको, गूगल, फाइजर, ब्लूमबर्ग फिलैंथ्रॉपीज़, रिन्यूसेल और हिताची एनर्जी, नॉर्थवोल्ट और वोक्सवैगन।

आयोजन के मुख्य वक्ताओं में खास तौर से उल्लेखनीय हैं एना हॉलबर्ग, विदेश व्यापार और नॉर्डिक कार्य मंत्री; कार्ल-पीटर थोरवाल्डसन, व्यापार, उद्योग और नवाचार मंत्री; एना एकस्ट्रॉम, शिक्षा मंत्री; लीफ जोहानसन, अध्यक्ष, एस्ट्राजेनेका; रॉबर्ट फाल्क, सीईओ, एनराइड; एरियल पोराट, वीपी यूरोप, सीमेंस एनर्जी; पिया सैंडविक, सीईओ, राइज़; ओले-पीटर ओटरसन, प्रिंसिपल, करोलिंस्का इंस्टिट्यूट इंटरनेशनल कंपनी (टीबीसी) और अन्य।

भारतीय कंपनियों के लिए आयोजन को अहम् बताते हुए भारत में स्वीडन की व्यापार आयुक्त सेसिलिया ऑस्करसन ने कहा, ‘‘आज अधिकतर भारतीय सीईओ प्रतिस्पर्धा में बढ़त दिलाने में सस्टेनेबलिटी और डिजिटलीकरण की अहम् भूमिका मानते हैं जैसा कि ईवाई सीईओ सर्वे 2022 से जाहिर है। भारत भी 2070 तक कार्बन न्यूट्रल बनने को वचनबद्ध है। इसके लिए सस्टेनेबल प्रौद्योगिकियों में भारी निवेश चाहिए। स्वीडन ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स 2021 के अनुसार दुनिया का दूसरा सबसे इनोवेटिव देश है। इसलिए यह भारतीय कंपनियों के परिवर्तन से जुड़े लक्ष्य पूरे करने के लिए आवश्यक प्रौद्योगिकियों और नवाचारों का एक प्रमुख स्रोत है। साथ ही, नॉर्डिक देश जिनका 1.7 ट्रिलियन अमरीकी डालर का संयुक्त सकल घरेलू उत्पाद है आज भारतीय कंपनियों को व्यवसाय बढ़ाने का बड़ा अवसर देते हैं। कई प्रमुख भारतीय कम्पनियां जैसे एचसीएल टेक्नोलॉजीज, टीसीएस, विप्रो, आदित्य बिड़ला समूह, टेक महिंद्रा, भारत फोर्ज और कल्पतरु पावर ट्रांसमिशन आदि पहले ही स्वीडन में उल्लेखनीय निवेश कर चुकी हैं।’’

आयोजन में भागीदारी निःशुल्क है। साथ ही, मेहमानों को शिखर सम्मेलन के दौरान और बाद में भी उनकी मांग पर सेशन और व्यक्तिगत बैठकें करने की सुविधा दी जाएगी। स्वीडन इस तरह की पहल कर पूरे उद्योग जगत में स्वच्छ परिवर्तन का ब्लूप्रिंट तैयार कर रहा है और आयोजन में आप देखेंगे कि स्वीडन स्वच्छ परिवर्तन और डिजिटलीकरण के लिए क्यों एक स्प्रिंगबोर्ड का काम करेगा। आज वैश्विक चुनौतियों के समाधान के लिए संयुक्त प्रतिबद्धता और घनिष्ठ सहयोग आवश्यक है। स्वच्छ पर्यावरण के इस सफर में यह बड़ा कदम ‘ज्वाइन स्वीडन समिट’ अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों को विचार साझा करने और परस्पर लक्ष्यों को साकार करने का मंच देगा।

० योगेश भट्ट ० 

नई दिल्ली, भारतीय जन संचार संस्थान के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी को टॉप रैंकर्स मैनेजमेंट क्लब द्वारा मीडिया शिक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए 'टॉप रैंकर्स एक्सीलेंस अवॉर्ड' से सम्मानित किया गया। मॉरीशस गणराज्य की उच्चायुक्त शांति बाई हनुमानजी, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस बीपी सिंह और जेके टायर एंड इंडस्ट्रीज के निदेशक एके बाजोरिया ने नई दिल्ली में आयोजित 22वीं नेशनल मैनेजमेंट समिट में प्रो. द्विवेदी को यह सम्मान दिया। इस अवसर पर नई दिल्ली इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के चेयरमैन वी एम बंसल, केरमाइन एनर्जी के चेयरमैन डॉ. एके बाल्यान एवं टॉप रैंकर्स मैनेजमेंट कंसल्टेंट्स के प्रबंध निदेशक वीएसके सूद भी उपस्थित थे
प्रो. संजय द्विवेदी देश के प्रख्यात पत्रकार, मीडिया प्राध्यापक, अकादमिक प्रबंधक एवं संचार विशेषज्ञ हैं। डेढ़ दशक से अधिक के अपने पत्रकारिता करियर के दौरान वह विभिन्न मीडिया संगठनों में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों का निर्वहन कर चुके हैं। प्रो. द्विवेदी माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल के प्रभारी कुलपति भी रहे हैं। वह कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर में पत्रकारिता विभाग के संस्थापक अध्यक्ष भी रह चुके हैंप्रो. द्विवेदी वर्तमान में भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई), पुणे की सोसायटी एवं गवर्निंग काउंसिल के सदस्य हैं। वह महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा; विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन; मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय, हैदराबाद एवं असम विश्वविद्यालय, सिलचर के 'बोर्ड ऑफ स्टडीज' के सदस्य हैं।
राजनीतिक, सामाजिक और मीडिया के मुद्दों पर उनके 3000 से ज्यादा लेख विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। उन्होंने 32 पुस्तकों का लेखन एवं संपादन किया है। वह विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा अनुमोदित शोध पत्रिकाओं 'कम्युनिकेटर' एवं 'संचार माध्यम' के प्रधान संपादक हैं। प्रो. द्विवेदी 'राजभाषा विमर्श' एवं 'संचार सृजन' के प्रधान संपादक तथा 'मीडिया विमर्श (त्रैमासिक)' के मानद सलाहकार संपादक भी हैं। मीडिया क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।

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