नई दिल्ली। लद्दाख और श्रीनगर के बीच बारहों महीने कनेक्टिविटी चालू रखने के उद्देश्य से बनाई जा रही जोजिला टनल का 50 फीसदी काम पूरा हो चुका है। सर्दियों में माइनस 40 डिग्री तापमान में भी काम चलता रहा। इसका नतीजा ये रहा कि पूर्वी और पश्चिमी छोर दोनों तरफ से 1314 और 1074 मीटर का काम पूरा हो गया है। सामरिक दृष्टि से यह टनल भारतीय सेना के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि सर्दियों के मौसम में बर्फबारी के चलते लद्दाख का रास्ता पूरी तरह से बंद हो जाता है। टनल बनने के बाद कश्मीर और कारगिल के बीच साल भर सेना के वाहनों की आवाजाही हो सकेगी।
मेघा इंजीनियरिंग एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड द्वारा बनाए जा रहे जोजिला टनल ऑस्ट्रियन तकनीक और स्नो ब्लोअर जैसी आधुनिक मशीनों के सहारे माइनस 40 डिग्री में भी लगातार काम जारी रहा। मेघा इंजीनियरिंग एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के प्रोजेक्ट हेड हरपाल सिंह ने बताया कि काम को मौसम के अनुरूप कई भागों में बांट दिया। टनल के निर्माण में न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड, बर्फ हटाने के लिए स्नो ब्लोअर जैसी आधुनिक मशीनों का उपयोग किया जा रहा हैै। स्नो ब्लोअर से उस जगह बर्फ को हटाया गया, जहां काम जारी रखना था। कश्मीर में इस बार इतनी बर्फबारी हुई कि बर्फ हटाने के बाद हर आधे घंटे में उतनी ही मोटी चादर बिछ जाती थी।
लेकिन कंपनी के कर्मचारी काम में लगे रहे और आज 50 फीसदी निर्माण कार्य पूरा कर लिया। उल्लेखनीय है कि सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भी इस टनल के निर्माण में लगी कंपनी मेघा इंजीनियरिंग लिमिटेड की तारीफ की थी। उन्होंने बताया था कि इस कंपनी को काम देने से सरकार के पांच हजार करोड़ रुपए बचे हैं। सितंबर 2021 में गडकरी इन टनल का कार्य देखने पहुंचे थे। इस प्रोजेक्ट की समय सीमा 2026 है, लेकिन सरकार चाहती है कि 2024 के चुनावों से पहले इसका उद्घाटन हो जाए।
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