0 सुषमा भंडारी 0
वं0 दना___
मात शारदे तुम्हे नमन
मात शारदे तुम्हे नमन
(1) भोर का श्रिंगार तू
मेरा संसार तू
लेखनी की धार तू
तेरा ही करूं मैं आचमन
मात शारदे तुम्हे नमन
मात शारदे-----
(2)हंस वाहिनी है तू
ज्ञान दायिनी है तू
वर दायिनी है तू
तेरा ही करूं मैं आह्वान
मात शारदे तुम्हे नमन
मात शारदे------
(3) ज्ञान औ विज्ञान दे
मान- सम्मान दे
और मुस्कान दे
तुझ से ही तो है उन्नयन
मात शारदे तुम्हे नमन
मात शारदे-----------
(4) इर्ष्या न द्वेष दे
न ही कोई क्लेश दे
शुद्ध परिवेश दे
महकता रहेगा ये चमन
मात शारदे तुम्हे नमन
मात शारदे तुम्हे नमन
5) गीत संगीत तू
मेरे मन की प्रीत तू
हार तू ही जीत तू
तुझसे ही है मेरी ये कलम
एक टिप्पणी भेजें