० योगेश भट्ट ०
नयी दिल्ली - केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने डॉ. अम्बेडकर इंटरनेशनल सेंटर में डीएनटी (एसईईडी) के आर्थिक सशक्तिकरण की योजना का शुभारंभ किया। ये योजना डी-नोटिफाइड (डीएनटी), नोमैडिक (एनटी) और सेमी-नोमैडिक (एसएनटी) समुदायों के कल्याण के लिए तैयार की गई है।
इस अवसर पर अपनी बात रखते हुए, डॉ. वीरेंद्र कुमार ने कहा कि डीएनटी, एनटी, एसएनटी भारत में सबसे वंचित और आर्थिक रूप से कमजोर समुदायों में से एक हैं। इसके ऐतिहासिक कारण हैं। इन समुदायों की दुर्दशा ब्रिटिश शासन के दौरान आपराधिक जनजाति अधिनियम, 1871 के अधिनियमन के साथ शुरू हुई। इन समुदायों को अधीन किया गया, सताया और उपेक्षित किया गया। औपनिवेशिक सरकार की नीतियों ने इनके जीवन और आजीविका पर प्रतिकूल प्रभाव डाला। औपनिवेशिक राज्य को इन समुदायों की दुर्दशा का एहसास तब नहीं हुआ जब उन्हें विभिन्न औपनिवेशिक कानूनों के तहत अपराधियों के रूप में पेश किया गया। इससे उनका अपने पारंपरिक व्यवसायों और आवासों से जबरन अलगाव हुआ।
आजादी के बाद भी, सात दशकों से अधिक के नियोजित विकास से उन्हें अधिक लाभ नहीं हुआ है। वे अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति की तरह राज्य के समर्थन से वंचित रहे। इन समुदायों को मुख्य धारा में लाने के लिए विभिन्न प्रयास किए गए। इन समुदायों की समस्याओं को देखने के लिए पहली एनडीए सरकार के दौरान अक्टूबर 2003 में पहला आयोग स्थापित किया गया था। रेंके आयोग की स्थापना 2008 में हुई थी। इन समुदायों के सदस्य जिस दयनीय स्थिति में रह रहे हैं, उसे देखकर सरकार को पीड़ा हुई और इन समुदायों के नियोजित विकास को गति देने के लिए, 2015 में श्री भीकू रामजी इदते की अध्यक्षता में राष्ट्रीय आयोग का गठन किया गया। इस आयोग को विभिन्न राज्यों में इन समुदायों की पहचान करने और उचित सूची बनाने, राज्यों में इन समुदायों के विकास की प्रगति का मूल्यांकन करने का काम सौंपा गया था ताकि इन समुदायों के विकास के लिए एक व्यवस्थित दृष्टिकोण विकसित किया जा सके।
इस आयोग की सिफारिश के आधार पर, भारत सरकार ने 2019 में डीएनटी, एसएनटी और एनटी (डीडब्ल्यूबीडीएनसी) के लिए विकास और कल्याण बोर्ड की स्थापना की।सरकार ने इन समुदायों के सशक्तिकरण के लिए एक व्यापक योजना बनाने का भी निर्णय लिया है और इस तरह डीएनटी, एसएनटी और एनटी (एसईईडी) के आर्थिक सशक्तिकरण की योजना को चार घटकों के साथ तैयार किया गया है जो उनकी आजीविका को प्रभावित करते हैं।
एसईईडी योजना के ये चार मुख्य बिंदु हैं:शैक्षिक सशक्तिकरण- इन समुदायों के छात्रों को सिविल सेवा, चिकित्सा, इंजीनियरिंग और एमबीए आदि जैसे व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए मुफ्त कोचिंग।राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के पीएमजेएवाई के माध्यम से स्वास्थ्य बीमा। आय सृजन के लिए आजीविका आवास (पीएमएवाई/आईएवाई के माध्यम से)यह योजना 2021-22 से शुरू होने वाले पांच वर्षों में खर्च किए जाने वाले 200 करोड़ रुपये के व्यय को सुनिश्चित करेगी। डीडब्ल्यूबीडीएनसी को इस योजना के कार्यान्वयन का काम सौंपा गया है।
इस योजना की एक महत्वपूर्ण विशेषता ऑनलाइन पोर्टल है जिसे विभाग द्वारा तैयार किया गया है। यह पोर्टल निर्बाध पंजीकरण सुनिश्चित करेगा और इन समुदायों के डेटा स्टोरेज के रूप में भी कार्य करेगा। पोर्टल यूजर फ्रेंडली है और अपने मोबाइल एप्लिकेशन के साथ आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है। यह आवेदक को आवेदन की वास्तविक समय स्थिति के बारे में जानकारी प्रदान करेगा। लाभार्थियों को भुगतान सीधे उनके खातों में किया जाएगा।
डॉ. वीरेंद्र कुमार ने कहा, "सरकार समाज के अंतिम व्यक्ति के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है और उसे समग्र विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए प्रतिबद्ध है।"केंद्रीय मंत्री ने कहा, "यह योजना प्रगति और विकास की दिशा में पहला छोटा कदम है, लेकिन इन समुदायों के लिए आखिरी नहीं है, जो कई वर्षों से उपेक्षा और उदासीनता का शिकार रहे हैं।"इस अवसर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री श्री ए. नारायणस्वामी ने कहा कि डीएनटी, एनटी और एसएनटी समुदाय सबसे अधिक उपेक्षित, हाशिए पर रहने वाले और आर्थिक तथा सामाजिक रूप से वंचित समुदाय हैं। इसलिए इन समुदायों के बारे में सामूहिक सोच में बदलाव लाना बेहद जरूरी है।
सरकार ने हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में इन समुदायों के समुचित पुनर्वास और उनकी प्रगति के लिए प्रयास के क्षेत्रों की पहचान के लिए पहल की है। इसी के तहत डीएनटी, एनटी और एसएनटी समुदायों के लिए एक वेलफेयर बोर्ड का गठन किया गया है।उन्होंने कहा कि सरकार हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मंत्र - 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास' पर सही मायने में इन समुदायों के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।इस अवसर पर आर. सुब्रह्मण्यम, सचिव, सुरेन्द्र सिंह, संयुक्त सचिव, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग और भीकू रामजी इदाते, अध्यक्ष, विकास एवं कल्याण बोर्ड, डीएनटी, एनटी और एसएनटी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
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