० योगेश भट्ट ०
नयी दिल्ली - उत्तराखंड भू कानून संघर्ष समिति दिल्ली एनसीआर द्वारा उत्तराखंड आयुक्त कार्यालय पर सांकेतिक धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया। जिसमें उत्तराखंड में जमीनों की हो रही खरीद-फरोख्त पर रोक लगाने एवं पड़ोसी राज्य हिमाचल की तरह उत्तराखंड में भी सख्त कानून बनाए जाने की मांग को लेकर दिल्ली स्थित उत्तराखंड स्थानिक आयुक्त के कार्यालय के समुख उत्तराखंड भू कानून संघर्ष समिति के तत्वाधान में एक दिवसीय धरने का आयोजन किया गया इस मौके पर उत्तराखंड भू कानून संघर्ष समिति के तत्वाधान में एक दिवसीय धरने का आयोजन किया गया इस मौके पर भू कानून बनाए जाने एवं तुरंत लागू किए जाने की मांग को लेकर स्थानीय आयुक्त के माध्यम से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन प्रेषित किया गया।
उत्तराखंड भू कानून संघर्ष समिति द्वारा मुख्यमंत्री को प्रेषित ज्ञापन में कहा गया कि प्रदेश सरकार द्वारा भू सुधार कानूनों में संशोधन करके राज्य में भूमि खरीद की असीमित छूट दे दी गई है इससे राज्य में भूमिहीन हो रहे हैं स्थानीय नागरिकों में काफी रोष है समिति का कहना है कि सरकार द्वारा भूमि खरीद की असीमित छूट दिए जाने से पिछले कुछ वर्षों में बाहरी लोगों द्वारा जमीनों की खरीद-फरोख्त की जा रही है जिसके कारण प्रदेश की संस्कृति सभ्यता आदि को भारी खतरा होने की आशंका के चलते आज स्थानीय लोग अपनी जमीन में चौकीदारी करने को मजबूर हो रहे हैं।ज्ञापन में कहा गया कि उत्तराखंड की सामाजिक सांस्कृतिक एवम मूल अवधारणा को बनाए रखने हेतु संघर्ष समिति उत्तराखंड की जनता की ओर से हिमाचल की तर्ज पर सशक्त भू संरक्षण कानून बनाए जाने व तुरन्त प्रभाव से 2018 का कानून रद्द करने की मांग करती है।इस मौके पर धरना देने वालों में उत्तराखंड भू कानून संघर्ष समिति के अलावा दिल्ली में कार्यरत उत्तराखंड की विभिन्न सामाजिक संस्थाओं,पत्रकारों व सामाजिक कार्यकर्ताओं,ने अपनी सहभागिता की।
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