जयपुर । जेईसीसी में चल रहे 17वें जयपुर ज्वैलरी शो (जेजेएस) के दूसरे दिन भारी संख्या में आभूषण प्रेमी उमड़े। उन्होंने यहां स्टाॅल ओनर्स के साथ विभिन्न प्रकार की ज्वैलरी के बारे में बातचीत की। खरीददारी के इच्छुक व्यक्तियों के साथ बातचीत कर उनकी क्वेरीज का समाधान करना व डिमांड को पूरा करना शो के एग्जीबिटर्स के लिए भी उत्साहपूर्ण रहा। इनमें से अधिकांश एग्जीबिटर्स गत कई वर्षों से जेजेएस के साथ जुड़े हुए हैं।
बैंगलुरु के सिल्वर ज्वैलरी ब्रांड— 'पर्पल— द्वारा टेंपल ज्वैलरी व कलाकृतियों के अनूठे संग्रह के साथ-साथ हाथ से किए गए बारीक काम वाली ज्वैलरी का संग्रह प्रदर्शित किया जा रहा है, जिनकी पौराणिक कथाओं में प्रेरणा है। यहां ऑक्सीडाइज्ड व गोल्ड प्लेटेड ज्वैलरी भी आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। इसी प्रकार मेरठ के एक एग्जीबिटर द्वारा जेजेएस में गोल्ड प्लेटेड सिल्वर व सेमी प्रीसीयश स्टोन्स से बनी पारंपरिक ज्वैलरी का विशाल संग्रह उपलब्ध कराया गया है। इसे गोल्ड व प्रीसीयश स्टोन ज्वैलरी पीसेज के आधार पर तैयार किया गया है। ये खूबसूरत ज्वैलरी असली सोने व कुंदन-मीना सेट की कीमत के काफी कम में उपलब्ध हैं, जो कस्टमर्स के लिए किफायती मूल्य पर विशाल संग्रह का बेहतरीन विकल्प है।
इनके अलावा, कई स्टॉल्स पर ईयरिंग्स, बैंगल्स, आकर्शक नैकलेस व पायल के रूप में बोहेमियन जनजाति के आभूषण भी विजिटर्स को काफी पसंद आ रहे हैं। उल्लेखनीय है कि बोहेमियन जनजाति के आभूषण राजस्थानी ज्वैलरी की विशिष्ट शैली है। इसके साथ ही स्टेटमेंट ईयरिंग्स, चार्म ब्रेसलेट्स के रूप में कंटम्प्रेरी ज्वैलरी तथा कफलिंक्स व सजावटी बटनों जैसी पुरुषों के एक्सेसरीज के स्टॉल भी हैं। जेजेएस में डिजाइनर बूथ हर बार की तरह इस बार का भी मुख्य आकर्षण बने हुए हैं, जो दूर से ही विजिटर्स का ध्यान अपनी ओर खींच रहे हैं। इस वर्ष करीब 68 प्रतिशत ब्रांड्स द्वारा डिजाइनर बूथ बनाए गए हैं, जो उन्हें औरों से अलग बनाते हैं। रानीवाला 1881 के ओनर, श्री अभिषेक रानीवाला ने कहा कि उनके बूथ को ब्यावर की उनकी पैतृक हवेली की जैसे डिजाइन किया गया है। इसके जरिए उनकी राजस्थानी वंशावली को श्रद्धांजलि अर्पित की गई है। यह खूबसूरत स्टाॅल विजिटर्स के लिए उनके ज्वैलरी कलेक्शन- घराना के साथ एक दृश्यात्मक अनुभव है।
बिरधीचंद घनश्यामदास ज्वैलर्स के पार्टनर, श्री नवल किशोर ने अपने डिजाइनर बूथ के बारे में बताया कि उनके बूथ का डिजाइन जेजेएस में प्रदर्शित किए जा रहे उनके ज्वैलरी कलेक्शन 'राजबाड़ी' से प्रेरित है। हल्के रंगों एवं विंटेज रूपांकनों का उपयोग इस बूथ की खास विशेषताएं हैं, जो ज्वैलरी की बारीकियों व समृद्धि को हाइलाइट करता हैं। यह ज्वैलरी कलेक्शन व बूथ डिजाइन, दोनों भारतीय व औपनिवेशिक सौंदर्यशास्त्र के समायोजन में प्रेरणा को साफ दर्शाते हैं।रामभजो ज्वैलर्स के पार्टनर, श्री नितिन गिलाड़ा ने बताया कि उनके स्टाॅल का डिजाइन प्राचीन मिस्र के शिल्प कौशल के दर्शन से प्रेरित है। उन्होंने बताया कि प्राचीन मिस्र के कारीगरों की तरह कई स्थानीय कारीगर भी एक ही ज्वैलरी को तैयार करने के लिए डिजाइन के विभिन्न पहलुओं पर एक साथ काम करते हैं। प्रत्येक ज्वैलरी कारीगरों की रचनात्मकता, धैर्य और सामूहिक प्रयासों का परिणाम है।
जयपुर ज्वैलरी डिजाइन फेस्टिवल (जेजेडीएफ) में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ जैम्स एंड ज्वैलरी, जयपुर के स्टूडेंट्स द्वारा कई वर्कशॉप आयोजित किए जा रहे हैं। इनमें प्रतिभागियों को ज्वैलरी स्केचिंग से लेकर रेजिन, टैराकोटा एवं एनामेलिंग के जरिए ज्वैलरी व कलाकृतियां बनाना सिखाया जा रहा है। एक सैक्शन में स्टूडेंट्स लकड़ी के मॉडल्स पर ज्वैलरी बनाने के विभिन्न चरणों को समझा रहे हैं।इंस्टीट्यूट के नवोदित डिजाइनरों ने बताया कि स्वयं की ज्वैलरी बनाने और पहनने से बहुत खुशी व संतुष्टि मिलती है। ये स्टूडेंट्स विजिटर्स को रेसिन, टैराकोटा व इनैमल पेंट का उपयोग कर स्वयं के स्मारिका बनाने में भी मदद कर रहे हैं।जेजेएस के तीसरे दिन कल, 26 दिसंबर को राजसमंद सांसद, दिया कुमारी द्वारा सात प्रमुख महिला डिजाइनरों को सम्मानित किया जाएगा।
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