नई दिल्ली - यह आयोजन ऐसे वक्त में हुआ जब कोविड-19 पूरे विश्व में लोगों की जिंदगी खत्म कर रहा है और उनकी आजीविका छीनने में लगा है. हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) और फिटनेस ऐंड स्पोर्स्ट कमिटी (एफएएससीओ) ने आज नई दिल्ली में वर्चुअल मोड पर 7वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया, जिसमें निर्यातकों और उनके परिवारों ने भाग लिया.
ईपीसीएच महानिदेशक डॉ. राकेश कुमार ने बताया कि इस कार्यक्रम में हस्तशिल्प विकास आयुक्त, आईएएस श्री शांतमनु मुख्य अतिथि थे. उन्होंने बताया कि उनके साथ वरिष्ठ पैनलिस्टों में मेडिटेशन कंसल्टेंट और सीनियर आर्ट ऑफ लिविंग फैकल्टी श्रीमती अरुणिमा सिन्हा, ईपीसीएच अध्यक्ष श्री राज कुमार मल्होत्रा, ईपीसीएच के महानिदेशक डॉ. राकेश कुमार, सीओए और एफएएससीओ के संयोजक श्री प्रिंस मलिक, ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक श्री आर के वर्मा, हठ योग प्रैक्टिशनर श्री मोहित दहिया, माइंड वेलनेस की फाउंडर, एमडी (साइकैट्री), डीएनबी-साइकैट्री, एमबीबीएस, कंसल्टेंट न्यूरोसाइकैट्रिस्ट व लाइफ वेलनेस कोच डॉ. इरा दत्ता, स्पाइन और पेन स्पेशलिस्ट, एमएस- ऑर्थोपेडिक्स, एमबीबीएस स्पाइन सर्जन, हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. शुमायु दत्ता और डॉ नितिन अग्रवाल, राष्ट्रीय सचिव, विश्व आर्युवेद परिषद, एमडी, ब्लिस आयुर्वेद फार्मेसी ऐंड हेल्थ विलेज, ग्रेटर नोएडा मौजूद थे.
डॉ. राकेश कुमार ने कहा, "कोविड-19 महामारी से जुड़े प्रतिबंध कई देशों में जारी हैं और इसने हमारे शरीर पर तात्कालिक प्रभाव छोड़ने के अलावा मनोवैज्ञानिक पीड़ा और मानसिक स्वास्थ्य की समस्याओं को भी बढ़ाया है, जिसमें अवसाद और चिंता भी शामिल हैं. लिहाजा शारीरिक स्वास्थ्य के विभिन्न आयामों पर काम करने के साथ ही मानसिक स्वास्थ्य के पहलुओं पर भी काम करने की जरूरत है.
ईपीसीएच के अध्यक्ष राज कुमार मल्होत्रा ने इस अवसर पर कहा कि मानवता के शारीरिक और मानसिक तंदरुस्ती दोनों के प्रोत्साहन में योग के संदेश की प्रासंगिकता इतना अधिक कभी नहीं रही है. महामारी के दौरान खुद को स्वस्थ और तरोताजा रखने के लिए, सामाजिक अलगाव और अवसाद से लड़ने के लिए दुनिया भर के लोगों में योग को अपनाने की बढ़ती प्रवृति देखी गई है. योग मानसिक-सामाजिक देखभाल के साथ साथ क्वारंटीन और आइसोलेशन में रह रहे कोविड-19 के मरीजों के स्वास्थ्यलाभ में भी अहम भूमिका निभा रहा है. यह उनके डर और उनकी चिंता को दूर करने में विशेष तौर पर सहायक है. योग की इस महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हुए, इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय योग दिवस, "तंदरुस्ती के लिए योग"- कैसे योग का अभ्यास प्रत्येक व्यक्ति के समग्र स्वास्थ्य को प्रोत्साहित करता है, पर केंद्रित है.
शांतमनु ने अपने संबोधन में जीवन में योग के महत्व के बारे में बताया विशेषकर इस महामारी के समय जब चारों ओर बहुत कष्ट है, योग से सभी को जुड़ना चाहिए. उन्होंने शरीर मन और आत्मा को जोड़ने में योग की भूमिका के बारे में बताया और कहा कि इससे समग्र रूप से मानवता की भलाई होगी. उन्होंने हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद को इस पहल के लिए बधाई दी.
ईपीसीएच के महानिदेशक डॉ. राकेश कुमार ने कहा कि स्पाइन सर्जन होने के नाते डॉ. शुमायु दत्ता ने कार्यस्थल पर बैठने की मुद्रा के महत्व के बारे में बताया. तो हठ योग प्रैक्टिशनर मोहित दहिया ने विभिन्न योग आसन किए उपस्थित सभी लोगों से योग को अपनी दैनिक जीवनशैली का हिस्सा बनाने के लिए प्रोत्साहित किया. वहीं मनोचिकित्सक एम.डी. डॉ. इरा दत्ता ने कोविड के समय विशेष रूप से अपने मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने की जरूरत पर बल दिया. तो डॉ. नितिन अग्रवाल ने कोविड के दरम्यान इम्यूनिटी और इससे बचाव के उपायों के विषय में जानकारी दी और श्रीमती अरुणिमा सिन्हा ने ध्यान की भूमिका और लोगों के समग्र सेहत के बारे में बताया.
कार्यक्रम का संचालन करने वाले सीओए सदस्य प्रिंस मलिक ने सूचित किया ईपीसीएच-एफएएससीओ की ओर से विभिन्न आयुवर्गों के कुछ सर्वश्रेष्ठ प्रतिभागियों को प्रशंसा प्रमाणपत्र भी दिए गए. इसमें यंग एज ग्रुप में शिवानी चावला निहारिका,सुवांश मल्होत्रा, अमायरा, काश्वी, शायना चावला, कीर्ति दुबे, आलिया, अंशिका कपूर और योग उत्साही समूह में दीपशिखा गोयल, खुशबू सिंह, आर्य चौहान, कृष्णा शर्मा, विनीत, आनंद शामिल हैं.
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