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बच्चों को ऑनलाइन सुरक्षित रखने के लिए फेसबुक की नई पहल के जरिए जीत ने कहा, ‘‘रिपोर्ट करें, शेयर नहीं करें!’’

० संवाददाता द्वारा ० 

कोलकाता : बाल शोषण से संबंधित ऑनलाइन कंटेंट सामने आने की स्थिति पर किसी व्यक्ति की क्या वाजिब प्रतिक्रिया होनी चाहिए, इसे लेकर मशहूर अभिनेता और सार्वजनिक हस्ती जीत ने अपने विचारों को साझा किया। यह पहल फेसबुक कंपनी और नागरिक समाज संगठनों -आरंभ इंडिया इनिशिएटिव, सायबर पीस फाउंडेशन और अर्पण की एक नई पहल का हिस्सा है। यह पहल लोगों को ऐसी सामग्री की रिपोर्ट करने और साझा नहीं करने के लिए प्रोत्साहित करती है ताकि बच्चों को होने वाले नुकसान को रोका जा सके।

इस साल की शुरुआत में फेसबुक कंपनी ने अवैध बाल शोषण सामग्री का गहन विश्‍लेषण किया ताकि यह समझा जा सके कि लोग फेसबुक और इंस्टाग्राम पर बाल शोषण से संबंधित सामग्री कैसे और क्यों साझा करते हैं। इसकी रिपोर्ट कंपनी अक्टूबर और नवंबर 2020 में नैशनल सेंटर फॉर मिसिंग एंड एक्सप्लॉइटेड चिल्ड्रेन(एनसीएमईसी) को सौंप चुकी है। अध्ययन में यह पाया गया कि इस सामग्री का 90% से अधिक हिस्सा पहले की रिपोर्ट की गई सामग्री के समान या देखने में समान था। और ज्यादा गहराई से विश्लेण करने पर पता चला कि अधिकांश तौर पर ऐसे कंटेंट बच्चों को नुकसान पहुंचाए जाने की मंशा के बिना साझा किए जा रहे थे। अध्ययन से मिली इन्हीं अंतर्दृष्टियों ने नागरिक समाज संगठनों के साथ नई पहल की नींव रखी। 'रिपोर्ट करें, इसे साझा न करें', क्योंकि ये संगठन ऑनलाइन बाल सुरक्षा के क्षेत्र में विशेषज्ञता रखते हैं।

मशहूर बंगाली फिल्म अभिनेता, निर्माता और टीवी प्रस्तोता जीत इस पहल का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘सोशल मीडिया पर आए दिन बाल शोषण की तस्वीरें और वीडियो को साझा किया जाता है। अक्सर लोग गुस्सा, भय और सदमे की वजह से इसे दुबारा साझा कर देते हैं। लेकिन ऐसी सामग्री को लाइक करने, कमेंट या शेयर करने से बच्चे को ज्यादा नुकसान होता है। यदि आप ऐसी सामग्री को ऑनलाइन देखते हैं, तो कृपया इसकी तुरंत रिपोर्ट करें और इसे साझा न करें। आपका यह छोटा सा काम एक बच्चे की रक्षा करने में मददगार साबित हो सकता है। मुझे इस पहल पर फेसबुक के साथ साझेदारी करके खुशी हो रही है और मुझे उम्मीद है कि अगर हम सभी बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा के हित में अब उचित तरीके से काम करते हैं, तो हम सभी सकारात्मक प्रभाव पैदा कर सकते हैं।’

इस पहल की शुरुआत एक एनिमेटेड वीडियो के साथ हुई, जो उस नकारात्मक प्रभाव को स्पष्ट रूप से दर्शाता है जो बाल शोषण से संबंधित सामग्री की वजह से पैदा होता है। भले ही वह ऐसे कंटेंट क निंदा करने के बारे में ही क्यों न हो। फेसबुक इंडिया की पॉलिसी प्रोग्राम्‍स एवं आउटरीच की हेड मधु सिरोही ने कहा, "हम फेसबुक और इंस्टाग्राम पर एक सुरक्षित और सहायक वातावरण को बढ़ावा देना चाहते हैं और हम इस दिशा में लगातार काम कर रहे हैं। हम इस तरह की सामग्री को लोगों द्वारा देखे जाने से पहले ही पहचानने और हटाने के लिए लोगों और प्रौद्योगिकी में भारी निवेश कर रहे हैं। इसके साथ ही हमारे प्लेटफॉर्म पर बाल दुर्व्यवहार सामग्री को देखे जाने के मामले में हम उचित व्यवहार के बारे में जागरूकता फैलाना चाहते हैं। 
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