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० आशा पटेल ० 
नई दिल्ली । दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में सांसद, स्वतंत्रता सेनानी मधु लिमये को उनकी जन्म शताब्दी  समारोह के अवसर पर शिद्दत से याद किया गया। विभिन्न राज्यों के राज्यपाल रहे सत्यपाल मलिक की अध्यक्षता में आयोजित इस समारोह के मंच पर उपस्थित देश के विपक्षी दलों के नेताओं ने विचारधारा की सीमाओं को तोड़कर एकजुट होने को समय की जरूरत बताया।अध्यक्षीय वक्तव्य में सत्यपाल मलिक ने मधु लिमये को याद करते हुए कहा कि वे कहते थे संसद भाषण के लिए नहीं, सरकारों को पकड़ने के लिए होती है। संवैधानिक संस्थाओं को जिस तरह नष्ट करने की कोशिश हो रही है उसे देखते हुए 
आज विपक्षी दलों को एक होने के साथ साथ यह तय करने की जरूरत है कि आगामी चुनावों में सत्तापक्ष के मुकाबले केवल एक ही उम्मीदवार को मैदान में उतारा जाये। अगर ऐसा न हुआ तो भविष्य में कभी चुनाव भी शायद ही हों। सावधानी से काम नहीं किया तो सब बरबाद हो जायेंगे। इस समय अच्छाइयों को इस ढंग से खतम किया जा रहा है कि हमें पता ही नहीं चला। समय ऐसा भी आ सकता है कि मीडिया की आज़ादी खतम हो जाये और उसे निर्देशित किया जाये।
मधु लिमये की महानता और को याद करते हुए सत्यपाल मलिक ने कहा- ' वो आसमान था जो सर झुकाकर चलता था। ' मधु जब संसद में प्रिविलेज मोशन के तहत बोलते थे तब सरकार के मंत्रियों की पिंडलियां कांपती थीं। प्रिविलेज मोशन में सरकार को घेरने की जैसी महारत हासिल थी वैसी दुनिया में शायद ही किसी को हासिल थी। मधु लिमये के साहित्य प्रकाशन के लिए समापन समारोह के संयोजक रमाशंकर सिंह की सराहना करते हुए श्री मलिक ने कहा कि यदि देश के नायकों पर केन्द्रित साहित्य हम नहीं छापेंगे तो आने वाली पीढ़ियों को इनके विषय में कुछ पता ही नहीं होगा।
मधु किस प्रकार अपने से कनिष्ठ के विचार और असहमति का भी सम्मान करते थे उसे याद करते हुए सीपीएम के वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी ने बताया कि मधु ने स्टैट्समैन के एक लेख में जब वामपंथियों के कुछ दोष गिनाये तो जवाब में येचुरी ने एक चिठ्ठी लिखी थी जिसका न केवल मधु जी ने उत्तर दिया था बल्कि सीपीएम नेता वीटी रणदिवे से प्रशंसा करते हुए पूछा था कि आपकी पार्टी में सीताराम कौन हैं। बाद में रणदिवे सीताराम येचुरी को मधु जी से मिलाने ले गये। सीताराम येचुरी ने कहा कि समाजवादी व वामपंथी विचारधारा की राजनीति में समन्वय के अभाव से देश को नुकसान हुआ है। इस कमी को दूर कर एकजुट होना जरूरी है।
बहुजन समाज पार्टी के सांसद दानिश अली ने मौजूदा वक्त को अघोषित आपातकाल बताते हुए कहा कि लोकतंत्र को यदि बचाना है तो सबको एकजुट होना पड़ेगा।जनता दल ( यू) के महासचिव के सी त्यागी ने राजनीतिक विचारधाराओं के श्रेष्ठता के द्वंद्व को आज के समय के लिए नुकसानदेह बताते हुए कहा कि मधु जी समाजवादी और वामपंथी एकता के सदैव पक्षधर रहे। आज लोकतंत्र की अंतिम परीक्षा का समय है। ऐसे वक्त में मधु जी के रास्ते पर चलकर ही लोकतंत्र को बचाया जा सकता है। सीपीआई नेता सैय्यद अजीज़ पाशा ने मधु लिमये को याद करते हुए कहा कि उन्होंने कभी जेल से रिहाई की अपील नहीं की। मधु पर महात्मा गाँधी का गहरा प्रभाव रहा। बहुत किताबें उन्होंने सामयिक प्रश्नों पर लिखीं।

सीपीआई ( माले) महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि देश की आज़ादी के समय पांच राजनीतिक धारायें थीं। आज एक धारा को छोड़कर बाक़ी हाशिये पर हैं। आज़ादी के आन्दोलन की तरह आज सबके एकजुट होने और व्यापक विपक्षी एकता की जरूरत है। किसानों के हित में संघर्ष व समान नागरिकता आंदोलन समय की मांग है।रालोद नेता त्रिलोक त्यागी ने मधु जी को बहुत आत्मीयता से याद करते हुए कहा कि उन जैसी सादगी अब दूर दूर तक दिखाई नहीं देती। खुद चाय बनाकर पिलाते थे। आज छोटे छोटे नेता भी अपना स्टाफ़ और सहायक रखते हैं। मधु जी अपने सारे काम खुद करते थे। 

एक ओर राजनीति में ईमानदारी के वे पुरोधा थे दूसरी ओर ज्ञान का भंडार। मधु अगर दोहरी सदस्यता का सवाल न उठाते तो जनता पार्टी नहीं टूटती। लेकिन उन्होंने सत्ता के वजाय समय पर सवाल उठाना जरुरी समझा। कांग्रेस नेता सन्दीप दीक्षित ने कहा कि मधु जी से यह सीखना जरूरी है कि हम अपने जीवन में सादगी अपनायें। राजनीतिक दल पूंजीवाद में न जियें।इंडियन नेशनल लोकदल के नेता अभय चौटाला ने बताया कि चौधरी देवीलाल जी से मधु लिमये जी की सादगी के किस्से सुने थे। उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी होने की पेंशन ली न सांसद होने की। मधु जी संविधानविद थे। संसद में पूरी तैयारी से जाते थे।

पत्रकार- सम्पादक शुभव्रत भट्टाचार्य ने कहा कि समाजवादियों और वामपंथियों की एकता कोई नयी बात नहीं है। आजादी से बहुत पहले यह सम्भव हुआ था और आज भी यह सम्भव है।मधु जी को याद करते हुए उन्होंने कहा राजकुमार जैन के विद्यार्थी जीवन में हिन्दी में परीक्षा देने पर पावंदी लगाई गई तब मधु उनके पक्ष में खड़े हुए थे। उन जैसी सादगी अब देखने को नहीं मिलती।कवि- आलोचक- संस्कृतिविद अशोक वाजपेयी ने कहा समता और मुक्ति मधु लिमये के केन्द्रीय सरोकार थे। उनके लिए राजनीति बौद्धिक कर्म था। मधु जी एक सभ्य और सुसंस्कृत राजनेता थे।

 शास्त्रीय संगीत से उनका गहरा लगाव था। पं . कुमार गंधर्व के गायन की प्रशंसा में आपातकाल में नरसिंहगढ़ की जेल से लिखी चिट्ठी में कहा था कि ऐसा लगता है कि उनका संगीत जीवन के रहस्य को छू सा रहा है। साहित्यकार निर्मल वर्मा एक गोष्ठी में मधु को सुनने के बाद यह देख चकित हुए थे कि ऐसे सुसभ्य और शास्त्रीय कलाओं के मर्मज्ञ भी राजनीति में हैं। आज का समय संस्कृति- शून्य समय है और अधिकांश राजनेता असभ्य। विरोध को अपराध माना जा रहा है। आयोजन में एकत्रित विभिन्न विचारधाराओं के राजनेताओं की उपस्थिति पर अशोक वाजपेयी ने कहा ऐसा लगता है हमारा आत्मविश्वास लौट रहा है।

समारोह में स्वागत भाषण देते हुए प्रोफेसर आनंद कुमार ने दुष्यंत कुमार की गजल पढ़ी - ' फिर धीरे धीरे यहाँ का मौसम बदलने लगा है/ वातावरण सो रहा था फिर आंख मलने लगा है। 'समारोह में मधु लिमये के बेटे अनिरुद्ध लिमये सहित मधु जी के विचार और संघर्ष के साथी डा . जी जी पारीख ( मुम्बई) रावेला सोमैया ( हैदराबाद) , विजय नारायण सिंह ( बनारस) , राजनीति प्रसाद सिंह ( पटना), कल्याण जैन( इन्दौर), सरदार जयपाल सिंह दुगल, पंडित रामकिशन ( राजस्थान) और जयवंत रामचंद्र भोंसले ( महाराष्ट्र) का सम्मान प्रशस्ति व अंगवस्त्र से किया गया। प्रशस्ति का वाचन मधु लिमये जन्मशती समारोह के संयोजक रमाशंकर सिंह ने किया।

जन्मशती समारोह समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर राजकुमार जैन, व सदस्यगण हरभजन सिंह सिद्धू, महेन्द्र शर्मा, श्रीमती मंजू मोहन , शाहनवाज़ कादरी ने मधु लिमये के वैचारिक साथियों को सम्मानित किया। मधु लिमये ,रावेला सौमैया , जीजी पारीख की प्रशस्ति को क्रमशः अनिरुद्ध लिमये, डॉ सुनीलम व टी गोपाल सिंह ने ग्रहण किया।समारोह का शुभारंभ पंडित कुमार गंधर्व की सुपुत्री विदुषी कलापिनी कोमकली के कबीर गायन से हुआ। उनके साथ तबले पर शम्भूनाथ भट्टाचार्य, हारमोनियम पर चेतन निगम व मंजीरे पर अनुरोध जैन ने संगत की।इस अवसर प्रख्यात कला समीक्षक प्रयाग शुक्ल, गांधी शांति प्रतिष्ठान के अध्यक्ष कुमार प्रशांत, हरीश खन्ना, प्रोफेसर अजीत झा, डॉ अनिल ठाकुर,सहित राजधानी व देश के अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

0 संवाददाता द्वारा ० 

" केन्द्र सरकार के अधीन विभागों में 62 लाख, 29 हजार पद खाली पड़े हैं तथा सेना में 2 लाख, 55 हजार से अधिक पद खाली हैं, ऐसी परिस्थिति में 17 से 21 वर्ष के युवकों को ठेके पर अग्निपथ योजना के नाम पर सेना में लेना तथा चार वर्ष पश्चात् 25 फीसदी युवा जो मैरिट में नहीं आयेंगे उन्हें रिजेक्ट कर हटा देना युवाओं के साथ अन्याय है "

जयपुर । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गलत नीतियों की चर्चा करते हुए आज पूरा देश उद्वेलित है, 8 साल पहले जब मोदी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बने थे तो उन्होंने देश के युवा, व्यापारी, किसान, महिलाओं, पिछड़ों, कर्मचारियों, अर्थशास्त्रियों से देश में अच्छे दिन लाने का वादा किया था जिसके ऐवज में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अचानक रात्रि में 8 बजे नोटबंदी की घोषणा कर देश की अर्थव्यवस्था को छिन्न-भिन्न करने का कार्य किया और देश के व्यापारी बरबाद हो गये। इसी प्रकार देश में तीन काले कृषि कानून लागू कर किसानों के हितों पर कुठाराघात करते हुए 15 माह तक सड़कों पर बैठकर संघर्ष करने हेतु किसानों को मजबूर किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जिन्होंने दो करोड़ रोजगार प्रतिवर्ष देने का वादा किया था, जिसके हिसाब से 16 करोड़ युवाओं को रोजगार मिलना चाहिये था, उन युवाओं के हितों पर कुठाराघात करते हुए सेना भर्ती की अग्निपथ योजना लागू कर युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का कार्य किया है।

उक्त विचार राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय, जयपुर पर प्रेसवार्ता को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि देश के सैनिक भारत की सुरक्षा हेतु सर्दी, गर्मी, बरसात की परवाह किये बगैर विपरीत परिस्थितियों में सीमाओं पर तैनात रहते हैं तथा अपने जीवन की कुर्बानी देने से भी पीछे नहीं हटते हैं, ऐसे वीर युवाओं से अग्निपथ योजना के नाम पर केन्द्र सरकार द्वारा धोखा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के अधीन विभागों में 62 लाख, 29 हजार पद खाली पड़े हैं तथा सेना में 2 लाख, 55 हजार से अधिक पद खाली हैं, ऐसी परिस्थिति में 17 से 21 वर्ष के युवकों को ठेके पर अग्निपथ योजना के नाम पर सेना में लेना तथा चार वर्ष पश्चात् 25 फीसदी युवा जो मैरिट में नहीं आयेंगे उन्हें रिजेक्ट कर हटा देना युवाओं के साथ अन्याय है ।

 उन्होंने कहा कि चार वर्ष की सेना भर्ती के लिये भी युवाओं को दो दफा परीक्षा देनी होगी, पहले भर्ती के लिये, उसके बाद 25 प्रतिशत की भर्ती में शामिल होने के लिये सफल होना होगा जो कि आज के युवातम् भारत के उन युवाओं जिनके वोट से नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री बने हैं के साथ घोर अन्याय है तथा उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ करना है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस निर्णय से आज पूरा देश जल रहा है, युवा सड़कों पर आन्दोलनरत है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने अग्निपथ योजना लागू करने से पूर्व देश की संसद में चर्चा नहीं की, ना ही देश के विद्वानों व जनप्रतिनिधियों के विचार जानने का कार्य किया। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार नोटबंदी के माध्यम से देश की अर्थव्यवस्था को रसातल में पहुँचाने का कार्य किया गया, उसी प्रकार अग्निपथ योजना से युवाओं को जिन्हें पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गाँधी ने अपने भविष्य को तय करने के लिय मतदान का अधिकार प्रदान किया था, के भविष्य के साथ खिलवाड़ मोदी सरकार कर रही है।

डोटासरा ने कहा कि मोदी सरकार देश के युवाओं, किसानों, महिलाओं, व्यापारियों, पिछड़ों से किये गये अपने वादों को पूरा करने की बजाए विपक्षी नेताओं को ईडी के नोटिस देने में व्यस्त है। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गाँधी एवं पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गाँधी ने देश की एकता व अखण्डता को अक्षुण रखने के लिये अपना जीवन कुर्बान कर दिया, आज उन्हीं के पुत्र को केन्द्र सरकार द्वारा ईडी का नोटिस दिया जाकर देश के गंभीर मुद्दों से ध्यान भटकाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिस सेना के शौर्य के पीछे छिपकर प्रधानमंत्री मोदी पुनः सत्ता में आये, आज ठेके पर सैनिक लगाकर उसी सेना को कमजोर करने का कार्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि देश में अच्छे दिन आने की बजाए आक्रोश का माहौल बन गया है, देश में रेल जल रही हैं, सड़कों पर हिंसक झड़प हो रही है, किन्तु केन्द्र सरकार देशहित में सोचने की बजाए विपक्षी नेताओं को प्रताड़ित करने में व्यस्त है। उन्होंने देश एवं राजस्थान के युवाओं से शांति बनाये रखने की अपील करते हुए कहा कि इस कठिन परिस्थिति में कांग्रेस पार्टी युवाओं के साथ खड़ी है तथा युवाओं को न्याय दिलाने के लिये हर संघर्ष में उनके साथ है।

उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा आज विपक्षी नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के दफ्तर में कांग्रेस नेताओं को ही प्रवेश करने से रोका जा रहा है। उन्होंने कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दिल्ली में केन्द्र सरकार की दमनकारी नीति के विरूद्ध मोर्चा खोले हुए हैं, उन्हें प्रताड़ित करने के लिये आज सीबीआई ने उनके भाई के घर छापा डाल दिया। उन्होंने कहा कि देश में घोषित किये बिना ही आपातकाल लागू है, किसी को भी जेल में डाला जा सकता है। उन्होंने कहा कि सीबीआई द्वारा मुख्यमंत अशोक गहलोत के भाई के खिलाफ की गई कार्यवाही संवैधानिक संस्थाओं के दुरूपयोग का ही एक उदाहरण है।

उन्होंने कहा कि देश में ऐसा माहौल बन गया है कि जो युवाओं, रोजगार, मंहगाई, किसान और विकास की बात करेगा उसका दमन करने के लिये मोदी सरकार किसी भी सीमा तक जा सकती है। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी ने देश में तानाशाही सरकार की नींव रख दी है तथा भविष्य में लोकतांत्रिक परम्परा के अनुसार चुनाव भी होंगे या नहीं, इसी भय के साथ देशवासी जी रहे हैं। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा लिये गये संकल्प के अनुसरण में कांग्रेस के सभी नेता एवं कार्यकर्ता केन्द्र की तानाशाह सरकार के विरूद्ध लड़ेंगे तथा युवाओं को न्याय दिलायेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ता सीने पर गोली खा सकते हैं किन्तु पीठ दिखाकर पीछे नहीं हटेंगे, क्योंकि हमारी विचारधारा महात्मा गाँधी की है, गोडसे की नहीं। डोटासरा ने केन्द्र सरकार से मांग करते हुए कहा कि युवाओं के हितों से खिलवाड़ करने वाली अग्निपथ योजना को तत्काल वापस लिया जाये। 

उन्होंने मांग की कि धर्म और सम्प्रदाय के नाम पर ध्रुवीकरण की राजनीति तुरंत बंद होनी चाहिये तथा कांग्रेस नेताओं को प्रताड़ित करने का जो कार्य केन्द्र सरकार कर रही है उस पर तुरंत विराम लगे। उन्होंने कहा कि आज देश में भय का माहौल है, युवा, किसान, व्यापारी संवैधानिक संस्थाओं तथा सरकारी एजेंसियों के दुरूपयोग से डरे हुए हैं, यह माहौल देश के लिये घातक है। उन्होंने कहा कि देश जल रहा है किन्तु नरेन्द्र मोदी एवं गृहमंत्री अमित शाह सीबीआई, ईडी के छापे डलवाकर मस्त हैं। उन्होंने कहा कि देश में जिस प्रकार आक्रोश फैल रहा है उसे सम्भालना मोदी सरकार के लिये सम्भव नहीं होगा। प्रेसवार्ता में राजस्थान सरकार के मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास, डॉ. महेश जोशी, परसादीलाल मीणा, बृजेन्द्र सिंह ओला ने भी अपने विचार व्यक्त किये।

० संवाददाता द्वारा ० 

नयी दिल्ली : आईपीएल मीडिया राइट्स की ई-नीलामी के बाद प्रतिक्रिया देते हुए रिलायंस इंडस्ट्रीज की डायरेक्टर नीता अंबानी ने कहा, ‘खेल हमारा मनोरंजन करते हैं, हमें प्रेरणा देते हैं और हमें एक साथ जोड़े रखते हैं। भारत व खेलों में क्रिकेट और क्रिकेट में आईपीएल बेहतरीन है। यही कारण है कि हमें इस शानदार खेल और इस अद्भुत लीग के साथ अपने जुड़ाव को और गहरा करने पर गर्व है.’ उन्होंने आगे कहा, ‘हमारा मिशन आईपीएल के शानदार अनुभव को हर क्रिकेट प्रेमी तक ले जाना है, चाहे वे देश या दुनिया के किसी भी हिस्से में हों.’

वायकॉम18 ने आईपीएल मीडिया राइट्स के डिजिटल मीडिया के लिए 20,500 करोड़ रुपये की सफल बोली लगाई. वायकॉम18 न केवल 2023 से 2027 यानी अगले 5 साल तक में प्रत्येक आईपीएल मैच की ऑनलाइन स्ट्रीमिंग करेगा बल्कि दुनिया भर की शीर्ष खेल लीगों का भी प्रसारण करेगा जिसमें एनबीए और ला लीगा शामिल हैं. वैश्विक स्तर पर वायकॉम18 ने प्रमुख क्रिकेट देशों सहित 5 अंतरराष्ट्रीय क्षेत्रों में से 3 में टीवी के साथ-साथ डिजिटल अधिकार भी हासिल किए हैं.

वायकॉम18 स्पोर्ट्स दुनियाभर के श्रेष्ठ खेलों का नया डेस्टिनेशन है जिसके टीवी चैनल स्पोर्ट्स18 और डिजिटल प्लेटफॉर्म वूट हैं, जहां खेलप्रेमियों को फीफा वर्ल्ड कप, एनबीए, ला लीगा, लीग 1, सीरी ए और अन्य शीर्ष एटीपी व बीडब्ल्यूएफ इवेंट्स देखने को मिलेंगे. आईपीएल डिजिटल मीडिया राइट्स खरीदने के साथ अब वायकॉम18 ने क्रिकेट प्रसारण के जगत में भी कदम रखा है. इस डील के साथ ही यह देश के अग्रणी स्पोर्ट्स प्लेटफॉर्म में शामिल हो गया है.

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