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भाजपा मुद्दाविहीन हो गई है तथा जनता के समक्ष जाकर अपनी सरकार के कार्यों को गिना नहीं सकते

० संवाददाता द्वारा ० 

"यूपीए सरकार को बदनाम करने हेतु देश में एक काल्पनिक माहौल बनाया गया जिसमें विनोद राय, बाबा रामदेव, अन्ना हजारे जैसे लोगों ने अपनी भूमिका निभाकर यूपीए शासन पर अनर्गल तथ्यहीन आरोप लगाये। उन्होंने कहा कि इन लोगों ने गुजरात मॉडल और उसके ब्रांड अंबेसडर मोदी को यूपीए शासन से बेहतर बताया जिस कारण यूपीए की सरकार चली गई। डोटासरा ने कहा कि चुनाव जीतने के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जनता से अनेक वादे किये, किसानों की आय दुगनी करने का वादा किया, दो करोड़ रोजगार प्रतिवर्ष देने का वादा किया, किन्तु सरकार में आने के पश्चात् एक भी वादा पूर्ण नहीं किया"
जयपुर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने अवलर में जिला स्तरीय दो दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण शिविर के समापन सत्र में उपस्थित प्रशिक्षणार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि गर्व की बात है हम सब उस पार्टी के कार्यकर्ता है जिस कांग्रेस का इतिहास 125 साल पुराना है। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के आन्दोलन को सफलतापूर्वक चलाकर अंग्रेजों की गुलामी से देश को आजाद कराने के साथ ही आज के विकसित राष्ट्र के निर्माण में कांग्रेस तथा कांग्रेस के महान् नेताओं का योगदान है। 
उन्होंने कहा कि देश में यूपीए शासन के दौरान लागू की गई फ्लैगशिप योजनाओं, राजस्थान सरकार की गुड गवर्नेन्स तथा केन्द्र की भाजपा सरकार की विफलताओं पर चर्चा करने हेतु प्रशिक्षण शिविर आयोजित किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण शिविर में प्राप्त जानकारी को आम जनता के बीच ले जाकर कांग्रेस की रीति एवं नीति से आम लोगों को अवगत करवाने का महत्वपूर्ण दायित्व कांग्रेस कार्यकर्ताओं को मिला है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी, पं. जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल, लाल बहादुर शास्त्री आदि महान् नेताओं ने हमारे देश को एक सूत्र में पिरोकर अंग्रेजों की गुलामी से देश को मुक्त करवाया। उन्होंने कहा कि आजारी के पश्चात् पं. जवाहरलाल नेहरू ने जिस समय देश का शासन संभाला उस वक्त देश में कठिन परिस्थितियां थी, अंग्रेजों ने देश को खेखला कर दिया था, किन्तु विपरीत परिस्थितियों में भी पं. जवाहरलाल नेहरू ने शिक्षा, रोजगार, इन्फ्रास्ट्रक्चर, बांध, पुल, सड़कें बनाकर विकसित राष्ट्र की नींव रखी तथा देश को विकास के पथ पर अग्रसर किया।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकारों के शासन के दौरान ही देश में हरित क्रांति, श्वेत क्रांति के माध्यम से किसानों का विकास हुआ तथा देश खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर बन सका। उन्होंने कहा कि पं. जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गाँधी तथा राजीव गाँधी द्वारा बनाई गई योजनाओं के कारण हमारे देश को दुनिया में मजबूत राष्ट्र के रूप में पहचान मिली एवं सम्मान मिला। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री राजीव गाँधी कि दूरअनदेशी का ही परिणाम है कि आज गाँवों एवं वार्डों में विकास की योजनाएं बनकर पूरे देश में लागू होती है । उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गाँधी ने युवाओं को 18 साल की उम्र में वोट का अधिकार दिया तथा कम्प्यूटर क्रांति के माध्यम से देश को 21वीं सदी में ले जाने का कार्य किया।

 उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के शासन के दौरान डॉ. मनमोहन सिंह एवं श्रीमती सोनिया गाँधी ने मनरेगा जैसी योजना कानून बनाकर लागू की जो आज देश के गरीबों के उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। उन्होंने कहा कि देश में भ्रष्टाचार को समाप्त करने हेतु आरटीआई कानून बना, जनता को शिक्षित करने हेतु आरटीई कानून बना तथा खाद्य सुरक्षा के माध्यम से गरीबों को एक रूपये किलो अनाज उपलब्ध करवाया जा रहा है, ये सभी योजनाएं यूपीए सरकार की देन है। उन्होंने कहा कि जब पूरा विश्व आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा था तो पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने देश की अर्थव्यवस्था को बचाने का कार्य किया।

 वैश्विक मंदी के बावजूद देश की जनता पर कोई आंच नहीं आई बल्कि देश ने तरक्की की। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार को बदनाम करने हेतु देश में एक काल्पनिक माहौल बनाया गया जिसमें विनोद राय, बाबा रामदेव, अन्ना हजारे जैसे लोगों ने अपनी भूमिका निभाकर यूपीए शासन पर अनर्गल तथ्यहीन आरोप लगाये। उन्होंने कहा कि इन लोगों ने गुजरात मॉडल और उसके ब्रांड अंबेसडर मोदी को यूपीए शासन से बेहतर बताया जिस कारण यूपीए की सरकार चली गई। डोटासरा ने कहा कि चुनाव जीतने के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जनता से अनेक वादे किये, किसानों की आय दुगनी करने का वादा किया, दो करोड़ रोजगार प्रतिवर्ष देने का वादा किया, किन्तु सरकार में आने के पश्चात् एक भी वादा पूर्ण नहीं किया। उन्होंने कहा कि किसानों की आय दुगनी करने की बजाए नरेन्द्र मोदी ने सरकार का गठन करते ही अपने उद्योगपति मित्रों को लाभ देने के लिये सर्वसम्मति से पारित भूमि अधिग्रहण कानून को संशोधित करने का काम किया जिसके विरोध में राहुल गाँधी के नेतृत्व में आन्दोलन चला तथा मोदी सरकार को संशोधन वापस लेना पड़ा। 

उन्होंने कहा कि युवाओं को दो करोड़ रोजगार देने अथवा देश की सीमाओं को सुरक्षित करने के वादे को पूरा करने की बजाए मोदी सरकार ने नोटबंदी के माध्यम से देश की अर्थव्यवस्था को छिन्न-भिन्न करने का कार्य किया तथा गलत तरीके से जीएसटी लागू कर मध्यम स्तरीय व्यापारियों का धंधा ठप्प कर दिया। उन्होंने कहा कि 70 साल का हिसाब मांगने वाले अपने शासन का 5 साल का हिसाब जनता को नहीं दे सके, किन्तु सेना के शौर्य के पीछे छिपकर पुनः सत्ता में आ गये। उन्होंने कहा कि केन्द्र की भाजपा सरकार ने भाजपा के पूंजीपति मित्रों को लाभ पहुंचाने के लिये तथा किसानों की आमदनी एवं कृषि पर चोट करने हेतु देश में तीन काले कृषि कानून लागू किये, जिसके विरोध में किसानों को 15 महिनों तक सड़कों पर संघर्ष करने हेतु मजबूर होना पड़ा । उन्होंने

कहा कि देश के अन्नदाता को आतंकवादी, आन्दोलन जीवी जैसे तमगे दिये गये, किन्तु किसानों के संघर्ष के आगे मोदी सरकार को झुकना पड़ा एवं देश से माफी मांगते हुए तीनों काले कृषि कानून वापस लेने के लिये मजबूत होना पड़ा। उन्होंने कहा कि सत्ता में आने से पूर्व श्री नरेन्द्र मोदी देश में पेट्रोल-डीजल, सब्जी, खाद्य तेल, लोहा, स्टील, कपड़ों के मंहगे होने की बात कहते थे, किन्तु आज जब मंहगाई चरम पर है तो इस विषय में एक शब्द नहीं बोलते हैं। उन्होंने कहा कि यूपीए शासन के समय अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल 140 प्रति बैरल की दर से बिक रहा था, किन्तु देश में पेट्रोल 70, डीजल 50 रूपये की दर पर उपलब्ध था। आज अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल 110 प्रति बैरल से अधिक नहीं है तो भी देश में पेट्रोल 110 और डीजल 100 रूपये प्रति लीटर की दर से बेचा जा रहा है।

उन्होंने कहा कि मंहगाई के कारण देश की जनता को दो वक्त का भोजन जुटाना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने कहा कि यूपीए की मनरेगा तथा खाद्य सुरक्षा योजनाएं लागू नहीं होती तो देश में पाकिस्तान और श्रीलंका जैसे आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता। उन्होंने कहा कि सत्ता संभालते समय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मनरेगा को कांग्रेस की विफलताओं का स्मारक बताया था, किन्तु कोरोना महामारी काल में मोदी जी को कहना पड़ा कि मनरेगा नहीं होती तो देश के हालात बदतर हो जाते। उन्होंने कहा कि यदि खाद्य सुरक्षा योजना को कानून बनाकर एवं लोगों को चिन्हित कर यूपीए सरकार लागू नहीं करती तो कोरोना महामारी काल में गरीबों की हालत अकल्पनीय हो जाती। उन्होंने कहा कि भाजपा ने देश के विकास और उत्थान के लिये कोई कार्य नहीं किया, केवल साम्प्रदायिकता को फैलाया एवं संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर कर उनके दुरूपयोग करने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि 8 साल से देश में एनडीए की सरकार है, राजस्थान से 25 के 25 सांसद भाजपा के जीते हैं, किन्तु प्रदेश के विकास के लिये एक योजना केन्द्र से नहीं मिली।

 उन्होंने कहा कि एक ओर केन्द्र सरकार है, इसके कुशासन एवं गलत आर्थिक नीतियों के कारण बढ़ती मंहगाई से जनता त्रस्त है, दूसरी ओर राजस्थान की लोकप्रिय कांग्रेस सरकार है जिसके शासन में माताओं-बहनों को पेंशन मिल रही है, निःशुल्क दवाएं, निःशुल्क जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसानों को राहत देने के लिये उनके कर्ज माफ किये गये, निरोगी राजस्थान हेतु मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना लागू की गई जिसके तहत् दस लाख रूपये तक का ईलाज मुफ्त करवाया जा सकता है। साथ ही किसानों को एवं घरेलू बिजली उपयोगकर्ताओं को राहत प्रदान करने हेतु राज्य सरकार द्वारा सब्सिडी भी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार ने आम जनता को राहत प्रदान करने हेतु एक से एक उम्दा बजट दिए जिसके तहत् ओल्ड पेंशन स्कीम लागू की गई, सोशल सिक्योरिटी का दायरा बढ़ाया गया, एक लाख रोजगार दिए जा चुके हैं, एक लाख पच्चीस हजार रोजगार प्रक्रियाधीन है तथा एक लाख रोजगार और देने की बजट में घोषणा हुई है।

 डोटासरा ने कहा कि भाजपा मुद्दाविहीन हो गई है तथा जनता के समक्ष जाकर अपनी सरकार के कार्यों को गिना नहीं सकते, इसलिए देश में धर्म के आधार पर भाई को भाई से लड़ाने की राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राम मंदिर निर्माण का श्रेय लेना चाहते हैं जबकि राम मंदिर के मुद्दे पर पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गाँधी ने कहा था कि उच्चतम न्यायालय का जो फैसला होगा उसे देश स्वीकार करेगा, उनके इस कथन का पूरे देश ने समर्थन किया तथा आज राम मंदिर का निर्माण उच्चतम न्यायालय के फैसले के आधर पर ही हो रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने देशभर में भय का माहौल बना दिया है, असहमति जताने वालों के खिलाफ कार्यवाही की जा रही है, गुजरात के दलित विधायक श्री जिग्नेश मेवानी ने ट्वीट पर प्रधानमंत्री से असहमति दर्ज की तो उन्हें असम की

पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया। उन्होंने कहा कि देश के बिगड़ते माहौल को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को गाँव-गाँव, ढाणी-ढाणी जाकर जनता से सीधी बात करनी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा सांसद ने गोडसे को अपना आदर्श बताया, किन्तु उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई। गुजरात चुनाव जीतने के लिये दलितों की आवाज उठाने वाले दलित विधायक को जेल में डाल दिया। उन्होंने कहा कि राजगढ़ में भाजपा के बोर्ड वाली नगरपालिका ने भाजपा की पूर्ववर्ती सरकार में सीएम रही श्रीमती वसुंधरा राजे के आदेश के आधार पर प्रस्ताव पारित कर लोगों की दुकानों एवं प्राचीन मंदिर को ध्वस्त करने की कार्यवाही की जिसके 4 दिन बाद भाजपा के ही नेता कस्बे में माहौल बिगाड़ने के लिये आ गये, किन्तु भाजपा नेताओं का जनता ने विरोध कर एवं चूड़ियां देकर भगा दिया, क्योंकि भाजपा का असली चेहरा जनता के सामने उजागर हो गया है। 

उन्होंने कहा कि भाजपा धर्म के आधार पर लोगों को साजिश के तहत् बरगलाने की राजनीति कर रही है जबकि कांग्रेस पूरे समाज को एकता के सूत्र में बांधने का कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य है कि केन्द्र सरकार के जल संसाधन मंत्री राजस्थान के ही जनप्रतिनिधि हैं, किन्तु राजस्थान के लिये एक योजना नहीं ला पाए । उन्होंने कहा कि दुःख की बात है कि इआरसीपी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री प्रधानमंत्री के आश्वासन को भी झुठला रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे स्वयं संगठन के आदमी हैं तथा संगठन में कार्य करते हुए ही आगे बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि संगठन के लिये कार्य कर रहे कार्यकर्ताओं की मेहनत से ही प्रदेश में कांग्रेस सरकार का गठन हुआ है तथा कार्यकर्ताओं का सम्मान बना रहे इसके लिये वे स्वयं कृत संकल्प है।

 उन्होंने कहा कि सभी कांग्रेस कार्यकर्ता जनता के बीच जाकर केन्द्र सरकार की विफलताओं एवं उनकी वादाखिलाफी की जानकारी प्रदान करें तथा राजस्थान सरकार की लोककल्याणकारी योजनाओं से आम जनता को अवगत करायें। उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 में पुनः कांग्रेस सरकार प्रदेश में बने इसके लिये कार्यकर्ता पूरी ताकत से जुट जाये। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता स्वर्णिम चतुर्वेदी ने बताया कि प्रशिक्षण शिविर में प्रमुख रूप से एआईसीसी सचिव जुबेर खान, विधायक श्रीमती साफिया जुबेर, दीपचंद खैरिया, आर. सी. यादव, अजीत यादव, ललित यादव, जसवंत गुर्जर, सीताराम लाम्बा, कुलदीप पूनियां, सी. बी. यादव सहित अनेक कांग्रेसजन उपस्थित रहे।
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