जयपुर।अलवर के राजगढ़ कस्बे में अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही के दौरान मंदिर ध्वस्त करने के लिये भाजपा के नेता तथा राजगढ़ नगरपालिका जिसमें भाजपा का बोर्ड है पूर्णतया जिम्मेदार है। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि राजगढ़ कस्बे में अतिक्रमण को हटाने की शुरूआत राजस्थान की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के शासन में हुई थी।
उन्होंने कहा कि दिनांक 15-10-2018 को भाजपा के मण्डल अध्यक्ष सत्येन्द्र सैनी ने तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे तथा तत्कालीन विधायक श्रीमती गोलमा देवी की घोषणा पर सड़क मार्ग को चौड़ा कर अतिक्रमण हटाने हेतु जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया था। उन्होंने कहा कि नगरपालिका राजगढ़ ने दिनांक 8-9-2021 को रास्ता चौड़ा करने हेतु अतिक्रमण हटाने का प्रस्ताव पारित किया। उक्त प्रस्ताव नगरपालिका के अध्यक्ष सतीश कुमार दुहारिया ने रखा तथा सभी भाजपा पार्षदों ने प्रस्ताव को स्वीकार कर प्रस्ताव पारित किया, जिसके पश्चात् नगरपालिका राजगढ़ ने अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की। उन्होंने कहा कि मंदिर तोड़ने की कार्यवाही करने वाले भाजपा से संबंधित हैं तथा भाजपा का मंदिर पर कार्यवाही करने का कांग्रेस सरकार पर लगाया जा रहा आरोप पूर्णतया झूठा व गलत है, सम्पूर्ण कार्यवाही भाजपा के नेताओं द्वारा पारित प्रस्ताव के अनुसार राजगढ़ नगरपालिका के भाजपा के बोर्ड ने की है।
डोटासरा ने कहा कि पूर्ववर्ती भाजपा शासन के दौरान राजस्थान की राजधानी जयपुर में भाजपा सरकार द्वारा सैंकड़ों मंदिर तोड़े गये जिनमें अधिकांश 100 से 200 वर्ष पुराने थे। उन्होंने कहा कि भाजपा की केन्द्र सरकार तथा दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने उच्चतम न्यायालय के स्थगन के बावजूद दिल्ली में आस्था के केन्द्र पर बुलडोजर चलाया। उन्होंने कहा कि गुजरात में भी भाजपा शासन द्वारा सैंकड़ों मंदिर ध्वस्त किये गये। उन्होंने कहा कि भाजपा तथा आरएसएस की फितरत धार्मिक उन्माद फैलाकर भाई को भाई से लड़ाने की रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता स्वयं गलत कार्य करते हैं तथा देश में धार्मिक उन्माद
फैलाकर सम्प्रदाय, वर्ग, जाति के आधार पर देश को बांटने की राजनीति करते हैं। उन्होंने भाजपा से प्रश्न किया कि क्यों वर्ष 2018 से भाजपा का मण्डल अध्यक्ष अतिक्रमण हटाने हेतु ज्ञापन दे रहा था। उन्होंने कहा कि भाजपा को जवाब देना चाहिये कि क्यों भाजपा के पार्षदों ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर अतिक्रमण के खिलाफ कार्यवाही करते हुए मंदिर हटाने का कार्य किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार की संवेदनशीलता का परिणाम है कि उक्त स्थान पर स्थित निजी मंदिर से मूर्तियां हटाने हेतु स्थानीय प्रशासन ने मौका दिया जिस पर निजी मंदिर के स्वामी ने अपने मंदिर से विधिवत मूर्तियों को हटा दिया। उन्होंने कहा कि दूसरे मंदिर का गर्भ गृह सुरक्षित है।
डोटासरा ने कहा कि पूर्ववर्ती भाजपा शासन के दौरान राजस्थान की राजधानी जयपुर में भाजपा सरकार द्वारा सैंकड़ों मंदिर तोड़े गये जिनमें अधिकांश 100 से 200 वर्ष पुराने थे। उन्होंने कहा कि भाजपा की केन्द्र सरकार तथा दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने उच्चतम न्यायालय के स्थगन के बावजूद दिल्ली में आस्था के केन्द्र पर बुलडोजर चलाया। उन्होंने कहा कि गुजरात में भी भाजपा शासन द्वारा सैंकड़ों मंदिर ध्वस्त किये गये। उन्होंने कहा कि भाजपा तथा आरएसएस की फितरत धार्मिक उन्माद फैलाकर भाई को भाई से लड़ाने की रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता स्वयं गलत कार्य करते हैं तथा देश में धार्मिक उन्माद
फैलाकर सम्प्रदाय, वर्ग, जाति के आधार पर देश को बांटने की राजनीति करते हैं। उन्होंने भाजपा से प्रश्न किया कि क्यों वर्ष 2018 से भाजपा का मण्डल अध्यक्ष अतिक्रमण हटाने हेतु ज्ञापन दे रहा था। उन्होंने कहा कि भाजपा को जवाब देना चाहिये कि क्यों भाजपा के पार्षदों ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर अतिक्रमण के खिलाफ कार्यवाही करते हुए मंदिर हटाने का कार्य किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार की संवेदनशीलता का परिणाम है कि उक्त स्थान पर स्थित निजी मंदिर से मूर्तियां हटाने हेतु स्थानीय प्रशासन ने मौका दिया जिस पर निजी मंदिर के स्वामी ने अपने मंदिर से विधिवत मूर्तियों को हटा दिया। उन्होंने कहा कि दूसरे मंदिर का गर्भ गृह सुरक्षित है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार कभी किसी धार्मिक आस्था के केन्द्र पर कार्यवाही नहीं करती है, भाजपा जो कि राजगढ़ में हुए दुःखद घटना के लिये जिम्मेदार है, प्रदेश एवं देश में झूठे तथ्य फैलाकर साम्प्रदायिकता की राजनीति करना चाहती है जिसे राजस्थान की कांग्रेस सरकार किसी कीमत पर सफल नहीं होने देगी।
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