० बिपिन कुमार पाठक ०
नयी दिल्ली - भारत को एक प्रमुख चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पर्यटन स्थल के रूप में बढ़ावा देने के कार्य में केंद्र सरकार के मंत्रालयों, राज्य सरकारों तथा निजी क्षेत्र के बीच एक मजबूत ढांचा और तालमेल विकसित करने हेतु पर्यटन मंत्रालय ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पर्यटन के लिए एक राष्ट्रीय रणनीति और रोडमैप तैयार किया है।
चिकित्सा पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य को और आगे बढ़ाने में समर्पित संस्थागत ढांचा प्रदान करने के लिए पर्यटन मंत्रालय ने मंत्री (पर्यटन) की अध्यक्षता में एक राष्ट्रीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पर्यटन बोर्ड का गठन किया है।पर्यटन मंत्रालय अपनी मौजूदा गतिविधियों के हिस्से के रूप में देश के विभिन्न पर्यटन स्थलों व उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए 'अतुल्य भारत' ब्रांड-लाइन के तहत विदेशों में महत्वपूर्ण और संभावित बाजारों में वैश्विक प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक तथा ऑनलाइन मीडिया अभियान संचालित करता है। चिकित्सा पर्यटन के विषय सहित विभिन्न मुद्दों पर मंत्रालय के सोशल मीडिया एकाउंट्स के माध्यम से डिजिटल प्रचार भी नियमित रूप से किए जाते हैं।
'मेडिकल वीजा' की शुरुआत की गई है, जो चिकित्सा उपचार के लिए भारत में आने वाले विदेशी यात्रियों को विशिष्ट उद्देश्य के लिए दिया जा सकता है। 156 देशों में सुविधा के लिए 'ई-मेडिकल वीजा' और 'ई-मेडिकल अटेंडेंट वीजा' भी प्रारंभ किए गए हैं। पर्यटन मंत्रालय विभिन्न पहल के जरिये चिकित्सा/पर्यटन मेलों, चिकित्सा सम्मेलनों, स्वास्थ्य सम्मेलनों, स्वास्थ्य मेलों और संबद्ध रोड शो में भाग लेने के लिए अस्पतालों तथा स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीएच) द्वारा मान्यता प्राप्त चिकित्सा पर्यटन सेवा प्रदाताओं को बाजार विकास सहायता योजना के तहत वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
यह जानकारी पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
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