जयपुर में कई चुनिंदा भाग्यशाली है, जिन्हें कोरोना काल में बाजार दर से कम दाम पर नामी दवा कम्पनियों की दवाइयां मिली है। उदाहरण के लिए करोना की दवा फेबी फ्ल्यू 200 एम.एल बाजार में 1292 रू की और जीएम मेडिकल स्टोर पर 1137 में मिलती है। ऐसे ही हजारों दवाएं हैं जो जीएम मेडिकल स्टोर पर छपी दर से कम दाम पर मांग के अनुसार उपलब्ध है।
दवाई कंपनी नहीं साल्ट देखकर खरीदे सस्ती मिलेगी
यह काम कोई सरकारी संस्था या एनजीओ नहीं कर रहा। बल्कि चिकित्सा और जयपुर का जाने माना नाम डॉक्टर महावीर सिंह नाथावत और उनकी टीम कर रही हैं। तीन महीने पहले जब दवाओं कि मारा मारी शुरू हुए तो जनसामान्य को कम दाम पर अच्छी दवा मिले इस उद्देश्य से जीएम मेडिकल स्टोर ने यह प्रयास शुरू किया। पच्चीस लाख के जयपुर शहर में सिर्फ तीस सौ लोग ही लाभान्वित हुए। इसका कारण गिनाए हुए डॉक्टर महावीर सिंह ने बताया कि मेडिकल क्षेत्र में सक्रिय दवा माफिया और आम आदमी की सोच ऐसे प्रयासों के कमियाब नहीं होने देते। दवाएं कम दामों मिले तो खरीदार का पहला शक दवा नकली तो नहीं यह सोचने लगता है। नाथावत ने बताया कि आमजन में यह बताना जरूरी हैं कि दवाइयां डॉक्टर के कहने पर कम्पनियों की नहीं साल्ट देखकर खरीदनी चाहिए। ऐसे में जो लोग इस गणित को समझते है वे ही लेते है बाकी बहकावे में आकर जेब खाली कर रहे है। उन्होंने कहा कि उनकी टीम तो कॉलोनियों, फ्लैट्स सोसायटीज को भी जरुरत के अनुसार दवाई उपलब्ध करवा सकते है।
दवाइयां छपी दर से कम में कैसे संभव है
डॉक्टर महावीर सिंह नाथावत ने बताया कि दवा कम्पनियों से मिलने वाली दर के ऊपर वे अपना नो प्रॉफिट लॉस की तर्ज पर खर्च जोड़ कर जरूरतमंदो को उपलब्ध करवा देते है। बाकी स्टार्स अपनी जरूरत के अनुसार मुनाफे का प्रतिशत बढ़ा देते है। कम दाम पर दवाएं मिल रही उनकी क्वालिटी खराब होगी ऐसा नहींं है।
प्रधानमंत्री जन औषधि योजना में कई खामियां
डॉक्टर महावीर सिंह नाथावत ने बताया कि प्रधानमंत्री जनऔषधि योजना की दवा दुकान पर जेनेरिक दवाएं सही मात्रा में साल्ट और बेहद कम दामों पर उपलब्ध है। जन औषधि की दवाएँ प्रत्येक रीटेलर की उपलब्ध हो जाए तो दवा बाज़ार बहुत सस्ता हो सकता है, किंतु केंद्र सरकार की मंशा प्रचार करना मात्रा है। इस योजना में कई खामियां है। जैसे एक डेढ़ किलोमीटर में एक दुकान का होना। दुकानों पर तीन सौ प्रकार की दवाइयां ही उपलब्ध है और निर्धारित दवाओं के अलावा दूसरी दवाइयां नहीं बेची का सकती। यही नहीं योजना के सुपर स्टॉक जनऔषधि केंद्र को ही दवाइयां दे सकता है। दूसरे स्टोर्स या अन्य दुकान वाले दवाई लेते हैं तो उन्हें दवा नहीं मिलेगी। इस जन औषधि केंद्र बंद होने की कगार पर हैं।
लॉकडाउन के दौरान मेडिकल माफिया पनपने और दवाओं की मुनाफावसूली के खिलाफ आंदोलन की घोषणा कर चुके, राष्ट्रवादी जनसेना के अध्यक्ष करण सिंह खाचरियावास ने डॉक्टर महावीर सिंह नाथावत के बाजार दर से कम दामों पर दवाइयां उपलब्ध कराए जाने के प्रयास की सराहना की है। उन्होंने कहा कि डॉक्टर नाथावत के इन प्रयासों की जानकारी हर जरूरतमंद तक पहुचाई जानी चाहिए।
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