० आशा पटेल ०
जयपुर, दूरसंचार विभाग , राजस्थान लाइसेंस सर्विस एरिया ( एलएसए ) ने' ईएमएफ रेडियेशन पर जागरुकता वेबिनार ' का आयोजन किया । यह सत्र डीओटी के पब्लिक एडवोकेसी प्रोग्राम के तहत आयोजित किया गया , ताकि आम जनता को मोबाईल टॉवर्स की जरूरत के बारे में जागरुक करके मोबाईल टॉवर्स से नुकसानदायक रेडियेशन से जुड़ी भ्रांतियों और डर को विश्वसनीय वैज्ञानिक प्रमाणों के साथ दूर किया जा सके ।
दूरसंचार विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों एवं डॉक्टर्स के एक विशेषज्ञ पैनल ने इस वेबिनार में नागरिकों द्वारा प्रस्तुत शंकाओं का समाधान किया और मोबाईल टॉवर से निकलने वाले रेडियेशन से होने वाले स्वास्थ्य संबंधी खतरों के बारे में फैली भ्रामक जानकारी एवं मिथकों को दूर किया । इस वेबिनार में सरकारी अधिकारी , आम जनता , कॉलेज , फैकल्टी एवं विद्यार्थी , टेलीकॉम सेवा प्रदाता , इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रदाता एवं अन्य अधिकारी मौजूद थे । समारोह के मुख्य वक्ताओं में हर्वेश भाटिया , सीनियर डीडीजी , हेड , डीओटी राजस्थान एलएसए ; सिद्धार्थ पोखरना , डीडीजी ( कंप्लायंस ) , डीओटी , राजस्थान एलएसए ; राकेश कुमार मीना , डायरेक्टर ( कंप्लायंस ) , डीओटी , राजस्थान एलएसए ; डॉ . अरुण चोगुले , सीनियर प्रोफेसर एवं हेड ऑफ डिपार्टमेंट ऑफ रेडियोलॉजिकल फिज़िक्स , एस.एम.एस. मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल्स , जयपुर शामिल थे ।
टेलीकम्युनिकेशन सेवाओं की रूपरेखा देते हुए एवं अंशधारकों की समस्याओं पर रोशनी डालते हुए श्री हर्वेश भाटिया , सीनियर डिप्टी डायरेक्टर जनरल, डीओटी ने कहा मोबाईल यूजर्स की संख्या बढ़ने के साथ सभी को सुगम मोबाईल कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए मोबाईल टॉवरों की संख्या बढ़ाना भी जरूरी है । ईएमएफ सिग्नल की हमारी विस्तृत शोध के आधार पर यह स्थापित हो चुका है कि मोबाईल टॉवर का रेडियेशन स्वास्थ्य के कोई गंभीर समस्याएं उत्पन्न नहीं करता । ईएमएफ रेडियेशन पर अपने प्रेजेंटेशन में श्री सिद्धार्थ पोखरना , डिप्टी डायरेक्टर जनरल ( कंप्लायंस ) ने हमारे जीवन एवं देश के विकास में मोबाईल फोन की जरूरत के बारे में वार्ता की । उन्होंने मोबाईल टॉवरों से कम स्तर के इलेक्ट्रो मैग्नेटिक फील्ड इमेनेशन का अवलोकन प्रस्तुत किया ।
राकेश कुमार मीना , डायरेक्टर ( कंप्लायंस ) ने प्रेजेंटेशन जारी रखते हुए कहा , " डीओटी टेलीकॉम टॉवरों से निकलने वाले रेडियेशन को नियंत्रित व मॉनिटर करता है । हमारे ईएमएफ नियम आईसीएनआईआरपी द्वारा अनुशंसित एवं डब्लूएचओ की सिफारिश के मुकाबले 10 गुना ज्यादा कठोर हैं । एलएसए स्थलों की नियमित फिज़िकल ऑडिट करता है और स्थल के नज़दीक संभावित अलग - अलग स्थानों पर उपलब्ध ईएमएफ सिग्नल की जाँच करता है । लोगों को आश्वस्त करना एवं जागरूक करना जरूरी है कि मोबाईल टॉवर से जुड़े डर निराधार हैं । " डॉ . अरुण चोगुले , सीनियर प्रोफेसर एवं हेड ऑफ द डिपार्टमेंट और रेडियोलॉजिकल फिज़िक्स ने मोबाईल टॉवर के रेडियेशन से जुड़ी भ्रामक जानकारी को दूर करते हुए कहा , " मोबाईल टॉवर के खिलाफ तों को साबित करने के लिए कोई भी वैज्ञानिक या मेडिकल प्रमाण उपलब्ध नहीं है । सेल टॉवरों से अत्यधिक कम पॉवर के नॉन - आयोनाइजिंग रेडियेशन निकलते हैं , जिनका मानव जीवन या पशुओं के जीवन या स्वास्थ्य पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता ।
आज नागरिकों को यह जानना जरूरी है कि मोबाईल टॉवर के ईएमएफ रेडियेशन की कठोर निगरानी की जाती है और विश्वसनीय स्रोतों से मिले प्रमाणों ने ईएमएफ रेडियेशन से स्वास्थ्य को होने वाले किसी भी नुकसान की संभावना को खारिज कर दिया है । भारत में आठ हाई कोर्ट इस तथ्य को स्वीकार कर चुके हैं और उन्होंने इस तरह की सभी निराधार शंकाओं को दूर करने के लिए अपने फैसले सुनाए हैं तथा माना है कि इस तरह की भ्रमित एक्टिविज्म अर्थव्यवस्था एवं कनेक्टिविटी की वृद्धि के लिए समस्याएं उत्पन्न कर रही है । राजस्थान में भी ईएमएफ एमिशन के बारे में कुछ आबादी के बीच फैली भ्रांतियों को दूर किया जाना जरूरी है और उन आबादियों के बीच टॉवर लगाए जाने की अनुमति दी जानी चाहिए ।
भारत सरकार आईसीएनआईआरपी एवं डब्लूएचओ द्वारा निर्धारित सीमा के मुकाबले दस गुना ज्यादा कठोर मानकों का पालन करती है । टेलीकॉम सेवा प्रदाता सरकार द्वारा स्थापित नियमों का कड़ाई से पालन कर रहे हैं , यह सुनिश्चित करने लिए नियमित रूप से जाँच की जाती है । डीओटी दिशानिर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध व तैयार है । ये दिशानिर्देश ईएमएफ उत्सर्जन नियमों पर नागरिकों की शंकाओं का समाधान करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं और नागरिकों की सुरक्षा के लिए इनका कड़ाई से पालन होता है ।
प्रश्नोत्तर सत्र के दौरान पैनलिस्ट्स ने बताया कि मोबाईल कनेक्टिविटी समाज के हर वर्ग के लिए आज के समय की जरूरत है और ' डिजिटल इंडिया ' के लिए सरकार के उद्देश्य का अभिन्न हिस्सा है । यह स्पष्ट किया गया कि सेल टॉवर के पास एक्सपोज़र का स्तर सेल फोन का इस्तेमाल करने पर होने वाले एक्सपोजर के मुकाबले कई गुना कम होता है । इस पैनल वार्ता का समापन श्री सौरभ कुमार , असिस्टैंट डायरेक्टर जनरल , कार्यालय , वरिष्ठ उपमहानिदेशक , राजस्थान एलएसए द्वारा सबके आभार प्रदर्शन के साथ हुआ ।
एक टिप्पणी भेजें