बेंगलुरू, भारत की सबसे बड़ी फिनटेक एसएएएस (SaaS) कंपनी, क्लियर (पूर्व में क्लियरटैक्स) ने उद्यमों के लिए इनवॉइस डिस्काउंटिंग (चालान/बिल में छूट) उत्पाद को लॉन्च करने की घोषणा की है। यह लॉन्च एसएमई क्रेडिट और बी2बी भुगतान के क्षेत्र में कंपनी के प्रवेश को दर्शाता है। इनवॉइस डिस्काउंटिंग प्रॉडक्ट क्लियर के मौजूदा 3,000 से अधिक उद्यम ग्राहकों के लिए उपलब्ध होगा, ताकि वे अपने आपूर्तिकर्ताओं को कार्यशील पूंजी समाधान प्रदान कर सकें और उनके कारोबार को बढ़ाने में मदद कर सकें।
3,000 से अधिक उद्यमों और 600-हजार से अधिक एसएमई के लिए एसएएएस अनुपालन उत्पादों की एक श्रृंखला प्रदान करने वाले, क्लियर ने अपने "व्यावसायिक नेटवर्क" को जीएसटी, ई-वेबिल और ई-चालान के साथ विकसित होते देखा है। प्लेटफॉर्म पहले से ही 400 बिलियन डॉलर के सकल मूल्य (जीटीवी) के साथ 200 मिलियन से अधिक व्यावसायिक बिलों को संसाधित कर चुका है। एमएसएमई भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं और विकास के लिए नकदी का होना उनके अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण है। यह अनुमान लगाया गया है कि भारतीय उद्यमों के इन आपूर्तिकर्ताओं को सालाना 200 अरब डॉलर (15 लाख करोड़ रुपये) से अधिक के चालान पर ॠण की आवश्यकता होती है और यह काफी हद तक सेवा के दायरे से बाहर है। क्लियर द्वारा 800 से अधिक उद्यमों पर किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि एमएसएमई अधिनियम, 2006 के बाद भी आपूर्तिकर्ता भुगतान में 60-120 दिनों के बीच की देरी हो रही है, जो कि 45 दिनों के भीतर एमएसएमई भुगतान को अनिवार्य करता है।
भुगतान जारी होने से पहले चालान प्रक्रिया को पूरा करने में में 5-20 दिन लग सकते हैं, जिससे आपूर्तिकर्ताओं के लिए नकदी प्रवाह की समस्या बढ़ जाती है। इन आपूर्तिकर्ताओं में से कई को असंगठित स्रोतों से असंगठित दरों पर ऋण लेने के लिए मजबूर होना पड़ता है, क्योंकि पारंपरिक ॠण मॉडल बोझिल आवेदन प्रक्रियाओं और भारी कोलैटरल पर निर्भर करते हैं।
इस अंतर को तकनीक-सक्षम इनवॉइस डिस्काउंटिंग के जरिए हल किया जा सकता है, जोकि ॠण का एक रूप है जहां आपूर्तिकर्ताओं को थोड़ा कम मूल्य पर जल्दी भुगतान किया जाता है। चीन जैसी अन्य विकासशील अर्थव्यवस्थाओं (जीडीपी का लगभग 11%) की तुलना में भारत में ॠण का यह रूप अभी भी शुरुआती (जीडीपी का 0.2%) अवस्था में है। एक उद्यम, उसके आपूर्तिकर्ताओं और फाइनेंसर्स के लिए ॠण के लिए चालान को आसानी से प्रोसेस करने के लिए एक सामान्य मंच का अभाव है। इससे व्यापक पैमाने पर एक सफल इनवॉइस डिस्काउंटिंग कार्यक्रम चलाने के रास्ते में बाधा आती है। जीएसटी और इलेक्ट्रॉनिक इनवॉइसिंग में क्लियर की मौजूदगी इस अड़चन को दूर करने के लिए सबसे उपयुक्त है।
क्लियर के संस्थापक और सीईओ अर्चित गुप्ता ने कहा, “हमारे पास उद्यमों के लिए फिनटेक एसएएएस के निर्माण का गहन अनुभव है, जिसने हमें पारितंत्र में एसएमई क्रेडिट और बी2बी भुगतान के लिए तकनीक-आधारित समाधानों की ज्वलंत आवश्यकता को हल करने के लिए प्रेरित किया है। टेक-फर्स्ट सप्लाई चेन फाइनेंसिंग उत्पाद, इनवॉइस छूट से शुरू होकर, उद्यमों और उनके आपूर्तिकर्ताओं के लिए उत्कृष्ट अनुभव प्रदान करेंगे।’’
क्लियर के इनवॉइस डिस्काउंटिंग उत्पाद को आपूर्तिकर्ताओं को तत्काल कार्यशील पूंजी और तरलता देने के लिए तैयार किया गया है, और वित्त वर्ष 24 के अंत तक 3 बिलियन डॉलर की रकम के इनवॉइस के संसाधित होने की उम्मीद है। स्मार्ट एआई/एमएल-आधारित प्लेटफॉर्म ईआरपी से जुड़ेगा और डिस्काउंट रेट चुनने में सक्षम करेगा जो ग्राहकों और उनके आपूर्तिकर्ताओं दोनों के लिए स्वीकार्य है। उद्यम अपने शुरुआती भुगतानों को निधि देने के लिए कई वित्तपोषण विकल्पों में से चुन सकते हैं। वे अपने स्वयं के अधिशेष नकदी का उपयोग कर सकते हैं, या बैंकों के माध्यम से क्रेडिट लाइन का विकल्प चुन सकते हैं, या क्लियर के प्लेटफॉर्म के भीतर ट्रेड्स मार्केटप्लेस के माध्यम से जा सकते हैं।
गुप्ता ने कहा कि हम बैंकों और एनबीएफसी के साथ साझेदारी कर रहे हैं ताकि आपूर्ति श्रृंखला ॠण को बड़े पैमाने पर संचालित किया जा सके। इसके लिए हम सिर्फ संपदा स्वामित्व को नहीं देखते हैं बल्कि कारोबार के वास्तविक प्रदर्शन के आधार पर त्वरित और उचित कीमत पर ॠण को सक्षम बनाते हैं अक्टूबर 2021 में, क्लियर ने कोरा कैपिटल, स्ट्राइप, अलुआ कैपिटल, थिंक इन्वेस्टमेंट्स और मौजूदा निवेशकों के नेतृत्व में सीरीज सी फंडिंग में 75 मिलियन डॉलर जुटाए थे, ताकि बी2बी क्रेडिट में क्लियर के विस्तार और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भुगतान के साथ-साथ विस्तार में तेजी लाई जा सके। क्लियर इससे पहले 2021 में वाईबैंक (वाई कॉम्बिनेटर-समर्थित उद्यम भुगतान स्टार्टअप) का अधिग्रहण कर चुका है।
इस अंतर को तकनीक-सक्षम इनवॉइस डिस्काउंटिंग के जरिए हल किया जा सकता है, जोकि ॠण का एक रूप है जहां आपूर्तिकर्ताओं को थोड़ा कम मूल्य पर जल्दी भुगतान किया जाता है। चीन जैसी अन्य विकासशील अर्थव्यवस्थाओं (जीडीपी का लगभग 11%) की तुलना में भारत में ॠण का यह रूप अभी भी शुरुआती (जीडीपी का 0.2%) अवस्था में है। एक उद्यम, उसके आपूर्तिकर्ताओं और फाइनेंसर्स के लिए ॠण के लिए चालान को आसानी से प्रोसेस करने के लिए एक सामान्य मंच का अभाव है। इससे व्यापक पैमाने पर एक सफल इनवॉइस डिस्काउंटिंग कार्यक्रम चलाने के रास्ते में बाधा आती है। जीएसटी और इलेक्ट्रॉनिक इनवॉइसिंग में क्लियर की मौजूदगी इस अड़चन को दूर करने के लिए सबसे उपयुक्त है।
क्लियर के संस्थापक और सीईओ अर्चित गुप्ता ने कहा, “हमारे पास उद्यमों के लिए फिनटेक एसएएएस के निर्माण का गहन अनुभव है, जिसने हमें पारितंत्र में एसएमई क्रेडिट और बी2बी भुगतान के लिए तकनीक-आधारित समाधानों की ज्वलंत आवश्यकता को हल करने के लिए प्रेरित किया है। टेक-फर्स्ट सप्लाई चेन फाइनेंसिंग उत्पाद, इनवॉइस छूट से शुरू होकर, उद्यमों और उनके आपूर्तिकर्ताओं के लिए उत्कृष्ट अनुभव प्रदान करेंगे।’’
क्लियर के इनवॉइस डिस्काउंटिंग उत्पाद को आपूर्तिकर्ताओं को तत्काल कार्यशील पूंजी और तरलता देने के लिए तैयार किया गया है, और वित्त वर्ष 24 के अंत तक 3 बिलियन डॉलर की रकम के इनवॉइस के संसाधित होने की उम्मीद है। स्मार्ट एआई/एमएल-आधारित प्लेटफॉर्म ईआरपी से जुड़ेगा और डिस्काउंट रेट चुनने में सक्षम करेगा जो ग्राहकों और उनके आपूर्तिकर्ताओं दोनों के लिए स्वीकार्य है। उद्यम अपने शुरुआती भुगतानों को निधि देने के लिए कई वित्तपोषण विकल्पों में से चुन सकते हैं। वे अपने स्वयं के अधिशेष नकदी का उपयोग कर सकते हैं, या बैंकों के माध्यम से क्रेडिट लाइन का विकल्प चुन सकते हैं, या क्लियर के प्लेटफॉर्म के भीतर ट्रेड्स मार्केटप्लेस के माध्यम से जा सकते हैं।
गुप्ता ने कहा कि हम बैंकों और एनबीएफसी के साथ साझेदारी कर रहे हैं ताकि आपूर्ति श्रृंखला ॠण को बड़े पैमाने पर संचालित किया जा सके। इसके लिए हम सिर्फ संपदा स्वामित्व को नहीं देखते हैं बल्कि कारोबार के वास्तविक प्रदर्शन के आधार पर त्वरित और उचित कीमत पर ॠण को सक्षम बनाते हैं अक्टूबर 2021 में, क्लियर ने कोरा कैपिटल, स्ट्राइप, अलुआ कैपिटल, थिंक इन्वेस्टमेंट्स और मौजूदा निवेशकों के नेतृत्व में सीरीज सी फंडिंग में 75 मिलियन डॉलर जुटाए थे, ताकि बी2बी क्रेडिट में क्लियर के विस्तार और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भुगतान के साथ-साथ विस्तार में तेजी लाई जा सके। क्लियर इससे पहले 2021 में वाईबैंक (वाई कॉम्बिनेटर-समर्थित उद्यम भुगतान स्टार्टअप) का अधिग्रहण कर चुका है।
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