० योगेश भट्ट ०
नई दिल्ली। देश में महिला सशक्तिकरण की ओर एक नया कदम संसद की ओर से बढ़ाया जा रहा है। दरअसल संसद की एक समिति ने प्रत्येक जिले में एक थाना के गठन पर जोर दिया है जिसमें केवल महिला कर्मी हों। साथ ही इन्हें चुनौतीपूर्ण काम देने की सलाह भी दी है। समिति ने कहा कि पुलिस बल में महिलाओं की भागीदारी सिर्फ 10.3 प्रतिशत है, जो बहुत ही कम है। समिति की ओर से सुझाव दिया गया है कि देश के हर जिले में कम-से-कम एक पूर्ण रूप से महिला थाना स्थापित किए जाने की जरूरत है।
गृह मंत्रालय से संबंधित संसद की स्थायी समिति ने यह भी कहा कि पुलिस बल में महिलाओं की भागीदारी 33 प्रतिशत तक बढ़ाने के लिए एक रूपरेखा बनाई जानी चाहिए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा इस समिति के अध्यक्ष हैं। इस सप्ताह संसद में पेश रिपोर्ट में कहा गया है, समिति इस बात से दुखी है कि पुलिस बल में महिलाओं का प्रतिनिधित्व सिर्फ 10.3 प्रतिशत है, जो बहुत कम है। समिति ने सुझाव दिया है कि गृह मंत्रालय को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को परामर्श देना चाहिए कि हर जिले में कम-से-एक ऐसा थाना स्थापित किया जाए, जहां सभी कर्मी महिलाएं हों।
समिति ने यह भी कहा कि पुरुष पुलिस कर्मियों के रिक्त पदों पर महिलाओं की नियुक्ति करने के बदले उनके लिए अतिरिक्त पदों का सृजन किया जाए। इससे पुलिस और जनसंख्या के अनुपात में सुधार होगा। समिति ने यह अनुशंसा भी की है कि गृह मंत्रालय को यह परामर्श भी देना चाहिए कि पुलिस बल में शामिल महिलाओं को भी महत्वपूर्ण और चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारी दी जाए
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