० सुषमा भंडारी ०
ये पंक्तियाँ रवि दहिया एस डी एम सी में शिक्षक पद को शुशोभित करने वाले नौ जवाँ को समर्पित हैं जो वक्त-वक्त पर बिना किसी झिझक के, प्रश्न के रक्त दान करते हैं। अपने नाम की भाँति चमकने वाले को मैं प्रणाम करती हूँ।
महत्ता रक्तकोष की
समझेंगे किस पल।
बूंद-बूंद है कीमती
रहे सुरक्षित कल ।।
रक्तदान महादान है
कर न सोच विचार।
जीवन है अनमोल ये
कर ले इस से प्यार।।
समय समय पर जांचना
अपना रक्त दबाव।
सेहत पर होता असर
होता है प्रभाव।।
रक्त के संचार से
चलती जीवन नाव।
रक्तचाप की जांच हो
संयमित रहे दबाव ।।
खान- पान सब स्वच्छ हो
स्वच्छ - स्वस्थ हो खून।
पर जीवन रक्षा करूं
ऐसा रहे जुनून। ।
मानवता जीवित रहे
सबका हो कल्याण ।
रक्तदान सबसे बड़ा
बचते इस से प्राण।।
रक्त की इक बूंद भी
हो न कभी खराब ।
रक्तदान महादान है
दे जीवन नायाब।।
बूंद बूंद है कीमती
रक्तदान महादान
रवि जैसे नौ जवाँ
फैलाते मुस्कान।।
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