0 परिणीता सिन्हा 0
कभी कुछ ऐसा टूटता है कि
आसमान में भी हो जाती है सुराख ।
आसमान जो सब समेट लेता है ।
आसमान जो सब सहेज लेता है।
कुछ बुलंद इरादे और
कुछ स्वयं से किए गए वादे ,
सारी सीमाएं तोड़ देते है ।
और गढ़ते है वो जिसे ज्यादातर छोड़ देते है ।
निरंतर किया गया प्रयास, .
हमेशा रचता है इतिहास ।
आपके धकेलने मात्र से कोई नही गिरता,
कुछ लोगों का संघर्ष से होता है गहरा रिश्ता ।
वो जागते है उन रातों को,
जब सोती है पूरा धरती
और पूरा अंबर ।
कुछ अधूरे सपने ,
आपको उद्धेलित करते है निरंतर
और इसी जुनून में ,
आप एक दिन ,भेद देते है अंबर ।
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