ग्वालियर -गोपाल किरन समाजसेवी संस्था ग्वालियर अध्यक्ष के नेतृत्व में साउथ सेंट्रल जोन के नाइन इन माईन के जोनल कोडिनेटर निरंजन कुमार के मार्गदर्शन में बच्चों को निःशुल्क राशन किट संगीता शाक्य मुख्य संरक्षक, कैलाश चन्द मीणा,मंडल वन अधिकारी,व संरक्षक के संरक्षण में PRATYeK नई दिल्ली के सहयोग से न्यू मोहन नगर, थाटीपुर, ग्वालियर में रामप्रसाद बसेडिया (पंचायत अधिकारी,एवं संस्था में शासकीय योजना के विशेषज्ञ), रईस खान,श्रीप्रकाश सिंह निमराजे, जहाँआरा, सचिव की उपस्थिति में 35 से अधिक बच्चों को वितरित की गई।
इस किट में आटा पैकेट 10 कि.ग्राम ,चावल 2 कि.ग्राम, दाल तुअर 1 कि.ग्राम,नमक 1 कि.ग्राम,तेल 1 कि.ग्राम,चीनी 1 कि.ग्राम,हल्दी 1 पेकेट,मिर्च 1पेकेट, धनिया 1 पेकेट,चाय की पति,साबुन नहाने, कपड़े धोने,सेनेटरी पेड़ आदि सामान कपड़े के थैला मैं रखकर ,प्रदाय किया ओर सन्देश दिया कि अपने शहर को ना करें मैला साथ मैं लेकर जाये थेला । लगातार सोशल मीडिया मैं विभिन्न प्रकार की गलत जानकारी देखते है, उसके फेक्ट को जाने। भीड़ भाड़ वाले इलाके मे जाने से बचे। अपनी पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान दे। शिक्षा ही एक मात्र शक्तिशाली हथियार है जिससे संसार को बदला जा सकता है,कृपया बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए उनका स्कूल में प्रवेश जरूर कराएं।*बच्चो को कोरोना से बचाव को लेकर मास्क एवं सेनेटाइजर वितरण किया गया। हमारा उद्देश्य "अनलॉक के समय अंडर 18 उम्र के बच्चो को कोरोना जेसी बीमारियों से किस तरह सतर्कता रखनी चाहिए, मास्क एवं सेनेटाइजर वितरण के साथ किस तरह हाथों को साफ रखना जैसे समझाया एवं सिखाया जा रहा है, ताकि थर्ड स्टेज आने से बच्चो को बचाया जा सके। कुछ खास तथ्य इस दौरान आये जिनका उपयोग कर आगे बढ़ा जा सकता है। सामाजिक रूप से आपस मे परिचित होते हुए , हमे प्राप्त योग्यता, अनुभव, संसाधन, पद, एवम पावर का उपयोग व्यक्तिगत हित के साथ साथ समाज हित में करना अनिवार्य है।
समाज की धन शक्ति, ज्ञान शक्ति, श्रम शक्ति, उपभोक्ता शक्ति, संसाधन शक्ति को आपस मे जोड़कर, समाजिक उधमशीलता, विकसित कर समाज को आत्म निर्भर बनाना अनिवार्य है। जिससे बच्चा सुरक्षित हो सके ओर उसका परिवार का बहिस्कृत न हो । हमे समाज में व्याप्त कुरीतियों, पाखंड, आडंबर, दिखावा, आदि को समाप्त कर समाज को अपनी मूलभुत आवश्यकताओं जेसे, खाना, रहना, स्वास्थ्य, और शिक्षा आदि को बेहतर बनाना है। जिसकी शुरुआत समाज के सक्षम वर्ग से होकर समाज के अंतिम पायदान तक पहुंचाने की जरुरत है जिसमे बच्चों का विकास हो सके।
हमे समाज के विभिन्न लोगो को आपस मे परिचित कर, जोडकर, एक दूसरे का हाथ पकड़कर ऊपर उठाना है। हमे एक दूसरे की टांग पकड़कर नीचे नही गिराना है आपस मैं द्वेष भावना नहीं रखते हुए ,आपस मे भाईचारा कायम करना है हम सब समाजिक ईमानदारी से समाज हित मै कार्य कर समाज को समाजिक समानता, आर्थिक विकास, बौद्धिक विकास हेतु, प्रवास कर सभी अपनी अपनीयोग्यता,संसाधनों,अनुभवों, के आधार पर योगदान दें। तभी हम बेहतर समाज का निर्माण कर भारत के विकास हो सकेगा और बच्चें को वह सब मिल सकेगा जिसकी उसको जरूरत है।
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