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ऊबर 100,000 ड्राईवर्स को जेंडर सेंसिटाईज़ेशन के बारे में जागरूक करेगा


० नूरुद्दीन अंसारी ० 

गुरुग्राम,। ऊबर ने घोषणा की कि यह 2021 के अंत तक मानसिक स्वास्थ्य, लैंगिक समानता एवं न्याय के क्षेत्र में काम कर रही दिल्ली स्थित एनजीओ, मानस फाउंडेशन के साथ विस्तारित साझेदारी में 100,000 ड्राइवर्स को लैंगिक जागरुकता प्रदान करेगा। ऊबर ने मानस फाउंडेशन के साथ पहली साझेदारी 2018 में चुनिंदा ड्राइवर्स को जागरुक करने और यह सुनिश्चित करने के लिए की थी कि वो महिला राइडर्स की जरूरतों के प्रति सावधान एवं विनम्र रहें। महामारी से पहले भारत के 7 शहरों में आयोजित इन-पर्सन सत्रों द्वारा इस साझेदारी ने 63,000 ड्राइवर्स को जागरुक किया था।

कोविड-19 के कारण इन सत्रों को थोड़ा विराम देने के बाद ऊबर इंडिया एवं मानस फाउंडेशन अब 34 शहरों में ज़ूम पर ये सत्र वर्चुअली चलाएंगे। इंडस्ट्री में सुरक्षा के सर्वोच्च स्तर निर्धारित करने के लिए यह साझेदारी प्रतिदिन एक वर्चुअल जेंडर सेंसिटाईज़ेशन सत्र आयोजित करेगी। दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर, चेन्नई, कोलकाता, हैदराबाद में प्रतिदिन एक वर्चुअल जेंडर सेंसिटाईज़ेशन सत्र सप्ताह के पाँच दिन आयोजित होगा और उत्तर, पूर्व, पश्चिम एवं दक्षिण भारत के छोटे शहरों में हर दूसरे शनिवार को ये सत्र आयोजित होंगे। शहर के विवरण के लिए न्यूज़रूम पोस्ट यहां पर देखें।

ये जेंडर सेंसिटाईज़ेशन सत्र ड्राइवर्स को इस बारे में शिक्षित करते हैं कि महिला एवं पुरुष जन परिवहन व्यवस्था का इस्तेमाल कैसे करते हैं, महिलाएं सार्वजनिक स्थानों पर कितने उत्पीड़न का शिकार होती हैं और इस समस्या का समाधान करने में ड्राइवर्स की भूमिका पर रोशनी डालते हैं। वो यह भी सीखते हैं कि अपने व्यवसायिक व्यवहार को किस प्रकार संशोधित करें ताकि महिलाएं सुरक्षित महसूस करें और वो समाधान का हिस्सा बनने के लिए संकल्पबद्ध हों।

इस साझेदारी के बारे में पवन वैश, हेड ऑफ ड्राइवर, सप्लाई एवं सिटी ऑपरेशंस (मोबिलिटी), भारत एवं दक्षिण एशिया, ऊबर ने कहा, ‘‘ऊबर के हर कार्य का केंद्र सुरक्षा है। हमारा उद्देश्य है कि महिलाओं के लिए सुरक्षित परिवहन संभव हो, जिसका उनके द्वारा चुने जाने वाले विकल्पों एवं उन्हें उपलब्ध अवसरों पर गहरा असर होता है। मानस फाउंडेशन के साथ हमारी साझेदारी को ड्राइवर्स ने काफी सकारात्मकता के साथ अपनाया और वो अपनी कार में गर्व के साथ अपने प्रमाणपत्रों का प्रदर्शन करते हैं। हमें खुशी है कि हम इस कार्यक्रम का विस्तार इस साल और ज्यादा शहरों में कर रहे हैं। हम इस प्रोग्राम को और ज्यादा विस्तृत करने के लिए काम करते रहेंगे।’

वार्तालाप को आगे बढ़ाते हुए मोनिका कुमार, को-फाउंडर, मानस फाउंडेशन ने कहा, ‘‘हम ड्राईवर्स को जन परिवहन सुरक्षित एवं एक समान बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण अंशधारक मानते हैं। वो महिलाओं की मोबिलिटी को बढ़ाने में मुख्य भूमिका निभाते हैं और ये जेंडर सेंसिटाईज़ेशन सत्र उन्हें सामाजिक रूप से जिम्मेदार बनाने और उनके व्यवहार में परिवर्तन लाने के लिए डिज़ाईन किए गए हैं। हमें ऊबर के साथ जेंडर सेंसिटाईज़ेशन कार्यक्रम का विस्तार करने की खुशी है हमें विश्वास है कि ये नए वर्चुअल सत्र पसंद किए जाएंगे और हम महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाने में अपना योगदान दे सकेंगे।’’

साझेदारी को अपना सहयोग देते हुए, रेखा शर्मा, चेयरपर्सन, नेशनल कमीशन ऑफ वूमैन (एनसीडब्लू), ने कहा, ‘‘यह देखकर खुशी होती है कि ऊबर इंडिया मानस फाउंडेशन के साथ साझेदारी में अपने प्लेटफॉर्म पर लैंगिक जागरुकता लाने के लिए तत्परता एवं उद्देश्य के साथ काम कर रहा है। आज वो महामारी द्वारा उत्पन्न अभिनवता यानि ऑनलाइन सत्रों द्वारा ड्राइवर्स को जागरुक बनाने का अपना अभियान शुरू कर रहे हैं। मैं उन्हें इन-पर्सन सत्रों द्वारा 63,000 ड्राइवर्स को जागरुक बनाने के लिए बधाई देती हूँ और 100,000 ड्राइवर्स को जागरुक करने के लिए कार्यक्रम के अगले चरण के लिए शुभकामनाएं देती हूँ। व्यवहार में परिवर्तन लाने वाले इस तरह के प्रयास परिवहन उद्योग के लिए सर्वश्रेष्ठ सुरक्षा मानक स्थापित करेंगे एवं महिलाओं के लिए सुरक्षित सार्वजनिक स्थलों का निर्माण करेंगे।’’

अपने प्लेटफॉर्म पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए ऊबर ने अपने वैश्विक ड्राइविंग चेंज अभियान के तहत 2022 तक वैचारिक नेतृत्व वाले महिला सुरक्षा संगठनों को 5 मिलियन डॉलर देने का संकल्प लिया है। ऊबर अनेक सुरक्षा विशेषताओं द्वारा अपने प्लेटफॉर्म पर राइडर की सुरक्षा बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर रहा है। इन सुरक्षा विशेषताओं में टू-वे फीडबैक एवं रेटिंग, टेलीमेटिक्स एवं जीपीएस आदि शामिल हैं। राइडर यह जानकर सुरक्षित महसूस करते हैं कि वो अपने प्रियजनों के साथ ट्रिप साझा कर सकते हैं। उनका व्यक्तिगत विवरण गुमनाम रखे जाते हैं और ड्राइवर्स की स्क्रीनिंग की गई होती है। आपातकाल के दौरान, सुरक्षा टूलकिट के अंदर, इन-ऐप इमरजेंसी बटन, राइडर्स को एक बटन टच करते ही कानून प्रवर्तन अधिकारियों से जोड़ता है। इसके अलावा, ऊबर का समर्पित 24 ग् 7 सेफ्टी हैल्पलाईन नंबर ट्रिप के दौरान या ट्रिप समाप्त होने के 30 मिनट बाद तक राइडर्स को गैर-आपातकालीन समस्या के मामले में जरूरत पड़ने पर, सीधे ऊबर की सुरक्षा टीम के प्रतिनिधि से बात करने में समर्थ बनाता है।

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