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किसानी और जवानी उद्योगपतियों के अधीन हो जाएगी


० आशा पटेल ० 

हरियाणा - जलपुरुष राजेन्द्र सिंह के नेतृत्व में  यात्रा  पलवल, आंदोलनरत किसान धरने के पास पहुंची। यहां बैठे किसानों ने कहा कि, यह कानून किसानों और गांवों को , उद्योगपतियों द्वारा गुलाम बनाने वाला कानून है । इनसे हमारी किसानी और जवानी उद्योगपतियों के अधीन हो जाएगी। इन कानूनों को ऊपर से देखने पर लगता है कि, यह किसानों के लिए बने है, परन्तु जब अंदर से पढ़ते है तो , आजाद भारत की खेती को उद्योगपतियों के अधीन बनाने का षडयंत्र स्पष्ट नजर आने लगता है । इसलिए हम इन तीनों कानूनों को देश भर के किसान मिलकर, रद्द कराने तक, आंदोलनरत रहेंगे और देश की सम्पूर्ण जनता को इन कानूनों के विरुद्ध तैयार करेंगे।

एकता परिषद के राजगोपाल पी वी ने कहा कि जलबिरादरी , एकता परिषद, समन्वयों का समन्वय एवम् भारत पुनर्निर्माण मिलकर, देश भर के गांव - गांव, शहर- शहर जाकर इस आंदोलन से किसानों , भारत के लोगों को जोड़ेंगे। एकता परिषद के अध्यक्ष रणसिंह परमार ने कहा कि, सरकार की तानाशाही से उद्योगपतियों को किसानों के विरुद्ध यह कानून बनाने का अवसर मिला है। हम सब मिलकर इन्हे रद्द कराने, एमएसपी , स्वामी नाथन की रिपोर्ट को लागू कराने तक, एकजुट होकर आंदोलनरत रहेंगे।

जलपुरुष डॉ राजेंद्र सिंह ने कहा कि बापू ने अहिंसक सत्याग्रह करके भारत को आजादी दिलाई थी। अब हम सभी किसानों को मिलकर, बापू की सीख लेकर , इन कानूनों से आने वाली गुलामी को रोकने के लिए, अनुशासन , शांति और सभी के प्रति सद्भावना बनाए रखने को जरूरत है।सद्भावना से ही इस आंदोलन को सफलता मिलेगी। सद्भावना शांति कायम रखती है। हम समाधानी बनकर उस काम में सबको जोड़  देते है। अब किसानी कानूनों की समझ बढ़ाने और उसमे सभी को जोड़ने की जरूरत है। इसलिए जल बिरादरी ने अपनी देश भर की सभी राज्य इकाईयों ने कानूनी साक्षरता यात्राएं करके ,किसानी कानून की समझ बढ़ाने की जिम्मेदारी ली है। मै स्वयं भी अब केवल  इसी काम में लगा हुआ हूं। किसान आंदोलन के समर्थन में अब मुझे यही सबसे जरूरी काम दिख रहा है। आप जब तक इस आंदोलन को चलाएंगे, तब तक जल बिरादरी इस आंदोलन को सबल बनाने के लिए यह साक्षरता का काम आंदोलन की सफलता हेतु करता रहेगा। यहां से यात्रा प्रथला पहुंची , जहां  देशभर के कार्यकर्ताओं की बैठक हुई, उनसे किसान आंदोलन में कार्यकर्ता की भूमिका पर जलपुरुष और राजगोपाल पी वी, बा बापू यात्रा के रमेश शर्मा ने नए सत्याग्रही तैयार करने और उपवास आदि को प्रक्रिया द्वारा आंदोलन को मजबूत करने की विधिवत् चर्चा की ।

वहां से यह यात्रा चल कर मोहनाबाग गांव पहुंची । वहां भी किसानों को पलवल में चल रहे किसान आंदोलन से जुड़ने को कहा। यहां पर डॉ जगदीश चौधरी ने जल बिरादरी की तरफ से दिल्ली राजधानी परिक्षेत्र में कानूनी साक्षरता का काम करने की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि, राजधानी परिक्षेत्र में वहां की शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थियों व संचालकों से बात करके, यह कृषि कानून कैसे भारत को गुलाम बनाएंगे? इनसे भारत की खेती -संस्कृति कैसे नष्ट होगी? इस पर एक गहरा संवाद चलाएंगे।  साथ ही साथ मीडिया को भी किसानों के प्रति संवेदनशील बनाने का प्रयास करेंगे। 

जलपुरुष ने "किसानों की कामना - सद्भावना , सद्भावना, सद्भावना" के नारे लगाकर, विश्वास दिलाया कि हमें इस आंदोलन की सफलता हमारे अनुशासन और शांतिमय प्रयासों से ही मिलेगी।  आज इस यात्रा दल में रमेश शर्मा, एकता परिषद, अनीश, अजित, संजय राय, संजय सिंह, भोपाल चौधरी, इब्राहम खान, राजकुमार सागवान , पारस  आदि केरल, झारखंड, उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश , राजस्थान, हरियाणा  कई राज्यों  के साथी आंदोलन को समर्थन देने पहुंचे। यहां से इस यात्रा ने फिरोज़पुर झिरका के लिए प्रस्थान किया।

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