Halloween Costume ideas 2015

ईपीसीएच ने आयोजित की हस्तशिल्पियों के लिए हस्तशिल्प कार्यशाला


० संवाददाता आशा पटेल ० 

जयपुर  ईपीसीएच के क्षेत्रीय कार्यालय जयपुर में  निर्यात संवर्धन परिषद द्वारा हस्तशिल्प क्षेत्र में उत्पाद, विकास, डिजाइन और विपणन के लिए कोविड समय के बाद चुनौतियों को दूर करने के उपाय और अवसरों पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया।

एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के महानिदेशक  राकेश कुमार के अनुसार देश से हस्तशिल्प के निर्यात को बढ़ावा देने और दस्तकारी उत्पादों की ब्रांड छवि बनाने के लिए एक शीर्ष संगठन है ईपीसीएच। पिछले दशक के दौरान भारतीय हस्तशिल्प का निर्यात सालाना औसतन 12% की वृद्धि दर से बढ़ रहा था । वर्ष 2019-20 में कुल हस्तशिल्प निर्यात रु 25,270.14 करोड़ रहा |सेमिनार के प्रारम्भ में ईपीसीएच के जयपुर रीजनल इंचार्ज अमित भार्गव ने आगंतुकों का भावभीना स्वागत किया और आगंतुक अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर सेमिनार का शुभारम्भ किया।

सेमिनार में स्वागत भाषण करते हुए ईपीसीएच के रीजनल कन्वीनर  लेखराज माहेश्वरी ने कहा कि भारत में लगभग 7.3 मिलियन लोग आजीविका के लिए हस्तकला और संबद्ध गतिविधियों पर निर्भर हैं। हृदयहीन  कोविड -19 महामारी ने संभवतः इन 7.3 मिलियन लोगों को सबसे अधिक प्रताड़ित किया है। कोरोनावायरस के प्रकोप के साथ, दुनिया अपने दैनिक जीवन के काम करने और रहने के तरीके को बदल रही है,कलाकार एक नए रूप में अनुकूलित करना सीख रहे हैं, इससे कारीगरों को परेशानी हुई है, क्योंकि उनके पास अपने काम को दिखाने का कोई साधन नहीं है, क्योंकि प्रदर्शनियों पर रोक है।

लेकिन कोविड -19 ने इस तरह से बदलाव का अवसर दिया है कि हर कोई - जिसमें कलाकार और एसएमई इकाइयां संभावित खरीदारों के लिए व्यापार और दृष्टिकोण का तरीका बदल रही है यह बताने के लिए कि कारीगर और एसएमई इकाइयाँ नए सामान्य अवसर का लाभ कैसे उठा सकती हैं, ईपीसीएच ने हस्तशिल्प क्षेत्र में उत्पाद विकास, डिजाइन और विपणन के लिए कोविड समय में चुनौतियों और अवसरों को दूर करने के उपाय पर 29 दिसम्बर को एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया।

इस कार्यशाला को हेंडीक्राफ्ट आर्ट एन्ड कल्चर की फैकल्टी झारखण्ड रांची की श्रद्धा मेहता ने अपने प्रेसेंटेशन के माध्यम से आर्टिजनस को कला व संस्कृति की बेसिक जानकारी देते हुए बताया कि आपको अपने पर्यावरण से नए नए डिजाइन और आइडियास ले कर इनोवेशन करना होगा और 21 वीं सदी के अनुकूल नए फैशन के अनुकूल डिजाइन पर ध्यान केन्दित करना होगा। इस अवसर पर डीएनएस स्कूल ऑफ़ फैशन के डायरेक्टर सुनील चतुर्वेदी ने क्राफ्ट ट्रेनिंग से जुडी जानकारी हस्त शिल्पीयों से साझा की। सेमिनार को अन्य रचना और विशेषज्ञ संकायों द्वारा संबोधित किया गया । 

कार्यशाला में लगभग 60 से अधिक हस्त शिल्प कारीगरों और हस्तशिल्प निर्यातकों ने भाग लिया । कार्यशाला ने संचार, सहयोग और मल्टीमीडिया टूल सहित डिजिटल मार्केटिंग माध्यम के विभिन्न लाभों की बेहतर समझ हासिल करने में हस्तशिल्पीयों की मदद की।अंत में डेवलपमेंट कमिश्नर हेंडीक्राफ्ट के अधिकारी सौरभ जिंदल ने सरकार द्वारा प्रदत्त स्कीम और उनके बारे विस्तार से जानकारी दी।
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