० विजय सिंह बिष्ट ०
नव वर्ष शत् शत् अभिनंदन।
हर्षोल्लास से भरा हो सबका जीवन।
नव प्रभात लेकर आए वर्ष इक्कीस,
जीवन में कभी न आए बीस बीस।।
मिटे विगत वर्ष की अशुभ कालिमा,
सबके जीवन में आए मधुर लालिमा।
नव वर्ष शत् शत् अभिनंदन।।
नव उमंग लेकर आए नव सृजन,
प्रफुल्लित हो जन जन का जीवन।
गौरव गाथा लेकर आए नूतन वर्ष,
मिटें सभी संताप जन जन में व्यापे हर्ष।
कभी न आए विगत बीस वर्ष।।
विश्व पटल पर अंकित हो नव गाथा,
दुःख दारिद्र्यता से झुके न माथा
हर्षित हो हर जन मन जीवन,
नव वर्ष शत् शत् अभिनंदन।।
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