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पर्पल पेन समूह ने मनाया पंचम वार्षिक उत्सव -जश्न-ए-अल्फ़ाज़ 2020


0 संवाददाता द्वारा 0 

 नई दिल्ली : पर्पल पेन साहित्यिक समूह ने अपना पंचम वार्षिक उत्सव 'जश्न-ए-अल्फ़ाज़ 2020' ऑनलाइन मनाया।  इस आयोजन में दिल्ली/एनसीआर सहित पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, असम, झारखण्ड सहित देश के कोने-कोने से साहित्यकारों ने शिरक़त की।  दो सत्र में आजोयित इस ऑनलाइन जश्न में लगभग चालीस कवियों एवं कवयित्रियों से गीत, ग़ज़ल, मुक्तक, कुण्डलियाँ, दोहे, आदि अनेकानेक छंदों और मुक्त छंद रचनाओं का श्रेष्ठ पाठ कर कार्यक्रम को गरिमा प्रदान की।  काव्य की यह अविरल धार चार घंटे से अधिक बहती रही और श्रोताओं एवं दर्शकों को अभिभूत करती रही।  

 

आयोजन का शुभारंभ पर्पल पेन की संस्थापक-अध्यक्ष सुश्री वसुधा 'कनुप्रिया' के स्वागत उद्बोधन से हुई।  उन्होंने पर्पल पेन द्वारा की जाने वाली साहित्यिक, सांस्कृतिक और जनसेवा की गतिविधियों से परिचित करवाया।  उसके पश्चात कनुप्रिया ने वर्ष 2020 में आयोजित सभी ऑनलाइन गोष्ठियों, लाइव आयोजनों, प्रतियोगिताएं आदि का ब्यौरा प्रस्तुत किया।  समूह द्वारा प्रदान किये जाने वाले वार्षिक सम्मान -- साहित्य साधक सम्मान, साहित्य सेतु सम्मान, कोरोना योद्धा सम्मान -- प्राप्त करने वाले गुणीजनों के नामों की घोषणा भी की गई।   

 वसुधा 'कनुप्रिया' ने बताया की अब तक समूह द्वारा बीस-बीस साहित्य साधक और साहित्य सेतु सम्मान, तीस शब्द शिल्पी सम्मान और सोलह साहित्य केतु सम्मान प्रदान किये गये हैं।  

जश्न-ए- अल्फ़ाज़ 2020 ऑनलाइन आयोजन के अंतर्गत दो-दो घंटों के दो सत्रों में काव्य गोष्ठी आयोजित की। प्रथम सत्र की काव्य गोष्ठी की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. रमा सिंह ने की।  विशिष्ट अतिथि के रूप में वर्ण पिरामिड विधा के जनक,कवि  सुरेश पाल वर्मा जसाला जी की गरिमायी उपस्थिति रही। दूसरे सत्र में सुप्रसिद्ध कवि डॉ. अलोक बेजान विशिष्ट अतिथि रहे।  

 सुरेश पाल वर्मा जसला, और डॉ अलोक बेजान सहित आयोजन अध्यक्ष डॉ. रमा सिंह ने पर्पल पेन समूह को उसके पांचवें वार्षिक उत्सव पर बधाई देते हुए समूह की संस्थापक वसुधा 'कनुप्रिया' के प्रयासों की भूरी-भूरी प्रशंसा की। तीनों अतिथियों ने शानदार रचनापाठ कर इस आयोजन को ऊंचाइयों तक पहुँचाया।   

काव्य गोष्टी के प्रथम सत्र में डाॅ. इंदिरा शर्मा, प्रबोध मिश्र 'हितैषी' (बड़वानी, म. प्र.), रेखा जोशी, रजनी रामदेव, डॉ. रामेश्वर सिंह (मेरठ, उ.प्र.), सुरेंद्रपाल वैद्य (मंडी, हि. प्र. ), वंदना मोदी गोयल, मनोज कामदेव, कविता सूद, रजनी सिन्हा (नागपुर, महाराष्ट्र), गीता भाटिया, रेणुका सिंह, डॉ. पुष्पलता भट्ट, कुसुम ख़ुश्बू, वंदना कुंवर रायज़ादा सहित संयोजक वसुधा 'कनुप्रिया, इस सत्र की अध्यक्ष डॉ. रमा सिंह एवं विशिष्ट अतिथि सुरेश पल वर्मा जसला ने काव्य पाठ किया। 

दुसरे सत्र में डॉ. माधवी करोल, करूणानिधि तिवारी (असम), हेमलता सुमन (आगरा, उ.प्र.), ममता लाड़ीवाल, सुशील साहिल (गोड्डा, झारखण्ड), पियूष पाराशर (बंगलुरु, कर्नाटक), मिनाक्षी भटनागर, मधु श्रीवास्तव 'मधुश्री' (पुणे, महाराष्ट्र), वीना तँवर, सुषमा भंडारी, डॉ. दमयंती शर्मा, अंजू मोटवाणी, संतोष खन्ना, ओम प्रकाश शुक्ल, शारदा मदरा, चंचल पाहुजा, कमल कांत शर्मा (जयपुर, राजस्थान) के बाद मंच अध्यक्ष वसुधा 'कनुप्रिया' और विशिष्ट अतिथि डॉ. अलोक बेजान ने शानदार रचना पाठ किया। 

प्रेम, नारी विमर्श, देशभक्ति और समसामयिक विषयों पर लगभग काव्य के सभी रसों में डूबी रचनाओं का पाठ कर कविगण ने जश्न-ए- अल्फ़ाज़ 2020' के ऑनलाइन आयोजन को बेहद कामयाब और यादगार बना दिया।   प्रथम सत्र का सञ्चालन सुश्री मिनाक्षी भटनागर और द्वितीय सत्र का सञ्चालन जयपुर निवासी कमल कांत शर्मा ने सुरुचिपूर्ण अंदाज़ में किया। सुश्री रजनी रामदेव और सुश्री डॉ. इन्दिरा शर्मा ने प्रथम और द्वितीय सत्र में धन्यवाद ज्ञापित किया।   

'जश्न-ए-अल्फ़ाज़ 2020' का समापन पर्पल पेन की संस्थापक-अध्यक्ष वसुधा 'कनुप्रिया' ने नव वर्ष में नये कलेवर में दो ऑनलाइन आयोजनों की घोषणा करते हुए किया। कोरोना वैश्विक महामारी के कारण जहाँ सामान्य कार्यक्रम करना असुरक्षित लगता है, पर्पल पेन समूह ने ऑनलाइन ही अपने पंचम वार्षिक उत्सव को भव्य रूप से मनाया।   

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