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आईडीपी इंडिया द्वारा आयोजित वर्चुअल आयोजन में 15,000 से अधिक छात्रों,अभिभावकों की भागीदारी

० नूरुद्दीन अंसारी ० 

नयी दिल्ली - आईडीपी एजुकेशन इंडिया के पहले दो दिवसीय शिक्षा सम्मेलन का सफलता पूर्वक समापन हुआ। इस वर्चुअल कॉन्क्लेव का थीम था - बदलते समय में भविष्य को डिकोड करना और इसमें 15,000 से अधिक छात्र, माता-पिता और प्रतिनिधियों ने भाग लिया ।


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सम्मेलन ने पूरी दुनिया के शिक्षा उद्योग के विशेषज्ञों को एक मंच पर इस क्षेत्र के मुख्य विषयों पर चर्चा करने का अवसर दिया। वर्चुअल कन्क्लाव में वक्ताओं और पैनलिस्टों ने अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा, छात्रों के विदेश पढ़ने जाने, उनके व्यवहार में परिवर्तन, शिक्षा उद्योग के वर्तमान रुझान, अंग्रेजी भाषा की परीक्षा की आवश्यकता, भारतीय शिक्षा का भविष्य, छात्रों और उनके माता-पिता की अपेक्षाओं और राजेगार के भविष्य पर अपनी बात रखी।

मुख्य वक्ताओं और पैनलिस्टों ने बदलते समय में छात्रों और अभिभावकों के अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा के विभिन्न मुद्दों पर अपने विचार रखे। उन्होंने गहरी सूझबूझ और छात्रों के विदेश पढ़ने जाने पर नवीनतम जानकारियां दी। भारत में नई शिक्षा नीति के प्रभाव, नवाचार और प्रौद्योगिकी के महत्व, छात्रों के बदलते दृष्टिकोण और भविष्य के लिए उपयोगी कौशलों के बारे में आम चिंताओं को भी सामने रखा।

सम्मेलन का शुभारंभ पीयूष कुमार, क्षेत्रीय निदेशक (दक्षिण एशिया), आईडीपी एजुकेशन ने स्वागत संबोधन  के साथ किया। उन्होंने इस अभूतपूर्व सम्मेलन के आयोजन की पृष्ठभूमि बताई और उपस्थित लोगों के लिए सोच-समझ कर बनाये गए सत्रों का परिदृश्य सामने रखा। उन्होंने कहा, ‘‘इन दो दिनों में हम सभी ने डिजिटल तकनीक से उच्च शिक्षा के नये अवतार के बारे में जाना। साथ ही, पूरी दुनिया में पढ़ने के लिए छात्रों के जाने के नवीनतम विचार समझ पाए। दुनिया के कुछ शीर्ष विश्वविद्यालय अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा के भविष्य के बारे में क्या कहते हैं और विदेश में पढ़ने के नवीनतम रुझानों के बारे में भी जाना।’’

उन्होंने कहा, ‘‘उद्योग जगत के दिग्गजों और शिक्षाविदों ने चर्चा की कि हमारे छात्रों को रोजगार की बदलती प्रकृति के बारे में क्या जानना चाहिए, प्रतिस्पर्धी माहौल में कामयाबी के लिए क्या कौशल चाहिए और इस दौरान प्राप्त डिजिटल ज्ञान उन्हें कैसे अग्रसर रखेगा।’’

विभिन्न सत्रों और पैनलों में 15,000 से अधिक छात्र, अभिभावक, सरकारी संगठनों और शैक्षिक संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भागीदारी की। इसमें शिक्षा उद्योग की हाल की प्रगति के नवीनतम आंकड़े प्राप्त हुए और सोच-समझ कर निर्णय लेने का अवसर मिला। इन सत्रों को इस तरह बनाया गया कि शिक्षा उद्योग से जुड़े सभी लोगों को गहरी सूझबूझ प्राप्त हो। उपस्थित लोगों ने अपने सवाल पूछे जिनका पैनलिस्टों ने रियल टाइम जवाब दिया। यह कॉन्क्लेव अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा क्षेत्र से जुड़े हर किसी के लिए, खास कर विदेश में पढ़ने के इच्छुक छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण और सूचनाप्रद आयोजन था।

इस कॉन्क्लेव में शिक्षा उद्योग के जाने-माने नाम शामिल थे जैसे सारा हरीज (व्यापार और निवेश आयुक्त, आस्ट्रेड, नई दिल्ली), गैब्रिएल रोलन (प्रो-वाइस-चांसलर इंटरनेशनल, यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रेलिया), हैरी बूटी (यूकेवीआई इंटरनेशनल कम्युनिकेशंस लीड, यूके होम ऑफिस), मैट डीन (प्रो-वाइस-चांसलर इंटरनेशनल - रिक्रूटमेंट एवं पाथवेज, एस्टन यूनिवर्सिटी, यूके), रवनीत पावा (उप उपाध्यक्ष - ग्लोबल और सीईओ - साउथ एशिया, डेकिन यूनिवर्सिटी, ऑस्ट्रेलिया), टॉम ड्रेटलर (सीईओ और सह-संस्थापक, शोरलाइट एजुकेशन), केविन वीवर (उपाध्यक्ष - अकादमिक, जॉर्जियन कॉलेज, कनाडा), क्रिश्चिन वाच (डायरेक्टर ऑफ क्लाइंट पार्टनरशिप, आईडीपी कनेक्ट, कनाडा), 

अबीजर मर्चेंट (निदेशक - भारत और श्रीलंका, मैक्वेरी ,विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया), भानु कौशिक (निदेशक, हर्टफोर्डशायर युनिवर्सिटी (यूके) - भारत, नेपाल और यूएई), बॉबी मेहता (निदेशक अंतर्राष्ट्रीय, पोर्ट्समाउथ विश्वविद्यालय, यूके), जुगनू रॉय (कंट्री मैनेजर, शिक्षा न्यूजीलैंड, भारतं), डॉ. तारेक एम. सोभ (प्रोवोस्ट, लॉरेंस टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी, यूएसए), वेंडी डिसूजा (सीनियर उपाध्यक्ष - भारत और दक्षिण एशिया, एंटरप्राइज आयरलैंड, आयरलैंड), प्रोफेसर आनंद प्रकाश मिश्रा (एसोसिएट डीन, निदेशक विधि प्रवेश और एसोसिएट प्रोफेसर, ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी, सोनीपत),अमिताभ तिवारी (मुख्य नवप्रवर्तन अधिकारी, रेजरपे), प्रो सुधीर के. जैन (निदेशक, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, गांधीनगर), विनय चैधरी (सीईओ, वल्र्डवाइड एडुकनेक्ट), 

विजय वी. भट (आर्किटेक्ट मैनेजर, माइक्रोसॉफ्ट सर्विसेज, इंडिया), डॉ. नीता बाली (निदेशक, प्रिंसिपल और स्कूल प्रमुख, जी.डी. गोयनका वल्र्ड स्कूल, गुरुग्राम), वनिता उप्पल ओबीई (निदेशक, द ब्रिटिश स्कूल, नई दिल्ली), लेफ्टिनेंट जनरल सुरेन्द्र कुलकर्णी (प्रिंसिपल, मेयो कॉलेज, अजमेर), डॉ। अर्चना मंत्री (वाइस चांसलर, चितकारा यूनिवर्सिटी, पंजाब), सौरभ मल्होत्रा (वरिष्ठ प्रबंधक, इंटरनेशनल रिक्रूटमेंट एवं मार्केट डेवलपमेंट, फैंशवे कॉलेज, कनाडा), पीयूष कुमार (क्षेत्रीय निदेशक - दक्षिण एशिया, आईडीपी शिक्षा), नील पियर्सन (मुख्य डिजिटल विपणन अधिकारी, आईडीपी शिक्षा), साइमन एम्मेट (सीईओ, आईडीपी कनेक्ट, आईडीपी एजुकेशन) , विशाल गुप्ता (निदेशक, आईईएलटीएस संचालन - दक्षिण एशिया और शेयर्ड सर्विसेज़, आईडीपी एजुकेशन), और आशीष अरोड़ा (निदेशक, बिक्री और संचालन - एसपी, आईडीपी एजुकेशन)।

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