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मुआवजा दें नहीं तो दिल्ली देहात के लोग केजरीवाल के घर के बाहर आंदोलन करेंगे

० योगेश भट्ट ० 

नई दिल्ली । विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि केजरीवाल सरकार जिस तरह से किसानों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है उसकी सच्चाई से आप सभी वाकिफ हैं। अरविंद केजरीवाल गांव एवं किसान विरोधी है। नांगल एवं उसके आस पास के दर्जनों गांवों में बिजली के तारों से लगी आग से 300 एकड़ जमीन में लगी गेहूं की फसल जलकर राख हो गई, लेकिन अभी तक दिल्ली सरकार का कोई भी मंत्री, विधायक उसे देखने तक नहीं आया।

 बिधूड़ी ने केजरीवाल सरकार से मांग की कि किसानों के जली फसल का मुआवजा एक सप्ताह के अंदर एक लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से दें। इसके साथ ही उन्होंने मांग की कि केजरीवाल की लापरवाही की वजह से बरसात का पानी 20 हज़ार एकड़ जमीन में लगने से पूरी फसल बर्बाद हो गई और अभी भी 10 हज़ार एकड़ जमीन में पानी भरा हुआ है, उसके बदले में यदि एक सप्ताह के अंदर 50 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दें नहीं तो दिल्ली देहात के लोग केजरीवाल के घर के बाहर आंदोलन शुरु करेंगे। प्रदेश किसान मोर्चा अध्यक्ष विनोद सहरावत, प्रदेश भाजपा सह-मीडिया प्रमुख हरिहर रघुवंशी एवं प्रदेश प्रवक्ता सतप्रकाश राणा उपस्थित थे।

 रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि किसानों से किया गया कोई भी वायदा अरविंद केजरीवाल ने पूरा नहीं किया। इसके लिए किसान मोर्चा द्वारा केजरीवाल के घर के बाहर लगातार 50 दिनों तक धरना दिया गया लेकिन उसके बावजूद केजरीवाल ने दिल्ली के किसानों की बात को नहीं सुना। उन्होंने कहा कि दिल्ली देश की राजधानी होने के बावजूद किसानों को उनका अधिकार तक नहीं दिया जा रहा है। किसानों द्वारा ट्रैक्टर, खाद एवं अन्य कृषि संबंधि उपकरण खरीदने में कोई सब्सिडी नहीं मिलती और कमर्सियल दर पर उनसे सिंचाई के लिए बिजली का शुल्क वसूल जा रहे हैं। ट्रैक्टर के लिए प्रतिसाल 28 हज़ार रुपये किसान द्वारा टैक्स के रुप में देने पड़ते हैं। 17 लाख रुपये प्रति एकड़ की दर से किसानों की जमीन एक्वायर की जा रही है जिसकी राशि बढ़ाने का वायदा अरविंद केजरीवाल ने किया तो था लेकिन अभी तक पूरा नहीं हुआ।

दिल्ली भाजपा किसान मोर्चा अध्यक्ष विनोद सहरावत ने कहा कि यह दुर्भाग्य की बात है कि कृषि प्रधान देश होने के बावजूद आज दिल्ली के 365 गांवों के किसानों को उनका हक तक केजरीवाल सरकार द्वारा नहीं दिया जा रहा है। दो सालों से लगातार फसलों की बर्बादी एवं केजरीवाल सरकार द्वारा बनाए गए हालात के कारण आज दिल्ली का किसान आत्महत्या करने को मजबूर है। उन्होंने कहा कि 35 गांवों में पिछले छह सालों से बारिश का पानी भरा हुआ है लेकिन ना ही वहां के विधायक ने इसका संज्ञान लिया और ना ही किसी ने उसे देखने की जहमत उठाई।

प्रदेश प्रवक्ता पूर्व विधायक सत्तप्रकाश राणा ने कहा कि भ्रष्टाचार में लिप्त केजरीवाल ने सिर्फ नालों की सफाई का दिखावा किया और उसका दुष्परिणाम है कि नालों से निकला पानी खेती युक्त जमीन में जमा हो गया हैं और आज हज़ारों एकड़ जमीन पर खेती नहीं होती। केजरीवाल ने गांव एवं किसानों को गुमराह करने का काम किया है।
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