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एको महामारी के कारण छोटे उद्यमियों के कारोबार में आई गिरावट को दूर कर उन्हें सशक्त बनाने के लिए प्रयासरत

० योगेश भट्ट ० 

नयी दिल्ली : छोटे उद्यमी, जिन्होंने कोविड-19 के विपरीत प्रभावों के चलते अपना कारोबार खो दिया, वे अब एको कनेक्ट प्लेटफॉर्म के साथ जुड़कर अपना कारोबार बढ़ा रहे हैं। छोटे एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) की आर्थिक महत्वाकांक्षाओं को पूरा कर उन्हें सफलता हासिल करने में मदद करना एको का मुख्य उद्देश्य है। 

नोवल कोरोनावायरस की शुरूआत के बाद से कई छोटे कारोबारों एवं उद्यमियों पर बुरा प्रभाव पड़ा है। लॉकडाउन के चलते उनके कारोबार में भारी गिरावट आई है, उनके पास आने वाले ग्राहकों की संख्या बेहद कम हो गई है। क्योंकि इनके कारोबार मुख्य रूप से ऑफलाईन तरीकों से चल रहे थे, इसलिए उन्हें बहुत अधिक मुश्किलों का सामना करना पड़ा। ऐसे संकट के दौर में वे एको के डिजिटल रूट को अपनाकर अपने कारोबार को फिर से पटरी पर लाने में सक्षम हुए हैं। 

इस अवसर पर अभिनव सिन्हा, सह-संस्थापक, एको ने कहा, ‘‘कोविड-19 महामारी का असर तकरीबन हर उद्योग पर हुआ है, खासतौर पर एमएसएमई पर इसका बुरा प्रभाव पड़ा है। छोटे उद्यमियों को अपने कारोबार में बहुत अधिक नुकसान झेलना पड़ा, उन्हें अपना कारोबार जारी रखने में कई मुश्किलेंं आईं। हमें खुशी है कि अपनी डिजिटल इनेबल्ड सेवाओं जैसे युटिलिटी बिल भुगतान और मनी ट्रांसफर सुविधाओं के साथ हम इन छोटे उद्यमियों को सक्षम बना रहे हैं। हमें गर्व है कि हम इनके कारोबार के विकास में योगदान दे रहे हैं। ये उद्यमी आज हमारे प्लेटफॉर्म के साथ जुड़ कर टॉप सैलर्स बन चुके हैं। उनके अलावा, हम देश भर में 10 मिलियन से अधिक छोटे उद्यमियों को सशक्त बनाना चाहते हैं।’

एको प्लेटफॉर्म से जुड़े ऐसे ही एक छोटे उद्यमी नोमन शाहिद जो अपने समुदाय में मनी ट्रांसफर सेवाएं उपलब्ध कराने के साथ-साथ एक बुकशॉप भी चलाते हैं। अप्रैल 2020 में महामारी की शुरूआत के बाद उनका किताबों का काम बहुत कम हो गया, उनका मनी ट्रांसफर लेनदेन भी तकरीबन शून्य पर आ गया। हालांकि उन्होंने हार नहीं मानी और एको के साथ जुड़कर अपने कारोबार को फिर से पटरी पर लेकर आए। नवम्बर 2021 में उन्होंने एक महीने के अंदर 1.70 करोड़ से अधिक के लेनदेन किए। उन्होंने डिजिटल भुगतान और मनी ट्रांसफर सेवाओं से अच्छा कमीशन कमाया। नोमन की ही तरह गुरूग्राम से एक और विक्रेता नागेश्वर तिवारी ने भी नवम्बर 2021 में 1.1 करोड़ से अधिक का लेनदेन किया, जो अप्रैल 2020 में लगभग शून्य हो गया था।

 विभिन्न राज्यों के उद्यमी जैसे मध्यप्रदेश से अमित अवस्थी, मुंबई से सुधीर रामचन्द्र राउत और ठाणे से शिव कुमार ने डिजिटल रूट को अपनाया है तथा एको के माध्यम से अपने कारोबार को फिर से पटरी पर लेकर आए हैं। कारोबार में आए इन सकारात्मक बदलावों पर बात करते हुए एको-सशक्त कारोबारी नोमन शाहिद ने बताया, ‘‘महामारी के चलते मेरे कारोबार पर अप्रत्याशित असर हुआ। वो समय मेरे लिए बेहद मुश्किलों से भरा था, मुझे अपना घर चलाना था। काम की चुनौतियों और भावनात्मक दबाव के बीच एको मेरे लिए वरदान बन कर आया। इसने मेरे जैसे छोटे उद्यमियों की मदद की है, हमें तकनीकी बारीकियां सीखकर अपने कारोबार को बढ़ाने में सक्षम बनाया है।’

एको ने ग्रामीण क्षेत्रों जैसे सीतामढ़ी (बिहार), कामरूप (असम) में अपने प्लेटफॉर्म से जुड़े हज़ारों विक्रेताओं को सक्षम बनाया है। यह प्लेटफॉर्म उन्हें डिजिटल तरीकों को अपनाकर महामारी के कारण कारोबार में हुए नुकसान की भरपाई में मदद कर रहा है।
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