० नूरुद्दीन अंसारी ०
नयी दिल्ली - देश भर में 12वां राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया गया। नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडु ने इस अवसर पर वर्चुअल तौर पर अपना संदेश दिया। अपने संदेश में, उन्होंने मतदाताओं द्वारा अधिक संख्या में मतदान करने और चुनाव प्रक्रिया के प्रति उनकी निष्ठा को बढ़ाने को लेकर लगातार प्रयासों के लिए भारत निर्वाचन आयोग की सराहना की। उन्होंने पिछले चुनावों में सराहनीय प्रदर्शन के लिए आज सम्मानित किए जा रहे पुरस्कार विजेताओं की सराहना की। पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री नवीन चावला और श्री सुनील अरोड़ा, मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों जैसे एआईटीसी, बसपा, भाजपा, भाकपा, कांग्रेस, नेशनल पीपुल्स पार्टी के वरिष्ठ प्रतिनिधियों, राष्ट्रीय हस्तियों और भारत निर्वाचन आयोग के सर्वोत्तम चुनावी प्रक्रिया पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं ने आज के कार्यक्रम में भाग लिया।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त, सुशील चंद्रा ने चुनावों को अधिक समावेशी, सुलभ और सहभागी बनाने के लिए आयोग के दृढ़ संकल्प को दोहराया। उन्होंने कहा कि इस वर्ष के राष्ट्रीय मतदाता दिवस का विषय विशेष रूप से उसी के अनुसार चुना गया है। श्री चंद्रा ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग ने दो दिशाओं में जबरदस्त प्रयास किए हैं, पहला - मतदाताओं के पंजीकरण को बढ़ाने और उसे सुविधाजनक बनाने के लिए और दूसरा - मतदान केंद्रों को अधिक अनुकूल, आरामदायक तथा सुलभ बनाने के लिए। उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग ने लगातार प्रयास किए हैं और वरिष्ठ नागरिकों तथा दिव्यांगजनों की भागीदारी को सशक्त बनाने और सुविधा प्रदान करने के लिए अतिरिक्त प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि आयोग ने पोस्टल बैलेट का विकल्प देकर उन लोगों के दरवाजे तक मतदान केंद्र पहुंचाया है, जिन्हें मतदान करने के लिए मतदान केंद्र पर जाना मुश्किल हो रहा था। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने सभी फील्ड पदाधिकारियों, बूथ स्तर के अधिकारियों, सुरक्षा कर्मियों और सीएपीएफ के सदस्यों की सराहना की जिन्होंने महामारी के चुनौतीपूर्ण समय के दौरान अपने कर्तव्यों का पालन किया और चुनाव को किसी भी तरह से प्रभावित नहीं होने दिया।
केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। रिजिजू ने कहा कि प्रत्येक मतदाता को अपने मतदान के अधिकार को महत्व देना चाहिए और यह महसूस करना चाहिए कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में मतदाता होना एक सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा कि एक सफल लोकतंत्र की नींव मजबूत चुनावी प्रक्रियाओं पर निर्भर है। उन्होंने नवीनतम चुनावी सुधारों पर प्रकाश डाला, जो युवा पात्र नागरिकों के लिए वर्ष में चार बार पंजीकरण की सुविधा प्रदान करते हैं। संवैधानिक अधिकारियों की स्वतंत्रता की आवश्यकता को महत्व देते हुए, श्री रिजिजू ने उनकी स्वतंत्रता से समझौता किए बिना समन्वित कामकाज की आवश्यकता पर जोर दिया। रिजिजू ने सुझाव दिया कि भारत निर्वाचन आयोग निर्वाचन संबंधी कर्तव्यों का पालन करते हुए अपने जीवन का बलिदान करने वाले मतदान कर्मियों को सम्मानित करने के लिए मरणोपरांत पुरस्कारों की शुरुआत कर सकता है।
अपने व्यक्तव्य में निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि लोकतंत्र और लोकतांत्रिक तौर-तरीकों की परंपरा भारत में गहरी जड़ें जमा चुकी हैं। उन्होंने कहा कि भारत के संविधान को अपनाने से एक दिन पहले भारत निर्वाचन आयोग को एक संवैधानिक निकाय के रूप में स्थापित करने का महत्वपूर्ण विकास हमें लोकतंत्र की भावना और अपने नागरिकों के संकल्प का उत्सव मनाने के लिए हमारे संस्थापकों की प्रतिबद्धता की याद दिलाता है। श्री कुमार ने दोहराते हुए कहा कि निर्वाचन आयोग सभी उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों को समान अवसर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि मतदाता बिना किसी डर या पक्षपात के इस प्रक्रिया में भाग ले सकें। उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के पास वास्तविकता के विभिन्न चरणों में सुधार की कई योजनाएं हैं, चुनावों का भविष्य वास्तव में गतिशील संभावनाओं से भरा है, खासकर चुनावी प्रक्रियाओं में सूचना प्रौद्योगिकी के बढ़ते उपयोग और मतदाताओं के कल्याण के लिए।
चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पाण्डेय ने 12वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस के राष्ट्रीय समारोह में गणमान्य व्यक्तियों और पुरस्कार विजेताओं का स्वागत किया। निर्वाचन आयोग दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में स्वतंत्र, निष्पक्ष, सहभागी, समावेशी और सुलभ चुनाव सुनिश्चित करने के लिए अथक प्रयास करता है। उन्होंने कहा कि हर साल एनवीडी समारोह, ‘कोई मतदाता छूट न जाए’ (नो वोटर टू बी लेफ्ट बिहाइंड) के संकल्प के साथ आयोग के संवैधानिक दायित्व की याद दिलाता है। उन्होंने बताया कि एनवीडी 2022, भारत में चुनावों के 70 सफल वर्षों का प्रतीक है।
इस अवसर पर आयोग ने विभिन्न क्षेत्रों में चुनाव संचालन में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए अधिकारियों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए। इसके अलावा, सरकार के विभागों और मीडिया कंपनियों को मतदाता जागरूकता और आउटरीच के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए पुरस्कार प्रदान किए गए।आयोग ने एक प्रकाशन ‘विश्वास के कदम: भारतीय चुनाव की यात्रा’ ('लीप ऑफ फेथ: जर्नी ऑफ इंडियन इलेक्शन') भी लॉन्च किया। यह पुस्तक उन्नीसवीं से इक्कीसवीं शताब्दी तक भारत के चुनावी इतिहास और भारत में प्रतिनिधि तथा चुनावी सिद्धांतों के विकास का वर्णन करती है। यह पुस्तक भारत निर्वाचन आयोग द्वारा चुनावों को वास्तव में जनमत को प्रतिबिंबित करने के लगातार प्रयासों पर केंद्रित है।
एक अन्य प्रकाशन 'वोट का संकल्प - भारत में राष्ट्रीय मतदाता दिवस की एक दशकीय यात्रा' का भी विमोचन किया गया। पुस्तक आयोग के हीरक जयंती समारोह के बाद से राष्ट्रीय मतदाता दिवस समारोह की यात्रा प्रस्तुत करती है। इस पुस्तक में मुख्य अतिथि के संबोधन, मुख्य चुनाव आयुक्तों के भाषण, संदेश, कार्यक्रम-पूर्व की झलक, प्रेस नोट और राष्ट्रीय पुरस्कार विजेताओं आदि को शामिल किया गया है।
अभी चल रहे विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान रचनात्मक अभिव्यक्ति के माध्यम से प्रत्येक वोट के महत्व को रेखांकित करने के लिए एक राष्ट्रीय मतदाता जागरूकता प्रतियोगिता- 'मेरा वोट मेरा भविष्य - एक वोट की शक्ति' का भी शुभारंभ किया गया है। गीत, स्लोगन, प्रश्नोत्तरी, वीडियो मेकिंग और पोस्टर डिजाइन जैसी श्रेणियों के साथ, प्रतियोगिता सभी के लिए खुली है और प्रतिभागी 15 मार्च, 2022 तक अपनी प्रविष्टियां भेज सकते हैं। विजेताओं को नकद पुरस्कार और सम्मान प्रस्तुत किये जायेंगे। अधिक जानकारी के लिए देखें:
समारोह के दौरान आयोग द्वारा विभिन्न पहलों पर एक मल्टीमीडिया प्रदर्शनी भी आयोजित की गई। प्रदर्शनी में हाल के चुनावी सुधारों, ईवीएम-वीवीपीएटी पर जानकारी, अंतर्राष्ट्रीय अनुभव, ज्ञान-साझा करना और चुनाव को अधिक समावेशी, सुलभ, सहभागी व कोविड सुरक्षित बनाने से सम्बंधित निर्वाचन आयोग की विभिन्न पहलों को प्रदर्शित किया गया। एक जागरूक और सतर्क मतदाता के लिए विभिन्न आईटी पहल जैसे केवाईसी ऐप, सीविजिल ऐप आदि भी प्रदर्शित किये गए।समारोह के दौरान, दिल्ली के पांच नए मतदाताओं को भी सम्मानित किया गया और उन्हें मतदाता फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी) सौंपे गए।
चुनाव आयोग के स्थापना दिवस पर 2011 से हर साल 25 जनवरी को पूरे देश में राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाता है। वर्ष 1950 में इसी दिन चुनाव आयोग की स्थापना हुई थी। एनवीडी समरह का मुख्य उद्देश्य है - लोकतंत्र में प्रत्येक वोट के महत्व को रेखांकित करना; नए मतदाताओं के नामांकन को प्रोत्साहित करना, सुविधा प्रदान करना और अधिक से अधिक पात्र मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में जोड़ना और मतदाताओं की भागीदारी को बढ़ावा देना।
एक टिप्पणी भेजें