० संवाददाता द्वारा ० ग्वालियर, गोपाल किरन समाजसेवी संस्था के अध्यक्ष श्रीप्रकाश सिंह निमराजे तथा समाजसेवी और पत्रकार जहाँआरा ने आंतरी नगर पंचायत के पास संदलपुर ग्राम में पान की खेती करने वालो से मुलाकात कर पान की खेती, सिचाई पद्धति, पान तुड़ाई तथा बाजार व बिक्री के अलावा पान की खेती और किसानों की समस्याओं की विस्तार से जानकारी ली। साथ ही सरकार द्वारा उपलब्ध कराये जाने वाली योजनाओं और पान किसानों के सामने आने वाली समस्याओं पर व्यापक चर्चा की ।
गाँव में लगभग 150 परिवार है जो कि पान खेती के व्यवसाय से जुड़े हुए है,जो कि पिछड़ा वर्ग के तमोली समुदाय से आते है और स्वयं यादव अपने को लिखते है। जिसमे अधिकांश पान किसान 1 एकड़ से कम एरिया में देसी पान की खेती कर पाते है। आज का पान किसान को अपनी खेती की उपज की लागत के अनुसार उसका उचित मूल्य नहीं मिल पाता है साथ ही प्राकृतिक प्रकोप की आशंकाऔर संकट बना रहता है। पान किसान का कहना है कि यदि प्राकृतिक आपदा न आये तो 3-5 वर्ष तक एक बार पान लगाने पर उसका उत्पादन लिया जा सकता है। सरकार ने पान की खेती को लगाने के लिए कभी भी कोई भी आधुनिक रूप से उन्नत तकनीक का प्रशिक्षण उपलब्ध नहीं कराया और न ही अन्य फसलो की तरह पान की खेती को बीमा की श्रेणी में रखा गया।
शासन द्वारा एक बार सहायता देने के बाद, दूसरी बार सहायता देने का भी प्रावधान नहीं रखा है। कुछ किसानों को शासन द्वारा लगभग 5 वर्ष पूर्व मेटी छिड़काव आदि का सामान उपलब्ध कराया गया था जो कि पान की खेती के लिए पर्याप्त नहीं था। किसानों को लोहे की एंगल या फ्रेम की सहायता शासन देता तो बांस से उनको लम्बे समय तक मुक्ति दी जा सकती थी। आंतरी स्टेशन से पैसेंजर ट्रेन से पान को बिक्री हेतु बाहर भेजा जाता था कोविड के बाद से पान की खेती और बुकिंग होना बंद हो गई जिससे उनकी बिक्री पर भी काफी बुरा असर पड़ा है। पान की खेती को बचाये रखना बहुत नितांत आवश्यकता है।
निमराजे ने सरकार से आग्रह किया है कि पान की खेती और किसानों को प्रोत्साहित करें । उन्होंने किसानों को आश्वासन दिया कि संस्था पान किसानों की आवास समस्याओं को लेकर भी सरकार से बात करेगी पहल करेंगी।
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