नयी दिल्ली - देश में यारा (यारा फर्टिलाइजर्स) के 700 से ज्यादा क्रॉप न्यूट्रीशन सेंटर्स द्वारा मजबूत एगोरो कार्बन अलायंस ने उत्तर-पश्चिम भारत में सुदृढ़ उपस्थिति दर्ज कराई है किसानों के साथ बढ़ने के इरादे के साथ, एगोरो कार्बन अलायंस ने नवंबर, 2021 में पंजाब के किसानों के साथ भागीदारी, शोध और जमीनी-स्तर की गतिविधियों की शुरूआत की थी। चूंकि उत्तर-पश्चिमी राज्यों में उपज का मौसम जल्दी आता है, इसलिये एगोरो कार्बन अलायंस के एग्रोनॉमिस्ट्स (कृषि विशेषज्ञों) ने इस सीजन में पंजाब के सर्दी वाले गेहूं के खेतों पर शोध किया। एग्रोनॉमिस्ट्स ने खेती की मौजूदा पद्धतियों, खेती के परिदृश्यों और इन क्षेत्रों में जमीनी-स्तर की चुनौतियों को समझने की प्रक्रिया शुरू की।
अपने शोध के आधार पर एगोरो कार्बन अलायंस किसानों को कृषि प्रबंधन पद्धतियों के उन्नत हस्तक्षेप की सलाह दे रहा है। ज्यादा स्थायित्वपूर्ण तरीके से उगाने और उत्पादन के लिये एग्रोनॉमिस्ट्स स्थानीय आधार पर किसानों की इनपुट मैनेजमेंट जैसे कि वाटर,क्रॉप एवं टिलेज मैनेजमेंट, बैलेंस्ड फर्टिलाइजेशन, आदि से मदद कर रहे हैं। इनके अलावा, वे भरोसेमंद फार्म कार्बन क्रेडिट्स द्वारा पर्यावरण पर प्रभाव पर भी ध्यान दे रहे हैं और यह किसानों के लिये आय का अतिरिक्त स्रोत होगा।
जमीनी-स्तर पर किसान कई तरह की चुनौतियों का सामना करते हैं, जैसे पोषक-तत्वों की उपलब्धता, अनुपालन के लिये कृषि की सर्वश्रेष्ठ पद्धतियों की जानकारी का अभाव, उपज बढ़ाने के लिये इनपुट को मैनेज करना। किसानों को अपने समग्र विकास और स्थायी सुधार के लिये सरकारी हस्तक्षेप भी चाहिये। एगोरो कार्बन अलायंस हस्तक्षेप का सर्वश्रेष्ठ स्कोप समझने की कोशिश कर रहा है, ताकि अपने लक्ष्य पाने में किसानों की सहायता कर सके और इससे मिट्टी का स्वास्थ्य बेहतर करने का उसका लक्ष्य भी पूरा होगा।
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