० आशा पटेल ०
जयपुर .वर्तमान परिस्थितियों के मद्देनजर राज्य सरकार ने प्रदेश के स्कूलों महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक गतिविधियों हेतु मानक संचालन प्रक्रिया जारी की है, इस नई SOP के जारी होने पर प्रदेश के प्रमुख अभिभावक प्रतिनिधि संगठन अभिभावक एकता संघ राजस्थान के प्रदेश संयोजक मनीष विजयवर्गीय ने सरकार को धन्यवाद देते हुए खुशी जाहिर की है।
नई गाइडलाइन के तहत अब अब स्कूल-कॉलेज में बच्चों को ऑफलाइन क्लासेस के लिए मजबूर नहीं किया जा सकेगा। स्कूलों को ऑफलाइन क्लासेस के साथ-साथ ऑनलाइन क्लास भी चलानी होगी। स्कूल में होने वाली प्रार्थना सभा पर रोक लगा दी गई है। स्टाफ को बिना स्क्रीनिंग के प्रवेश नहीं दिया जाएगा। दोनों डोज लगवा चुका स्टाफ ही स्कूल आएगा। किसी भी शिक्षण संस्थान में कोविड पॉजिटिव मिलने पर, वहां की क्लास 10 दिन के लिए बंद रखी जाएगी। 2 गज की दूरी और मास्क अनिवार्य होगा। स्कूल बस एवं ऑटो ड्राइवरों को 14 दिन पहले कोविड वैक्सीन की दोनों डोज लगवानी जरूरी होगी।
अभिभावक एकता आंदोलन के प्रदेश संयोजक मनीष विजयवर्गीय ने कहा कि हमने हालही में मुख्यमंत्री जी एवं शिक्षा मंत्री जी को ज्ञापन देकर प्रमुख रूप से तीन लिखित मांगे की थी कि राज्य सरकार (1) प्रदेश भर के विद्यार्थियों एवं अभिभावकों को राहत देते हुए सरकार स्कूलों में ऑनलाइन कक्षाओं को तुरंत अनिवार्य करने, (2) ऑफलाइन के लिए माता पिता पर दबाव ना डाले जाने व (3) कोविड गाइडलाइन की पालना हेतु स्कूल प्रबंधन की पूरी जिम्मेदारी सुनिश्चित किए जाने का आदेश जारी करते हुए समस्त स्कूल प्रबंधकों को पाबंद करे, हमारी इन तीनो मांगों को मानते हुए इन्हें नई गाइडलाइन में सम्मिलित किये जाने पर हम हम मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, शिक्षा मंत्री बी.डी. कल्ला, निदेशक शिक्षा कानाराम एवं गृह विभाग के प्रमुख शासन सचिव अभय कुमार का धन्यवाद ज्ञापित करते है" ।
विजयवर्गीय ने कहा कि हमने सरकार से एक मांग और की थी कि कोरोना गाइडलाइन की स्कूलों में ईमानदारी से पालना सुनिश्चित हो इसके लिए शिक्षा विभाग, गृह विभाग, स्वास्थ्य विभाग, बाल संरक्षण आयोग आदि विभिन्न संबंधित विभागों के साथ प्रभावित पक्षकार अभिभावकों के प्रतिनिधियों को भी अनिवार्य रूप से सम्मिलित करते हुए गाइडलाइन की स्कूलों में पालना हेतु निरीक्षण दल का गठन किया जाए, सरकार ने हमारी इस मांग को आंशिक ही माना है, संयुक्त प्रवर्तन दल गठित किया है परंतु उसमें अभिभावक प्रतिनिधियों को नजरअंदाज किया जाना उचित नहीं है। हम दोबारा इस संबंध में शिक्षा मंत्री जी से मिलकर मांग करेंगे,
अभिभावक संघ के मीडिया कोऑर्डिनेटर हरिओम सिंह चौधरी कोऑर्डिनेटर विकास अग्रवाल,मनीष मालू एवं शंकर अग्रवाल ने नई गाइडलाइन पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बच्चों के स्वास्थ्य जीवन एवं उसकी शिक्षा के प्रति सबसे अधिक प्रभावित एवं जिम्मेदार प्माता-पिता ही होते हैं जिनकी संख्या प्रदेश में करीब डेढ़ करोड़ है अतः उनकी सहभागिता के बिना यह सारी कवायद अधूरी है उन्हें विश्वास में लिया जाकर ही कोरोना से लड़ाई जीती जा सकेगी।
नई गाइडलाइन के तहत शिक्षा विभाग, जिला प्रशासन पुलिस विभाग नगर निकाय के संयुक्त समन्वय स्तर पर गठित संयुक्त प्रवर्तन दल (ज्वाइंट एनफोर्समेंट टीम) शिक्षण संस्थानों में मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) की सख्त अनुपालना , मॉनिटरिंग एवं निरीक्षण सुनिश्चित करवाएंग कैम्पस में किसी भी स्टूडेंट,टीचर और कर्मचारी के कोविड पॉजिटिव या संभावित संक्रमण पाए जाने पर संबंधित क्लास को 10 दिनों के लिए बंद किया जाएगा। स्टूडेंट, टीचर और कर्मचारी के पॉजिटिव लक्षण पाए जाने पर हॉस्पिटल, कोविड सेंटर में इलाज और आइसोलेशन के लिए रेफर करवाया जाएगा। इंस्टीट्यूट की ओर से एंबुलेंस का इंतजाम करवाया जाएगा।
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