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किसानों के ऐतिहासिक संघर्ष का एक साल पूरा तीन कृषि कानूनों वापसी की घोषणा की जीत पर गर्व

० आशा पटेल ० 

नयी दिल्ली - संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर आज गाजीपुर मोर्चा पर हजारों की संख्या में किसान आन्दोलन के साल पूरा होने पर पहुँचे। किसान संगठन बैनर झंडों के साथ सैकड़ों की संख्या में गाजीपुर मोर्चा पर पहुँचना शुरू हो गए। जन संस्कृतिकर्मियों ने भी अपने गीतों के माध्यम से किसानों की हौसला बढ़ाया। किसान आन्दोलन के एक साल पूरा होने पर मंच स्थल पर भी खासी संख्या रही।

 मंच से वक्ताओं ने देश भर के किसानों को एक साल के आन्दोलन की सफलता की बधाई दी साथ ही सक्रिय भागीदारी और साथ के लिए धन्यवाद दिया। साथ ही वक्ताओं ने कहा यह संघर्ष अपने गांव, खेत, जीविका व संस्कृति को देशी व विदेशी कारपोरेट के कब्जे से रक्षा करने के लिए किया। यह एक बडा़ सच्ची देशभक्ति का संघर्ष है जिसमें पूरे देश के किसानों ने भरपूर साथ दिया और दुनिया भर की तमाम प्रगतिशील ताकतों ने इसको मजबूत किया।

  किसान आन्दोलन ने कोरोना लाॅकडाउन के खतरे का सामना करते हुए दोहरे दमन का मुकाबला किया। इस आंदोलन में देशभर के किसान संगठनों ने एकता की मिसाल कायम है। आंदोलन ने कारपोरेट तथा कृषि कंपनी का खेती पर संपूर्ण कब्जा करने के तमाम प्रयासों को विफल किया है। साथ फिरकापरस्त ताकतों की हर चाल को बेनकाब और विफल किया है।  मोदी सरकार ने तीनों कानून वापस लेने की घोषणा की है और शेष मांगों को अनसुना सा कर दिया है, हमारे सामने एक बार फिर एक बड़ी राजनीतिक चुनौती आ गई है। हमे जीत के इस माहौल मे अपनी एकता, व्यापक भागीदारी और संघर्ष की गति को कायम रखते हुए, एमएसपी के लिए संघर्ष को जारी रखना और तेज करना है। 

हमारी एमएसपी की मांग में किसानों की आमदनी को सुरक्षित करने की बात है। मोदीजी ने तीन कानून पारित करते समय किसानों की आमदनी दोगुना करने की बात कही थी। इससे पहले चुनाव अभियान में, मोदीजी ने कहा था कि किसानों को उनकी सरकार C-2+50 फीसदी के अनुसार एमएसपी देगी। आज उनका प्रयास है कि वह तीन कानून वापसी की घोषणा कर, किसानों की आमदनी सुरक्षित करने, एमएसपी की मांग पर चुप्पी साधे रहें। हमारी दोनों मांगों के बीच मोदी सरकार खाई खड़ा करना चाहती है। उसकी चाल को हमें समझना भी है और जनता के बीच इसे विफल भी करना है। यह तभी हो सकता है जब हम अपनी एकता को कायम रखते हुए, तीन कान की वापसी की जीत का जश्न मनाएं और संघर्ष के वह कदम पेश करें जिससे देशभर के किसान एमएसपी प्राप्त कर सकें।

 शहीदों को सम्मान, मंत्री टेनी की बर्खास्तगी व गिरफ्तारी, नये बिजली बिल की वापसी जैसी तमाम मांगों के लिए संघर्ष बाकी है।  वक्ताओं ने गाजीपुर मोर्चा की ओर से किसानों की जीत की बधाई देते हुए की कि संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा तय सभी कदमों को हम सभी दृढ़ता से अमल करें।इस ऐतिहासिक मौके पर किसानों को राकेश टिकैत, हन्नान मौला, हरपाल सिंह बिलारी, योगेन्द्र यादव, डा. अशोक धावले, डा. आशीष मित्तल, मेधा पाटेकर,  जयप्रकाश नारायण, कामरेड सत्यवान आदि राष्ट्रीय नेताओं ने संबोधित किया। 

  साथ ही राजवीर सिंह जादौन, डी. पी. सिंह, मुकुट सिंह,  तजिन्दर सिंह विर्क, गुरमनीत सिंह मांगत, ईश्वरी प्रसाद कुशवाहा, धर्मपाल, शशिकान्त, हिमांशु तिवारी, राजपाल शर्मा आदि एसकेएम के नेताओं ने भी संबोधित किया। भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत इस मौके पर विशेष उपस्थिति रही।   मंच संचालक जगतार सिंह बाजवा ने किया। 

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