नयी दिल्ली : महिला उद्यमिता दिवस के मौके पर मुनाफा नहीं कमाने वाले वैश्विक वाधवानी फाउंडेशन ने महिला उद्यमियों की अदम्य भावना का सम्मान करते हुए इस बात पर जोर दिया है कि ज्यादा से ज्यादा महिलाएं नए उपक्रम शुरू करें और अपनी संभावना हासिल करें तो उसका सामाजिक और आर्थिक महत्व होगा तथा भारत में एक जीवन्त उद्यमिता व्यवस्था आगे बढ़ेगी।
मैकिन्जी ग्लोबल इंस्टीट्यूट (एमजीआई) की एक रिपोर्ट कहती है कि भारत सिर्फ महिला-पुरुष की बराबरी को महत्व देकर 2025 तक अपने जीडीपी में $770 बिलियन जोड़ सकता है।गूगल एंड बैन एंड कंपनी रिपोर्ट का यह निष्कर्ष है कि 13.5 से 15.7 महिलाओं के स्वामित्व वाले उपक्रम देश के सभी उपक्रमों में सिर्फ 20 प्रतिशत हैं।अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के एक अनुसंधान पत्र का अनुमान है कि महिला उद्यमियों के पक्ष में संतुलन बेहतर करने से भारत की जीडीपी में 6.8 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है।
मोटे तौर पर अनुपयुक्त, महिलाओं की उद्यमिता की भावना का उपयोग करने के पक्ष में मामला बनाते हुए वाधवानी फाउंडेशन के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर – भारत / दक्षिण पूर्व एशिया संजय शाह ने कहा, “भारत में महिला उद्यमी अच्छा काम कर रही हैं और भिन्न क्षेत्रों में धूम मचा रही हैं। हालांकि, उनकी संख्या बहुत कम है। बड़े पैमाने पर महिला उद्यमिता के सशक्तिकरण और महिलाओं को प्रोत्साहित करने से न सिर्फ भारत के सकल घरेलू उत्पाद में उनका योगदान मौजूदा 18% से बढ़ेगा और आर्थिक विकास को ईंधन मिलेगा बल्कि उनकी सामाजिक आर्थिक आजादी को भी गति मिलेगी।
इच्छुक महिला उद्यमियों को अपने आस-पास की कई रोल मॉडल से प्रेरणा लेने की आवश्यकता है। उद्यमिता के सपने को आकार देने और अपने शौक पूरे करने के लिए कुछ बुनियादी बातों का ख्याल रखना है जैसे एक मेनटॉर या बिजनेस कोच तलाशना जो शुरू के महत्वपूर्ण समय में साथ दे, सक्रियता से सही कारोबारी मंचों पर नेटवर्किंग करे और सेक्टर विशिष्ट कार्यक्रमों के जरिए कौशल बढ़ाए। अगर आप उद्यमिता में छलांग नहीं भी लगाना चाहें तब भी आप महिला के स्वामित्व वाले स्थानीय, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय महिला कारोबारों के लिए अपना समर्थन दिखा सकती हैं।”
इच्छुक महिला उद्यमियों के लिए 1. सही मेनटॉर तलाशिए जो निर्णायक रूप से स्टार्टअप की यात्रा के लिए उद्देश्य मुहैया करवा सके – आईडिया से लेकर लागू करने तक।2. सही नेटवर्क तक पहुंच पाइए जो समकक्षों को ज्ञान मुहैया कराए, कारोबार की बेहतरी के आवश्यक कनेक्ट के साथ अनुभव साझा करे। 3. एक भरोसेमंद साझेदार तलाशें जो कारोबारी परिचालनों पर अच्छी नजर रके ताकि किसी भी तरह की गलती या चूक से बचना सुनिश्चित हो सके। 4. सीखने और कौशल बढ़ाने में निवेश करें: व्यापार के गुर सीखने, चालू प्रवृत्तियों और झुकावों से वाकिफ रहने और सर्वश्रेष्ठ व्यवहारों को अपनाने क्षेत्र और काम के अनुसार कौशल हासिल करने में निवेश करें ताकि समय के साथ चल सकें। यह सब मजबूत कारोबारी बुनियाद स्थापित करने में काफी योगदान करेगा।
5. सपोर्ट सिस्टम तैयार कीजिए: उद्यमिता अकेली यात्रा हो सकती है और यह पुरुषों व महिलाओं दोनों पर लागू होती है। इसलिए घर पर और बाहर भी सहयोग और प्रोत्साहन महिला के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है जिससे वह अपने कारोबार का प्रभावी ढंग से प्रबंध करे। समय आ गया है कि भारत में महिला उद्यमिता को गति दी जाए। इच्छुक महिलाओं को मौके का फायदा उठाना चाहिए और इसके लिए समावेशी माहौल तथा अनुकूल कारोबारी व्यवस्था का लाभ उठाया जाना चाहिए।
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